पिछला भाग पढ़े:- खड़े लंड पर धोखा-2
हिंदी सेक्स कहानी के अगले पार्ट में आपका स्वागत। शुरू करते है-
हमारी रसोई से वह कमरा एक किवाड़ द्वारा जुड़ा हुआ था। वह किवाड़ हमेशा बंद ही रहता था। पर वह पुराने फट्टों से बना किवाड़, कहीं टूटा तो कहीं फटा हुआ होने के कारण, किसी अति जिज्ञासु व्यक्ति को अंदर का हाल सुराखों के बीच में झांकने और सुनने से नहीं रोक सकता था। उस कमरे में अलग से दाखिल होने का सही दरवाजा पीछे से था।
बिमला कई बार उसके प्रेमी को उस कमरे में बुला कर उससे चुदवाती थी। बिमला ने दीपा को यह बात पहले ही साफ़-साफ़ बता दी थी, कि कभी-कभी वह उस कमरे में अपने प्रेमी को चुदाई के लिए बुलाएगी। दीपा का इस मामले में बिमला को पूरा समर्थन मिला था।
कई बार जब दीपा नहाने जाती थी तो अपनी पीठ पर साबुन लगाने के लिए बिमला को बाथरूम में बुला लिया करती थी। मुझे पता था कि बिमला बिलकुल खुली साफ़ बात करती थी, और ख़ास कर दीपा से कोई लिहाज नहीं करती थी। दोनों एक-दूसरे के सामने नंगी होकर कपड़े बदलने में कोई शर्म नहीं महसूस करती थी।
दीपा ने बिमला को पूरी तरह छूट दे रखी थी कि जब चाहे वह अपने प्रेमी को बुलाये और मौज करे। बिमला दीपा को पहले से ही बता देती थी, जब वह अपने प्रेमी को कभी दोपहर तो कभी रात भर के लिए बुलाती थी, और उससे चुदवाती थी। कई बार दीपा उनकी चुदाई की आवाजें रसोई में से सुनती रहती थी। एक दो बार तो मैंने भी रात को उनकी चुदाई की आवाजें सुनी थी। पर कोई किसी को कुछ नहीं कहता था, और यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहता था।
जिस दिन बिमला मेरी ऑफिस में आयी और जब वह वापस घर गयी, तब दीपा से मिली और दोनों में बात हुई। जब मैं दफ्तर से घर आया तब दीपा ने मुझे बताया कि, “कुछ बात हुई है। बिमला रात को खाना खा कर वापस आएगी, और रात को हमारे साथ ही रुकेगी। तब फिर बात आगे बढ़ेगी।”
रात को करीब साढ़े नौ बजे बिमला आ गयी। हम सब भी खाना खा कर फारिग हो चुके थे। बिमला के आते ही हम तीनों पलंग पर बैठे। बिमला कुछ बोले उससे पहले दीपा ने कहा, “बिमला कहती है आप मेरे पहले के कारनामों के बारे में सुनना चाहते हो? तो ठीक है, मेरे कारनामों को सुनने के बाद आप मुझे घर से निकाल दोगे तो कल सुबह मैं खुद चली जाउंगी।”
मैंने दीपा को शांत करते हुए कहा, “डार्लिंग, तुमने ज्यादा से ज्यादा कॉलेज में लड़कों से चुदवाया ही होगा ना? इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। मैं क्यों निकालूंगा तुम को घर से? मैं खुद कोई दूध का धुला हुआ नहीं। मैंने तो तुमसे शादी करने के बाद भी कुछ कारनामें किये हैं। तुम्हारी यह बिमला मेरे एक कारनामे की गवाह है। मैंने इसे सौगंध दी थी तुमसे ना कहने के लिए।
पर अब जब तुम अपने अतीत के बारे में बता ही रही हो तब मैं भी तुम्हें बताने से पीछे नहीं हटूंगा। पहले तुम मेरी कॉलेज के जमाने की और अभी कुछ महीनों पहले की भी गन्दी करतूतों के बारे में गन्दी भाषा में सुन लो। लेकिन तुम मुझे छोड़ कर कहीं जाओगी नहीं। बोलो मंजूर है?”
मेरी बात सुन कर दीपा हंस पड़ी और बोली, “दिलीप अब हम जो चाहे बोलें जिन शब्दों में चाहे बोलें, पर कुछ भी छिपाए ना, बस।”
मैंने कहा, “डार्लिंग, तुमने ज्यादा से ज्यादा कॉलेज में लड़कों से चुदवाया ही होगा ना? मैंने जो कुछ किया है कॉलेज में और शादी के बाद भी उसके मुकाबले तुमने कुछ भी नहीं किया होगा। तो चिंता मत करो, मैं नाराज नहीं होऊंगा, बल्कि मैं तो खुश होऊंगा कि तुमने कॉलेज में अच्छे से अपने बॉयफ्रेंड से चुदवाया और अब मुझे सब सच-सच बता दिया। अब मेरे लिए भी छिपाने के लिए क्या रह गया है? तुम्हारी बिमला ने भी शादी के बाद का मेरा कारनामा देखा और सुना है।”
यह कह कर मैंने मेरी मंजू के साथ हुई चुदाई के बारे में शुरू से अंत तक सारी बातें मेरी पत्नी दीपा को कह दी। मैंने आखिर में कहा, “यह तो शादी के बाद की बात थी। अब मेरी कॉलेज की करतूतों के बारे में भी सुनोगी?”
दीपा: अब तो मैं पूरा सुनूंगी और आप को सब कुछ बिना छिपाए कहूंगी। अब आप ने और यह आपकी लाडली बिमला ने हम सब को एक-दूसरे के सामने नंगा कर दिया है तो अब क्या छिपाना? कॉलेज के कारनामें भी बिंदास कह दो। मैं देखूं तो सही कि मेरे पति का लंड जवानी में कितना कूदता था?”
मैंने कहा, “मैं कॉलेज में बड़ा ही हैंडसम हुआ करता था। कॉलेज में एक लड़की थी। निधि नाम था उसका। मुझसे बड़ी ही इम्प्रेस्सड थी। वह कई बार मुझ से नोट्स लेने घर आ जाया करती थी। मैं उस पर लाइन मारने लगा था। वह भी लाइन दे रही थी। पहले तो हम पार्क में या बेंच पर इधर-उधर एक-दूसरे से सट कर बैठ कर बातें करते थे। और तब मैं उसके बूब्स और गांड को ताड़ता रहता था। फिर मैंने उसको छूना शुरू किया। एक दिन मैंने उस की गांड को दबाया और उसके गालों को चूमा। वह मुस्कुराती रही।
ऐसा करते-करते एक बार जब घर में कोई नहीं था, तब बातें करते हुए जोश में आ कर मैंने उसे बाहों में पकड़ कर होंठों को चूम लिया, और उसके ब्लाउज में हाथ डाल कर उसके बूब्स को खूब सहलाये। फिर मेरा लंड बाहर निकाल कर उसको पकड़ा दिया। उस लड़की ने उसे हिला कर मेरा माल निकाल दिया।
यह दो-तीन बार हुआ। फिर एक दिन जब घर में कोई नहीं था, तब वह घर में ख़ास प्लानिंग के साथ आयी और हमने जम कर चुदाई की। उस लड़की के साथ तीन-चार बार चुदाई का मौक़ा मिला। इसके अलावा कॉलेज के बाद पर शादी से पहले एक और शादी-शुदा औरत से भी दो-तीन बार चुदाई हुई। बस इतना ही।”
दीपा मेरी बात सुन कर कुछ सहम सी गयी। फिर मुझे बोली, “आप तो कमाल हो! इतना कुछ करने के बाद कहते हो, बस इतना ही? आप तो पहले से ही बड़े चालू थे।”
मैंने कहा, “देखो डार्लिंग। मैंने तो अपनी कहानी सूना दी। अब आप अपनी कहानी सुनाओ।”
मेरी बात सुन कर दीपा कुछ सहमी सी झिझकती हुई बोली, “देखिये, अगर मुझे पता होता कि आप इतने उदार दिल के हैं और मेरे कारनामों को सुन कर भी बर्दाश्त कर लेंगे, तो मैंने उन्हें आप से नहीं छिपाया होता। मैं नहीं चाहती थी कि हमारे बीच में कोई मनमुटाव हो। पर अब मेरी कहानी भी सुनिए।
“कॉलेज में मैं काफी फेमस थी। कॉलेज में मेरे बॉयफ्रेंड बनने के लिए मेरे पीछे कई लड़के पड़े थे। पर मैंने जान-बूझ कर कोई बॉयफ्रेंड नहीं बनाया। बस एक लड़का था कॉलेज में नीरज नाम का, वह धक्के से मेरा बॉयफ्रेंड बन गया। वह एक साल सीनियर था। पढ़ाई में अव्वल और बड़ा ही स्ट्रांग, हैंडसम और काफी स्मार्ट था।”
नीरज का नाम लेते ही मैंने दीपा के चेहरे पर एक अजीब तरीके का मोह के वश मंत्रमुग्ध हो उस तरह का हल्का सा पागलपन सा भाव महसूस किया।
यह कह कर दीपा चुप हो गयी। मैंने उसे उकसाते हुए कहा, “नीरज धक्के से तुम्हारा बॉयफ्रेंड कैसे बन गया?”
दीपा ने मेरी और देख कर चेहरे पर कोई भी भाव ना दिखाते हुए कहा, “मेरे सेकंड ईयर में एक बार मुझे पढ़ाई में कुछ दिक्कत हुई तो कॉलेज की एक लड़की के कहने पर मैं नीरज के पास गयी। उस दिक्कत को नीरज ने कुछ सेकंड में ही हल कर दिया। वैसे हमारी पहचान हुई। नीरज मेरे पीछे पड़े थे कि मैं उनकी गर्लफ्रेंड बनूं। नीरज को मैंने साफ़ मना कर दिया क्योंकग मां नहीं चाहती थी कि पढ़ाई से ध्यान हटा कर मैं किसी बॉयफ्रेंड के चक्कर में पड़ूं। तब नीरज ने मुझे कहा, “ठीक है, तुम मेरी गर्लफ्रेंड मत बनना, पर मुझसे पढ़ाई करने में तो तुम्हें कोई हर्ज नहीं है ना?”
आगे की हिंदी सेक्स कहानी अगले पार्ट में।
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