पिछला भाग पढ़े:- मां का नाजायज रिश्ता उसके स्टूडेंट से-1
नमस्कार दोस्तों, मैं पंकज आज अपनी मां की चुदाई कहानी का अगला पार्ट लेके आया हूं। पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मेरे कॉलेज का सीनियर लड़का अरुण, जो कि गुंडों का प्रधान भी था, मेरी मम्मी के पास ट्यूशन पढ़ने लग गया। मम्मी उसके सामने अपनी नाइटी पहन कर बैठती थी, और उसको अपने चूचों का हसीन नज़ारा दिखाती थी। फिर एक दिन बातों-बातों में मम्मी ने उसको अपने साथ सेक्स करने की इजाज़त दे दी। अब आगे बढ़ते है-
इजाज़त मिलते ही अरुण ने अपने होंठ मम्मी के कोमल होंठों से चिपका दिए, और दोनों एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे। मम्मी बैठी हुई थी, और अरुण झुक कर मम्मी के होंठ चूस रहा था। होंठ चूसते हुए अरुण अपने हाथ मम्मी की जांघों पर ले गया, और उनको मसलने लगा। फिर वो अपना हाथ जांघों के बीच ले गया, और नाइटी के ऊपर से चूत को दबाने लगा। इससे मम्मी और उत्तेजित हो गई, और उस उत्तेजना का असर उनके किस्स करने के अंदाज से पता चलने लगा।
फिर अरुण ने मम्मी को खड़ा कर लिया, और दीवार के साथ लगा लिया। अब उसने उनके होंठ छोड़े, और उनकी गर्दन पर किस्स करने लगा, और उसको चाटने लगा। ये सब करते हुए उसने मम्मी की नाइटी खोल दी। नाइटी खुलते ही मम्मी के नुकीले निप्पलों वाले बड़े और रास से भरे चूचे बाहर आ गए। उनके चूचों को देखते ही अरुण उनके चूचों पर टूट पड़ा।
वो पागलों की तरह मम्मी के चूचे दबा-दबा कर चूसने लगा, और मम्मी आह आह आह आह की आवाजें करने लगी। मम्मी अरुण के सर को अपने चूचों में दबाने लगी। चूचे पिलाते हुए उनके चेहरे पर अलग ही सुकून था, जैसे वो भी कब से अपने चूचे किसी मर्द को पिलाना चाहती थी।
कुछ देर चूचे चूसने के बाद अरुण नीचे गया। नाइटी मम्मी की पहले से खुली हुई थी, और नीचे पैंटी नज़र आ रही थी। मम्मी की जांघें बहुत सेक्सी थी। मैं भी ये नज़ारा देख कर गरम हो चुका था। अरुण नीचे बैठा, और मम्मी की नाभि में जीभ घुमाने लगा। मम्मी आह आह करते हुए सिसकियां भर रही थी। फिर वो नाभि के नीचे चूमते हुए गया, और मम्मी की पैंटी नीचे करने लगा।
चूमते-चूमते उसने मम्मी की पैंटी नीचे करके निकाल दी। अब मैं उस चूत को देख पा रहा था, जिसमें से मैं निकला था। अरुण ने मम्मी की चूत पर किस्स किया, तो मम्मी की आह निकल गई। फिर मम्मी ने अपनी टांगें थोड़ी खोल ली, ताकि वो आराम से मम्मी की चूत का सेवन कर पाए।
अरुण ने एक हाथ से मम्मी की चूत का मुंह खोला, और उसके अंदर जीभ डालने लगा। मम्मी आह आह करती रही। वो मम्मी की चूत के अंदर के मांस को अपनी जीभ से छेड़ने लगा, जिससे मम्मी पागल होने लगी, झटपटाने लगी। फिर उसने मम्मी की चूत में उंगली डाली, जिससे मम्मी की जोर की आह निकल गई।
तभी मम्मी ने अपने मुंह पर हाथ रखा, और अरुण को पीछे धक्का दिया। फिर वो दरवाजे की तरफ आने लगी। मैं जल्दी से अपने रूम में चला गया। मम्मी ने दरवाजा बंद किया, और फिर से अरुण के पास चली गई। इस बार मैं खिड़की से लग के अंदर देखने लगा।
अब अरुण बेड के कोने पर बैठा था, और मम्मी अरुण की एक जांघ पर बैठी थी। दोनों किस्स कर रहे थे, और अरुण मम्मी की चूत में उंगली अंदर-बाहर कर रहा था। मम्मी मस्ती से अपनी गांड आगे-पीछे करके उंगली अंदर ले रही थी।
कुछ देर ऐसा करने के बाद मम्मी अरुण की गोद से उठ गई, और नीचे घुटनों के बल उसकी टांगों के बीच बैठ गई। फिर उन्होंने अरुण की जींस खोली, और उसको नीचे खींचने लगी। अरुण ने जींस निकालने में मम्मी की मदद की। फिर उसने अपना अंडरवियर भी उतार दिया। अब उसका काला सांप मम्मी की आंखों के सामने था।
अरुण का लंड मेरे लंड से दोगुना था, और शायद पापा के लंड से भी बड़ा होगा, क्योंकि मम्मी भी हैरान थी उसका लंड देख कर। फिर मम्मी ने उसके लंड को हाथ से हिलाना शुरु किया। तभी अरुण ने मम्मी के बालों में अपना हाथ डाला, और उसको लंड की तरफ धकेलने लगा। मम्मी ने मुंह आगे बढ़ाया, और लंड के पास जाते ही मुंह खोल लिया।
अब मम्मी उसके विशालकाय लंड को चूस रही थी। लंड पूरा तो मुंह में जा नहीं रहा था, लेकिन जितना हो सके वो ले रही थी। तभी अरुण ने मम्मी के मुंह को लंड पर दबाया, जिससे उसकी सांस रुकने लगी। मम्मी तड़पने लगी, और अरुण से छूटने की कोशिश करने लगी। फिर जब अरुण ने मम्मी को छोड़ा, तो वो बोली-
मम्मी: मार दोगे क्या मुझे?
अरुण बोला: तू तो मेरी जान है। ऐसे कैसे मरने दूंगा तुझे!
ये बोलते ही अरुण ने मम्मी को उठाया, और बेड पर पटक दिया। मम्मी बेड पर सीधी लेट गई। फिर अरुण पूरा नंगा हो गया, और मम्मी के ऊपर आ गया। उसने अपना लंड मम्मी की चूत पर रखा, और जोर का धक्का लगाया। मम्मी की चीख निकली, और अरुण का पूरा लंड चूत के अंदर चला गया। फिर अरुण ने मम्मी के होंठों से अपने होंठ चिपकाए, और फुल स्पीड पर मम्मी को चोदने लगा। मम्मी किस्स करते हुए ह्म्म्म ह्म्म्म कर रही थी। उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे।
कुछ देर अरुण ऐसे ही मम्मी की चुदाई करता रहा। फिर उसने मम्मी के होंठ छोड़े। अब मम्मी आह अरुण ओह अरुण कर रही थी। उनकी चूत से इतना पानी निकल रहा था, कि चप-चप की आवाजें निकल रही थी लंड अंदर-बाहर होने से।
कुछ देर इसी पोजिशन में चुदाई करने के बाद अरुण ने लंड चूत से निकाला, और मम्मी को घोड़ी बनने को कहा। घोड़ी बन कर मम्मी की गांड बहुत बड़ी लगने लगी। फिर उसने पीछे से लंड मम्मी की चूत में डाला, और चुदाई करने लगा। सीन इतना कामुक था, कि मेरे लंड ने भी पानी छोड़ दिया। 15 मिनट बाद अरुण भी मम्मी की चूत में ही झड़ गया। फिर उसने कपड़े पहने और निकल गया। मम्मी वहीं रंडी की तरह नंगी पड़ी रही। अब अक्सर उनकी चुदाई देखने को मिलती है।
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