पिछला भाग पढ़े:- संस्कारी विधवा मां का रंडीपना-4
हिंदी सेक्स कहानी अब आगे से-
मम्मी की नज़र एक-दम से जुनैद के मर्दाने गठीले बदन पर टिक जाती है। जुनैद मम्मी को अपने सामने खड़ा देख कर अपनी छाती और चौड़ी कर लेता है। इससे मम्मी उसका गठीला बदन देखते रह जाती हैं। मम्मी उसको देखते हुए अपनी नज़र इधर-उधर करके शर्माने लगती है। मम्मी उसको देखने के लिए कुछ देर उधर बैठ जाती है, और उसके साथ बाते करने लगती है।
जब मैं हॉल में आया, तब मम्मी मुझे देख कर एक-दम से किचन में चली गई। फिर उसके पीने के लिए अलग से कॉफी बना के लाई, जो जुनैद को बहुत पसंद थी। मम्मी का बदलता रूप देख कर मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था। लेकिन मम्मी जुनैद को अपने बेटे जैसा मान रही थी, तो मैंने सोचा ये मेरी ग़लतफहमी होगी।
एक दिन जुनैद और मैं जब शॉप से घर आए, तो देखा मम्मी घर के हॉल में उदास बैठी थी। फिर मैं उनके पास जाके उनसे उदासी का कारण पूछा?
दबी हुई आवाज में मम्मी बोली: बेटा तेरे मौसा जी की तबियत बहुत ख़राब है। तेरी मौसी का फोन आया था। मुझे उन्हें देखने जाना है।
मैं बोला: ठीक है मम्मी। अभी आप घबराओ मत। हम चले जाएंगे मौसी के घर। पर अभी तो रात में हमें बस भी नहीं मिलेगी।
तब तक जुनैद भी फ्रेश होकर हमारे पास आया। मम्मी की उदासी देख कर पूछने लगा। तब मैने उसे सारी बात बताई।
जुनैद बोला: ठीक है सर, मैं मैडम जी के जाने का इंतजाम करता हूं।
फिर जुनैद फोन पर किसी से बात करने लगा। मैं आपको बता देता हूं कि मेरी मौसी हमारे घर से दो सौ किलोमीटर दूर रहती है। उनका नाम कविता है। वो मम्मी से उम्र में बस 3 साल बड़ी और मम्मी की तरह ही गोरी चिट्टी सुंदर है।
आगे जुनैद ने फोन पर बात करके बताया: सर एक कार का इतंजाम हो गया हैं, पर हम अभी तो नहीं जा सकते हैं। हमें सुबह तक का इंतज़ार करना होगा। आप जाने की सब तैयारी कर लीजिए। मैंने सुबह जल्दी कार बुला ली है।
सुबह चार बजे मेरी नींद खुली, और हॉल में आकर देखा तो मम्मी मेरे से पहले उठ चुकी थी, और वो बॉथरूम से नहा कर आ रही थी। मम्मी को देख कर मेरे अंदर एक अजीब सी हलचल मच गई। मम्मी के जिस्म पर सिर्फ तौलिया लपेटा हुआ था। मम्मी की आधी चूचियां बाहर दिख रही थी, और नीचे से देखो तो सिर्फ उनकी गांड ढकी हुई थी। मुझे उनकी नंगी जांघों को देख कर कुछ होने लगा था। मम्मी के गीले बालों से निकलती पानी की बूंदे उनके बूब्स की दरार में जा रही थी।
मुझे उनको घूरता हुआ देख कर मम्मी बोली: राहुल तुम जल्दी से तैयार हो जाओ। जुनैद बस कार लेकर आता ही होगा।
फिर मैं नहाने बॉथरूम में चला गया। पर मुझे याद आया मैं अपना तौलिया तो लाना भूल गया। फिर मैं उसे लेने बाहर अपने कमरे में जाने लगा। तभी मुझे जुनैद दिखा जो मम्मी के आधे खुले दरवाजे से अंदर झाक रहा था। मैं यह देख कर हैरान रह गया कि ये साला जुनैद मेरी मम्मी के कमरे में क्यों झाक रहा था? मुझे समझ आया मम्मी अभी नहा कर गई थी। जरूर वो मम्मी को कपड़े पहनते हुए देख रहा होगा।
मेरा माथा ठनक गया, बहनचोद मेरी मां को नंगी देख रहा था, और पजामे के ऊपर से अपना लंड भी मसल रहा था। थोड़ी देर बाद वो अपने कमरे में चला गया। शायद मम्मी ने कपड़े पहन लिया थे। मैं सोचा इस बहन के लोड़े का मैं बाद में कुछ करता हूं।
फिर मैं भी नहा कर तैयार हो गया। नाश्ते पर मैंने मम्मी को देखा। वो क्या लग रही थी। मम्मी ने व्हाइट कलर का सलवार-सूट पहना हुआ था, जिसमें से उनकी लाल ब्रा की झलक नज़र आ रही थी।
उफ्फ इतना टाइट सूट। ऊपर से उसका गला बड़ा होने के कारण उनकी चूचियों में बड़ी दरार नज़र आ रही थी। और स्लीवलेस सूट होने की वजह से जब वो अपने हाथ ऊपर करती, तब उनकी चिकनी बगल नज़र आ रही थी। मेरी मम्मी पूरी जवान घोड़ी लग रही थी। मैं तो उनकी ख़ूबसूरती में खो सा गया था।
मम्मी मेरा ध्यान हटा कर बोली: बेटा कहां खो गए। जल्दी से नाश्ता कर लो और ये जुनैद कहां रह गया?
तभी जुनैद कुर्ता पजामा पहने हुए आ जाता है। मम्मी की आंखें उसे देख कर चमक उठती है, और वो एक अजीब सी मुस्कान उसको देती हैं, और फिर उसको नाश्ता करने को देती है। मुझे मम्मी का बर्ताव बदला-बदला सा लगता है। उसके बाद हम लोग मौसी के घर के लिए निकल जाते हैं। मैं आगे वाली सीट पर बैठा हुआ था और जुनैद कार चला रहा था।
2 घंटे बाद जुनैद हाईवे पर बने एक ढाबे पर कार रोक देता है। उधर कुछ देर रेस्ट करने के बाद मैं मम्मी को आगे वाली सीट पर भेज देता हूं, और खुद पीछे लेट कर सो जाता हूं। कुछ 1 घंटे बाद कार रुकने से मेरी आंखें खुल जा जाती है। लेकिन मैं हल्की नींद से लेटा रहता हूं।
मम्मी बोली: जुनैद तुमने इतने सुनसान रास्ते पर कार क्यों रोकी?
जुनैद हकलाते हुए बोला: मैडम जी 1 मिनट, मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब आयी है।
फिर जुनैद कार से उतर कर कार की पीछे की साइड में जाता है, जिस साइड मम्मी बैठी होती है। चारों तरफ काफी झाड़ियां थी। जुनैद खड़ा हो कर अपना कुर्ता उठा कर अपने दांतों में फंसाता है। फिर अपने पजामे का नाड़ा खोलने लगता है। यह सब मैं मिरर में देख रहा था। मम्मी बिना दुपट्टे के बैठी हुई थी अपनी आधी खुली चूचियों को खुल्ला छोड़ कर। वो कार की खुली विंडो से हवा ले रही थी। ओहो, मैंने देखा मम्मी भी साइड मिरर से जुनैद को देख रही थी।
जुनैद पजामे को ढीला करके नीचे करता है, और अपना काला मुसल लंड बिना झांटो वाला चिकना लौड़ा बाहर निकालता है। जो देखने में ढीला था, फिर भी काफ़ी लंबा और मोटा लग रहा था। उसके लंड का टोपा लाल रंग का दिख रहा था। मैंने सोचा इसका मुरझाया हुआ लंड इतना बड़ा लग रहा था, अगर वो खड़ा हुआ तब तो और बड़ा होता होगा।
मम्मी जुनैद के लौड़े को देखते ही सहम सी जाती है, और अपने मुंह पर हाथ रख कर बोल पड़ती है, “हे भगवान, इतना बड़ा!” फिर पीछे मुड़ कर एक बार मेरी तरफ देखती है। मैं अपनी आंखें बंद कर देता हूं। मुझे सोता हुआ देख कर मम्मी फिर से मिरर में देखने लगी। जुनैद के लंड से निकलती मूत की धार शर-शर की आवाज़ से झाड़ियों पर गिर रही थी। धार बंद होते ही जुनैद अपने लंड को एक बार हिला कर आखरी बूंदे भी गिरा देता है। फिर रास्ते में पड़े पत्थर से सफ़ाई करता है, और फिर कार में आ जाता है।
मम्मी बोली: जुनैद अभी और कितना टाइम लगेगा?
जुनैद: मैडम ज़्यादा नहीं, बस एक घंटा। आप कहो तोह में तेज ड्राइविंग करूं?
मम्मी: ओहो, नहीं मुझे बहुत डर लगता है। आराम से चलाओ।
जुनैद: ठीक हैं मैडम, आप जैसा कहो।
मम्मी मुस्कुराती हुई बोली: जुनैद तुम मुझे मैडम मत बोला करो, अच्छा नहीं लगता।
मम्मी की यह बात मुझे कुछ समझ नहीं आई वो ऐसा क्यों बोली।
जुनैद (मम्मी की तरफ देखते हुए): फिर मैं अपको क्या बोल सकता हूं?
मम्मी बोली: मेरा प्यार सा नाम।
जुनैद: वैसे आप अपने नाम की तरह ही सुंदर और सुशील हो।
मम्मी अपनी तारीफ सुन के शर्मा जाती है और उसकी तरफ़ देखती हुई बोली: जुनैद तुम आज कुर्ते पजामे में हैंडसम लग रहे हो।
फिर मेरी तरफ देखती है। मैं अपनी आंखे बंद कर लेता हूं, जिससे उन्हें लगता है मैं सो रहा हूं। मम्मी फिर धीमे से बोली: जुनैद तेरी गर्लफ्रेंड होगी ना?
जुनैद बोला: नहीं, मेरे हालात इतने अच्छे नहीं हैं कि मैं इसके बारे में सोच सकूं। और मैं इतना अच्छा दिख भी नहीं रहा कि कोई मुझे अपना बॉयफ्रेंड बनाये।
मम्मी: ओहो जुनैद जी, आपकी बॉडी इतनी मस्कुलर है कि आप किसी भी औरत या लड़की को पसंद आ जाओ। आप कभी किसी पर ट्राई करके देखो।
मैं सोचा यह मेरी मां जुनैद से इतनी फ्रेंक केसे हो गई? कहीं उसका मुसल धार लंड देख कर उसकी दीवानी तो नहीं बन गई? फिर कुछ देर में हम मौसी के घर पहुंच जाते हैं। काफी समय बाद मैंने मौसी को देखा था, जो अब माल हो गई थी। उनकी मम्मी से भी ज़्यादा सेक्सी उभरी हुई गांड थी।
फिर हमने बीमार मौसा जी को देखा। मम्मी और मौसी इतने दिनों के बाद मिल कर बहुत ख़ुश हुए। मैंने नोटिस किया मौसी जुनैद को चोरी छिपे देख रही थी। रात खाना खाने के बाद मम्मी और जुनैद छत पर बातें करते हुए घूम रहे थे। थोड़ी देर बाद मम्मी मुझे छत से गुस्से में निराश आती हुई दिखी। मुझे उनका बर्ताव अजीब लगा। अगले दिन सुबह हम अपने घर के लिए निकल रहे थे, तभी मैंने देखा मौसी जुनैद से अकेले में कुछ बाते कर रही थी।
मोसी बोली: जुनैद अब तुम ही मेरी बहन सविता का खयाल रखना। मुझे पता है वो ज़रूर मान जाएगी।
मौसी की यह अधूरी बात सुन कर मुझे कुछ समझ नहीं आया क्या गड़बड़ चल रही थी। फिर हम अपने घर के लिए निकल पड़ते हैं। मैं पीछे वाली सीट पर फिर से सोने का नाटक करने लगा। रास्ते में कुछ दूरी तक दोनों शांत रहते हैं। जब जुनैद को लगा में सो गया था, तब जुनैद मम्मी के हाथ पर अपना हाथ रख देता है, जो कार की गियर के पास था।
जुनैद बोला: आज आप साड़ी में काफी खूबसूरत लग रही हैं ( मम्मी उसके हाथ के नीचे से अपना हाथ हटा लेती है, और गुस्से में मुंह फुला लेती है।)।
जुनैद: सविता बस मैं आपकी लाइफ में फिर से खुशियां लाना चाहता था। यह आपको गलत लगा, उसके लिए मैं माफी मांगता हूं।
फिर मम्मी बोली: जुनैद जी मुझे आपसे यह उम्मीद नहीं थी, कि आप मुझ पर ही ट्राई करोगे।
जुनैद बोला: मैं अपको दिल से चाहने लगा हूं, मुझे बस एक मौका दो। मैं आपको वो सब दूंगा जो आपका पति नहीं दे सका। मैं बस तुम्हे पाना चाहता हूं सविता।
मम्मी: जुनैद प्लीज, आप समझते क्यों नहीं? मेरे पति की मौत को अभी 6 महीने हुआ है। मैं एक विधवा औरत और एक जवान लड़के की मां हूं। मैं कैसे आपके लिए सोच सकती हूं। बस मैं और इस बारे में बात नहीं करना चाहती।
जुनैद: मुझे पता है आप भी मुझे पसंद करती हैं। मुझे आपकी हां का इंतजार रहेगा।
अब मुझे समझ आया और इनकी बात सुन कर मुझे गुस्सा आया। मैंने सोचा जुनैद का तो कुछ करना पड़ेगा। अगले दिन मैंने शॉप पर जुनैद को बोल दिया, “जुनैद अगर तुम मेरे लिए अच्छी पार्टी डील नहीं कर सकते, तो तुम जा सकते हो।” फिर जुनैद के जाने के बाद दो दिन मुझे अपनी शॉप पर काफी काम करना पड़ा। जिससे मैं मम्मी पर ध्यान नहीं दे पाया। पर मैंने नोटिस किया जुनैद के जाने के बाद मम्मी अपने कमरे में उदास बैठी रहती थी। कुछ दिन बाद मैं मम्मी के कमरे में उनका हाल जानने के लिए गया तब वो लेटी हुई थी।
मैं बोला: मम्मी क्या हुआ? आप ऐसे उदास क्यों लेटी हुईं हैं?
मम्मी: बेटा मेरी बस थोड़ी सी तबियत खराब है। बेटा यह जुनैद कहा है? वो घर क्यों नहीं आ रहा?
मैं: मम्मी मैंने उसे निकाल दिया है।
मम्मी बोली: पर बेटा तुमने जुनैद के साथ ऐसा क्यों किया? वो कितना अच्छा था। हमें अपना समझने लगा था। हमें उसके जैसे वर्कर की ज़रुरत थी।
मैं: मम्मी पर मुझे वो ठीक नहीं लगा।
मम्मी बोली: बेटा जुनैद तुम्हारी हर काम में मदद करता था। उसके आने से अपना काम भी अच्छा चलता रहता था। मुझे उसकी जरूरत है। वो तेरे पापा की कमी पूरी कर सकता है।
मैं यह सुन कर हैरान हो जाता हूं। फिर मैं बोला: मम्मी आप होश में तो हो? यह क्या बोल रही हो?
मम्मी रोते हुए बोली: बेटा मेरा मतलब वो नहीं है। वो तुम्हे पापा जैसा बिजनेसमैन बन सकता था। तुम मेरी बात को समझो।
मैं: मम्मी पहले आप अपनी दवाई खाओ।
मम्मी: बेटा पहले तुम प्रॉमिस करो जुनैद को काम पर रख लोगे, और उसको हमारे घर में फिर से बुला लोगे।
मैं मम्मी कि भावनाओ को समझ गया। मेरी मां जुनैद के बारे में कुछ ज़्यादा सोचने लगी थी। फिर मैंने जुनैद से बात करी, उसे मम्मी की खराब तबियत के बारे में बताया। वो उसी दिन शाम को मेरे साथ हमारे घर आया। मम्मी हॉल के सोफे पर बैठी हुई थी। जुनैद भी मम्मी के पास जाकर बैठ गया। जुनैद मम्मी का हाल पूछने लगा।
मम्मी उसे उम्मीद भरी नज़रों से देख रही थी। मैंने सोचा इन दोनों को थोड़े टाइम अकेले छोड़ देता हूं। मुझे पता लगाना था आख़िर इन दोनों के बीच ऐसा क्या चल रहा था। मैं बहाना बना कर वहां से निकल गया, और छुप कर उनको देखने लगा।
जुनैद बोला: आपने यह क्या हालात बनाई है? आप दवाई क्यों नहीं ले रही?
मम्मी: जुनैद आपको मेरी इतनी चिंता क्यों है?
जुनैद: मैं आपसे प्यार करता हूं इसलिए।
मम्मी: जुनैद यह नहीं हो सकता। यह मेरे बेटे को पता लागा तो वो मुझे कैसी समझेगा? वो कहीं मुझे अपनी बुरी मां ना समझ ले। मैं आपके साथ यह रिश्ता नहीं रख सकती।
जुनैद: ठीक है अगर मैं अपको पसंद नहीं हूं तो।
फिर वो उठ कर जाने लगता है। मम्मी जुनैद का हाथ पकड़ लेती है और एक-दम से जुनैद के गले लग जाती हैं। उसके सीने पर अपना सिर रख के अपने दोनों हाथों से जुनैद की कमर जकड़ के उससे लिपट जाती हैं और रोने लगती हैं। मेरी मां जुनैद से ऐसे लिपटी हुई थी, जैसे वो मेरा असली बाप हो।
मम्मी रोते हुए बोली: जुनैद जी मैं भी आपसे प्यार करती हूं। अब मैं आपको खोना नहीं चाहती। मैं पहले दिन से ही आपको पसंद करने लगी थी। बस मैं इस समाज के डर से आपसे दूर भाग रही थी।
जुनैद बोला: सविता अब तुम फिकर मत करो। जब तक तुम नहीं चाहोगी, किसी को पता नहीं चलेगा।
फिर जुनैद मम्मी का फेस ऊपर उठा कर उनके माथे पर चूम लेता है। दोस्तों इसके आगे क्या हुआ। वो मैं आप को अगले पार्ट में बताऊंगा। मेरी पूरी कहानी पढ़ने के लिए मेरे साथ बने रहे, और आपके विचार मुझे [email protected] बताए।