नमस्कार दोस्तों, उम्मीद है आप सब अच्छे ही होंगे। मैं अश्लील बालक फिर से आपके सामने लेकर आया हूं मेरा एक और अनुभव, और इस बार मुझे मौका मिला अपनी ही बुआ की लड़की को चोदने का।
तो दोस्तों बात कुछ ऐसी है कि मेरी बुआ की लड़की की उम्र 35 से ऊपर हो चुकी थी, और अच्छे रिश्ते की तलाश में कई रिश्ते ठुकरा दिए। नतीजा, उम्र ज्यादा होने की वजह से अब उसकी शादी नहीं हो रही थी। और मुझे भी अच्छे से ध्यान था कि मेरी बुआ की लड़की के पहले कई अफेयर रहे थे, और उनसे वो कई बार संबंध भी बना चुकी थी।
मेरी भी उस से फोन पर बात होती रहती थी। तो मैं अक्सर उसको छेड़ता रहता था कि शादी कर ले वरना फिर कोई पूछेगा भी नहीं। तो एक दिन उसने जवाब दिया कि, “जब कोई नहीं पूछेगा तो तू किस काम का…?”
उसके ऐसा कहते ही मेरे दिमाग की बत्ती जल गई, कि कुछ तो बात थी, यानी अब मेरा नंबर लग सकता था। उस दिन के बाद से मुझे जब भी मौका मिलता हम दोनों घंटों बाते करते रहते। इस बीच उसने मुझे उसके पहले के अफेयर के बारे में हर चीज खुल कर बताई।
एक दिन बातों ही बातों में मैंने उसको बोला कि, “मुझे भी तेरे साथ सेक्स करना है।” वो एक दम चौंक गई और मना करने लगी कि, “ऐसा नहीं हो सकता।” लेकिन मैंने थोड़ा जोर डाला तो वो बोली कि सोचते है।
कुछ दिन ऐसे ही बात चलती रही, और एक दिन उसका फोन आया कि उसके परिवार वाले 2–3 दिन के लिए बाहर जा रहे थे। तो मैंने बोला कि, “ठीक है, मैं आने का प्लान करता हूं।” ये कह कर मैंने फोन रखा और मैंने घर पर बहाना बनाया कि, “पेट्रोल पंप के कुछ दस्तावेज है, जिनको लेकर मुझे वहां जाना पड़ेगा। 1–2 दिन लग सकते है।”
और मैं अपनी गाड़ी लेकर निकल पड़ा। 120 किलोमीटर का सफर करने के बाद मैं अपनी बुआ के घर पहुंचा, और गेट बजाया। तो बुआ की लड़की ने गेट खोला। उसने टी-शर्ट और टाइट पजामी पहनी हुई थी।
अब बात करते है बुआ की लड़की के फिगर की। दोस्तों उसके बूब्स काफी बड़े है 36+ और गांड ऐसी गोल और मोटी कि मुर्दे का भी लंड खड़ा कर दे। तो उसके गेट खोलते ही मेरी नज़र तो उसके बड़े-बड़े बूब्स पर टिक गई। वो झेंप गई और फिर मुस्कुराने लगी।
फिर उसने मुझे अंदर हॉल में बिठाया, और हमारे बीच नॉर्मल बात-चीत हुई। तो मैंने उसको रास्ते से लिया हुआ एक गुलाब के फूलों का गुलदस्ता दिया, और फरेरो रोशेर का बड़ा वाला पैक भी दिया। तो वो मंद-मंद मुस्कुराने लगी।
फिर मैंने उसको खड़े होकर गले लगाया और इतना जोर से गले लगाया कि उसके मोटे-मोटे बोबे मेरे सीने पर दबने लगे। गले लगाते हुए मैं उसकी मोटी गांड पर हाथ फेरने लगा, तो उसने कहा, “यहां नहीं, कमरे में चलते है।”
तो वो गांड मटकाती हुई कमरे में जाने लगी और मैं उसके पीछे-पीछे रूम में गया। रूम में जाते ही हम दोनों एक-दूसरे को किस्स करने लगे। पागलों के जैसे एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे और मैं अपनी जीभ से उसके होंठो का रसास्वादन लेने लगा।
ये सब करते हुए मैं अपने दोनों हाथों से उसके मांसल बोबे दबाने लगा। फिर मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी और ये देख कर उसने भी अपनी टी-शर्ट उतार दी। ब्लैक कलर की ब्रा में उसका गोरा बदन ऐसा चमक रहा था जैसे काली रात में चांद चमकता है।
उस ब्रा में से उसके बूब्स आधे बाहर निकले हुए ऐसे लग रहे थे, मानो जेल की सलाखों से कैदी बाहर निकलना चाह रहे हो। फिर मैंने एक ही झटके से ब्रा का हक खोला और उसके दोनों बोबे आजाद कर दिए।
फिर मैं पागलों के जैसे उसके बोबों पर टूट पड़ा और उनको चूसने लगा। उसके भूरे-भूरे निप्पल मुझे मदहोश कर रहे थे, और मैं उन्हें चूसने में कोई कमी नहीं छोड़ रहा था। मेरी बुआ की लड़की मदहोशी में आहें भर रही थी।
फिर बूब्स चूसते हुए मैं उसकी नाभि की ओर आया उसकी गहरी नाभि ऐसी मानो पूरा ब्रह्मांड उसी के समाया हो। मैं अपनी जीभ से उसकी नाभि की गहराई टटोलने लगा। फिर मैंने खींच कर उसकी पजामी को उतार दिया, और अब उसके सेक्सी बदन पर सिर ब्लैक नेट वाली पैंटी रह गई।
फिर उसकी दूधिया मांसल जांघों को चूमने और चाटने लगा और उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही किस्स करने लगा। मैं उसकी चूत की भीनी-भीनी सुगंध को पैंटी के ऊपर से ही महसूस कर सकता था।
फिर मैंने चूत के उपर से पर्दा हटाने की सोची और पैंटी भी उतार दी। अब मेरे सामने से थी हल्का सा भूरापन लिए क्लीन शेव्ड चूत थी, जिसका गीलापन मैं ऊपर से देख पा रहा था, और चूत के होंठ ऐसे लग रहे थे मानो गुलाब की पंखुड़ियां।
फिर मैंने उसकी दोनों टांगे फैलाई, और अपनी जुबान को उसकी चूत के ऊपर से नीचे तक की सैर कराई। उसकी मादक सिसकारी निकल गई। फिर मैं अपनी जीभ कभी उसकी चूत के अंदर लपलपाता, कभी उसकी चूत के दाने पर फेरता, और कभी अपने निचले होंठ उसकी चूत में दबा देता। इतने से में ही उसका पानी निकल गया, और मेरा मुंह उस पानी की वजह से चिपचिपा हो गया। नमकीन सा स्वाद लिए हुए था वो पानी।
फिर मैंने पास में ही रखे हुए टिशू से अपना मुंह साफ करा और अपने पैंट अंडरवियर समेत उतार दी। अब मेरा 6.5 इंची लंड उसके सामने था। मेरा लंड एक-दम कड़क था मानो अभी उसकी चूत के घुस जाएगा। लेकिन अभी मुझे भी थोड़ा आनंद लेना था। तो में उसके बगल में लेट गया और उसको बोला कि, “अब तुम प्यार करो।”
तो वो सबसे पहले मेरे ऊपर आई और मेरे होंठो को चाटने लगी। चाट चाट कर मेरे होंठो को ओर मेरे गालों गीला कर दिया। फिर मेरी गर्दन पर स्मूच करते हुई सीने पर आई और मेरे निपल्स चूसने लगी। मुझे गुदगुदी होने लगी ये सब करते हुए वो अपनी मोटी गांड मेरे लंड पर रगड़ रही थी, और ये सब मुझे एक स्वर्गीय आनंद दे रहा था।
मेरे जिस्म को चूमते चाटते हुए वो मेरे लंड पर आई उसको हाथों में लेकर सहलाने लगी। वो एक हाथ से मेरा लंड सहला रही थी, और दूसरे हाथ से मेरे आंड सहला रही थी। फिर उसने मेरे लंड को चूसना शुरू करा। वो मेरे लंड के टोपे के चारों तरफ अपनी जीभ फेरने लगी मानो वो कोई सॉफ्टी हो। ऐसा करते-करते वो एक ही बार में मेरा लंड पूरा अपने मुंह में लेकर, उसको अंदर-बाहर करते हुए चूसने लगी। मेरे सब्र का बांध टूटने लगा। मैं अपनी बुआ की लड़की को रोकने लगा।
इतने में मेरा पानी निकल गया और एक-दम से मेरा वीर्य उसके चेहरे पर होंठो पर और उसके गले पर ही गया और बहता हुआ उसके बूब्स तक आ गया। वो चिल्लाई कि, “बोलना नहीं होता?” लेकिन मैंने बोला कि, “तुमने भी कहा बोला।”
फिर वो उठी और उसने टिशू से अपना फेस साफ किया, और उसके शरीर पर लगे वीर्य को साफ किया। जो उसके होंठ पर लगा हुआ था, उसको उसने अपनी जीभ से ही साफ कर लिया। ऐसा करते हुए वो बिल्कुल एक पोर्नस्टार लग रही थी।
खैर मेरा वीर्य निकलने के बाद मेरा लंड ढीला पड़ चुका था, तो उसने फिर से मेरा लंड मुंह में लिया और चूसने लगी। 5-7 मिनट चूसने के बाद मैंने उसको 69 पोजीशन के बारे में बोला। तो वो मान गई और अब उसकी मोटी गांड मेरे चेहरे की तरफ थी, जहां से मैं उसकी चूत ओर उसकी गांड का छेद नजदीक से देख पा रहा था।
फिर मैं अपनी जीभ से उसकी चूत से खेलने लगा और वो मेरे लंड से। 15–20 हम ऐसे ही करते रहे, और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मेरी बुआ की लड़की भी चुदने के लिए तैयार थी। फिर मैंने उसको अपने से नीचे उतारा और उसकी दोनों टांगे चौड़ी करके अपना लंड उसकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा। वो मेरा लंड अंदर लेने के लिए तड़पने लगी।
उसकी तड़प देख कर मैंने सीधा उसकी चूत के अपना लंड घुसा दिया। वो तेज-तेज सिसकारियां लेने लगी और मैं ताबड़-तोड़ शॉट लगाने लगा। मेरे शॉट के साथ-साथ उसके बूब्स भी जैसे उसके सीने पर मुजरा कर रहे थे।
काफी देर शॉट मारने के बाद मैंने उसको अपने ऊपर आने को बोला, तो वो ऊपर आ गई और चुदाई की कमान अपने हाथ में ले ली। वो गांड को बिना उठाए ऐसे झटके दे रही थी, जैसे वो मुझे चोद रही हो। काफी देर तक ऐसा ही चलता रहा।
फिर मैंने उसको घोड़ी बना कर उसकी गांड का आकर्षक नजारा लेते हुए चोदने लगा। काफी देर बाद जब मुझे लगा कि अब मेरा पानी निकलने वाला था, तो मैंने उसको घुटनों के बल नीचे बिठाया और अपना सारा माल उसके बूब्स पर गिरा दिया।
वहां मैं एक रात रुका और उस रात में भी अपनी बुआ की लड़की की मस्त चुदाई करी। फिर अगली बार मौका मिलने पर फिर से चुदाई का वादा लिए मैं वहां से निकल आया अपने घर की ओर।
तो दोस्तों ये थी मेरे जीवन की एक और सच्ची घटना। इसमें कुछ भी काल्पनिक नहीं है। आप सब को ये कहानी कैसी लगी मुझे जरूर लिखिएगा। आप सब के सुझाव आमंत्रित है। आपका अपना अश्लील बालक।
मुझे मेल करना बिल्कुल ना भूलिएगा। मेरी मेल आइडी है
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