होने वाले पति से पहली चुदाई-2

This story is part of the होने वाले पति से पहली चुदाई series

    दोस्तों पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि कैसे निखिल चुदाई के लिए उतावला था। फिर वो मुझे अपने दोस्त के बताए जंगल में ले गया‌, जहां हमारी चुदाई शुरू हुई। अब आगे।

    अब निखिल ने बचा हुआ अपना आधा लंड भी एक और झटके में चूत के अंदर डाल दिया।

    मैंने कहा: कमीने थोड़ा धीरे कर, मुझे दर्द हो रहा है।

    तब निखिल ने कहा: साली थोड़ा दर्द हो होगा ही ना। अभी कुछ देर में तू खुद ही कहेगी जोर-जोर से करो।

    तो मैंने कहा: कमीने, जब मैं जोर से करने का बोलूं तो जोर से भी कर लेना, पर अभी तो थोड़ा धीरे कर।

    तब निखिल ने कहा: साली बहुत कमीनी है तू। चल अब तू भी अपनी गांड उछाल कर मेरा साथ दे।

    और निखिल जोर-जोर से मुझे चोदने लगा। फिर मैं भी अपनी गांड उछाल-उछाल कर उसका साथ देने लगी। अब मुझे चुदने में मजा आने लगा था, और मैं उसे कहने लगी-

    मैं: और जोर-जोर से चोदो निखिल।

    तो उसने अपनी स्पीड और बड़ा दी, और कहने लगा: ले साली ले, और ले, आज तुझे खूब चोदूंगा।

    लगभग 10 मिनट तक निखिल मुझे यूं ही चोदता रहा।

    फिर वो कहने लगा: रोमा मेरा निकलने वाला है।

    तो मैंने कही: तुम चूत के अंदर नही छोड़ना।

    तो उसने अपना लंड जल्दी से चूत से निकाला और अपना सारा वीर्य मेरी चूत के ऊपर छोड़ दिया। जिससे कि मेरी चूत और पेंटी गन्दी हो गई थी। उसके वीर्य की कुछ बूँदे मेरे बूब्स तक भी आई। अब तक निखिल में जो जोश भरा था, वो थोड़ा कम हो गया, और निखिल ढीला हो कर मेरे ऊपर ही लेट गया, और मेरे होंठो को चूमने लगा।

    कुछ देर ऐसे ही पड़े रहने के बाद निखिल मुझ पर से हटा। तो मैंने उसे कहा: देखो तुमने ये क्या किया, मुझे पूरा गन्दा कर दिया, और खुद भी हो गए। अब इसे कौन साफ करेगा?

    तो निखिल ने कहा: तुम चिन्ता मत करो, मैं ये सब साफ कर दूंगा, देखो ये झरने के पानी से।

    और उसने मुझे कार से बाहर निकाल कर अपनी गोद में उठाया। फिर वो मुझे झरने के पास लेकर गया। झरने से जो पानी बह रहा था, वो सिर्फ पैरों के टखने तक ही था। तो निखिल ने मुझे लेजा कर वहां के एक चौड़े पत्थर के ऊपर लिटा दिया।

    फिर वो पहले मेरी पेंटी को उतार कर उसे धोने लगा। फिर पेंटी को अलग एक पत्थर पर रख दिया, और अपने हाथो से पानी लेकर मेरी चूत के ऊपर जो उसका वीर्य था उसे साफ करने लगा। उसने मेरा सारा बदन पानी से गीला कर दिया था।

    तब मैंने उसको कहा: तुम भी तो अपने आप को साफ कर लो।

    तो उसने कहा: तुम साफ कर दो रोमा। मैंने तुम्हे साफ किया है, तुम मुझे साफ कर दो।

    मैंने कहा: ठीक है, अब तुम यहाँ लेट जाओ।

    उसके पत्थर पर लेटने के बाद मैंने भी उसका सारा बदन साफ किया। उसके बाद मैंने निखिल से कहा-

    मैं: निखिल मुझे ठण्ड लग रही है, और देखो अँधेरा भी हो रहा है।‌ अब हमें यहाँ से चलना चाहिए।

    तब वो कहने लगा: तुम्हारी ठण्ड को मैं अभी दूर कर दूँगा।

    और मेरा हाथ पकड़ कर उसने खीचा, और अपने ऊपर मुझे लिटा लिया, और मुझे अपनी बाँहो में जकड़ लिया।

    फिर वो कहने लगा: इससे तुम्हारी ठण्ड दूर हो जायेगी।

    कुछ देर तक मैं और निखिल वहाँ ऐसे ही लेटे रहे।

    फिर निखिल ने कहा: रोमा तुम मेरा थोड़ा सा लंड चूसो। इससे तुम्हारी ठण्ड और दूर हो जायेगी।

    तो मैं निखिल की छाती को चूमते हुए नीचे उसके लंड पास आई। निखिल का लंड छोटा था। वो खड़ा नही था। मैंने उसके लंड को अपने हाथ में लिया, और अपने मुँह में लेने लगी, तो उसका लंड अब खड़ा होने लगा। मैंने लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी।

    निखिल के लंड को एक मिनट भी नही लगा और उसका लंड एक-दम खड़ा हो गया। मैं जोर-जोर से उसका लंड चूसने लगी। मुझे काफी मजा आने लगा।

    5 मिनट लंड चूसने के बाद निखिल ने कहा: रोमा मैं तुम्हे एक बार और चोदना चाहता हूँ। पता नही शादी से पहले फिर कभी ये मौका मिले या नहीं।

    तो फिर मैंने निखिल को पत्थर पर से उठने को कहा, और खुद उस पत्थर पर लेट गई और निखिल से कहा-

    मैं: लो आज जो करना है कर लो।

    तो उसने थोड़ी सी भी देर ना करते हुए मेरे दोनों पैरों को उठा कर अपने दोनो कंधो पर रख लिया, और अपने लंड को चूत के ऊपर रख कर एक जोर का झटका मारा। इससे उसका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत के अंदर चला गया। मैं एक बार फिर जोर से चिल्लाई-

    मैं: कमीने थोड़ा धीरे डाल।

    पर वो अब मेरी नहीं सुन रहा था। वो मुझे चोदने में लगा हुआ था, और जोर-जोर से लंड मेरी चूत के अंदर-बाहर कर रहा था। मैं आह आह करके सिसकियां लेने लगी। मैं बहुत गरम हो गई थी, जिससे मेरे निकलने वाला था।

    तो मैंने निखिल को कहा: मेरा निकलने वाला था।

    फिर उसने अपना लंड मेरी चूत से निकाल लिया, और अपना मुँह मेरी चूत पर लगा दिया। मैं जोर-जोर से आह आह करते हुए झड़ गई, और निखिल मेरा वो सारा पानी पीने लगा। उसने चाट-चाट कर मेरी चूत को साफ किया, और फिर उसने मेरे पैरों को फैला कर अपना लंड मेरी चूत पर रख कर उसे अंदर डाला, और फिरसे मेरी चुदाई करने लगा।

    मैं फिरसे गरम हो गई। वो मुझे ऐसे ही चोदता रहा कुछ देर। बाद में हम दोनों एक साथ झड़े, और निखिल ने मुझे फिर से अपनी बाँहो में भर लिया, और मुझे चूमने लगा। फिर हम दोनों उठे, और हमने झरने में नहाया, और वहा से अपनी कार में जाने लगे। जब मैंने पत्थर पर से अपनी पेंटी उठाई, तो वो पूरी गीली थी।

    तब मैंने निखिल से कहा: देखो ये तुमने क्या किया था। मेरी पेंटी गीली हो चुकी है। अब मैं क्या पहनूंगी?

    तभी निखिल ने कहा: मुझे पता था ऐसा कुछ होगा। इसलिए मैंने इसका इंतेजाम पहले से ही कर रखा था। जब मैं आ रहा था। तब ही मैंने मार्किट से तुम्हारे लिए एक ब्रा और पेंटी खरीदी थी। चलो कार में राखी है। मैं ही तुम्हे आज अपने हाथ से वो ब्रा और पेंटी पहना देता हूं।

    फिर हम कार के पास आये तो निखिल ने कार से वो ब्रा-पेंटी निकाली, और मुझे पहनाई। फिर मैंने अपने कपड़े पहने, और निखिल ने भी अपने कपड़े पहन लिए। तभी हमनें देखा कि एक दूसरी कार हमारी तरफ आ रही थी। मैं थोड़ा डर गई कि निखिल ने तो कहा था कि यहाँ कोई नही आता है, तो ये कोई अपनी कार में यहाँ आ रहा था। निखिल भी शायद थोड़ा घबरा गया था।

    उसने मुझसे कहा: रोमा तुम जल्दी से कार में बैठ जाओ।

    तो फिर मैं जल्दी से कार में बैठ गई। वो कार हमारी ही कार के पास आके रुकी। मैं कार के साइड मिरर से कार को देख रही थी, और निखिल बाहर ही खड़ा था।

    मैंने निखिल को बोला: निखिल बाहर क्यों खड़े हो, अंदर आओ। कार स्टार्ट करो, और चलो यहाँ से।

    पर शायद उसे मेरी ये बात सुनाई ही नहीं दी।

    फिर मैंने देखा कार से एक हट्टा-कट्टा नौजवान नीचे उतरा, और उसने निखिल को आवाज लगाई।

    वो बन्दा: अरे निखिल तू? और यहाँ कैसे? आज तू मेरी बताई हुई जगह पर कैसे आ गया?

    ये निखिल का वही लंगोटिया दोस्त था जिसने निखिल को इस जगह के बारे में बताया था। उसे देख कर निखिल की भी जान में जान आई और वो दोनों एक-दूसरे के गले मिले (निखिल के दोस्त का नाम नीलेश था)

    नीलेश: अरे निखिल, आज तो तुम मेरी बताई हुई जगह पर आया है। तो ये बात तो पक्की है कि तू इस वीराने में अकेला तो आया नही होगा।

    निखिल: यार वो तेरी होने वाली भाभी के साथ आया था।

    नीलेश ने कार में मेरी तरफ देखा और मुझे नमस्ते किया।

    निखिल: नीलेश तू यहाँ कैसे?

    नीलेश: भाई मैं भी तेरी होने वाली भाभी को लेकर आया हूँ। यार तेरी भाभी कार में बैठी है।

    फिर नीलेश ने निखिल को छेड़ते हुए कहा: क्यो भाई जिस काम के लिए आये थे वो हो गया या नहीं?

    निखिल: क्या यार तू भी ना।

    नीलेश: क्या भाई, तू इतना क्यों शर्मा रहा है? जो काम तू शायद कर चुका है, मैं भी वही काम करने यहाँ आया हूँ। हम दोनों भी एक-दूसरे के घर जा नहीं सकते, और किसी होटल में चुदाई करना बहुत रिस्की है। इसलिए तो हम यहाँ आते है। और देख, मैंने तुझे इस जगह के बारे में बताया था। तो तू भी आज यहाँ आ गया।

    निखिल: तो भाभी कहाँ है?

    नीलेश: कार में है। यार वो थोड़ा डर गई थी, कि यहाँ इस वक़्त कौन है। पर मैंने देख लिया था कि ये तेरी कार है। तो मैंने उसे सब बता दिया, कि तू भी यहाँ अपनी होने वाली वाइफ के साथ ही आया होगा चुदाई के लिए। भाई सच कहूँ शादी के पहले चुदाई का अपना एक अलग ही मजा है। तुम चुदाई कर चुके या अभी बाकी है?

    निखिल: भाई हम तो कर चुके है। और अब हम यहाँ से बस निकलने ही वाले थे, कि हमें तेरी कार आते दिखी। तो हम थोड़ा घबरा गए थे। देख रोमा अभी भी घबराई हुई हैं।

    नीलेश ने मेरी तरफ देखा, और बोला: घबराइये मत भाभी, अब घबराने की कोई बात नही है।

    निखिल: चल भाई हम चलते है, अब तुम एन्जॉय करो।

    नीलेश: यार रुक ना भाई, साथ चलेंगे।

    निखिल: पर यार अब हम यहां रुक कर क्या करे? तुम दोनों एन्जॉय करो, हम चलते हैं।

    नीलेश: भाई रुक जा यार, आधे घंटे की ही तो बात है। फिर साथ चलेंगे।

    नीलेश के इतना बोलने पर निखिल ने मेरी तरफ देखा, तो मैं कुछ ना बोल सकी।

    निखिल: चल ठीक है यार, तू इतना कह रहा है, तो ठीक है साथ चलेंगे। रोमा और मैं कार में ही बैठे है। तुम दोनों एन्जॉय करो।

    फिर नीलेश ने अपनी कार को हमारी कार की साइड में लगाया, और फिर वो दोनों नीचे उतरे तो नीलेश ने अपने होने वाली वाइफ का

    इंट्रोडक्शन मुझसे करवाया (नीलेश की होने वाली वाइफ का नाम टीना था)।

    हम दोनों ने एक-दूसरे से हाय-हेलो किया। निखिल टीना को पहले से जनता था। नीलेश और टीना का रिलेशन काफी लम्बे टाइम से था। वो दोनों यहाँ अक्सर चुदाई करने आया करते थे।

    हाय-हेलो होने के बाद वो दोनों उस झरने की तरफ चले गए, और वहाँ पानी में जा कर एक दूसरे के ऊपर पानी उछाल कर खेल करने लगे। ये सब निखिल और मैं अपनी कार में बैठ कर देख रहे थे।

    वो दोनों हमारी कार से लगभग 100 -150 फीट दूर थे। और अंधेरा भी हो रहा था तो हमें कुछ साफ-साफ तो दिखाई नहीं दे रहा था। पर हम उन्हें देख पा रहे थे। वो दोनों पानी में पूरे गीले हो चुके थे।

    पानी में थोड़ी मस्ती करने के बाद नीलेश ने टीना को उसी पत्थर पर लिटा दिया, जिस पत्थर पर निखिल ने मेरी चुदाई की थी। और फिर नीलेश टीना के ऊपर चढ़ गया, और दोनों एक-दूसरे के साथ चुम्मा-चाटी करने लगे।

    फिर एक-एक करके दोनों ने एक-दूसरे के कपड़े उतारने शुरू कर दिए, और एक दम नंगे हो गये।

    नीलेश टीना की कभी चूत चाटता, तो कभी टीना के बूब्स को चूसता। उनका ये खेल कुछ देर ऐसे ही चलता रहा। फिर नीलेश खड़ा हो गया, और टीना पत्थर पर बैठी नीलेश का लंड चूसने लगी। मुझे नीलेश की सिर्फ पीठ और गांड ही दिख रही थी। क्योंकि उसका मुँह टीना की तरफ था।

    ये सब देख कर मैं ओर निखिल फिर से गरम होने लगे। क्योंकि हम दोनों ही उसके दोस्त की लाइव चुदाई देख रहे थे, और वो दोनों बिना किसी शर्म के अपनी चुदाई करने में लगे हुये थे

    तब निखिल ने मुझे कहा: चलो रोमा हम भी चलते है। वहाँ देखो वो दोनों कितने मजे कर रहे है।

    तब मैंने निखिल पर गुस्सा किया और कहा: निखिल मैं ये सब शादी से पहले करना भी नही चाहती थी। पर तुम्हारे इतना कहने पर मैने यहाँ आके तुमसे चुदाई करवा ली। और अब तुम कह रहे हो कि तुम मुझे अपने दोस्त के सामने साथ मिल कर चुदाई करने का, तो ये पॉसिबल नहीं है।

    निखिल ने कहा: तो क्या हो गया रोमा? उन दोनों को देखो वो कितने मजे से चुदाई कर रहे है। उन्हें कोई फर्क ही नही पड़ रहा हैं कि हम उन्हें देख रहे है।

    मैंने कहा: निखिल मुझे इससे कोई फर्क नही पड़ता, कि उन्हें कोई फर्क पड़ रहा है या नहीं। तुम चलो यहाँ से।

    तो निखिल ने कहा: ठीक है तुम गुस्सा मत करो।

    अब पूरा अंधेरा हो गया था, कि तभी निलेश की आवाज़ आई और उसने निखिल को कहा-

    निलेश: अंधेरा बहुत हो गया है प्लीज़ कार की हेडलाइट चालू कर दे।

    क्योंकि उन दोनों को कुछ दिखाई नही दे रहा था। तो निखिल ने कार ली हेडलाइट चालू कर दी। कार की लाइट चालू होते ही लाइट का फोकस उन पर पड़ा, तो अब वो दोनों हम दोनों को साफ-साफ दिखाई देने लगे।

    तभी नीलेश हमारी तरफ मुड़ा, और उसने निखिल को थम्सअप का इशारा किया (मतलब ये कि उन्हें अब सब दिख रहा था।

    जब वो हमारी तरफ मुड़ा था, तो जब मैंने उसका लंड देखा, वो बिल्कुल निखिल के लंड जैसा ही था। लंड देख कर मेरी चूत फिर से मचल उठी।

    निखिल भी गरम हो चुका था। हम दोनों के सामने ही लाइव चुदाई चल रही थी। तो निखिल ने मुझे फिर से नंगी करना स्टार्ट कर दिया। उसने मेरी टॉप ओर ब्रा को ऊपर कर दिया, और मेरे बूब्स को चूसने लगा।

    मैं सामने देख रही थी। नीलेश अब टीना की चुदाई कर रहा था। क्या दिलकश नज़ारा था वो, मेरी चूत गरम हो गई थी। तब निखिल ने मुझे पिछली सीट पर चलने के लिए कहा, तो हम दोनों कार की पिछली सीट पर गए। मैं अभी भी उन्हीं दोनों को देखे जा रही थी।

    तो निखिल ने कहा: रोमा जब मैंने तुम्हे वहाँ चलने का कहा, तो तुमने गुस्सा किया। और अब तुम उन्हीं दोनों को देखे जा रही हो।

    फिर मैंने जल्दी से अपनी जीन्स ओर पेंटी उतारी, और निखिल का सर अपनी चूत पर दबाते हुए कहाँ-

    मैं: ये लो मेरी चूत, चाटो तो। निखिल चूत चाटने लगा। कुछ देर चूत चाटने के बाद निखिल ने मुझे सीट पर लिटा दिया, और मेरी चूत में अपना लंड रगड़ते हुए लंड मेरी चूत में घुसा दिया, और जोर-जोर से मुझे चोदने लगा। मैं सिसकारियों लेने लगी। इन एक से दो घंटो में मेरी ये तीसरी चुदाई थी।

    निखिल मुझे जोर-जोर से चोदे जा रहा था, और मैं भी उछल-उछल के उसका लंड अपनी चूत में लिए जा रही थी। कुछ देर की चुदाई के बाद मैंने निखिल से कहा-

    मैं: मेरा होने वाला है।

    और मेरा पानी छूट गया। निखिल भी बोला कि उसका पानी भी निकालने वाला था, तो उसने लंड को चूत में से निकाल कर मेरे मुँह में डाल दिया, और मेरे मुँह की चुदाई करने लगा। फिर उसका पानी मेरे मुँह में छूटने लगा।

    तभी नीलेश ओर टीना आ गए। वो हमारी कार के पास आये, और अन्दर झांके तो हम दोनों नंगे थे। मैं तो सीट पर लेटी हुई थी, और निखिल मेरे सीने पर था, और उसका लंड मेरे मुँह में था

    नीलेश: अरे तुम दोनों फिर से शुरु हो गए?

    निखिल: अरे क्या बताऊँ भाई, तुम दोनों को देख कर हम शसे कंट्रोल नही हुआ। तो हम फिर से शुरू हो गए।

    मैंने जल्दी से निखिल को अपने ऊपर से हटाया। उसके वीर्य से मेरा पूरा मुँह भरा था। मैंने कुछ कहा नहीं, पर जल्दी से अपने आप को कपड़ों से ढक लिया। नीलेश और टीना नंगे थे, और उनके हाथों में उनके गीले कपड़े थे।

    फिर निखिल ने नीलेश से कहा: अरे भाई तुम दोनों के तो पूरे कपड़े गीले है। अब तुम पेहनोगे क्या?

    तो नीलेश ने कहा: फिक्र नहीं भाई, एक-एक ड्रेस हमारी कार में ही है।

    फिर हम सब ने अपने कपड़े पहने, और हम वहां से निकल गए। हम सब ने सिटी के बाहर ही एक ढाबे में खाना खाया। फिर निखिल ने मुझे घर छोड़ दिया, और वो चला गया।

    तो ये थी दोस्तों मेरी आज की कहानी। उस कार में और जंगल के बीच झरने के पास चुदने का अपना ही एक अलग मजा आया मुझे। उम्मीद करती हूं, कि आप सभी को मेरी ये कहानी पसंद आई होगी। अब आपको ये कहानी कैसी लगी, आप मुझे बताइयेगा जरुर। मैं आप सभी के मेल का इंतेजार करूँगी

    मेरा मेल आई डी है: [email protected]

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