आज मुझे घर से भागे हुए 5 साल हो चुके है। 5 साल पहले मेरी मम्मी को मेरे पिता जी ने घर से निकाल दिया था। मैंने अपनी मम्मी को आखिरी बार उसी समय देखा था। उनको घर से निकालने का कारण मैं अपने आप को मानता हूं। इस कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि मेरी मम्मी को घर से क्यों निकाला गया और मुझे मेरे घर से क्यों भागना पड़ा था।
मेरी मम्मी का नाम अंजली है। उनकी शादी 20 साल की उम्र में ही हो गई थी, और 21 साल की उम्र में मेरा जन्म हो गया। मेरे पिता जी सरकारी मुलाजिम थे और मम्मी से उम्र में काफी बड़े थे। मैं इनका इकलौता बेटा था। मेरे माता-पिता हमेशा लड़ाई करते रहते थे। बचपन से मैंने इन्हें कई बार लड़ाई करते हुए देखा था। मेरी मम्मी गुस्से में मुझे अपने माइके लेके चली जाती थी।
मैं बचपन से ही काफ़ी भोला-भाला लड़का था। मुझे दुनिया की ज्यादा समझ नहीं थी। मेरी मम्मी मुझे ज्यादा प्यार नहीं करती थी और काफी मारा भी करती थी। वो मेरे पिता का सारा गुस्सा मुझ पर निकालती थी। पर ज्यादातर वो मुझे अपने साथ रखती चाहे उन्हें बाजार जाना हो या किसी की शादी हो।
मेरी मम्मी की हाइट 5 फुट 7 इंच थी, और उनका रंग गोरा था। वो शरीर से किसी भी देसी औरत की तरह दिखती थी। वे मोटी थी और उनका शरीर काफी भरा हुआ था। उनकी चूचियां बहुत मोटी और गोल-मटोल थी। मैंने कई बार उनकी चूचियों को देखा था क्योंकि वे मेरे सामने अपने कपड़े बदला करती थी। उनको मुझसे शर्म नहीं आती थी।
मम्मी सूट सलवार ही पहना करती थी। मैंने उनकी चूचियों को तो कई बार देखा था, पर कभी उनकी चूत या गांड नहीं देख पाया। क्योंकि वो मेरे सामने पूरी नंगी नहीं होती थी। वो पहले अपनी कुर्ती बदलती और बाद में अपनी सलवार बदला करती।
मैंने उनको बिना सलवार के देखा था, पर उनकी चूत और गांड के दर्शन नहीं मिले। मैं सोचा करता था कि उनकी चूत कैसी दिखती होगी। मेरी मम्मी ने मुझे उनकी चूत को घूरते हुए भी देखा था और वो मुझे गुस्से में डांट लगाती थी।
मेरी मम्मी मुझसे अपनी मसाज कराया करती थी। उसके लिए वे अपनी कुर्ती तो उतार दिया करती पर सलवार कभी नहीं उतारती। मैं उनकी पीठ पर तेल लगा कर मसाज करता और उनकी कमर पर भी अच्छे से तेल लगाता। मेरे मन में उनकी चूत देखने की आस थी।
मुझे सेक्स के बारे में काफी बाद में पता चला था क्योंकि मेरे ज्यादा दोस्त नहीं थे, और अक्सर लड़कों को सबसे पहले पोर्न और सेक्स के बारे में उनके दोस्तों से ही पता चलता है।
मैंने स्कूल खत्म करने के बाद 1 साल का ड्रॉप लिया था और घर बैठे ही JEE की तैयारी कर रहा था। मेरे पिता ने ऑफिस के बाद अपने दोस्तों के साथ दारू पीना शुरू कर दिया था और उन्होंने मम्मी पे ध्यान देना भी बंद कर दिया था।
हमारे घर में 2 कमरे, 1 किचन और बाथरूम है। मैंने कई बार रात के समय अपने माता-पिता के कमरे से आवाजें सुनी थी पर जब से पापा ने दारू पीना शुरू किया है वो ज्यादा कुछ कर नहीं पाते। एक रात को पापा बहुत ज्यादा पी कर घर आए और मम्मी से लड़ने लगे जिसकी वजह से मेरी नींद टूट गई।
थोड़ी देर के बाद मुझे इनके रूम से चर-चर की आवाज आने लगी। मैंने सोचा कि ये अभी तो लड़ रहे थे और अचानक से इन्होंने सेक्स शुरू कर दिया। पर तभी मेरी मम्मी के गुस्से में चिल्लाने की आवाज आई “ये आप क्या कर रहे है, आपने गलत जगह डाल दिया।” फिर मम्मी मेरे कमरे में आ कर सोने लगी।
सुबह मम्मी जल्दी उठ के घर के सारे काम किया करती और पापा अपने ऑफिस के लिए चले जाते। मैं लेट उठ कर सारा दिन पढ़ाई करता था। फिर रात को मम्मी मेरे रूम में आ कर सो जाया करती। अगले कुछ दिन ऐसा ही हुआ। मेरी मां मेरे साथ सोया करती जिसकी वजह से मेरा रात को मुठ मारना बंद हो गया था।
एक रात मम्मी गहरी नींद में सो रही थी और मैं सो नहीं पा रहा था। मैंने देखा कि मम्मी की सलवार उनकी कमर से हल्की सी नीचे आई हुई थी और उनकी कच्छी भी दिख नहीं रही थी। मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने कई दिन से हिलाया नहीं था, तो मेरे अंदर ठरक भरी हुई थी। मैंने मम्मी की कमर पर अपनी उंगली चलाना शुरू किया।
मैं जानता था कि अगर मेरी मम्मी की नींद टूट गई, तो आज मेरी मौत पक्की थी। मैंने हल्के-हल्के से अपने हाथ चलाना शुरू किया। मैंने मम्मी की कुर्ती उनके पेट के ऊपर कर दी। अब मैं उनके पेट पर भी अपना हाथ फेर रहा था। मेरे दिल की धड़कन बढ़ना शुरू हो गई थी। मुझे मम्मी का नाडा दिखा जो कि आधे से ज्यादा उनकी सलवार के अंदर था।
मेरी बहुत ही फट रही थी। मैंने अपनी 1 उंगली उनकी सलवार के ऊपर की तरफ से डाली और उनका नाडा बाहर निकाला दिया। अब मैंने मम्मी का नाडा खोला और अपना हाथ उनकी सलवार के अंदर डाल दिया। मेरी मम्मी ने अंदर कुछ भी नहीं पहना था। मुझे उनके झाट के बाल महसूस हो रहे थे। मेरी मम्मी ने अचानक से करवट ली और मैंने अपना हाथ बाहर निकाल लिया।
फिर मैंने मम्मी की गांड की तरफ देखा। इस बार मैंने अपना हाथ उनकी सलवार में डाला और गांड को छूने लगा। मेरे दिल की धड़कने बहुत ज्यादा बढ़ गई और बाहर तक सुनाई देने लगी। मेरे पूरे शरीर में खून दौड़ रहा था। मेरी सांसे भी काफी तेज़ हो गई थी। अब मेरा हाथ कांपने लगा था। मैंने अपना हाथ मम्मी की गांड पर फेरना शुरू किया। उफ्फफफाफ इतनी मुलायम गांड, हाय इतनी मस्त थी कि मुझसे अपने आप को संभाला नहीं जा रहा था। मन कर रहा था कि अभी मम्मी को नंगी कर के उनकी चुदाई स्टार्ट कर दूं। पर मैं ज्यादा आगे नहीं बढ़ा। मैंने अपना हाथ पूरी गांड पर फिराया और उसे महसूस किया। बीच-बीच में मैं मम्मी के 1 चूतड़ को दबा भी देता।
मैंने अपना हाथ बाहर निकाला और अपने खड़े लंड को हिलाने लगा। फिर मैं जा कर नारियल का तेल लाया और अपने लंड पर लगा कर मसलने लगा। मैंने सोचा कि मुझसे की सलवार उतार कर अपना लंड घुसा दूं जो होगा देखा जाएगा। पर तभी मुझे घर के गेट को जोर से बंद करने की आवाज आई। पक्का पापा आए होंगे।मम्मी की नींद टूट गई और मैं फटाफट सोने का नाटक करने लगा। पापा अंदर आ कर किचन में जा कर बर्तन निकाल रहे थे, पर टल्ली होने के कारण उनसे कई बर्तन गिर गए।
मम्मी गुस्से में उठी और किचन की ओर जाने लगी। तभी मैंने देखा कि उनकी सलवार उतर गई। पर उनकी कुरती की वजह से उनकी गांड ढक गई थी। उन्होंने फटा फट अपनी सलवार उठाई और किचन की ओर चली गई। फिर वो दोनों किचन में झगड़ा करने लगे। बहुत देर के बाद मम्मी आई और मेरे बेड पे सो गई। मैं अभी भी सोने का नाटक कर रहा था। मुझे लगा कि मम्मी को पता लग गया होगा कि मैंने उनका नाडा खोला था।
अगली सुबह सब नॉर्मल था। मैं देर से उठा और उठ कर पिछली रात के बारे में सोचने लगा। मैंने मम्मी के नंगे चूतड़ दबाए थे, और उनकी चूत को भी छुआ था, पर चूत को ज्यादा दबा नहीं सका। अब मेरे मन में मम्मी के लिए काफ़ी गंदे ख्याल आने लगे थे। मैं कम से कम एक बार मां को पूरा नंगा देखना चाहता था और उनके पूरे शरीर को महसूस करना चाहता था।
इसके लिए मैंने प्लान बनाना शुरू किया। मैंने सोचा कैसे मैं मम्मी को पूरा नंगा देख सकता हूं। मम्मी कभी भी मेरे सामने पूरी नंगी तो होंगी नहीं। तभी मम्मी मेरे रूम में आई और मुझसे बोली कि नहा धो कर तैयार हो जा हमें बाजार से कुछ समान लाना है। मैं मम्मी के आते ही थोड़ा घबरा गया। मेरी धड़कने फिर से तेज़ हो गई। मैं मम्मी से आंखे नहीं मिला पा रहा था।
मम्मी ने मुझसे पूछा: क्या हुआ।
मैंने कहा: कुछ नहीं बस थोड़ी तबियत खराब है।
मम्मी ने कहा: अगर तू नहीं जाना चाहता तो कोई बात नहीं, मैं अकेली चली जाऊंगी।
मैंने कहा: मैं तैयार हूं।
और मैं सीधा बाथरूम में घुस गया। अंदर जाते ही सबसे पहले मैंने मुठ मारी। मैं पिछली रात के बारे सोच कर हिलाए जा रहा था। तभी मेरी नज़र बाथरूम की दीवार पर पड़ी जिसकी बिल्कुल टॉप पर रोशनी के लिए एक छोटी सी खिड़की लगाई गई थी। मैंने सोचा कि मैं इस खिड़की से मां को नहाते हुए देख सकता हूं। पर अगर मैं ऐसा करूंगा तो मेरे पड़ोसी मुझे ऐसा करते हुए देख सकते हैं।
अब अगले पार्ट में आपको आगे की स्टोरी पता चलेगी।