पड़ोसी लड़कों की हवस का शिकार हुई छोटी बहन-5 (Padosi ladkon ki hawas ka shikar hui chhoti behan-5)

पिछला भाग पढ़े:- पड़ोसी लड़कों की हवस का शिकार हुई छोटी बहन-4

बहन की चुदाई कहानी अब आगे-

अमर मेरी बहन की ताबड़तोड़ चुदाई कर रहा था। फिर उसने समर को भी साथ ज्वाइन कराया और उसको लंड बहन की चूत में डालने को बोला। अब आगे-

इतना कहते ही अमर ने सपना की कमर को पकड़ कर उठा लिया और जोर से बिस्तर पर पटक दिया। तभी विनय ने मुझसे बोला कि, “भाई ये साला तो हवसी है साला। ऐसी चुदाई मैंने कभी नहीं देखी। रोको भाई, नहीं तो ये दोनों साले सपना को कहीं का नहीं छोड़ेंगे।”

मैं: अमर भाई दरवाजा खोलो। अब रहने दो भाई, छोड़ दो सपना को।

अमर: चुप बहनचोद भड़वे, साले तू अब चुप रह। अब तू देख केवल, कि सपना जैसी माल लौंडिया को चोदते कैसे हैं। भड़वों सालो तुम दोनों कुछ कर ही नहीं पाए हो। अभी तक तुम लोगों ने चोद ही नहीं पाया है, वरना ये दूसरे लंड पर कभी जाती ही नहीं साली। तुम दोनों ने बस इसके अन्दर की वासना जगाई थी और मजा पूरे मोहल्ले के लौंडे, जिम वाले लड़के और कालेज के टीचरों ने लिए। आज से देखना ये किसी भी लंड को नहीं पसन्द करेगी।

इतना कहते ही अमर नीचे लेट गया और सपना को अपने ऊपर लेटने को बोला। तो सपना आनाकानी करने लगी। तभी पीछे से समर ने सपना को पकड़ा और उसको लेकर अमर के ऊपर लिटा दिया। तो अमर ने अपने लंड को सपना की चूत पर सेट किया और फिर समर को भी बोला कि वो भी अपना लंड सपना की चूत में सेट करके झटके लगाना शुरू करे।

समर ने जैसे ही अपने लंड को सपना की चूत में हल्का सा घुसाया, तो अमर का लंड भी साथ ही साथ अन्दर जाने लगा। तो सपना जोर से चिल्लाई, “ओहहहहह नो, प्लीज रुक जाओ। ऐसा मत करो, रुक जाओ।” पर दोनो बिना रूके एक-दूसरे का साथ देते हुए सपना की चूत फाड़ने लगे।

दो-दो लंड एक साथ घुसने से सपना चीखने-चिल्लाने लगी। पर दोनों और जोर-जोर से चोदने लगे, तो सपना की सिसकारियां निकलने लगी। फिर देखते ही देखते सपना की चूत भी फैलने लगी। कुछ ही देर में सपना की चूत से फव्वारा निकल गया, पर ये दोनों फिर भी बिना रुके हचर हचर हचर हचर झटके मारे जा रहे थे।

फिर दोनो ने सपना को घोड़ी बनाया और जम कर चुदाई की, और फिर अमर ने समर को इशारा किया कि, “तुम अकेले मजे लो, तब तक मैं एक सिगरेट फूंक लेता हूं।”

पर कुछ देर धक्कम-पेल ठुकाई करने के बाद सपना थक चुकी थी। तो समर ने सपना को अपनी कमर पर बिठा कर खड़े-खड़े चोदना शुरू किया। अब सपना की बड़ी गांड से थप थप थप थप की आवाज आने लगी। ये सब देख मैं और विनय भी पागल हो रहे थे। पर कुछ देर चुदाई करने के बाद समर ढीला पड़ने लगा।

अमर ने जब देखा कि समर अब ढीला पड़ रहा था चोदने में, तो वो समर को उत्तेजित करने के लिए उसके अन्दर का हैवान जगाने लगा, और बोलने लगा-

अमर: क्यूं बे भड़वे, निकल गयी हेकड़ी? तू तो बड़ी-बड़ी बातें बोला करता था कि भैया अगर सपना मिल गयी चोदने को तो पटक-पटक कर चोदूंगा। उसकी सारी नस ढीली कर दूंगा। क्या हुआ भड़वे साले? अगर एक मां की औलाद है तो पटक-पटक कर चोद उसे साले भड़वे। चोद उस रंडी को। उसकी चूत में लंड हचक-हचक कर पेल।

इतना सब सुन कर समर पागल हो गया। उसने तुरन्त सपना की कमर को पकड़ कर अपनी आगोश में कस लिया, और उसकी चूचियों को मुंह मे भर लिया। फिर अपने लंड को सपना की चूत के फांको के बीच रख कर बोला, “देख अमर, मैं किस मां की औलाद हूं।” ये कहते हुए अपना 7.5 इंच लम्बा मूसल सा मोटा तगड़ा लंड हचाक से पेल दिया और सपना की चूचियों को काटने लगा।

सपना कहने लगी, “प्लीज छोड़ दो मुझे, भगवान के लिए मुझे छोड़ दो। उहहहहह आहहहहहहहह उफ्फ्फफफफफफफ। ओह माय गाड ओह माय गाड। मां मेरी चूत फाड़ दिया ओहहहहहहहहह। तुम बहुत गंदे हो, बहनचोद साले रंडी के लौड़े।”

ये सब सुन समर और पागल सा होने लगा और वो फिर सपना के दर्द को भूल गया। क्यूंकि उधर अमर समर को उकसाने के लिए बोले जा रहा था-

अमर: गजब मेरे भाई गजब, और तेज चोद, फाड़ दे साली की चूत, और तेज घुसा। और तेज, जल्दी-जल्दी चोद। इसे तब तक चोद जब तक इसकी चूत तेरे लंड का रस ना निकाल दे, और चोद इसे घचर घचर घचर घचर चोद। कचूमर बना दे साली की चूत। उठा-उठा कर चोद, कुतिया बना साली को और फटर फटर चोद साली रंडी को।

उधर समर वैसे ही कर रहा था जैसे अमर करने को बोल रहा था। समर ने सपना की चूचियों को मुंह में भर कर फिर काटने लगा। दोनों चूचियों को काट-काट कर लाल कर दिया। सपना की चूचियों पर समर के दांतो के ढेर सारे निशान आ चुके थे।

तभी अमर ने समर को बोला कि, “अब तू चूत चोद, मैं इसकी गांड मारता हूं।” और दोनों ने ऐसा ही किया। अमर ने समर को लेटने का इशारा किया और फिर समर सपना को लेकर लेट गया। समर ने सपना की चूत चोदना शुरू ही किया था कि अमर ने सपना की गांड में कोई क्रीम लगाया और अपने लंड पर ढेर सारा क्रीम लगा लिया ताकि लंड सट सट गांड में जाए।

फिर अमर ने अपने लंड को जैसे ही सपना की गांड पर लंड रखा, तो देखा कि विनय और मैं अभी भी खिड़की पर खड़े होकर देख रहे थे। तो अमर फिर बोला कि, “बीच में टांग मत अड़ाना, तुम भी मजा लो।” तो हम दोनों ने हामी भर दी। फार वो दरवाजा खोल दिया और हम दोनों भी अन्दर आ गए।

उधर समर सटासट चूत में लंड पेले जा रहा था, और समर अपना लंड सपना की गांड में सेट करके धीरे से धक्का लगाया ही था, कि सपना चीख पड़ी। पर अमर अब कहां रुकने वाला था। उसने एक जोर का झटका मारा, तो अमर का आधा लंड गांड में सनसनाते हुए घुस गया।

सपना की आंखो से आंसू निकलने लगे, पर उसकी आवाज निकलती उससे पहले विनय ने सपना का मुंह दबा लिया, तो आवाज दब कर रह गयी। अब सपना और मुझे समझ आ गया था कि अब आज की रात क्या होने वाला था, क्यूंकि अब तीनों दरिन्दे एक साथ मिल चुके थे।

अमर और समर अब सपना की चूत और गांड मारना शुरू कर दिए, और बीच-बीच में अमर सपना की गांड पर थप्पड़ भी मारने लगा। अब पूरे कमरे में सपना की दबी हुई चीख गूंज रही थी। गांड में लग रहे हर झटके की थाप थप थप थप थप थप थप, चूत में लंड के घुसने की आवाज सट सट सट सट फट फट फट फट सुनाई दे रहा था। पूरे रूम में वासना की गूंज थी।

तभी अमर ने सपना के पीठ पर एक किस्स किया और बोला-

अमर: मुझे तुम बहुत अच्छी लग रही हो। मुझे तुम बहुत पसंद हो। तुम बहुत सेक्सी लग रही हो। मुझे तुम्हारी महक पसंद है। मैं तुम्हें बहुत चाहता हूं सपना। मैं चाहता हूं तुम हर रोज ऐसे ही मेरे नीचे रहो, और मैं तुम्हारे जिस्म का रसपान कर सकूं। मैंने आज तक ऐसी लड़की नहीं चोदी।

कहते हुए फिर जोर-जोर का झटका मारने लगा।

सपना: हाँ, ऐसा ही धीरे-धीरे, थोड़ा और तेज़। मुझे ये पोजीशन बहुत पसंद है जब तुम ऐसा करते हो। बहुत अच्छा लगता है “हाँ, ऐसा ही ” हाँ, हाँ!” ओह, बेबी! ओह हाँ और तेज़। मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं, तुम बहुत अच्छे हो, तुम कमाल के हो।

समर ये सब सुन कर और तेज-तेज झटके मारने लगा और साथ ही साथ समर भी तेज झटके मारने लगा। शायद दोनों का माल निकलने वाला था तो उनकी स्पीड बढ़ गयी। जिससे सपना भी मदमस्त हो चुकी थी, आखिर सपना बोल ही पड़ी।

सपना: हाँ, आओ, ज़ोर से, ओह्ह शिट ओह। हां। ओह। ऐसे ही, नहीं हां नहीं हां हां। उम्म्म्म्म्म। रुको रुको रुको, रुको, उन्ह, उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह! ओह, ओह, ओह ओह ओह ओह हां!!!!!! और तेज मारो झटके ओहहहहहहह प्लीज चोद दो मुझे उफ्फफफफफफ फाड़ दो मेरी चूत, खोल दो मेरी चूत का दरवाजा फाड़ दो मेरी गांड, और ऐसा कहते हुए सपना गांड मटकाने लगी।

मुझे समझ आ गया था कि अब तीनों मजे ले रहे थे, तो मैंने भी शामिल होना उचित समझा। तभी अमर और समर मुझे और विनय को बोल ही पड़े कि, “तुम दोनों भी आ जाओ। आज तुम्हारी बहन सपना की सुहागरात है। आज तुम्हारी बहन के चार चार पति हैं, और अगर कहो तो दो पति और बुला लूं।”

आगे जानने के लिए बने रहें आखिर कौन हैं वो दो लोग, और सपना क्या बोलेगी?

कमेंट करके बताएं कहानी कैसी लगी। धन्यवाद।

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