Train me ek raat: Maya ki kaya-2

This story is part of the Train me ek raat: Maya ki kaya series

    मित्रो, मै माया आंटी की चुत चोदकर मस्त और सुस्त पड़ चुका था, फिर अपना बरमूडा पहनकर मैं वाशरूम में गया और मैं मुंह हाथ धोकर वापस आ गया। तो मैं देखा कि माया ने एक नाईटी पहन ली थी, और अब वो वाशरूम चली गई तो मै अपने बर्थ पर लेटकर एक चादर ले कर लेट गया।

    पल भर बाद माया आकर कूप का दरवाजा बंद करके मेरे सामने खड़ी होकर बोली – क्या हीरो बहुत जल्दी थक गए।

    मै – नहीं माया मैडम, अभी हम लोग और मजा करेंगे बस पल भर का आराम करने दो।

    माया मेरे बरमूडा पर हाथ लगाकर मेरे लंड को सहलाने लगी और वो बोली – अभी लगता है तेरा हथियार पूरी तरह से झड़ा नहीं है।

    मै मुस्कुराया और मैं बोली – हां सेक्सी, दूसरी बार में मेरा हथियार पूरी तरह से झड़ता है।

    तभी माया अपने बर्थ पर जाकर लेट गई, उसके उभारदार चूतड़ देख उसकी गान्ड चोदने का मेरा मन करने लग गया। बियर के नशे में अब मेरा लंड अब फिर से मस्त हो गया था, आज मेरा एक ३७-३८ साल की औरत के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने का ये एक नया अनुभव हुआ था।

    जबकि आज तक मै अपनी बड़ी बहन रिया और चचेरी बहन कामना के साथ संभोग सुख ले चूका था। लेकिन मेरी विधवा चाची मेरे कामुक जीवन का नया अध्याय बन चुकी थी, परन्तु वो ३३-३४ साल की औरत है।

    उसके साथ दो रातें रंगीन करके मै अपने आप को तृप्त कर चुका था। तो अब मैं ट्रेन के अंदर अपने कूप में एक औरत के साथ मजा ले चुका था। लेकिन क्या काम कि भूख या प्यास कभी बुझती है, मै नहीं मानता और मैने मोबाईल में समय देखा तो रात के ०२:२२ बज रहे थे।

    माया करवट लेकर लेती हुई थी, तो उसके गोल गुंबदाकार गान्ड मेरी नज़रों के सामने थी। मुझे औरतों की गान्ड में काफी दिलचस्पी है, मै तभ भी मोबाईल में एक पोर्न वीडियो खोल कर देखने लग गया था।

    ताकि मेरे अंदर का जानवर जल्दी जाग सके और अब मेरा लंड धीरे धीरे जगाने लग गया था। फिर मै उठकर वाशरूम गय गया, और आकर कूप का दरवाजा बंद कर दिया। ट्रेन किसी सुनसान जगह पर खड़ी थी, तो मै माया के पैर के पास धीरे से बैठा और उसके चूतड़ पर हाथ फेरने लग गया।

    लेकिन तभी उसकी नाक की हलकी आवाज आई, और मैं समझ गया की वो गहरी नींद में है। लेकिन संभोग सुख के सामने औरतों कि नींद उड़ जाती है, माया के चिकने चूतड़ की गोलाई पर हथेली रगड़ता हुआ मैं उसकी नाईटी के डोरी को खोज रहा था।

    तभी माया नींद में ही करवट से सीधी हो गई, तो उसकी तेज सांसों के साथ उसके चूची का उभार ऊपर नीचे होने लग गया। मुझे उसकी नाईटी की डोरी भी दिख गई, तो मै उस डोरी की पकड़ धीरे से खोलने लग गया।

    फिर मैंने उसकी नाईटी को दो हिस्सा में कर दिया, उसकी गोरी गोरी बाहों के पास नाईटी को करके उसके गोरे गोरे बूब्स को मैं निहारने लग गया। अब मैं अपना धैर्य खोकर उसके बूब्स को हाथ में थाम लिया।

    फिर मैं उसके बूब्स को दबाने लग गया, तो अब माया के नग्न बदन पर सिर्फ एक पैंटी थी जो कि उसकी चुत को ढक रखी थी। मै अब और ज्यादा कामुक हो चुका था। माया की निद्रा में खलल हो रही थी, और तभी वो आंखें खोलते हुए हड़बड़ा कर मेरे हाथ को पीछे की ओर धकेलने लग गयी।

    माया – ओह दीपक तुम हो, मै तो नींद में थी और मुझे लगा की कोई मेरे बदन को सहला रहा है, लेकिन ये तुम हो कोई बात नहीं।

    ये कहकर माया उठकर बैठी और बेशरम औरत की तरह अपनी नाईटी को बदन से उतारने लग गयी। फिर दोनों बर्थ पर आमने सामने हम बैठ गए, तो वो मेरे गोद में चूतड़ रखकर मेरे कमर से अपने पैर को लपेट कर बैठ गयी।

    अब दो जिस्मों का मिलना होना बांकि था, तो माया मेरे कंधे पर हाथ रख मेरे होंठो को चूमने लग गयी। मेरा हाथ उसके चिकने बदन के पिछले हिस्से को सहलाने लगा, लेकिन माया की कामुकता जाग चुकी थी और वो मेरे होंठो को अपने मुंह में भर कर चूसने लग गयी थी।

    तो उसके बूब्स मेरे सीने से चिपके हुए थे, माया के बदन पर पैंटी के सिवाय अब और कुछ नहीं था। तो अब मेरा लंड बरमूडा के अंदर अब जागने लग गया था, और तभी माया अपने मुंह को खोलकर अपनी काम इच्छा दिखाई।

    तो मै उसके मुंह में अपना जीभ घुसा कर उसको अपने गोद में बिठा कर उसको अपने चिपकाने लग गया। उसके गद्देदार गान्ड का एहसास मैं पा रहा था और उसकी हाथ मेरे बदन को कास कर पकडे हुए थे।

    उसके बूब्स अब मेरे सीने से रगड़ खा रहे थे, तभी मुझे अपने मुंह से लार चुने का एहसास हुआ और मै माया के सर को पीछे धकेल कर जीभ मुंह से निकाल लिया।
    फिर माया मेरी गोद से उठ कर अपनी नाईटी को पहन कर अपना पर्स ले कर वाशरूम में चली जाती है। अब मेरा लंड पूरा खड़ा हो चूका था, अब मैं लेट कर माया का इंतज़ार कर रहा था। मैं चाहता था की माया अब मे लंड चूस कर अच्छे से खड़ा कर दे।
    उसने प्रथम राउंड में चुत तो चटवाई थी लेकिन अब मैंने उससे मुखमैथुन का आनंद लेना था। फिर उसने आकर दरवाज़ा लगया और वो मेरे कमर के पास बैठकर बरमूडा को नीचे करने लग गयी।

    तो मैने उसे पैर से निकालकर अपने लंड को नग्न कर दिया और माया मेरे दोनों जांघों को दो दिशा मै करके उसके बीच बैठ गयी। अब उसने अपनी नाईटी को उतार दिया था। मेरे लंड को पकड़कर अब वो धीरे धीरे हिलाने लग गयी थी।

    माया – दीपक पहले भी तुमने लड़कियों के संग मजा किए हो या ना?

    मै- एक पड़ोस की औरत के साथ शारीरिक सम्बन्ध बना चुका हूं।

    फिर उसने अर्ध रूप से खड़े लंड को पकड़ कर उस पर अपना सर झुकाया और मेरे सुपाड़ा को मुंह में भरकर चूसने लग गयी। तो मेरा लंड टाईट होने लग गया था, तभी माया मेरा पूरा लंड मुंह में लेकर चूसन शुरू कर दिया।

    लेकिन फिलहाल अपने सर को स्थिर रखे हुए थी, तो मेरा हाल खराब था और उसकी मुंह में मेरा लन्ड कड़ा और बड़ा हो रहा था, और मै सिसकियां भर रहा था।

    मैं – माया अब सर का झटका दो ना प्लीज़।

    उसने लंड मुंह से निकला और वो बोली – अरे कुत्ते चुपचाप मजा ले ना।

    फिर वो मेरे लन्ड को जीभ से चाटने लग गयी, तो मेरा लंड पूरी तरह से टाईट हो चुका था। माया लंड को किसी लालीपोप की तरह चाटने लग गयी थी।
    माया अब गरम हो चुकी थी और वो बर्थ पर टांग फैलाए बैठ गई थी। तो मै उसके दोनों पैर के बीच में जमीन पर बैठकर उसके पैंटी को सहलाने लग गया, मैं अपनी नाक को पैंटी पर रगड़ता हुआ उसके दोनों पैर को बर्थ पर रख दिए।

    फिर पैंटी की हुक को खोलकर मैं उसकी चुत का दीदार करने लग गया, दोनों फांक अलग होकर तेज सांसे ले रही थी। तो उसकी चुत के लालिमा को मैं चूमने लग गया, और अब मेरे हाथ उसके बूब्स को पकड़कर दबाने लग गये।

    माया कामुक औरत की तरह चूत का मुहाना खोल रही थी, और मै अपना जीभ घुसा कर उसको चाटने लग गया। शायद वो अपनी चूत को साबुन से धोकर साफ करके आई थी, पर मैंने अपनी जीभ से लपलप कुते की तरह उसकी चूत को कुरेद रहा था।

    अब वो मेरे सर पर हाथ लगाकर मेरे चेहरे को अपनी चूत की ओर धांसाने लगी, तो कुछ देर तक मैं उसकी चूत को चाटता रहा और वो बोली।

    माया – अरे मादरचोद सिर्फ चाटता ही रहेगा कि चोदेगा भी?

    मै चूत को चाटना छोड़ कर बोला – जरूर बे रण्डी

    मै उसकी चूत की दोनों फांक को मुंह में लेकर चुभलाने लग गया, तो माया अब चुदासी चुत में लंड लेने को आतुर थी तो मेरा लन्ड टाईट हो चुका था।

    माया की चुत छोड़ा तो वो बर्थ पर घुटने के बल हो गई, अब उसके चूतड़ उठे हुए थे। मै उसकी गान्ड के सामने खड़ा होकर अपना लंड पकड़ कर खड़ा था। फिर अपने लंड को मैं चूत के सिध में करने के लिए अपने पैर को थोड़ा मोड़ा।

    अब चुत के अंदर सुपाड़ा सहित आधा लंड जा चुका था, तो मै उसके कमर की थाम जोर का झ्टका चूत में देने लग गया।

    लंड उसकी चूत में पूरा चला गया था,तो वो बोली – अबे साले आराम से चूत है कोई गुफा नहीं है।

    मै चोदता हुआ उससे बोला – अबे रण्डी मेरा शेर तेरी गुफा में दौड़ लगा रहा है।

    माया की गरम चुत मै मेरा लंड तेजी से दौड़ रहा था, तो वो अपने चूतड़ को भी हिलाने लग गयी। तो हम दोनों लंड और चुत के मिलन को यादगार बना रहे थे। कुछ पल बाद वो अपने कमर को हिलाते हुए चुत कुटवा रही थी, तो मै सिर्फ खड़ा था।

    ६-७ मिनट तक चुत पेलकर मै चीख और मै बोला – ये ले साली कुती।

    फिर मेरे लंड से वीर्य उसकी चूत में झड़ गया, और फिर माया मेरे लंड चूसकर वीर्य का स्वाद लेने लग गयी।

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