आंटी की सहेली को जम कर बजाया-1

This story is part of the आंटी की सहेली को जम कर बजाया series

    चूत और लंड के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम। मैं रोहित एक बार फिर से आप सबके बीच में हाज़िर हूँ। मैं 25 साल का नौजवान लोंडा हूं। मेरा मस्त हथियार 6 इंच लंबा है, जो किसी भी चूत की बखिया उधेड़ सकता है।

    मुझे अक्सर पकी पकाई औरतें बहुत ज्यादा पसंद है क्योंकि ऐसी औरते अपने अनुभव से लंड को बहुत ज्यादा मज़ा देती है।

    मुझे भी इस बारे में कुछ पता नहीं था, लेकिन जब ऋतू आँटी जब मुझसे सेट हुई तो उनको बजाने में मुझे बहुत ही मज़ा आया था। कॉलेज खत्म करने के बाद मेरी जॉब लग गई,‌और फिर मुझे घर छोड़ कर बाहर रहना पड़ा। जहां मेरी मकान मालकिन ऋतू आँटी से मेरे संबंध बन गए थे। जिसके बारे में मैंने “पुरानी पड़ोसन की पलंगतोड़ ठुकाई” कहानी में बताया था।

    उसके बाद मैंने ऋतू आँटी की सहेली यानि शीला आँटी को ही सेट कर लिया था, और फिर शीला आँटी के घर जाकर ही मैं उन्हें चोद आया था। जिसके बारे में “आँटी की सहेली को सेट किया”‌ कहानी में बताया था।

    शीला आँटी लगभग 38 साल की मस्त बिंदास एक-दम चिकनी औरत है। आँटी का भरा-भरा जिस्म और उनके टाइट चूचे किसी भी लंड में आग लगा सकते हैं। । शीला आँटी के चूचे लगभग 34″ साइज के है। उनके चूचों की गोलाइयाँ और कसावट देख कर मेरा लंड कुलबुला उठा था। जिसके बाद मैंने शीला आँटी के चूचों को जम कर चूसा था।

    शीला आँटी की चिकनी कमर लगभग 32″ साइज की है। आँटी की कमर के नीचे उनकी मस्त सेक्सी गांड लगभग 36″ साइज की है। आँटी की कसी हुई गांड में मैंने खूब लंड पेला था। मैं ऋतु आँटी की पक्की सहेली यानि शीला आँटी की चूत का स्वाद चख चूका था। फिर मैं जॉब पर ध्यान देने लगा। मौका मिलने पर मैं कभी-कभी ऋतु आँटी को बजा लेता था।

    अब एक दिन शीला आँटी फिर से ऋतू आँटी से मिलने के लिए आई। उस दिन मेरी छुट्टी थी, और मैं भी घर पर ही था। मुझे देखते ही आँटी मुस्कुराई और मेरे लंड ने आँटी को सलामी दी। फिर आँटी हॉल में बैठ गई और आँटी मुस्कुरा कर ऋतू आँटी से बाते करने लगी।

    वो मस्त होकर गप्पे लड़ा रही थी। शीला आँटी को लग रहा था, कि ऋतु आँटी को उनके कारनामे के बारे में कुछ भी पता नहीं होगा, लेकिन ऋतू आँटी तो शीला आँटी की पूरी पिक्चर जानती थी।

    अब शीला आँटी को देख देख कर मेरा लंड टनटना रहा था। फिर मैं भी आँटी के साथ जाकर बैठ गया। अब हम तीनों खूब बाते करने लगे। इधर मेरे लंड का मूड बन रहा था। वैसे भी आँटी को बजाये हुए बहुत टाइम हो गया था। अब मेरा ध्यान आँटी के जिस्म पर था।

    शीला आँटी और ऋतू आँटी दोनों मेरी हवस भरी आँखों को पढ़ रही थी। तभी मैं उठ कर शीला आँटी की बगल में बैठ गया, और हाथ पीछे लेकर मैं शीला आँटी की गांड सहलाने लगा।

    आँटी खुद को समभाल कर ऋतू आँटी से बातें कर रही थी। मैं आँटी की गांड पर हाथ फेंर रहा था। आँटी मेरी हरकतों को नज़रंदाज़ करके ऋतू आँटी से बातों में लगी हुई थी। तभी मैंने ऋतु आँटी को इशारा किया, और वो काम का बहाना बना कर ऊपर वाले फ्लोर पर चली गई।

    “रोहित क्या कर रहा है यार? मरवाएगा क्या?”

    “अरे आँटी कुछ नहीं होगा आप डरो मत। ऋतू आँटी को कुछ पता नहीं है।”

    “लेकिन तेरी हरकतों से उसे ज़रूर शक हो गया है।” “अरे कोई शक नहीं हुआ आँटी। आज तो आँटी आपको बजाने का मूड बन रहा है। कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा है।”

    “पागल है क्या यार तू? यहाँ मरवाएगा क्या मुझे?” “अरे आँटी आप रूको। मैं कुछ प्लान करता हूं।”

    “नहीं अभी कुछ प्लान नहीं।”

    तभी मैंने आँटी का हाथ पकड़ा और उन्हें बैडरूम में ले जाने लगा।

    “रोहित क्या कर रहा है यार? ऋतू आ जायेगी।”

    “अरे वो नहीं आयेगी।”

    तभी मैं आँटी को खींच कर बैडरूम में ले गया, और फटाक से गेट बंद कर दिया। आँटी की डर के मारे गांड फट रही थी। तभी मैंने आँटी को दबोच लिया, और उनके गुलाबी होंठो को बुरी तरह से रगड़ने लगा। आँटी मुझे दूर हटाने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने आँटी को कस कर दबा रखा था। मैं ताबड़तोड़ आँटी के होंठो को रगड़ रहा था।

    तभी आँटी का बैडरूम ऑउच्च पुच्च ऑउच्च पुच्च की आवाज़ों से गूँजने लगा। अब मैं आँटी की गांड को मसलने लगा। आह्ह! आज बहुत दिनों बाद आँटी की गांड मसलने में बहुत मज़ा आ रहा था। आँटी अभी भी बहुत ज्यादा डर रही थी। तभी मैंने आँटी की साड़ी के पल्लू को हटा दिया और फिर आँटी के चूचों को दबाने लगा।

    “रोहित ऋतू आ जायेगी यार। छोड़ मुझे।”

    “अरे वो नहीं आयेगी अभी।”

    तभी मैंन आँटी के चूचों को झमाझम मसलने लगा। आह्ह! आँटी के चूचे। मैं ज़ोर-ज़ोर से आँटी के चूचों को दबा रहा था, तभी आँटी दर्द से कराहने लगी। तभी मैं आँटी के बलाऊज के हुक खोलने लगा। “रोहित ऋतू आ जायेगी यार।”

    लेकिन अब मैं आँटी की नहीं सुन रहा था और मैंने आँटी के चूचों को बाहर निकाल लिया। “ओह आँटी इन्हें चूसने के लिए तो मैं कब से तड़प रहा था। आह्ह अब जाकर मौका मिला है। अहा!”

    तभी मैं आँटी के चूचों पर टूट पड़ा और जम कर आँटी के चूचों को चुसने लगा। मैं रगड़-रगड़ कर आँटी के चूचों को चूस रहा था। आँटी की अभी भी बुरी तरह से गांड फट रही थी। “रोहित जल्दी कर यार।”

    मैं आँटी के चूचों को जम कर निचोड़ रहा था। आँटी दीवार से सट कर खड़ी हुई थी। उनकी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा हुआ था। मैं आँटी के चूचों को लपक कर चूस रहा था।

    “रोहित टाइम मत लगा अब।”

    आँटी मुझे दूर हटाना चाहती थी, लेकिन मैं आँटी से चिपका हुआ था। मैं आँटी के टाइट चूचों की जम कर रगड़ निकाल रहा था। तभी ऋतू आँटी के नीचे आने की आवाज़ आने लगी, और शीला आँटी ने जोर का झटका देकर मुझे दूर हटा दिया।

    अब आँटी ने फ़टाफ़ट से बलाऊज के हुक लगाये, और फिर साड़ी के पल्लू को ठीक करके बैडरूम से बाहर आ गई। तभी ऋतू आँटी शीला आँटी के सामने खड़ी थी। शीला आँटी की गांड फट गई, लेकिन फिर आँटी ने हंसते हुए कहा। “ये रोहित मुझे तेरा बैडरूम दिखा रहा था।”

    आँटी ऐसे दिखा रही थी, जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो। जबकि अभी-अभी ही मैंने आँटी को बुरी तरह से रगड़ डाला था। खैर शीला आँटी के होंठो की उड़ी हुई लिपस्टिक और उनके बिखरे हुए बाल सब कुछ साफ-साफ बयां कर रहे थे।

    ऋतू आँटी तो सब कुछ समझ चुकी थी, कि मैंने उनकी सहेली को रगड़ दिया था। अब ऋतू आँटी किचन में चली गई। हम वापस हॉल में बैठ गए। “यार रोहित तूने तो आज मुझे मरवा ही दिया। पता नहीं ऋतू मेरे बारे में क्या-क्या सोच रही होगी।”

    “अरे आँटी आप परेशान मत होवो। आँटी को कुछ पता नहीं चला है।”

    “लेकिन यार फिर भी” “मैं कह रहा हूँ आँटी आप टेंशन मत लो।”

    तभी ऋतू आँटी चाय और पकोड़े लेकर आ गई। अब हम चाय और पकोड़े का आनंद लेने लगे। फिर मैंने ऋतू आँटी को इशारा कर दिया। वो मेरा इशारा समझ गई। तभी आँटी ने कहा “तुम दोनों आपस में बाते करो। मुझे कुछ अर्जेंट काम आ गया है। मैं अभी गई और अभी आई।”

    तभी शीला आँटी कहने लगी “अरे यार मैं तो तुझसे मिलने के लिए आई हूँ और तू बाहर जा रही है।”

    “अरे यार वो कुछ अर्जेंट है इसलिए जाना पड़ रहा है। मैं कुछ देर में ही आ जाऊंगी।”

    “अरे यार फिर मैं यहाँ क्या करुँगी। मैं भी जा रही हूं।” तभी मैंने आँटी की गांड पर चिकोटी मार दी। वो मेरा इशारा तुरंत समझ गई।

    “अरे तू यही रुक मैं तुरंत आ जाऊंगी।”

    तभी ऋतु आँटी निकल गई। अब मेरे साथ शीला आँटी थी।

    “अरे यार मैं तो यहां आई हूँ और ये बाहर चली गई।”

    “कोई बात नहीं आँटी मैं तो हूं ना।”

    तभी मैं आँटी के बोबो पर हाथ फेरने लगा। आँटी बार-बार मेरे हाथों को दूर हटा रही थी।

    “रोहित यार अब यहाँ और कुछ नहीं।”

    “आँटी यार प्लीज अब और ज्यादा मत तड़पाओ। अब तो आँटी भी बाहर गई। बहुत अच्छा मौका है।”

    “नहीं यार वो किसी भी टाइम आ सकती है।” “अरे आँटी वो नहीं आयेगी।”

    तभी मैं आँटी को पकड़ कर उन्हें फिरसे बैडरूम में ले गया और मैंने तुरंत आँटी को बेड पर पटक दिया। अब मैं तुरंत आँटी के ऊपर चढ़ गया और आँटी के होंठो को चूस कर आँटी के गले पर जम कर किस करने लगा।

    तभी आँटी के भोंसड़े में सुरसुरी होने लगी, और आँटी भोंसड़े में लंड ठुकवाने के लिए तैयार हो गई। फिर मैं फटाफट से आँटी के भोंसड़े पर आ गया, और आँटी के पेटिकोट का नाडा खोल उनकी साड़ी, चड्ढी और पेटिकोट एक साथ खोल फेंका।

    अब आँटी नीचे से पूरी नंगी हो गई। फिर मैंने भी झट से मेरा पाजामा खोल कर लंड बाहर निकाल लिया। अब बस फिर क्या था, मैंने आँटी की टाँगे उठा कर कंधों पर रख ली, और लंड को आँटी के भोंसड़े में सेट कर दिया। अब मैंने ज़ोर का झटका दिया, और मेरा लंड दनदनाता हुआ आँटी के भोंसड़े को फाड़ता हुआ उसकी जड़ तक जा पहुँचा।

    “आईईईईई मम्म्मी। मर्रर्रर्रर्र गईईईई। सिसस्ससस्स आह्ह”

    एक ही झटके में मेरा लंड आँटी के भोंसड़े की गहराई में डूब चूका था। अब मैं आँटी को झमाझम चोदने लगा। मेरा लंड आँटी के भोंसड़े के परखच्चे उड़ा रहा था। आँटी को चोदने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। आँटी दर्द से कराह रही थी।

    “आह्ह आह्ह सिसस्स आह्ह ओह आहा आह्ह आह्ह ओह मम्मी मर्रर्रर्रर्र गैईईईई। ओह साले मां के लौड़े। धीरेरेरे,,,, धिरेरेरे।”

    “साली आज तो मैं तेरे भोंसड़े को फाड़ दूंगा। आह्ह बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है तुझे बजाने में। आह्ह।”

    आँटी बहुत बुरी तरह से ठुक रही थी। जिस बेड पर ऋतू आँटी को मैंने ना जाने कितनी बार बजा चूका था, आज उसी बेड पर उनकी सहेली को भी मैं जम कर बजा रहा था। ऋतू आँटी तस्वीर में मुस्कुराती हुई उनकी सहेली को चुदती हुई देख रही थी।

    आँटी को चोदने में मुझे आज अलग ही जोश चढ़ा हुआ था। मेरा लंड आँटी के भोंसड़े में जम कर घमासान मचा रहा था। तभी आँटी का पानी निकल गया और आँटी पसीने से भीग गई।

    “आह्ह आह्ह ओह साले हारामी। आह्ह आह्ह सिससस्स ओह आह्ह आह्ह।”

    अब मेरे लंड का हर एक झटका आँटी को जम कर मज़ा दे रहा था। वो बुरी तरह से पानी-पानी हो चुकी थी।

    “ओह साले मां के लौड़े आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह तेरा लंड तो कमाल का है। आह्ह ज़ोर-ज़ोर से चोद मुझे आह्ह।”

    “हां साली कुत्ती, आज तो तेरी खैर नहीं। ले साली।”

    तभी मैंने फिर से आँटी को बजाने की स्पीड बढ़ा दी। अब फुल स्पीड में आँटी को बजा रहा था। आँटी अब दर्द भूल कर मस्ती में डूब चुकी थी।

    “आईईईई आईईईई सिससस्स आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स आह्ह उन्ह ओह आह्ह आह्ह। ओह मज़ा आ रहा है आह्ह आह्ह चोद मुझे आह्ह आह्ह ज़ोर ज़ोर से।”

    आँटी भोंसड़े में जम कर लंड ले रही थी। आज वो अपनी खुजली को मिटाने की सोच चुकी थी। मेरा लंड आँटी के भोंसड़े के परखच्चे उड़ा रहा था। तभी आँटी का भोंसड़ा फिर से गरमा-गरम पानी से भर गया।

    आँटी के भोंसड़े को मैं बहुत बुरी तरह से ठोक चूका था। एक बार में ही आँटी की हालत खराब हो चुकी थी। तभी मेंने आँटी की टांगो को पूरा मोड़ कर आँटी को फोल्ड कर दिया। अब मैं बेड पर खड़ा होकर आँटी को झमाझम चोदने लगा। आँटी की दर्द भरी सिसकारियों से बैडरूम गूँजने लगा।

    “आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह साले कमीने आह्ह आह्ह बहुत दर्द हो रहा है।”

    “होने दे साली कमीनी। मैं तो जम कर लंड पेलूंगा। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”

    मैं गांड हिला हिला कर आँटी की पलंगतोड़ ठुकाई कर रहा था। आँटी पूरी तरह से मेरे नीचे दबी हुई थी। मेरा मोटा तगड़ा लंड एक-दम सीधा आँटी के भोंसड़े को सहला रहा था।

    “आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह मर्रर्रर्र गईईईई मां के लौड़े। आह्ह।”

    “कोई बात नहीं बहन की लौड़ी।”

    तभी आँटी का एक बार फिरसे पानी निकल गया। आँटी एक बार फिरसे पसीने से लथपथ हो चुकी थी। फिर मैंने बहुत देर तक आँटी को ऐसे ही फोल्ड कर बजाया।

    ताबड़तोड़ ठुकाई से आँटी की हालत खराब हो चुकी थी। उनका गोरा चिकना जिस्म पानी-पानी हो चूका था। अब मैंने आँटी को घोड़ी बनने के लिए कहा।

    “कुत्ते आज तो तू मौके का पूरा फायदा उठा रहा है।” “हां मेरी रानी।”

    तभी आँटी घोड़ी बन गई। अब मैंने फिर से आँटी के भोंसड़े में लंड डाला और आँटी की कमर पकड़ कर उन्हें फिर से चोदने लगा। आँटी की दर्द भरी चीखे फिर से निकलना शुरू हो चुकी थी।

    “आह्ह आह्ह आहाहा ओह साले कमीने,,,,, उँह आह्ह आह्ह आईईईई मम्मी,,,, आह्ह आह्ह आह्ह आईईईई आह्ह।”

    “ओह साली कुत्ती आहा बहुत मज़ा आ रहा है। बहुत दिनों के बाद तुझे घोड़ी बनाने के मौका मिल रहा है। आह्ह।”

    “अब मोका मिल ही गया ह,  तो फिर जम कर बजा ले साले कमीने।” “हाँ साली कुत्ती। ”

    आँटी को घोड़ी बना कर चोदने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं जम कर आँटी के भोंसड़े में लंड ठोक रहा था। मेरा लंड फुल स्पीड में आँटी के भोंसड़े में अंदर-बाहर हो रहा था। आँटी मुझे फ्री हैण्ड दे चुकी थी। वो आज जम कर ठुकाई करवाने के लिए तैयार थी।

    “आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स ओह साले हारामी। आह्ह आह्ह उँह सिससस्स आहा।”

    मैं आँटी को आज दिन में तारे दिखा रहा था। तभी ताबड़तोड़ ठुकाई से आँटी का पानी निकल गया। अब आँटी की चिकनी टांगो से होता हुआ गरमा-गरम पानी नीचे टपक रहा था।

    मेरा मोटा काला लंड आँटी के पानी में भीग कर सफ़ेद हो चूका था। तभी मैंने आँटी की कमर को छोड़ा और आँटी के बाल पकड़ कर मैं उन्हें अब झमाझम बजा रहा था।

    “आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स उन्ह ओह सिससस्स आह्ह आईईईई ओह साले हरामज़ादे आह्ह बहुत अच्छा लग रहा है। आह्ह।”

    फिर मैंने आँटी को बहुत देर तक घोड़ी बना कर बजाया। अब मैंने आँटी को पलट कर सीधा कर लिया। घोड़ी बनकर लंड ठुकवाने के बाद आँटी की हालत खराब हो चुकी थी। अब मैं फिरसे आँटी की टाँगे खोलने लगा।

    “मादर चोद तेरा लंड है या घोड़े का? साला रुकता ही नहीं है।”

    “साली लंड तो मेरा ही है। और रुकेगा क्यों? उसे तो तुझे बजाना है ना।”

    तभी मैंने आँटी के भोंसड़े में लंड सेट कर दिया, और अब मैंने आँटी के भोंसड़े में फिर से लंड ठोक दिया। अब मैं शीला आँटी के भोंसड़े को फिर से ढीला करने लगा।

    “आह्ह आह्ह आह्ह ओह साले कुत्ते। आह्ह सिससस्स उन्ह ओह सिसस्ससस्स आह्ह।”

    “ओह साली कुत्ती आज तो तेरे भोंसड़े को भी फाड़ दूंगा।”

    “फाड़ दे साले कमीने। आह्ह उँह सिससस्स आह्ह।”

    मैं झमाझम आँटी को चोद रहा था। आँटी की धुआंधार ठुकाई करने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। अब मैंने आँटी की टांगो को छोड़ दिया और आँटी को कस कर बाहों में दबा लिया। अब मैं आँटी को रगड़ कर बजाने लगा।

    “आहा सिससस्स उन्ह ओह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह साले कमीने।”

    “ओह साली हरामज़ादी। अहा।”

    मेरे लंड के धक्कों से आँटी पानी-पानी हो रही थी। उनका चिकना जिस्म पसीने से लथपथ हो रहा था। तभी आँटी ने मुझे बाहों में कस लिया और वो मेरी पीठ को रगडने लगी।

    “ओह सिससस्स आहा ओह उन्ह ओह आह्ह सिससस्स आह्ह। ओह साले।”

    मैं आँटी को दबा कर जम कर चोद रहा था। मेरा लंड आँटी के भोंसड़े को पानी-पानी कर रहा था। आँटी का चिकना चेहरा तर-बतर हो चूका था।

    “ओह साली मां की लौड़ी। आह्ह गया मैं तो।”

    तभी मेरा लंड पानी-पानी हो गया और आँटी का भोंसड़ा मेरे लंड के पानी से फुल भर गया। अब आँटी ने मुझे बाहों में जकड लिया।

    कहानी जारी रहेगी…….

    कहानी कैसी लगी बताये। कोई भी आंटी भाभी, चाची दोस्ती करे

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