पड़ोसन बनी दुल्हन-58

मैंने कुछ ना बोलते हुए, मेरे जेठजी के होँठों से फिर अपने होँठ सख्ती से कस कर मिलाये और उनके मुंह में अपनी जिह्वा डालकर उनके मुंह की लार मैं चूसने लगी।

पड़ोसन बनी दुल्हन-57

रोमाँच के मारे मेरी चूत का बुरा हाल हो रहा था। मुझे लगा की मेरी चूत इतनी तेजी से पानी छोड़ रही थी की मुझे डर लग रहा था की कहीं मेरे कपडे ही गीले ना हो जाएँ।

पड़ोसन बनी दुल्हन-56

जेठजी ने मेरी साड़ी निकाल कर एक तरफ कर दी। मैंने अपनी बाँहें जेठजी के गर्दन के इर्दगिर्द फैलायीं और उनके होंठों पर आने होँठ भींच कर मैं जेठजी के होँठ चूसने लगी।

पड़ोसन बनी दुल्हन-55

जब चुदाई के लिए मन में तीव्रेच्छा होती है, जब हवस दिमाग पर हावी होता है तो सिर्फ एक औरत को चोद कर या एक ही मर्द से चुदवा कर मन नहीं भरता।