होने वाले पति से पहली चुदाई-1

This story is part of the होने वाले पति से पहली चुदाई series

    सभी पाठकों को मेरा नमस्कार।

    मैं रोमा आज एक नई कहानी लेकर आप सभी के सामने हाजिर हुई हूँ। और उम्मीद करती हूँ, कि मेरी ये कहानी आप सभी को पसंद आएगी।

    मेरे कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने के बाद अब मेरे घर मे मेरी शादी की बात शुरू हो गई थी। अब आये दिन लड़के वाले मुझे देखने आने लगे थे। पर कभी मम्मी-पापा को लड़का पसंद नहीं आता था, तो कभी मुझे लड़का पसंद नही आता था। इन सब झमेलों से अब मैं थक चुकी थी।

    फिर एक दिन पापा के एक दोस्त मेरे लिए रिश्ता लेकर आए। जब लड़के वाले घर आये, और मैंने जब लड़के को देखा, तो लड़का दिखने में काफी अट्रेक्टिव था। रंग थोड़ा साँवला था, पर नैन-नक्श काफी आकर्षक थे। और पूरी बॉडी भारी हुई थी।

    मुझे वो लड़का बहुत पसंद आया। उस लड़के का नाम निखिल था। घर पर ही हमने अकेले में कुछ बातें की, तो निखिल को भी मैं पसंद आ गई। और घर वालो ने मिल कर हमारा रिश्ता तय कर दिया।

    रिश्ता तय हो जाने के बाद निखिल अक्सर मुझे फ़ोन करने लगा, और हम घंटो बाते करते थे। पर मेरे घर वाले मुझे उससे मिलने नहीं देते थे. मेरे घर वाले पुराने खयालात के थे। वो चाहते थे कि शादी से पहले हम ना मिले तो ही अच्छा है। जैसे तैसे ही मैं उससे फ़ोन पर बात कर पाती थी। मुझे उससे बातें काना बहुत अच्छा लगता था।

    निखिल हमेशा मुझे कहता कि “रोमा मुझे तुमसे मिलना है” पर मैं हर बार उसे घर वालों के चलते मिलने से मना कर देती थी। उसके ज्यादा फोर्स करने पर कभी-कभी कुछ शॉपिंग का बहाना करके मैं उससे मिलने जाती थी। फिर निखिल मुझे घुमाता ओर शॉपिंग करवाता। हम साथ खाना खाते, और फिर वो मुझे मेरे घर से कुछ दूरी पर ही छोड़ देता और मैं घर आ जाती।

    अब हमारी नजदीकियां बड़ गई थी। अब हम कुछ सेक्सी बातें भी करने लगे थे। निखिल मुझे कहता “रोमा तुमसे बात करते-करते मेरा लंड खड़ा हो जाता है।” अब हम दोनों में भी साफ खुले शब्दो मे लंड चूत की बातें होने लगी थी। हम दोनों के ही अंदर अब चुदाई करने की आग सुलग रही थी। कभी-कभी हम दोनों फ़ोन सेक्स भी करने लगे थे।

    अब जब भी घर वालों से छुप कर मैं निखिल से मिलने जाती, तो निखिल हमेशा मुझसे चिपकता, कभी मुझे गले लगाता, तो कभी मुझे किस करता। दिन-बा-दिन हम और नज़दीक होते जा रहे थे। एक दिन हम एक मॉल में घूमने के लिए गए तो निखिल पार्किंग लॉट में कार पार्क करने लगा। मैं भी कार में ही थी।

    कार को पार्क करने के बाद मैं कार से उतरने लगी, तो निखिल ने मेरा हाथ पकड़ लिया, ओर अपनी तरफ खींच कर मुझे अपने गले से लगा लिया। फिर अपने होंठो को वो मेरे होंठों पर रख कर मुझे किस करने लगा।

    ये मेरी होंठों पर निखिल के साथ पहली किस थी। मुझे भी बहुत मज़ा आया। मैं भी उसे किस करने लगी थी। फिर उसका एक हाथ मेरे बूब्स पर आ गया और निखिल मेरे बूब्स को दबाने लगा। हाथ मेरे बूब्स पर पड़ते ही मेरे शरीर में एक करंट सा दौड़ गया। वो मुझे बेतहाशा किस कर रहा था, और एक हाथ से मेरे बूब्स को दबा रहा था। मुझे इसमें बहुत मजा आने लगा। फिर उसने मुझसे कहा-

    निखिल: रोमा एक बार अपना टॉप उठा कर अपने बूब्स के दर्शन तो करवा दो।

    मैंने कहा: ये पार्किंग लॉट है, कोई देख लेगा यहाँ नहीं। मैं फिर कभी तुम्हे अपने बूब्स के दर्शन करवा दूंगी।

    पर वो नहीं माना और उसने कहा: देखो यहाँ चारो तरफ कोई नही है। मैं सिर्फ अपनी होने वाली बीवी के बूब्स देखना चाहता हूँ। आगे कुछ नही करूँगा।

    उसके आगे मैं कुछ भी ना बोल सकी, तो निखिल ने खुद ही मेरी टॉप ऊपर कर दिया।

    मैंने ब्लैक कलर की ब्रा पहनी हुई थी। मेरी ब्लैक कलर की ब्रा में मेरे बूब्स बहुत सेक्सी लग रहे थे, और ब्रा से बाहर निकलने को जैसे तैयार थे। पहले तो निखिल ने बूब्स देखते ही बूब्स की तारीफ की। फिर उसने दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया, और उन्हें दबाने लगा।

    मुझे मजा आने लगा तो उसने धीरे से मेरी ब्रा को भी ऊपर उठा दिया, और दोनों बूब्स को ब्रा में से आज़ाद कर दिया। मेरे आज़ाद बूब्स अब निखिल की नज़रों के सामने थे। उसने आओ देखा न ताओ और अपना मुँह मेरे बूब्स पर रख दिया, और मेरे एक बूब्स को चूसने लगा, और दूसरे को मसलने लगा।

    मैं भी अब मदहोश होने लगी थी। फिर अचानक से हमारी कार के पास से एक कार गुज़री तो मैं थोड़ा डर गई, और निखिल को हटा कर अपने कपड़े ठीक किए और उससे कहा “कि ये ठीक नही है निखिल।”

    उसने भी कहा “ठीक है, अगर तुम्हें ठीक नही लगता, तो कोई बात नहीं।” फिर मॉल घूम कर उसने मुझे घर के पास छोड़ दिया, और मैं घर आ गई। फिर इसके बाद निखिल जब भी मुझे कार से कही घुमाने लेकर जाता, तो वो अब हमेशा ही मुझे किस करता और मेरे बूब्स को भी चूसता। मुझे भी बूब्स चुसवा का बहुत मज़ा आता था।

    फिर एक दिन मॉल की ही पार्किंग में निखिल मेरे बूब्स चूस रहा था। मैं मजे से आँखे बंद किये हुए बूब्स चुसवाने के मजे ले रही थी। निखिल ने मेरा एक हाथ पकड़ा हुआ था, कि अचानक मेरे हाथ में कुछ नर्म ओर गरम सा महसूस हुआ। जब मैंने आँखें खोल कर देखा, तो निखिल का लंड मेरा हाथ में था। लंड देख कर मेरी आँखें फटी की फटी रह गई। निखिल का लंड करीब 7 इंच लम्बा ओर 3 इंच मोटा था।

    लंड अपने पूरे जोश में था। एक दम टाइट था, और पूरा खड़ा हुआ था। उसने मेरे हाथ को लंड पर सहलाया, तो मैं भी उसके लंड को सहलाने लगी। फिर निखिल ने मुझे लंड को चूसने के लिए कहा, पर मैंने उसे मना कर दिया और कहा कि “ये सब शादी के बाद ही करेंगे, ये सब ठीक नहीं है।”

    पर निखिल के बार-बार रिक्वेस्ट करने पर मैंने उसके लंड को चूसा तो नहीं, पर लंड को किस जरूर की। मेरे ऐसा करने से उसे भी बहुत अच्छा लगा। अब हमारी शादी की डेट नजदीक थी, तो हमारा मिलना अब कम हो गया था।

    एक दिन तो निखिल बहुत ज़िद करने लगा, कि उसे आज मुझसे मिलना ही था। मैंने फिर उसे मना किया, पर वो नहीं माना।

    वो कहने लगा कि कल वो आ रहा था, और मैं उससे नही मिली तो वो मेरे घर ही आ जायेगा। तो मुझे उसकी ज़िद के आगे झुकना पड़ा, और मैंने कह कि “ठीक है मैं कल तुमसे मिलूंगी।” पर मैंने उसे ये साफ-साफ कह दिया कि “मैं ये तुमसे आखरी बार मिल रही हूं। इसके बाद मैं तुमसे शादी तक नही मिलूंगी, और तुम मुझे मिलने कि लिए मजबूर नहीं करोगे”

    तो निखिल ने कहा कि “ठीक है” तो मैंने कहा कि “मुझे प्रोमिस करो” तो निखिल ने मुझे प्रोमिस किया, और फिर हमने कल के मिलने का टाइम फिक्स किया।

    निखिल ने मुझे कहा कि वो कल शाम 6 बजे मेरे ही घर के पास मेरा वेट करेगा। मैंने कहा कि “ठीक है, कल मिलते है।”

    अगले दिन मैं तैयार हुई, और घर में मम्मी को कहा कि “मम्मी आज मेरी एक फ्रेंड का बर्थडे है, तो मैं उसके बर्थडे में जा रही हूँ। आने में थोड़ी देर हो जायेगी।” तो मम्मी ने मुझे परमीशन दे दी। फिर मैं घर से निकल गई, और निखिल को फ़ोन किया कि वो कहा था। तो उसने कहा कि वो मेरे घर के राईट साइड में जो चौराहा है, वही खड़ा था।

    मैं जल्दी-जल्दी वहाँ पहुंची। निखिल की कार चौराहे के थोड़ा साइड में खड़ी थी। और निखिल भी कार के बाहर मेरा वेट करते हुए खड़ा था। मैं जाकर उससे मिली। फिर हमारी थोड़ी बात हुई। उसके बाद निखिल ने कहा “चलो रोमा कार में बैठो, हम लॉन्ग ड्राइव पर चलते है।” तो मैं कार में बैठ गई। निखिल ने भी कार स्टार्ट की, और वो कार चलाने लगा।

    निखिल मुझसे रोमांटिक बाते किये जा रहा था। कुछ ही टाइम बाद हमारी कार सिटी के बाहर आ गई थी। मैंने निखिल से कहा “प्लीज़ निखिल बताओ तो कि हम कहा जा रहे है?” तो निखिल कहने लगा कि “रोमा हम वहीं जा रहे है, जहा कोई आता-जाता नहीं।”

    अब हमारी कार क्यूंकि सिटी से बहार आ गई थी, इसलिए अब निखिल की मस्ती चालू हो गई थी। उसका एक हाथ कार के स्टीयरिंग से हट कर मेरे बूब्स के ऊपर आ गया, और वो बूब्स को दबाने लगा। मैंने उसके हाथ को हटाया और कहा कि “प्लीज़ तुम कार ठीक से चलाओ।” पर निखिल नहीं मान रहा था। कभी वो बूब्स को दबाता, तो कभी मेरी जींस के ऊपर से ही मेरी चूत को सहलाता।

    मैं बार-बार उसका हाथ हटाते जा रही थी, पर वो नहीं मान रहा था। फिर उसने कार चलाते-चलाते ही अपनी पेंट कि चेन खोली, और लंड को बाहर निकाल कर मेरा एक हाथ पकड़ कर मेरे हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया। निखिल का लंड मेरे हाथ में आते ही मेरे अंदर भी कुछ गर्मी सी आ गई, और मैं उसका लंड सहलाने लगी।

    निखिल ने अब कार को हाइवे से उतार कर एक कच्चे रास्ते पर डाल दिया, जो जंगल के अंदर जा रहा था। मैंने निखिल से पूछा “ये तुम कार को कहां लेजा रहे हो।” तो निखिल ने कहा “तुम चुपचाप बैठी रहो। हाइवे पर कार खड़ी करना ठीक नहीं होता, इस लिए हम कच्चे रास्ते से जंगल के अंदर जा रहे है। मैंने ये जगह देखी हुई है। ये बहुत अच्छी जगह है। यहाँ कोई आता जाता नहीं है। यहाँ जंगल के अंदर ही एक छोटा सा झरना है। ये बहुत सुन्दर जगह है, तुम्हे पसंद आयेगी।”

    निखिल ने मुझे बताया कि इस जगह के बारे में उसे उसके एक दोस्त(जो कि उसका लंगोटिया यार था) ने बताया था। और वो अक्सर अपनी गर्लफ्रैंड को लेकर यहाँ आता था। मैं चुपचाप बैठी निखिल के लंड को सहला रही थी। जंगल के अंदर कुछ दूर जाकर निखिल ने एक जगह कार को खड़ी किया, और मुझे कहा “उतरो, मैं तुम्हे ये जगह दिखाता हूँ।“

    मैं कार से उतरी तो देखा कि वहां पर के छोटा सा झरना था। झरने से पानी नीचे गिर रहा था, और नजारा बहुत सुन्दर लग रहा था। हमें वहाँ पहुंचने में लगभग आधा घंटा लगा था। उस टाइम 6:30 हो गए थे, और अंधेरा होने लगा था। निखिल ने कहा कि “देखा रोमा, मैंने कहा था ना ये जगह बहुत सुन्दर है।” मैं उस झरने को देख रही थी, कि तभी निखिल मेरे पास आया, और मुझे अपनी बाहों में ले लिया।

    मैंने भी उसे अपनी बाहों में ले लिया। वो मेरी गर्दन को चूमने लगा। फ़िर उसने मुझे कार से टिका कर मेरी गर्दन को पकड़ कर अपने होंठो को मेरे होंठो पर रख कर उन्हें चूमने लगा। मैं भी उसका साथ दे रही थी।

    अब उसके हाथ गर्दन से खसक कर नीचे आने लगे थे। वो अपने दोनों हाथो को मेरी कमर तक ले आया, और मेरी टी-शर्ट के अंदर हाथ डाल कर टी-शर्ट को ऊपर उठाने लगा। उसने टी-शर्ट को मेरे बूब्स तक उठाया, और बूब्स को दबाने लगा, और साथ ही लगातर वो मेरे होंठो को भी चूमते जा रहा था।

    कुछ देर तक हम दोनों एक-दूसरे को इसी तरह चूमते रहे। उसके बाद निखिल ने मेरी टी-शर्ट और ब्रा दोनों उतार दी, और कार का पिछला गेट खोल कर मुझे उसने कार की पिछली सीट पर लिटा दिया। उसने अपनी भी शर्ट उतार दी। फिर वो मेरे ऊपर आ गया, और मेरे एक बूब्स को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा, और दूसरे को एक हाथ से दबाने लगा।

    मेरे मुँह से अब कामुक आवाजें निकलने लगी। मैं जोर जोर से आह आह करने लगी। फिर उसने मेरे दोनों बूब्स को अपने हाथों में लिया, और उन्हें दबाने लगा। फिर वो कहने लगा कि “कैसा लग रहा है रोमा?”

    तो मैंने कहा कि “अच्छा लग रहा है निखिल, और जोर-जोर से चूसो इन्हे।” वो फिर मेरे बूब्स को चूसने लगा और मैं लगातार उससे बोले जा रही थी “और जोर-जोर से चूसो निखिल, बहुत मजा आ रहा है।”

    मेरे ऊपर एक नशा सा छा रहा था, और मैंने निखिल को अपने दोनों हाथों से जकड़ लिया था। अब मैं अपने आप को रोक ना सकी, और निखिल से शादी के पहले ही चुदने का फैंसला कर लिया।

    अब निखिल ने अपने आप को मेरी बांहो से छुड़ाया, और मेरी जींस के बटन खोल कर मेरी जींस को उतारने लगा। उसने मेरी जींस को पूरी उतार कर आगे की सीट पर रख दिया, और कहा “रोमा तुम तो आज इस पेंटी में बहुत सेक्सी लग रही हो (मैंने उस दिन ब्लैक कलर की ही पारदर्शी पेंटी पहनी थी )।” फिर उसने अपना हाथ मेरी चूत पर रखा, और उसे पेंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा।

    उसने मेरी जांघ के पास से पेंटी को खींच कर अलग किया, जिससे मेरी चूत उसे दिखने लगी। फिर निखिल ने कहा “रोमा तुम्हारी ये चूत के बाल भी बहुत सेक्सी लग रहे है।” उस टाइम मेरी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे।

    फिर उसने अपनी एक ऊँगली मेरी चूत के अंदर डाल दी, तो मेरे मुँह से एक आह निकली। फिर उसने अपना मुँह मेरी चूत के ऊपर रखा, और चूत को चूसने लगा। मैंने उत्तेजना के मारे उसके सर के बाल पकड़ लिए, और उसके सर को अपनी दोनों जांघो के बीच चूत पर दबाने लगी, और जोर-जोर से सिसकियाँ लेने लगी।

    अब निखिल अपनी जुबान को मेरी चूत के छेद में डालने लगा, और मेरी चूत से खेलने लगा। मैं इधर बहुत उत्तेजक हो गई थी, और निखिल को कह रही थी,” निखिल चूसो मेरी चूत को, खा जाओ उसे आज।” निखिल अब और जोर-जोर से मेरी चूत को चूसने लगा, और मैं भी उसके सर को चूत पर दबाने लगी।

    कुछ देर की चूत चुसाई के बाद निखिल कार के बाहर निकला, और अपनी पेंट और अंडरवियर उतार कर कार की आगे की सीट पर रख दिए। फिर निखिल ने मुझे भी खींच कर कार के बाहर किया, और कार से एक कुशन को निकाल कर कार का गेट लगा दिया, और खुद कार के गेट से चिपक कर खड़ा हो गया।

    फिर उसने मुझे वो कुशन दिया और कहा,”लो इसे अपने घुटनों के नीचे रख कर नीचे बैठ कर मेरा लंड चूसो।” मैंने वेसा ही किया। मैंने कुशन को नीचे रखा, और उस पर अपने घुटने टेक कर खड़ी हुई, और निखिल के लंड को अपने हाथों से सहलाने लगी।

    निखिल ने अपना एक हाथ मेरे सर के बालों के अंदर किया, और मेरे सर को पीछे से आगे धकेल कर अपने लंड को मेरे मुँह में डाल दिया। अब मैं उसके लंड को चूसने लगी, और निखिल झटके मारने लगा, जैसे वो मेरे मुँह की ही चुदाई कर रहा हो।

    10 मिनट तक निखिल यूं ही मेरे मुँह की चुदाई करता रहा, और मैं भी बड़े मजे से उसका लंड चूसती रही। फिर निखिल ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया, और कार के बोनट पर लेजा कर बैठा दिया, और फिर से मेरी जांघ के पास से पेंटी को खीच कर थोड़ा साइड किया और चूत को चूसने लगा।

    फिर उसने अचानक अपने मुँह को मेरी चूत पर से हटाया, और मेरी चूत के ऊपर अपना लंड रख कर लंड से चूत को सहलाने लगा।‌उसने मेरी पेंटी को चूत पर से खींच कर और साइड में कर दिया। मैंने उसे कहा कि “पेंटी उतार तो दो, फिर अच्छे से कर सकोगे तुम।” तो उसने मना कर दिया, और कहा कि “नहीं मुझे ऐसे में ही मजा आ रहा है।”

    निखिल बस अपने लंड से मेरी चूत को सहला रहा था। वो चूत में लंड नही डाल रहा था। वो मुझे तड़पा रहा था। फिर मुझे कार का बोनट गर्म लगने लगा तो मैंने निखिल से कहा कि “निखिल मुझे बोनट गर्म लग रहा है, चलो कार के अंदर ही चलते है।”

    तो उसने कहा “ठीक है।” और उसने मुझे फिर से अपनी गोद में उठा कर मुझे कार की पिछली सीट पर लिटा दिया। फिर वो भी कार के अंदर आ गया। मेरा एक पैर सीट के नीचे था, और मेरे दूसरे पैर को निखिल ने उठा कर अपने कन्धे के ऊपर रख लिया।

    निखिल ने भी अपना एक पैर सीट के निचे रखा, और पैर को घुटने के पास ले कर मोड़ लिया। फिर निखिल ने मुझे अपनी तरफ खींचा, और अपने लंड को मेरी चूत पर टिकाया, और लंड को जोर से चूत के अंदर धकेला। जिससे मेरे मुँह से चीख निकली, और निखिल का आधा लंड मेरी चूत के अंदर चला गया।

    फिर निखिल ने मेरे बूब्स को पकड़ लिया, और उन्हें दबाने लगा। मेरे मुँह से और आह आह आह करके सिसकारियां निकलने लगी।

    बाकी की कहानी अगले भाग में।

    तो ये थी दोस्तों मेरी आज की कहानी। मैं उम्मीद करती हूं कि आप सभी को मेरी ये कहानी पसंद आई होगी। आप सब को ये कहानी कैसी लगी, आप मुझे बताइयेगा जरुर। मैं आप सभी की मेल का इंतजार करूँगी।

    मेरा मेल आई डी है: [email protected]

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