पड़ोसन बनी दुल्हन-50
संजयजी सेक्स के मामले में बड़े ही उदार दिल के हैं। वह मुझे कई बार उनके दोस्तों से जबरदस्ती मिलाते थे और उनके साथ मेलजोल बढ़ाने के लिए उकसाते रहते थे।
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संजयजी सेक्स के मामले में बड़े ही उदार दिल के हैं। वह मुझे कई बार उनके दोस्तों से जबरदस्ती मिलाते थे और उनके साथ मेलजोल बढ़ाने के लिए उकसाते रहते थे।
जेठजी माया को अपनी दो टांगों के बिच रख कर माया के बदन पर उसे चोदने के लिए तैयार हो गए। जेठजी ने माया की चूत की पंखुड़ियों अपने लण्ड से रगड़ कर खोला।
जब माया कमरे में दाखिल हुई तो जेठजी बिकुल नंगे पलंग पर बैठे हुए थे। उनके पलंग पर उनके बाजू में एक किताब पड़ी थी। ऊपर पंखे के चलते हुए किताब के पन्ने फरफरा रहे थे।
अब आगे की कहानी अंजू की जुबानी, कैसे उसके जेठजी को माया ने अपना जिस्म सौंप दिया, अब एहसान के तले या प्यार की वजह से ये पढ़िए।
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जब एक दुसरे के लिए भरसक प्यार हो और समर्पण का भाव हो तो एक दूसरे को चुदाई का आनंद देने और लेने में जीवन सफल हो जाता है।
वहाँ सेठी साहब अगर टीना और अंजू की चुदाई कर रहे थे तो उनके ही घरमें उनकी बीबी उनके ही दोस्त से चुद रही थी। उतना ही नहीं वह दो दो मर्दों से चुदवाना चाह रही थी।
वहाँ सेठी साहब अगर टीना और अंजू की चुदाई कर रहे थे तो उनके ही घरमें उनकी बीबी उनके ही दोस्त से चुद रही थी। उतना ही नहीं वह दो दो मर्दों से चुदवाना चाह रही थी।
वहाँ सेठी साहब अगर टीना और अंजू की चुदाई कर रहे थे तो उनके ही घरमें उनकी बीबी उनके ही दोस्त से चुद रही थी। उतना ही नहीं वह दो दो मर्दों से चुदवाना चाह रही थी।
कुछ ऐसे राज़ जिसके बारे में न तो मुझे पता था न मेरी बीवी को की जो ये सब नए रिश्ते बने उसके पीछा और कोई नहीं बल्कि मेरा साला था।
मुझे नहीं पता था की मेरा साला सुषमा जी और सेठी साब को पहले से जानता है इसलिए मुझे अच्छा नहीं लगा जब अचानक मेरा साला घर आया।
मेरी बीवी सेठी साब से चुद रही थी तो यहाँ सेठी साब की बीवी मेरी निचे लेती थी और मैं उसकी चूत जम कर मार रहा था।
सुषमा की बातो का असर मुझ पर काफी हो रहा था क्युकी वो जो बाते बता रही थी वैसा मैंने कभी नहीं सोचा था और नए मोड़ आये पढ़िए कहानी में।
उस तरफ जब टीना और भाभी की सेठी साहब तगड़ी चुदाई कर रहे थे तो इधर सुषमा की चुदाई मैं कर रहा था। पर इस बिच यह मोड़ और घुमाव कैसा?
पढ़िए कैसे सेठी साब ने अपने मोठे तगड़े लन्ड से पहले मेरी भाभी और फिर मुझे रगड़ रगड़ कर सारी रात चुदाई का मजा लिया।
कुछ रिश्ते ऐसे मजबूत बन जाते है की आप उनके लिए किसी भी हद तक जा सकते हो, ऐसे ही रिश्ते अब बन चुके थे कुछ लोगो के जिनके बारे में पढ़िए।
Ye kahani ek ladke ki hai jisme vo apki girlfriend ko toh maje se chodta hi hai lekin apne dosto ki biwiyo ki chut ke maje bhi leta hai, padhiye kaise
सेठी साहब और सुषमा की कहानी में कैसे और किरदार भी जुड़ गए और सारा ही मामला कैसे अधिकाधिक रोमांचक बनता गया।
मेरी और भाभी की नज़दकीया तो बढ़ ही रही थी और भाभी को सेठी साब काफी पसंद आने लगे थे जिससे और नए रिश्ते बनते चले गए।
औरत को समझना मुश्किल तोह होता है लेकिन इतना मुश्किल भी नहीं, अब मेरी भाभी भी सेठी साहब के प्रति उत्तेजना दिखा रही थी जो मुझे समझ आ रहा था।