पड़ोसी ने तोड़ी मेरी दीदी की सील-2 (Padosi Ne Todi Meri Didi Ki Seal-2)

पिछला भाग पढ़े:- पड़ोसी ने तोड़ी मेरी दीदी की सील-1

हिंदी सेक्स स्टोरी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मैंने अपनी दीदी को उसकी सहेली से बात करते सुना, जिसमें उसकी सहेली उसको किसी से चुदने के लिए बोल रही थी। फिर मैं सोने का नाटक करता रहा और दीदी मेरे सामने फिंगरिंग करती रही मोबाइल देख कर।

अगले दिन दीदी जब बाथरूम में नहा रही थी। मुझे उनका फोन मिल जाता है। मैंने सोचा क्यों ना मंजू दीदी का फोन चेक किया जाए, कि वे रात में क्या देख कर अपनी चूत मसल रही थी। अब आगे-

काफी ढूंढने के बाद मुझे कुछ सेक्सी पॉर्न मिली, जिसे देख कर मेरी दीदी रात अपनी चूत में उंगली कर रही थी। मैंने एक वीडियो देखी जिसमें एक मर्द अपने मोटे लंड को अपने हाथ की मुठ्ठी में लेकर आगे-पीछे कर रहा था, और एक औरत अपनी चूत खोले लेटी हुई थी। मैंने पहली बार ऐसी नंगी फिल्में देखी थी। मेरा मन और देखने को हो रहा था। तभी मुझे पीछे से दीदी के आने की आवाज़ आई। मैंने तुरत फोन वैसे ही रख दिया जैसे था, और घर से बाहर निकल गया।

फिर 2 से 3 दिन रोज रात दीदी को मैं चूत में उंगली करती देखता, और मौका मिलने पर मैं भी उनके फोन में नंगी फिल्में देख लेता था। मेरी मंजू दीदी पर दिन पे दिन जवानी चढ़ती जा रही थी। उनकी उफान मरती जवानी किसी मर्द की तलाश कर रही थी, जो उसे निचोड़ सके। मैंने सोचा मुझे अब अपनी दीदी पर नज़र रखनी चाहिए, और मैंने वैसे ही क्या।

अकसर मैंने कॉलेज से आते-जाते देखा एक लड़का जो रोज मेरी दीदी का पीछा करता था, और दीदी पर लाइन भी मर रहा था। वह कोई और नहीं हमरे ही पड़ोस का रहने वाला था। उसका नाम सलीम है। उसकी उम्र 30 वर्ष है। देखने में वह काफी हैंडसम हैं, और लंबा, चौड़ी छाती, किसी बॉडीबिल्डर जैसा लगता है। उसके फेस पर बिना मूछ के बड़ी-बड़ी दाढ़ी हैं। सलीम हमरे घर से थोड़ी दूरी पर ही रहता है।

जब भी दीदी और में कॉलेज जाते तो सलीम हमें रास्ते में जरूर मिलता था। वो मेरी दीदी की तरफ अपने डोले और मजबूत छाती दिखा कर स्माइल करता। दीदी बिना कुछ बोले उसके बगल से निकल जाती। मैं सोचा दीदी उसे नज़रअंदाज कर रही थी। पर ऐसा नहीं था।

मेरी दीदी भी उसकी तरफ देखती थी, और जिस दिन सलीम नहीं दिखाई देता था, दीदी उदास सी हो जाती, और कुछ देर उस जगह रुक कर उसका इंतजार सा करती। जब अगले दिन सलीम आता, तो उसकी तरफ दीदी देख कर स्माइल सा कर देती। सलीम को दीदी की तरफ से यह एक ग्रीन सिग्नल मिल रहा था।

ऐसे तो मेरी दीदी के पीछे कई लड़के पड़े थे। पर दीदी किसी को भी घास नहीं डाल रही थी। यह मुझे कुछ समझ नहीं आया कि दीदी ने ऐसा सलीम में क्या देख लिया, जो अधेड़ उम्र का आदमी लगता है। दीदी की उम्र से भी ज्यादा बड़ा।

फिर एक बार ऐसा हुआ जिस दिन मैं कॉलेज नहीं गया था, मैं घर से बाहर घूम रहा था। तभी मुझे मेरा एक दोस्त मिल जाता है। उसने मेरे से पूछा मैं कहा जा रहा था। तो मैंने उसे बताया कि मैं दीदी को लेना जा रहा था।

वह बोला: तेरी दीदी को मैंने थोड़ी देर पहले ही रास्ते में आते हुए देखा था, और तेरी दीदी के साथ सलीम कुछ बातें कर रहा था। सलीम ने तेरी दीदी को एक गुलाब फूल भी दिया था। यह सुन कर मैं चौंक गया, और दोस्त से बोला-

मैं: तू क्या बोल रहा है मेरी दीदी के बारे में? सलीम मेरी दीदी को गुलाब का फूल क्यों देगा?

दोस्त बोला: तुझे विश्वास नहीं है तो घर जा कर देख ले। सलीम बहुत बिगड़ा हुआ है।

फिर उसकी बात सोचता हुआ मैं घर आया। मैंने घर का गेट खोला, जिसकी आवाज़ से दीदी को पता लग गया मैं घर आया था। तो दीदी ने मुझे बॉथरूम से ही आवाज़ दी-

दीदी: अमित आ गया क्या तू?

मैं हां बोल कर घर में आ गया, और सोचा यह अच्छा मौका था। दीदी बॉथरूम में नहा रही थी, मैं गुलाब का फूल ढूंढ लेता हूं जो सलीम ने दया था। फिर मैं अपने कमरे में गया और देखा दीदी के बेड पर गुलाब का फूल रखा हुआ था। साथ में पेपर पर कुछ लिखा हुआ था।

मैंने पढ़ा: मंजू तुम बहुत सुंदर और सेक्सी हो। जब से मैंने तुम्हें देखा है, पागल हो गया हूं, और बस तुम्हें पाना चाहता हूं। मैं तुम्हारा सलीम, आई लव यू मंजू।

इतने में मुझे पीछे से दीदी की आवाज आई, जो गाना गाती हुई कमरे में आ रही थी। वह आज कुछ ज्यादा ही खुश नज़र आ रही थी। मैंने देखा मेरी दीदी एक शॉट निक्कर में थी, जो पूरी उनकी टांगों से चिपकी हुई थी, जिसमें दीदी की फूली हुई चूत नज़र आ रही थी, और उनकी गोल उभरी हुई गांड और उसके बीच की दरार अलग ही चमक रही थी।

फिर मैं बोला: दीदी यह फूल बहुत अच्छा लग रहा है। कहां से लाई हो?

दीदी: अमित यह मुझे दो, खराब हो जाएगा। यह मेरे खास दोस्त ने दिया है, अच्छा तो होगा ही ना।

मैं: दीदी यह फूल अपको किस दोस्त ने दिया है?

दीदी‌ (गुस्सा करती हुई बोली): तू ज़्यादा समझ के क्या करेगा? बस यह मेरे खास दोस्त ने दिया है। अब तू यहां से भाग, और मम्मी के सामने मत बोलना कुछ।

फिर मैं दीदी का गुस्सा देख कर बाहर चला गया। अगले दिन से मैंने देखा मेरी दीदी सलीम से फोन पर बाते भी करने लगी, और धीरे-धीरे अनकी बाते रोमेंटिक भी हो रही थी। कॉलेज जाते समय मेरी दीदी अपने शर्ट के ऊपर के बटन खोल देती, जिससे सलीम आरम से चूचियों की क्लीवेज का नजारा ले सके, और वो भी दीदी के सामने अपना लंड मसल देता। एक बार शाम के समय दीदी मम्मी से बोल रही थी। मम्मी मुझे बाहर जाना हैं, मुझे चॉकलेट खानी है।

मम्मी: बेटी रात का समय हो रहा है, और बाहर अंधेरा भी हो रहा है, कल खा लेना।

दीदी: क्या मम्मी आप भी हमेशा माना करती है। पता नहीं मेरे बाहर जाने से क्या हो जाएगा?

दीदी अपना मुंह फुला कर मम्मी से गुस्सा हो जाती है।

मम्मी: यह लड़की भी ना गुस्सा हो गई। ठीक है बेटी जाओ, पर अपने भाई अमित को भी साथ में लेकर जाओ, और जल्दी आना।

दीदी: मम्मी मैं अकेले चली जाऊं, और जल्दी भी आ जाऊंगी?

इसके आगे क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा। इसके लिए मेरे साथ बने रहें। कहानी की फीडबैक में अपना प्यार मुझे ज़रूर दें। [email protected]