आँटी की सहेली को सेट किया-1

This story is part of the आँटी की सहेली को सेट किया series

    मुझे अक्सर पकी पकाई औरतें बहुत ज्यादा पसंद है। क्योंकि ऐसी औरतें अपने अनुभव से लण्ड को बहुत ज्यादा मज़ा देती है।

    कॉलेज खत्म करने के बाद मेरी जॉब लग गई, और फिर मुझे घर छोड़ कर बाहर रहना पड़ा। वहां मेरी मकान मालकिन से मेरे संबंध बन गए थे। जिसके बारे में मैंने ” पुरानी पड़ोसन की पलंग-तोड़ ठुकाई” कहानी में बताया था।

    मैं ऋतू आँटी के यहां रह कर उनको जम कर बजा रहा था। मेरा लण्ड आँटी से बहुत ज्यादा खुश था। आँटी भी मेरे लण्ड की सर्विस से बहुत ज्यादा खुश थी। मैं मज़े से जॉब कर रहा था।

    तभी एक दिन ऋतू आँटी की सहेली यानि शीला आँटी घर आई। तभी शीला आँटी की भरी पूरी जवानी को देख कर मेरा लण्ड ठनक उठा। शीला आँटी के गौरे चिकने जिस्म, भरा-भरा बदन, मस्त गाँड, और टाइट बोबों को देख कर मेरा लण्ड जल उठा।

    तभी मैंने सोचा इतनी मस्त रसमलाई को तो चखना ही पड़ेगा। लेकिन ये कुछ चखने देगी तब ना? तभी मैं भी शीला आँटी के साथ बात-चीत करके जान-पहचान बढ़ाने लगा।

    मेरी नज़र आँटी के मस्त सेक्सी चिकने बदन पर जमी हुई थी। आँटी बार-बार उनके पल्लु को ठीक कर रही थी। फिर शीला आँटी ऋतू आँटी से मिल कर घर चली गई, और मैं लण्ड मसल कर ही रह गया।

    शीला आँटी लगभग 38 साल की मस्त बिंदास एक-दम चिकनी औरत है। आँटी का भरा-भरा जिस्म और उनके टाइट चूचे किसी भी लण्ड में आग लगा सकते हैं।। शीला आँटी के चूचे लगभग 32″ साइज के है। उनके चूचों की गोलाइयाँ और कसावट देखकर मेरा लण्ड कुलबुला उठा था।

    शीला आँटी की चिकनी कमर लगभग 32″ साइज की है। आँटी की कमर के नीचे उनकी मस्त सेक्सी गाँड लगभग 34″ साइज की है। साड़ी में आँटी की सेक्सी गाँड मेरे लण्ड पर कहर ढा रही थी। फिर आँटी के घर जाने के बाद मैंने ऋतू आँटी से उनकी सहेली के बारे में बात-चीत की।

    “बहुत ही मस्त है यार शीला आँटी भी। एक-दम आपकी तरह।”

    “अच्छा।!” “हां आँटी।”

    तभी आँटी मुस्कुराने लगी “मस्त का मतलब मैं समझी नहीं?”

    “आप सब समझ रही हो।” “अरे नहीं समझ रही हूँ यार, साफ साफ बता ना।”

    “मतलब ये कि शीला आँटी भी ऊपर से लेकर नीचे तक एक-दम भरी-भरी सी है। और वो भी लण्ड को भरपूर मज़ा दे सकती है।”

    “अच्छा!” “अब आया ना समझ में?” “मतलब ये कि तू।मेरी ही सहेली को बजाने के बारे में सोच रहा है?”

    “हां आँटी। अब अगर आपकी मेहरबानी हो जाये, तो मेरे लण्ड को आपकी सहेली की चूत मिल सकती है।”

    ” अच्छा?” “हां आँटी।”

    ” देख रोहित, शीला मेरी सबसे अच्छी सहेली है। और उसका आज तक किसी के साथ चक्कर के बारे में मैंने नहीं सुना। रही बात उसको चोदने की, तो यार ये काम बहुत मुश्किल है।”

    “कोई मुश्किल नहीं है आँटी। आप कोशिश तो करना। वो आपकी बात नहीं टालेगी।”

    “ठीक है, जब मैं उसे अगली बार मिलने के लिए बुलाऊंगी, तो तब तू तैयार रहना।”

    “हां आँटी।”

    फिर मैं ऋतू आँटी को कमरे के अंदर ले गया, और उन्हें बेड पर पटक कर उनकी चूत की जड़ें हिला डाली। अब मैं शीला आँटी से अगली मुलाकात का इंतज़ार करने लगा।

    फिर 4 दिन बाद ऋतू आँटी ने शीला आँटी को मिलने के लिए घर बुला लिया। उस दिन मैंने छुट्टी ले ली थी।

    जैसे ही आँटी आई तो उनको देखकर मेरा लण्ड बुरी तरह से तन गया। फिर जैसे-तैसे मैंने लण्ड को समभाला।

    अब ऋतू आँटी शीला आँटी से इधर-उधर की बातें करने लगी। तभी मैं भी उनके साथ बैठ गया, और आज फिर से शीला आँटी के जिस्म को ताड़ने लगा। आँटी मेरी हवस भरी नज़रों को पढ़ रही थी। वो बार-बार उनके बदन को ढकने की कोशिश कर रही थी।

    आँटी साफ-साफ समझ रही थी, कि मैं उनको बजाने की फ़िराक में था।

    तभी मैंने ऋतू आँटी को इशारा किया, और वो किचन में नाश्ता तैयार करने चली गई। अब मैं शीला आँटी के साथ सट कर बैठ गया, और उनके घर परिवार के बारे में बात-चीत करने लगा।

    तभी आँटी ने बताया, कि अंकल की मार्किट में शॉप थी, और उनको टाइम नहीं मिल पाता था। तभी मैं समझ गया कि आँटी को पटाना अब कोई मुश्किल काम नहीं था।

    फिर ऋतू आँटी नाश्ता लेकर आ गई, और फिर हमने नाश्ता किया। अब आँटी जाने लगी तो मैंने आँटी से कहा “आँटी मैं आपको घर छोड़ आता हूँ। इस बहाने से आपका घर भी देख लूंगा, और बाकी आप जो दिखाना चाहोगी वो भी।”

    इतना कहते ही शीला आँटी झेंप गई, और वो कुछ नहीं बोल पाई। तभी ऋतू आँटी ने कहा “हां रोहित तू जा, और शीला को छोड़ आ।”

    बस फिर क्या था! मैंने बाइक स्टार्ट की, और शीला आँटी को बैठा लिया। तभी मैंने तुरंत शीला आँटी के घर की ओर बाइक दौड़ा दी। आज शीला आँटी की चूत फाड़ने के लिए मेरा लण्ड बुरी तरह से कुलबुला रहा था।

    आँटी चुप-चाप मेरे कंधे पर हाथ रख कर बैठी हुई थी। उनका बदन बार-बार मेरे लण्ड में आग लगा रहा था। फिर हम थोड़ी देर में ही आँटी के घर पहुँच गए।

    आँटी के घर पर कोई नहीं था। फिर मैं सोफे पर बैठ गया, और आँटी मेरे लिए पानी लेकर आई। तभी आँटी ने कहा “चाय पिओगे या कॉफी?”

    तभी मैंने सोचा यही मौका है आँटी पर पंच मार ही देता हूँ। तभी मैंने कहा “आँटी अगर पिलाना ही है, तो कुछ आपका ही पिलाओ। चाय और कॉफी तो मैं बहुत पी चुका।”

    तभी आँटी चुप हो गई, और वो वापस किचन की तरफ जाने लगी। मैं भी आँटी के पीछे-पीछे किचन में चला गया।

    “बोलो ना आंटी? पिलाओगी क्या?”

    “मैं सिर्फ तुझे चाय और कॉफी ही पिला सकती हूँ, और इसके अलावा कुछ नहीं।”

    ” आँटी आपके पास पिलाने के लिए इतना शानदार माल है, फिर भी आप कंजूस बन रही हो। भला क्या करोगी इस माल का? जंग लग जायेगा।”

    आँटी मेरी बात का मतलब साफ-साफ समझ रही थी।

    “अंकल को तो वैसे भी टाइम नहीं मिलता है। फिर आप कैसे खुद को रोक पाती होंगी? बहुत ही मुश्किल होती होगी आपको तो।”

    तभी आँटी चाय बनाने लगी।

    “अरे आँटी क्यों परेशान हो रही हो आप? रहने दो चाय को तो।”

    “मैं बना रही हूँ। तू चाय पीकर जाना।”

    “अब मैं जो पिलाने की बोल रहा हूं, वो तो आप पिला नहीं रही हो।”

    “वो तो मैं नहीं पिला सकती।”

    तभी मैं आँटी के पीछे सट कर खड़ा हो गया। अब मेरा खड़ा लण्ड आँटी को चुभने लगा। तभी आँटी इधर-उधर हिलने लगी।

    “आँटी यार मान जाओ ना। देखो घर में भी कोई नहीं है। बहुत अच्छा मौका है।”

    “देख रोहित, मैंने जिंदगी में ऐसे काम कभी भी नहीं किये है। इसलिए ऐसे कामों में मेरा कोई इंटरेस्ट नहीं है। और तू ये जिद्द छोड़ दे।”

    “आँटी हर काम की कभी ना कभी तो शुरुआत करनी ही पड़ती है ना। ऐसे ही काम नहीं बनता है।”

    “अच्छा , तो तेरे कहने का मतलब ये है, कि मैं तेरे साथ बिस्तर पर वो सब करूं?”

    “हां आँटी, मैं तो यही चाहता हूँ। बाकी फिर आप बताओ।”

    “यार मैं नहीं कर सकती बस।”

    “आँटी एक बार कोशिश तो करके देखो। क्या पता आपको खूब मज़ा आ जाये।”

    “यार नहीं।” “अरे हां आँटी। बस एक बार।”

    “नहीं यार।” “अरे आँटी, आप डरो मत। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। आप नो-टेंशन रहो।”

    “नहीं, चल चाय बन गई है। मैं हॉल में चाय लेकर आ रही हूँ।” तभी आँटी हॉल में चाय लेकर चलने लगी। अब मैं भी आँटी के साथ हॉल में आ गया, और फिर आँटी के साथ बैठ कर चाय पीने लगा। आँटी की नज़रें बार-बार मेरे मोटे तगड़े लण्ड से टकरा रही थी। अब उनकी आँखों में भी मुझे लण्ड लेने की भूख नज़र आ रही थी।

    “बोलो आँटी, नहीं तो फिर मैं घर जाऊंगा।” तभी आँटी ने कहा “यार क्या बताऊं? कुछ समझ में नहीं आ रहा है। अगर किसी को कुछ……..।”

    “किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।”

    तभी मैं उठा और आँटी का हाथ पकड़ कर उन्हें बैडरूम में ले गया। आँटी अभी भी घबरा रही थी।

    “यार रोहित। मत कर ना।” “आँटी अब तो करना ही पड़ेगा। आपको बिना चोदे मैं यहाँ से नहीं जाऊंगा।”

    तभी मैंने शीला आँटी को बाहों में दबोचा और फिर उनके रसीले गुलाबी होंठो पर टूट पड़ा। अब मैं ताबड़तोड़ आँटी के होंठो के छर्रे निकालने लगा। तभी बैडरूम ऑउच्च पुच्च ऑउच्च पुच्च की आवाजों से गूंज उठा।

    मैं आँटी के होंठो को रगड़ कर चूस रहा था। आँटी मुझे दूर हटाने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने आँटी को बुरी तरह से दबोच रखा था। मैं आँटी के होंठों पर लगी लिपस्टिक को चूस रहा था। मेरे हाथ आँटी के बोबो पर पहुँच गए, और मैं आँटी के टाइट चूचों को मसलने लगा।

    अब तो आँटी बुरी तरह से कसमसाने लगी। इधर मेरा लण्ड आँटी की चूत में घुसने के लिए कुलबुला रहा था। मैं आँटी को समभलने का भी मौका नहीं दे रहा था, और मैं आँटी के चूचों को नींबू की तरह निचोड़ रहा था।

    फिर मैं आँटी की मस्त सेक्सी गाँड को मसलने लगा। आह्ह! क्या मस्त चूतड़ थे शीला आँटी के ! आह्ह! मैं अब ज़ोर-ज़ोर से आँटी के चूतड़ों को मसल रहा था। इधर मैंने आँटी के होंठो को मेरे होंठो में फसा रखा था।

    अब गाँड और होंठ रगड़ाई से आँटी बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी। वो मेरी बाहों में बुरी तरह से थरथरा रही थी। मैं आँटी की गाँड मसलने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा था।

    अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। तभी मैंने आँटी को उठा कर बेड पर पटक दिया। अब मैंने मेरे कपड़े खोल फेंके और झट से लण्ड को बाहर निकाल लिया। मेरे मोटे तगड़े काले लण्ड को देख कर आँटी डरने लगी। अब मैं बैड पर चढ़ गया, और आँटी की टांगो को खोलने लगा।

    ” यार रोहित रहने दे ना, मत कर।”

    “आँटी अब नहीं रुका जा सकता। अब तो आपको चूत फड़वानी ही पड़ेगी।”

    ” अरे यार………….”

    तभी मैंने आँटी की चड्डी खोल कर उनके मुँह पर फेंक दी। “लो आँटी अब इसका कोई काम नहीं।”

    आँटी के पास अब कोई जवाब नहीं था। अब मैंने झट से आँटी की टाँगे फैला दी, और फिर आँटी की चूत में लण्ड सेट करने लगा।

    आँटी की झील काली घनी झाड़ियों से घिरी हुई थी। उनकी झील में पानी चमक रहा था। तभी मैंने आँटी की झील के गुलाबी गेट को खोला, और फिर तुरंत उसमे लंड सेट कर दिया।

    अब मैंने ज़ोर का झटका मारा, और मेरा लण्ड एक ही झटके में आँटी की चूत की बखिया उधेड़ता हुआ उनकी चूत के पाताल लोक में जा घुसा। आँटी मेरे लण्ड के एक ही झटके में चिल्ला पड़ी।

    “आईईईईई मम्मी, आईएईई आईईईई आईईईई मरर्रर्र गईईईई ओह मम्मी। आईईईईई आईईईईई रोहित बाहर निकाल यार।”

    “आँटी बस अब कुछ मत कहो।”

    तभी मैंने आँटी की टांगे पकड़ कर फिर से लण्ड आँटी की चूत में ठोक दिया। अब मैं आँटी की चूत में झमाझम लण्ड ठोकने लगा। आँटी बहुत बुरी तरह से चीख रही थी।

    “आईईईई आईईईई आह्ह आह्ह अहा ओह मम्मी, धीरे धीरे, आह्ह आह, आह्ह ओह आईईईई आईईईई।”

    “ओह आँटी ज़ोर-ज़ोर से बजाने दो। धीरे-धीरे मज़ा नहीं आता है, आह्ह।”

    मैं ज़ोर-ज़ोर से आँटी की चूत में लण्ड पेल रहा था। आँटी को चोदने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरे लण्ड के हर एक झटके से आँटी बहुत बुरी तरह से करहा रही थी। मैं तो आँटी की चूत जम कर ले रहा था।

    “आईईईई आईईईई ओह आह्ह आहा आह्ह धीरे-धीरे चोद रोहित, आह्ह आहाहा ओह बहुत दर्द हो रहा है यार। आईईईईई।”

    “ओह आँटी दर्द से ही तो मज़ा मिलता है। अब थोड़ा दर्द तो होगा ही।”

    ज़ोरदार ठुकाई से मैं आँटी की चूत की बखिया उधेड़ रहा था। धुआंधार ठुकाई से आँटी बुरी तरह से पसीने में नहा चुकी थी। उनका बलाऊज़ गीला हो चूका था। आज तो आँटी को दिन में तारे नज़र आ रहे थे। तभी आँटी की चूत में उबाल आ गया, और फिर आँटी की झील में मेरा लण्ड नहा गया।

    अब मेरे लण्ड के हर एक झटके के साथ फच्च फच्च फच्च की ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ आ रही थी। मैं शीला आँटी को झमाझम बजा रहा था। अब मेरा लण्ड आँटी की चूत में अच्छी तरह से जगह बना चुका था। अब तो आँटी को भी चुदाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

    “आह्ह आहा सिससस्स ओह रोहित बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह आहा और ज़ोर-ज़ोर से चोद। आह्ह।”

    “हां आँटी, आज तो तेरी चूत का भोंसड़ा बना दूंगा। आह्ह।”

    अब मैं और जोश में आकर आँटी की चूत फाड़ रहा था। अब तो आँटी जम कर मेरा लण्ड ले रही थी। मेरा लण्ड आँटी की चूत का भोंसड़ा बनाने में लगा हुआ था। तभी आँटी का पानी निकल गया। आँटी अब भी मज़े से उनकी चूत फड़वा रही थी।

    ” आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह सिससस्स ओह।”

    आँटी को देख कर लग रहा था, कि आँटी को मोटा लण्ड मिले हुए सालों हो गए हैं और जिस चीज़ की उन्हें ज़रूरत थी, वो अब उन्हें मिल चुका था।

    ” बोलो आँटी कैसा लग रहा है?”

    ” आह्ह सिससस्स बससस्स मज़ा आ रहा है। आज मैं पहली बार इतने बड़े लण्ड से चुद रही हूं।”

    “अब मेरा लण्ड आपकी अच्छी से सर्विस करता रहेगा।”

    “हां यार करते रहना रोहित। अब तो मैं तेरे लण्ड से बहुत खुश हुँ। पहले तो मैं बहुत डर रही थी, लेकिन अब तुझसे चुदाने में बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह आहाहा सिससस्स।”

    “मैं तो तुझे बजाने के लिए बहुत दिनों से तड़प रहा था शीला। अब जाकर मेरे लण्ड को शान्ति मिली है।”

    “चल अच्छा है।”.

    मेरे लण्ड के झटकों से आँटी बुरी तरह से हिल रही थी। फिर मैंने बहुत देर तक आँटी को ऐसे ही बजाया।

    कहानी जारी रहेगी………..

    कोई भी आँटी या भाभी मुझसे दोस्ती करे…..

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