Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 54

कमसिन कातिल कामिनियाँ भी होती कुर्बां कुर्बानी पर। न्यौछावर कर देती वह सब कुछ ऐसी वीरल जवानी पर। पढ़िए और एक नए एपिसोड मजा लीजिए।

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 53

सुनीता ज़िंदा बचती है या नहीं, जस्सूजी सुनीता को बचा पाते हैं या नहीं और क्या जस्सूजी खुद बच पाते हौं या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा।

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 51

सुनीलजी ने आगे पोजीशन ले ली, करीब ५० कदम पीछे सुनीता और सबसे पीछे जस्सूजी गन को हाथ में लेकर चल दिए। बारिश काफी तेज होने लगी थी।

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 50

गर्मी और पसीने के मारे जस्सूजी, सुनीलजी और सुनीता की हालत खराब थी। ऊबड़खाबड़ रास्ते पर इतना लंबा सफर वह भी घोड़े पर हाथ पाँव बंधे हुए करना थकावट देने वाला था।

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 49

काफिले के पीछे उनके पालतू हाउण्ड घोड़ों के साथ साथ दौड़ पड़े और देखते ही देखते काफिला सब की आंखोंसे ओझल हो गया। उस समय सुबह के करीब ११३० बज रहे थे।

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 48

नीतू और कुमार की मैथुन लीला देखने के बाद सुनीता को जस्सूजी का रवैया काफी बदला हुआ नजर आया। अब वह उनकी कामनाओं और भावनाओं की कदर करते हुए नजर आये।

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 47

नीतू की चुदाई देख कर सुनीता की चूत में भी अजीब सी जलन और हलचल हो रही थी। उन्हें चोदने के लिए सदैव इच्छुक उसके प्यारे जस्सूजी वहीं खड़े थे।

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 46

सुनीता ने जस्सूजी का हाथ थामा और दोनों चुपचाप नीतू और कुमार जिस दिशा में गए थे उस तरफ उनके पीछे छिपते छिपाते चल पड़े। जिसे ज्योतिजी और सुनीलजी ने देख लिया।

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 45

कैंटीन में सुनीता और ज्योतिजी की मुलाक़ात नीतू से हुई। उसके पति ब्रिगेडियर खन्ना साहब कहीं नजर नहीं आ रहे थे। नीतू ने घुटनों तक पहुंचता हुआ स्कर्ट पहना था।

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 44

सुनीलजी की बात से सेहमी हुई सुनीता बिना कुछ बोले सुनीलजी के एक के बाद एक धक्के झेलती रही। सुनीलजी ने सुनीता की टांगें अपने कंधे पर रखी हुई थी।

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 43

सुनीता ने अपने पति को झाड़ तो दिया पर उनकी बातें सुनकर वह बहुत गरम हो गयी थी। उसकी चूत में से रस चू ने लगा था। पर वह जस्सूजी से तो चुदवा नहीं सकती थी!

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 42

दोनों कमरे पूरी तरह प्रकाशित थे। सुनील ज्योति और जस्सूजी को अच्छी तरह प्यार करते हुए देख सकते थे। जस्सूजी ने ज्योति के कानों में कुछ कहा।

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 41

सुनीता को याद आया की जस्सूजी ने अपनी पत्नी ज्योति को भी यह शब्द कहे थे। सुनीता सोच रही थी की इन शब्दों में कितनी सच्चाई थी।

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 40

जब धीरे धीरे सब ने अपने होश सम्हाले तब कैंप के मुख्याधिकारी ने एक के बाद एक सब का परिचय कराया। जस्सूजी का स्थान सभा के मंच पर था।

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 39

कर्नल साहब (जस्सूजी) ने काफी समय पहले ही कैंप के मैनेजमेंट से दो कमरों का एक बड़ा फ्लैट टाइप सुईट बुक करा दिया था। जिसमे वो सब रुकने वाले थे।

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 38

जान बचाने की छटपटाहट के मारे सुनीता ने जस्सूजी के लण्ड को कस के पकड़ा और उसे पकड़ कर खुद को ऊपर आने की लिए खिंच कर हिलाने लगी।

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 37

कई बार सुनीता को बड़ा अफ़सोस होता था की उसने तैरना नहीं सीखा था। काफी समय से सुनीता के मन में यह एक प्रबल इच्छा थी की वह तैरना सीखे।

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 36

इस एपिसोड में पढ़िए कैसे ज्योति और सुनील के दो जिस्म एक हो गए, और उन दोनों ने इस सम्मलेन का खूब आनंद उठा या नहीं? इसके लिए पढ़िए और जानिए!

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 35

अपने आपको सम्हालते हुए ज्योति ने इधर उधर देखा। वह दोनों वाटर फॉल के दूसरी और जा चुके थे। वहाँ एक छोटा सा ताल था और चारों और पहाड़ ही पहाड़ थे।