जैसा बाप वैसा बेटा-6 (Jaisa Baap Waisa Beta-6)

पिछला भाग पढ़े:- जैसा बाप वैसा बेटा-5

हैलो दोस्तों, मैं आसिफ, सेक्स कहानी के अगले भाग में आपका स्वागत करता हूं। इससे पहले के भाग ज़रूर पढ़े। यह कहानी मेरे एक रीडर की है।

अब असलम और आसिफ घर आते रहते है, और संगीता को खूब चोदते है। संगीता भी पूरे मजे लेती है दो जवान लड़कों के साथ। ऐसे ही चुदाई का खेल चलता है उन तीनों के बीच, और कभी-कभी हामिद और सलीम भी घर आ जाते और संगीता को चोदते है।

इसी बीच मेरी बहन काव्या अपने ससुराल से आती है थोड़े दिनों के लिए। इस कारण सब का घर आना बंद हो गया। काव्या को इन सब के बारे कुछ नहीं पता था। उसको नहीं पता था, कि उसकी संस्कारी दिखने वाली मां कितनी बड़ी चुदक्कड़ थी। पर संगीता को बहुत तलब हो रही थी लंड लेने की। उसकी चूत को लंड चाहिए था, पर काव्या के होते हुए वो किसी को घर नहीं बुला सकती थी।

एक दिन काव्या सुबह से अपनी दोस्त के घर चली जाती है, और संगीता के पास बहुत अच्छा मौका था चुदने का। तो वो उनके ग्रुप में मैसेज करती है।

संगीता: हैलो मेरे जवान घोड़ों।

आसिफ: बहुत दिनों बाद मैसेज आया तेरा।

असलम: किसका ले रही थी कुतिया?

संगीता: अरे किसी के साथ नहीं। मुझे मन है आज चुदने का।

असलम: हां तो आज आ जाता हूं मेरी रानी।

आसिफ: मैं बाहर हूं, नहीं आ पाऊँगा।

संगीता: हां तो असलम जी आप आ जाओ। 11 बजे आ जाना।

असलम: ठीक है, तैयार रहना बिलकुल सज-धज के।

संगीता: हां मेरे मालिक।

काव्या अपनी दोस्त के घर चली जाती है, और संगीता असलम को काल करके बुला लेती है। मैं भी घर पर ही होता हूं, और थोड़ी देर बाद डोर बेल बजती है। संगीता जल्दी से गेट खोलने जाती है, और सामने असलम खड़ा होता है।

संगीता: आपका ही इंतज़ार था मेरे राजा।

असलम संगीता को गेट पर ही पकड़ लेता है, और किस्स करने लगता है। संगीता भी उसका साथ देती है। मैं सोफ़े पर बैठ कर उनकी चुम्मा-चाटी देखता हूं। संगीता बहुत दिनों से प्यासी थी। वो असलम के होंठों को भूकी शेरनी की तरह चूसने लगती है। असलम का हाथ उसकी गांड पर जाता है, और वो प्यार से उसकी गांड मसलता है। थोड़ी देर गेट पर ही एक-दूसरे को चूमने के बाद दोनों अलग होते है।

असलम सोफ़े पर बैठ जाता है, और संगीता उसकी गोद में बैठ जाती है जैसे दोनों पति-पत्नी हो। मैं सामने बैठ कर दोनों को देखता हूं। संगीता अपना हाथ असलम के लंड पर लाती है, और पजामे के ऊपर से मसलने लगती है।

संगीता: इतना जल्दी तन गया शेर तो।

असलम: तुझे देख कर कुतिया।

असलम उसके होंठ चूसता है, और प्यार से सारी से सारी का पल्लू हटा देता है। वो संगीता के बड़े बूब्स पर बूब्स हाथ फेरने लगता है। उन दोनों को देख कर मेरा लंड भी खड़ा हो जाता है। असलम संगीता के बूब्स दबाने लगता है। उसके होंठ, गले, गाल हर जगह चूमता है, और संगीता भी बड़े मजे से उसका साथ दे रही थी। संगीता उसके कुर्ते के बटन खोलती है, और उसके बालों वाले सीने पर किस्स करने लगती है।

असलम ब्लाउज़ की डोरी खोल देता है और उसकी पीठ पर हाथ फेरता है। संगीता पूरी गरम हो जाती है।

संगीता: बिस्तर पर चलें मेरी जान?

असलम उसको उठा कर बेडरूम की तरफ जाने लगता है। मैं भी खड़ा होता हूं, और उनके पीछे जाने लगता हूं।

संगीता: साले तू यहीं बैठ और देखना काव्या ना आ जाए। दरवाजा खुला है तेरे लिए। यहीं से बैठ कर देख तू इस रंडी की चुदाई‌।

असलम मुस्करा देता है और संगीता को अंदर ले जाता है। पर वो दरवाजा बंद नहीं करता है। असलम उसको बिस्तर पर फेंक देता है, और अपना कुर्ता निकाल फेंकता है। संगीता भी साड़ी निकाल देती है। वो अब ब्लाउस और पेटीकोट में होती है।

असलम उसके ऊपर चढ़ जाता है, और उसको चूमने लगता है। संगीता उसके बाल सहलाती है। असलम पूरे जोश और मूड में उसके जिस्म के मजे लेता है, और प्यासी संगीता भी उसको अपना संस्कारी बदन सौंप देती है।

असलम उसके ब्लाउस के हुक खोल कर ब्लाउस निकाल देता है। संगीता के बड़े बूब्स उसके सामने आजाद हो जाते है। वो दोनों को बारी-बारी चूसता है। संगीता की सिसकियां निकालने लगती है, और मुझे बाहर तक सुनाई देती है।

असलम संगीता के चूचे चूसता है। अपना मुंह उसके चूचे में घुसा देता है। संगीता के मुंह से सिसकियां असलम को और जोश दे रही थी। पूरे बूब्स नोचड़ देता है संगीता के असलम। वो संगीता के पेटीकोट निकाल देता है। उसने अंदर पेंटी नहीं पहनी थी। संगीता की क्लीन चूत असलम के सामने थी।

असलम भी कपड़े निकाल कर नंगा हो जाता है। उसका खड़ा लंड संगीता के सामने था। बड़ा काला मोटा लंड देख संगीता की आंखों में चमक आ जाती है। संगीता उसको हाथ में लेकर सहलाती है और कहती है-

संगीता: बड़े दिनों बाद मेरी प्यास बुझेगी।

संगीता बड़े प्यार से लंड को मुंह में लेती है, जैसे उसको कोई खजाना मिल गया हो। वो धीरे-धीरे लंड चूसती है, गोटे चूसती है। असलम भी बड़े मजे से लंड चुसा रहा था‌।

असलम: हां चूस कुतिया, बड़े दिनों बाद मिली है तू।

संगीता: हां मेरे मालिक, आज आपका हथियार और ज्यादा अच्छा लग रहा है।

मैं बाहर से सब देखता हूं, वो दोनों एक-दूसरों को कितना प्यार कर रहे थे। संगीता असलम के लंड को पूरे मजे देती है। असलम उसके बूब्स दबाता और उसकी गांड मसलता है।

संगीता: असलम जी अब जल्दी से मेरी चूत में आपका लंड डाल दो। मेरी बेटी आ जाएगी नहीं तो।

असलम: हां ठीक है मेरी रंडी।

असलम उसको अपने ऊपर बिठा लेता है। मेरी तरफ उसकी गांड होती है। असलम के सामने संगीता उसके लंड पर बैठी थी। फिर संगीता असलम के लंड पर उछालने लगती है। असलम उसके बूब्स दबा-दबा कर चूसने लगता है। संगीता अपना पूरा अनुभव दिखाती है, और लंड पर उछलती है। असलम पूरे मजे लेता है। असलम उसकी कमर पकड़ के नीचे से झटके देता है। संगीता पूरे मजे से चुदती है।

संगीता: हां ऐसे ही मेरे राजा। चोदते जा, बहुत दिनों बाद लंड मिला है।

संगीता की सिसकियां चीखे और मजा देती है। असलम उसके बूब्स पर थप्पड़ मारता है, “साली छिनाल और जोर से उछल।”

संगीता भी जोर-जोर से लंड पर उछलने लगती है‌। उसका पूरा बदन हिलता है। मैं पीछे से सब देखता हूं, उसकी गांड पूरी हिलती है। संगीता की चूत पानी छोड़ देती है। अब लंड और आराम से उसकी चूत में जाता है। संगीता थक जाती है, और असलम के ऊपर से नीचे आ जाती है। अब असलम उसके ऊपर चढ़ जाता है, और उसको किस्स करने लगता है।

फिर एक ही झटके में पूरा लंड अंदर घुसा देता है। संगीत की सिसकियां निकलने लगती है। वो पूरे जोश में संगीता की चूत चोदने लगता है। संगीता पूरी जन्नत में थी। इतने दिनों बाद उसकी चुदाई हो रही थी, और वो पूरे मजे ले रही थी। असलम जोर-जोर से उसकी चूत में झटके दे रहा था। संगीता की हर झटके में सिसकियां निकाल रही थी। उसके बूब्स हिल रहे थे। असलम स्पीड में उसको चोदता है।

अब वो थक जाता है, और अपने चरम पर होता है। संगीता को इशारा करता है। वो जल्दी से असलम का लंड मुह में ले लेती है, और चूसने लगती है चूसते-चूसते असलम सारा माल संगीता के मुंह, बूब्स मंगलसूत्र पर निकाल देता है, और बिस्तर पर ही निढाल हो जाता है।

संगीता भी थक कर असलम के बगल में सो जाती है। दोनों पूरे थके नंगे लेटे हुए थे। थोड़ी देर बाद संगीता बाथरूम जाती है, और अपने आप को साफ करके फिर से असलम के ऊपर आ जाती है। वो उसको किस्स करने लगती है, और लंड सहलाती है। दोनों फिर‌ से गरम होने लगते है।

संगीता: इतने दिनों बाद मिली आपसे, पर मजा आ गया मेरे असलम।

असलम: मुझे भी, मेरी कुतिया।

दोनों फिर से किस्स करते है। असलम संगीता के बूब्स मसलता है। इतने में घर की डोर बेल बजती है। संगीता डर जाती है‌। मैं दरवाजे में से देखता हूं काव्या आ चुकी थी, और बाहर खड़ी थी।

कहानी पढ़ने के लिए सब का शुक्रिया। अपना अनुभव सांझा करे मेरे साथ [email protected] पर‌।

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