पहली बार लेस्बियन सेक्स कॉलेज मैडम ने करना सिखाया (Pehli baar lesbian sex college madam ne karna sikhaya)

हैलो दोस्तों, मेरा नाम माया है। आज मैं आपको मेरी आप-बीती बताने जा रही हूं, और उम्मीद करुंगी आप अपनी प्रतिक्रिया मुझे बतायेगे कि आपको कैसा लगा।

ये बात उस समय कि है, जब मैं अपनी ग्रेजुएशन के दूसरे साल में थी, और उस वक़्त तक मैं सेक्स नाम की चिड़िया से अनजान थी। क्यूंकि मैं हमेशा अपनी पढ़ाई पर ध्यान देती थी, जिस वजह से मैं क्लास में टॉप करती थी, और ज्यादा समय पढ़ाई में देने की वजह से मेरे दोस्त भी काफी कम थे।

में सेक्स के बारे मैं इतना ही जानती थी कि सेक्स शादी के बाद पति पत्नी से करता है। लेकिन क्या करता है वो नहीं पता था। मैं तब तक शर्माती भी इतना थी कि मैंने तब तक किसी को भी बिना कपड़ों के नहीं देखा था। अब आते है कहानी पर।

एक बार की बात है। एक दिन मैं अपनी फ्रेंड ( पूर्वी ) के साथ कॉलेज के ग्राउंड में लंच कर रही थी। बातों-बातों में समय का पता ही नहीं चला, और लंच टाइम ख़त्म होने की घंटी बज गयी। सब लोग अपनी-अपनी क्लास की तरफ जाने लगे, लेकिन उस दिन क्लास में जाने से पहले मुझे काफ़ी तेज़ बाथरूम जाना था। मैंने पूर्वी से कहा-

मैं: तू चल मैं बाथरूम हो के आती हूं।

पूर्वी: मुझे भी बहुत तेज़ टॉयलेट आयी है। मैं भी साथ चल रही हूं।

उस समय जहां हम लोग खड़े हुए थे, वहां से स्टूडेंट्स का टॉयलेट काफी दूर था, और लेडीज लेक्चरर्स लोगों का टॉयलेट पास में ही था। क्यूंकि हम लोगों को टॉयलेट तेज़ आ रही थी, तो हम लोगो ने सोचा यहीं  लेक्चरर वाले टॉयलेट में कर लेते है। वैसे भी लंच टाइम ख़त्म हो गया है तो कोई टीचर तो आएगा नहीं, और 2 मिनट की बात है बस।

ये कह कर हम लोग लेक्चरर वाले टॉयलेट में घुस गए। अंदर जाते ही हम दोनों थोड़े चौंक गए। टॉयलेट के अंदर टॉयलेट करने के लिए 4 सीट तो थी, लेकिन सभी ओपन थी। बीच में कोई दीवार नहीं, कोई भी पर्दा नहीं, और एक बड़ा सा शीशा लगा था। मैंने किसी को नंगा नहीं देखा था, ना लड़का ना लड़की, तो आपस में हम ये सोच रहे थे कि एक-दूसरे के सामने टॉयलेट करें कैसे।

लेकिन अचानक से मेरी पूर्वी अपनी सलवार खोलने लगी और मेरे सामने ही टॉयलेट करने बैठ गयी। मैंने पहली बार किसी लड़की की उस दिन गांड और चूत देखी। मैंने उससे कहा-

मैं: तुझे शर्म नहीं आ रही, तू मेरे सामने ही नंगी हो के करने लगी?

पूर्वी: मुझे टॉयलेट इतनी तेज आयी है, और तुम्हे शर्म की पड़ी है। वैसे भी इसमें शर्म की क्या बात? तुमने क्या कभी किसी लड़की को नंगा नहीं देखा?

मैं: नहीं।

पूर्वी: हां, तब तो तुम्हे शर्म आएगी। मैंने तो अपने परिवार की अधिकतर सभी लेडीज को नंगा देखा है, कभी टॉयलेट करते तो कभी नहाते हुए, तो कभी कपड़े बदलते वक़्त। अब तुम भी कर लो जो करने आयी थी। वरना पैंटी में ही हो जाएगी।

मैंने भी हिम्मत कर के अपनी सलवार का नाड़ा खोला, और उसी के सामने बैठ के टॉयलेट करने लगी। मैं उसकी ओर और वो मेरी चूत को देख रही थी। हम जल्दी-जल्दी टॉयलेट कर के खड़े हुए, और हाथ धो के बस बाहर निकलने के लिए टॉयलेट का दरवाजा खोलने ही वाले थे कि इतने में हमारी एक लेक्चरर ( शिल्पी ) अंदर आयी। हम उन्हें और वो हम लोगों को देख के चौक गयी, क्यूंकि स्टूडेंट्स को लेक्चरर के टॉयलेट में जाना मना था।

शिल्पी: तुम लोग यहां क्या कर रही हो? तुम लोगों का हम लोगो के टॉयलेट में आना मना है, ये तुम्हे पता नहीं?

पूर्वी: वो मैम हम लोगों को बहुत तेज टॉयलेट आ रही थी, और हम लोगों का टॉयलेट दूर था, तो हम लोग यहां आ गए। सॉरी मैम आगे से नहीं आएंगे।

मैं: सॉरी मैम।

शिल्पी: यही रुको, अभी तुमसे बात करनी है। अब गलती की है, तो पनिशमेंट तो मिलेगी ही।

और ये कह के शिल्पी मैम ने अपनी सलवार का नाड़ा खोल के सलवार को पूरी उतार दिया, और मुझसे पकड़ के रखने को कहा। फिर वो हमारे सामने ही पैंटी को नीचे करके टॉयलेट करने लगी। उनकी चूत हमें साफ दिखाई दे रही थी। उनकी चूत गोरी चिकनी थी, जिस पर एक बाल भी नहीं था, जबकि पूर्वी और मेरी चूत पर उस समय हल्के से बाल थे।

उनकी चूत ऐसी लग रही थी, जैसे उन्होंने सुबह ही चूत के बाल साफ किये हो। उनकी एवरेज साइज गांड भी बहुत ही मस्त लग रही थी। मैं तो उस दिन सब पहली बार देख रही थी। पहले एक लड़की को नंगा देखा। फिर एक औरत को नंगा देख रही थी।

शिल्पी: क्यों माया, ऐसे क्या देख रही हो? पहले किसी औरत को नंगा नहीं देखा क्या?

मैं: हां मैम, वो आज ये सब मैं पहली बार देख रही हूं तो थोड़ा अजीब सा लग रहा है

शिल्पी: और पूर्वी तुम?

पूर्वी: मैंने तो मैम बहुत बार देखा है ये सब। अपने परिवार में मेने तो अधिकतर सभी लेडीज और लड़कियों को नंगा देखा है, यहां तक कि अपनी मोम को भी बहुत बार देखा है। वो हम लोग जब गांव जाते है, तो कभी-कभी खुले में ही टॉयलेट करनी पड़ जाती है, और कई बार तो मेरे सामने ही मोम अपने कपड़े भी बदलने लगती है, तो मैंने तो ये सब देखा हुआ है।

शिल्पी: गुड पूर्वी, मतलब तुम चूत और दूध सब देखी हुई हो, अच्छा है। और तुम माया रुको एक मिनट। मैं हाथ धो लू तब बात करते है।

इतने में शिल्पी टॉयलेट करके खड़ी हुई। अपनी पैंटी ऊपर की और हाथ धोने लगी।

हाथ धोने के बाद वो मेरी तरफ आयी तो मुझे लगा वो अपनी सलवार लेने आयी थी‌। तो मैं अपना हाथ आगे करके उनको सलवार देने लगी, तो शिल्पी ने सलवार लेकर वहीं अलमारी में रख दी।

शिल्पी: माया चलो आज तुम्हे इस चूत और दूध से रुबरु कराती हूं। चलो तुम दोनों अपनी सलवार और पैंटी उतारो, मुझे तुम्हारी चूत देखनी है। और जैसा कह रही हूं जल्दी-जल्दी करती जाओ। वरना मैं स्टाफ रूम से और लोगो को बुलाऊंगी तो वो उतार देंगी सब।

इतना सुनते ही मैंने और पूर्वी ने अपनी सलवार और पैंटी तुरंत उतार दी। लेकिन सूट नीचे होने की वजह से उन्हें चूत दिख नहीं रही थी तो उन्होंने हमें सूट उतारने को भी कहा। अब हम दोनों उनके सामने केवल ब्रा में खड़े थे।

शिल्पी भी अपना सूट ब्रा और पैंटी उतार के पूरी तरह नंगी हो कर हम लोगों के सामने खड़ी हो गयी।

आगे क्या हुआ बताऊंगी मैं कहानी के अगले हिस्से में। उम्मीद है कि आपको मेरी आपको मज़ा आया होगा, और मेरी आगे की आप-बीती जानने में दिलचस्पी होगी।