बॉयफ्रेंड की रंडी बनकर चुदी

हेल्लो दोस्तों। मेरा नाम दीपा है। मैं अभी B.Sc की छात्रा हूँ। मुझे चुदाई की कहानी पढ़ने में बहुत मजा आता है। जब जब मैं ये चुदाई की कहानियां पढ़ने लगती हूँ, तो मेरी पैंटी गीली हो जाती है।

अपने आप मेरा हाथ मेरे चूत पर चला जाता है और मैं अपने कोमल से चिकने और गुलाबी चूत को सहलाने लगती हूँ। कभी कभी तो खो जाती हूँ और अपने चुदाई के दिन याद करने लगती हूँ।

तो दोस्तों आज मैं आप सबसे अपनी एक सुंदर चुदाई की कहानी शेयर करने जा रही हूँ।सभी लड़के अपने लन्ड और लड़कियां अपनी चूत को पकड़ कर बैठ जाइए क्योंकि इस चुदाई की कहानी से सबका बुरा हाल होने वाला है।।

ये कहानी 2019 की है जब मैं फर्स्ट ईयर में थी।

मेरा एक bf था पर वो बहुत दूर रहता था। हम रोज रात में बात करते थे और फिर धीरे धीरे सेक्स चैट करने लगे। अब रोज रात को वो मुझे नंगा करके फ़ोन सेक्स करने को बोलता और मुझे मजा भी बहुत आता। पर धीरे धीरे मेरी प्यास बढ़ने लगी। अब फोन सेक्स से काम नही चल रहा था तो इतना मजा नही आ रहा था।

अब मुझे असली में लन्ड चाहिए था। मोटा और लम्बा लन्ड। मेरे bf का भी लन्ड बहुत मोटा और लम्बा था पर मैन उसे कभी छुआ नही था। बस देखती थी और आहें भर्ती थी कि कब ये मेरे प्यारे से चूत में घुसकर मुझे पलेगा और कब मेरी चूत के अंदर की तूफान खत्म होगी।

मैं किसी और से चुदवा भी नही सकती थी क्योंकि मैं महिला कॉलेज में पड़ती थी तो कोई अस पास का लड़का भी नही पटाने के टाइम मिल रहा था।

फिर आया गर्मी की छुट्टियां, जब मैं भी अपने घर मे और वो भी अपने घर मे आ चुका था तो हमने प्लान बनाया की

अब सहा नही जाता ये जुदाई,
अब तो करनी पड़ेगी चुदाई।
यही सोच कर मेरे बॉयफ्रेंड अर्णव ने 28 मई को होटल बुक कर लिया।
हाय वो दिन आज भी याद है मुझे।

सुबह 10 बजे मैं घरसे बहाना बना कर अपनी सहेली रजनी के साथ निकली और उसे भी होटल ले आयी।

अर्णव एक रात पहले से ही वहाँ था।

अब मिलन कि घड़ी नजदीक थी। मुझे डर भी लग रहा था और मजा भी आ रहा था। मैं बहुत सज धज के घर से निकली थी और अपने bf के लिए बड़ा वाला डेरी मिल्क चॉकलेट ले आयी थी क्योंकि उसे ये बहुत पसंद है।

फिर जैसे ही अर्णव ने मुझे देखा देखता ही रह गया। थोरे देर बाद वो खुद को संभाला और रजनी को रूम के बाहर एक सोफे पर बैठने को बोला और उसे कुछ नास्ता पानी दे दिया और मुझे इशारे से बोला कि चलो अंदर। मैं न जाने क्यों उसे पहले मना करने लगी पर मन तो मुझे भी था फिर थोरे दी में मैं खुद अंदर आ गयी।

अंदर आते ही मैं खुद को रोक नही पाई और उसके गले लग गयी। फिर शुरू हुआ कांड।

दोनों इतने गरम हो गए कि क्या बताए।

मैं उसे और वो मुझे बेतहासा चूमने लगें।वो चूमते चूमते मेरे चुचियों को दबाने लगा। मेरे मुंह से आह आह की आवाज आने लगी। फिर वो अपना जीभ मेरे मुंह मे डालने लगा जिसे मैं चूस रही थी फिर कभी वो मेरे मुंह मे कभी मैं उसके मुंह मे जीभ डाल डाल कर चूस चूस कर अपने प्यार का मजा ले रहे थे।

फिर वो धीरे धीरे अपना हाथ मेरे चूचों से हटा कर नीचे मेरे चूत के ऊपर ले जाने लगा। मैं दीवार से सट कर खड़ी थी।

वो मुझे चुम रहा था और नीचे से मेरे चूत को सहला रहा था।

अब मैं पागल हो रही थी।मैं तुरंत नीचे बैठ गयी और उसको नीचे से नंगा कर दी। फिर मैं उसका लौड़ा जो कि एक लंबा और मोटा खीरे के जैसे लग रहा था उसे पकड़ कर उसे सहलाने लगी।

फिर उसके सुपाड़े को चुम ली और धीरे धीरे अपने होठ को उसके लन्ड पर घूमाने लगी। फिर धीरे धीरे उसे चूसने लगी। हाय!क्या आनंद था।उसके लन्ड का टेस्ट से मेरे चूत में गर्मी होने कगी थी। मैं उसका लन्ड अब जोर जोर से चूसे जा रही थी और वो भी जोश जोश में

अर्णव:आह दीपा!आह…आह..चूस साली रंडी चूस मेरा लौड़ा…आह… आज मेरे हाथ आयी है साली रंडी आज तो तुझे चोद चोद कर अपनी रांड और अपने लन्ड की गुलाम बना लूंगा मेरी रखैल। चूस…आह..आह… आ..आ…आह।

मैं:हा मेरे राजा बना के मुझे अपनी रंडी आज ऐसे चुदाई कर की मैं चल भी न पाऊं।

और फिर मैं मजे से उसका लन्ड चूसने लगी। वो मेरा सिर पकड़ कर जोर जोर से मेरे मुंह को अपने लन्ड से चोदे जा रहा था। और फिर 2 मिनुट्स बाद वो मेरे मुंह मे ही झर गया।

आह…क्या taste थे उसके वीर्य का,मजा आ गया। मैं उसका सारा रस पी गयी और उसके लौड़े को चूस चूस कर साफ कर दी।

फिर अर्णव ने मुझे बेड पर लिटाया। मैं नीचे से लैगिंस पहनी हुई थी। उसने लैगिंस की निकाल कर मुझे नीचे से पैंटी में कर दियाऔर फिर धीरे धीरे मेरे टांगों को चूमना शुरू कर दिया। चूमते चूमते वो मेरी पैंटी पर आया और फिर अपनी दांतो से मेरे पैंटी को निकाल दिया। अब मैं पहली बार अपने bf अपने जान अर्णव के सामने नंगी थी नीचे से । वो जैसे ही मेरी चूत को देखा उसे चूमने लगा। अब हम दोनों 69 पोजीशन में थे।आह…. क्या आनंद है। अर्णव के साथ 69 पोजीशन में मैं उसका लन्ड चूस रही थी और वो मेरे चूत के रस में डूब गया था।उसके चुमने से मेरे चूत में बिजली दौड़ गयी। मेरी मुँह से सीत्कार निकलने लगी।

आह…आउ… आ आ आह उई…आह अम्म्म

फिर वो मेरे जंगो के बीच आकर मेरी चूत चूसने लगा। पहले ऊपर से चूस रहा था पर फिर जालिम मेरी चूत में अपना जीभ पेल दिया…. हाय!!!क्या कहूँ….क्या एहसास था वो….

मैं जैसे जन्नत में थी और वो मुझे नीचे से लगातार गिला किये जा रहा था,मेरी चूत में अब जोर जोर से अपना जीभ पेल रहा था जैसे मानो आज वो मेरी चुदाई अपनी जीभ से ही कर देगा। थोरे देर बाद वो और तड़पाने के लिए एक हाथ से मेरी क्लाइटोरिस को दबाने लगा।

मैं तड़प गई…

आह…आ आ ….उईईई….अअअअअअअ

मैं फिर बिना कुछ बोले उसके मुंह पर झर गयी।

आह…!

क्या आनंद था।क्या सुकून थी।फिर अर्णव मेरे बगल में आ कर लेट गया।

अर्णव:कैसा लगा जान??

मैं:बहुत अच्छा,मुझे तो लगा कि बस ये पल कभी खत्म ही न हो। तुम ऐसे ही मेरी बुर को अपने मुंह से चोदते रो।

और फिरसे हम दोनों एकदूसरे को चूमने लगे। हमारे स्मूच की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी।

चूमते चूमते कब हम दोनों पूरे नंगे हो गए पता ही नही चला। और जबमेरी नजर अर्णव के लन्ड पर गयी तो उसे देख कर लालच आ गया। और मैं उसके ऊपर लपक गयी।

अर्णव:क्या सिरफ लन्ड चूसना ही है या असली जन्नत का भी मजा लेना है।

मैं:लेंगे सब लेंगे पर पहले मुझे इसे चूसने दो,मैं इससे बहुत दूर रही हूं अब नही ।

अर्णव:आह…आआआआआ…आह..चूस जा साली रांड है तू कुतिया चूस… आह… जितना चूसना है चूस फिर तेरी बुर में लन्ड पेल कर उसका भोसड़ा बना दूंगा….आह ..आह…आया

उसके बाद उसने मुझे अपने नीचे पटक दिया और मेरे चूचों चूसने लगा। मेरे चुचे इतने बड़े थे कि हर किसी की नजर मेरे सीने पर ही ठहर जय करती। और तो और वो एक हाथ मे आते ही नही। मेरे चूचों का साइज 34D है। बिल्कुल दूध जैसा गोरा रंग।

मैं:अर्णव अब नही सहा जाता। चोद दो मुझे। फाड़ दो मेरी चूत को…

अर्णव:ठीक है मेरी रखैल…जब तुझे इतना ही गर्मी है चुदवाने की तो रेडी हो जा अब मेरा लन्ड तेरे बुर में जाकर देख क्या करता है।

फिर अर्णव ने मेरे दोनों टांगों को उठा कर अपने कंधे पर रखा और अपना गुलाबी सुपाड़े को मेरे पिंक चूत के मुँह में रखा। मेरे चूचों को पकड़ कर एक जोर का झटका दिया और अपना 6 इंच के लन्ड में से 4 इंच मेरे बुर में पेल दिया।

मैं:आआआ…माँ मैं मर गयी…मादरचोद कमीने…साले…आ ..धीरे नही पेल सकता था मादरचोद।

मेरे आंखों से आंसू निकल रहे थे पर कमीना अर्णव उसे तो फर्क ही नही पढ़ रही थी। वो मुझे लगातार पेलता गया,जोर जोर से,सटा सट।

मैं:रुक जाओ …आह…बहुत दर्द हो रहा है …..उईईईई….आह आह…रुक जा मादरचोद साले कमीने मैं कही भागी नही जा रही रुक जा…. आह आह।

पर वो नही रुक रहा था। अपनी ही धुन में पेलता रहा और 2 मीन बाद मुझे भी उस चुदाई में धीरे धीरे मजा आने लगा।

अब मैं भी अपनी गांड उठा कर उसको सपोर्ट कर रही थी।

अर्णव:आह..क्या हुआ रांड साली बोला था न सब दर्द निकल जायेगा अब मजा आ रहा है न।

फिर अर्णव न 2 तकिया मेरे मोटे और बड़े गांड के नीचे रख दिया। और फिर चला चुदाई का दौर।

वो मुझे मस्ती से चोदे जा रहा था। और मैं भी अपनी टांगों को उसके कमर पर बांध ली थी।

मैं:आह आह  आह आह….क्या मजा है इसमें साले …पहले क्यों नही चोदा तूने।।

अर्णव:क्या करूँ साली तू भाव ही इतना खाती थी।

और इन सब के बीच हमारी चुदाई नही रुकी। वो मुझे एक दम घपा-घप घपा-घप चोदे जा रहा था। मेरा बॉयफ्रेंड एक नंबर का चोदू था, साले का झरने वाला था तो पोजीशन चेंज कर लिया और मुझे कुतिया बना दिया।

अर्णव:आजा रंडी डौगी स्टाइल में तुझे और तेरे बुर को जन्नत की सैर कराता हूँ।

फिर मैं doggy स्टाइल में आ गयी।

वो पहले तो मेरे चूत को पीछे से चूसा और फिर मजे से उसपर थूक लगा कर अपना मोटा रॉड जैसा लन्ड मेरे बुर में पूरा पेल दिया।

हाय!!!क्या मजा था। दोस्तों डौगी स्टाइल में चुदाई का असली मजा है।उसका पूरा लन्ड मेरे चूत में समा जा रहा था।

मैं:अर्णव और तेज चोद साले और तेज।

अर्णव:हाँ रंडी तू तो मादरचोद बस मजा ले मेरे लौड़े का। ले भोंसड़ी वाली और अंदर आह…

मैं:आह..आह..और तेज अर्णव साले कुत्ते और तेज चोद अपनी दीपा रांड को….आह आह

फिर पूरे रूम में मेरे ठप ठप की आवाज बहुत तेज सुनाई दे रही थी। (इतनी तेज की मेरी दोस्त रजनी जो बाहर थी वो मुझे बाद में बताई की तुम लोग doggy स्टाइल में कुछ ज्यादा ही मजा ले रहे थे)। क्या करूँ मेरे bf को कुछ समझ ही नही आ रहा था वो तो बस चोदने के सुर में था और मैं चुदवाने के। 30 मिनुट्स की चुदाई में मैं दो बार झर चुकी थी।

अर्णव: आह … जान.. मैं झड़ने वाला हूँ.. कहाँ गिराऊं।

मैं: अंदर नही… मेरे बॉडी पर गिरा दो।

फिर अर्णव अपना लन्ड बाहर निकाल कर पूरा अपना वीर्य मेरे बॉडी पर गिरा दिया।

उसका फेविकॉल जैसा वीर्य मेरे चूचों पर मेरे पेट पर सब जगह गिरा। और फिर कमीने ने अपने लन्ड से पूरे वीर्य को मेरे बॉडी में फैला दिया।

फिर थोरे देर बाद मैं बाथरूम खुद को साफ करने गई तो वो पीछे से आकर शावर ऑन कर दिया और मैं पूरी भीग गयी। और वो पीछे से मेरे गांड को दबा रहा था।

अर्णव:ऐसा गांड किसके लिए रखी हो जाने मन।

मैं:और किसके लिए जान। तुम्हारा ही है सब।

अर्णव:फिर तो आज इसका भी उद्घाटन  करने होगा।

मैं डर गई कि कही सच मे न ये मेरे गांड में भी लन्ड पेल दे। इतना मोटा लन्ड कैसे मै लुंगी अपने गांड में।

मैं:नही अर्णव अगली बार। वहां बहुत दर्द होगा। अभी तो छूट फाडे हो अब गांड छोड़ दो।

पर वो कमीना कहाँ मानने वाला था।पानी मे दोनो भीग गए थे और बुरे सरीर में आग लगी थी। लगे भी क्यों न इतना हैंडसम और स्मार्ट bf इतना करीब हो तो कोई क्या करे। फिर वो मुझे चूमने लगा। और मेरे गांड को सहलाने लगा। मेरे चूत इस बार फिर चुदने को रेडी हो गए। वो मुझे बाथरूम की दीवार पर झुकाकर मेरे पीछे से मेरे चूत में लन्ड डालने लगा।

मैं:जान तुम कितने अच्छे हो। मुझे जो न पसन्द वो काम तुम करते ही नही। आह…और चोदो… मेरे गांड मारने की इच्छा मेरी चूत चोद कर ही पूरी करलो।

अर्णव:(अपने मन मे) तू जानती ही नही मुझे अभी प्यार और चुदाई दोनों अलग अलग है जान हा हा हा हा।

अर्णव: बेबी अब डौगी पोजीशन में आ जाओ।

मैं फिर नीचे बाथरूम की फर्श पर doggy पोजीशन ले ली। और अर्णव ने मेरे खुल चुके चूत में अपना लन्ड पेलना शुरू कर दिया।

मैं:आह आह आह…अर्णव और जोर से…यह और तेज…।तेरे से चुदवाने में मजा ही मजा है जान।और तेज पूरा अंदर तक चोद साले। आह आह..उईईईई आह..आह।

मैं आनंद के सागर में डूबी हुई थी।बाथरूम में पट पट की आवाज से मेरा रोम रोम खिल उठा था और मैं अब अपने चरम पर थी।

मैं:बाबू अब मैं झड़ने वाली हूँ… रुकना मत। और तेज पूरा अंदर तक अपना लौड़ा डाल दो। आह… और तेज… और तेज…. आह आह .. आह मैं गयी.. ईईई… ऊऊऊ … आआआआआ।

अर्णव पर रुक नही वो मुझे चोदे जा रहा था । मैं थक गई थी इसलिए कुछ बोल नही रही थी या यूं कहें कि बोलने के हालात में नही थी।इसी का फायदा उठाकर अर्णव न वो किया जो मैं सपने में भी नही सोच सकती थी।

वप अपना लन्ड निकाला और मेरे गांड के छेद पर घुमाने लगा और जब मैंने कुछ न कहा तो वो एक जोर का धक्का मार के अपना पूरा6 इंच ला लन्ड एक बार मे मेरे कुँवारे गांड की छेद में पेल दिया।

मैं:आआआआआ… कमीने मादरचोद ये तूने क्या किया… उईईईई … अअअअअअअ

अर्णव: क्या हुआ जान मुझे क्या बच्चा समझ रखी थी। इतनी मस्त गांड को क्या ऐसे ही छोड़ देता।

मैं:प्लीज बाहर निकालो। मैं मर जाऊंगी…आह… आह…प्लीज… अर्णव बाहर निकाल कुत्ते।

उसपर कोई असर नही हो रहा था। पर इस बार वो रुका हुआ था,मेरा दर्द कम होने का इन्तेजार कर रहा था।जब मैं थोड़ी शांत हुई तो उसने अपनी रफ्तार बढ़ाना शुरू कर दिया।

मैं:धीरे धीरे…आह…आह… कमीने धीरे चोद न साले न मेरी गांड भी चोद दी मादरचोद।

अर्णव:बस अब तुझे भी मजा आ रहा है न साली…फिर क्यों चिल्ला रही है कुतिया।

और फिर वो धक्के पे धक्का मारने लगा। मुझे भी अब मजा आ रहा था मैं भी अपने गांड को आगे पीछे करके उससे चुदवा रही थी। फिर वो करीब 15 मिनुट्स मेरी गांड में अपना लन्ड पेलता रहा और फिर वो मेरे गांड में ही अपना वीर्य निकाल लिया। फिर हम नाहा कर रूम में आये और मैं थोड़ा आराम करने लगी।

पर अर्णव तो सेक्स करने की गोली कहा कर बैठा था(ये मुझे बाद में उसने बताया),वो कहा मानने वाला था। उसने डेरी मिल्क की चॉकलेट को निकाला और मेरे चूचों और चूत पर लगा दिया और फिर धीरे धीरे वो सारा चॉकोलेट चाटने लगा।

मुझे भी अब धीरे धीरे फिर से सेक्स चढ़ने लगा। specially तब जब वो मेरे चूत को चाट कर चॉकोलेट खा रहा था।

अब मैं भी उसकी ओर भूखी शेरनी की तरह देखने लगी। और उसे वही पर पड़ी कुर्सी पर बैठा कर उसके गोद मे बैठने लगी और उसके लन्ड को अपने चूत में सेट कर ली..

फिर क्या था।

फिर से रूम में ठप-ठप  पट-पट की आवाज, मेरी आहें निकल रही थी।

उसकी चुदाई करने के तरीके की मैं कायल हो गयी।

इस बार उसका लन्ड मेरे बच्चेदानी तक जा रहा था। मैं तो जैसे जन्नत में थी। वो नीचे से मैं ऊपर से एक दूसरे को चोदने में लगे थे।

वो मेरे गांड पर थप्पड़ से मार रहा था और अपने लौड़े से मेरे बुर को फाड़ रहा था।

दोस्तों,उसके हर थप्पड़ से मेरी चुदास बढ़ रही थी और मैं और तेज तेज उसके लौड़े पर अपनी चूत को पटक रही थी।

फिर वो मुझे रोक कर रूम में मिरर के सामने ले गया और लगा पीछे से पेलने।

मेरे फुटबॉल जैसे चुचे जो कि पूरे आजाद थे,वो जोर जोर से हिल रहे थे मुझे तो मानो बस चुदवाने के सिवा कुछ और दिख ही नही रह था।
और फिर वो अपना पूरा वीर्य मेरे पीठ और गांड पर छोड़ दिया।

ये हमारा उस दिन का अंतिम चुदाई था। फिर हम थोरे देर आराम करके वहाँ से बाहर निकले। बाहर रजनी मुस्कुरा रही थी और फिर जब अर्णव ने मुझे चुम कर वहाँ से भेजा तो रजनी बताई की

रजनी:  तुम्हारी चुदाई की और तेरे चिल्लाने की आवाज मैं आराम से सुन रही थी। क्या चोदता है न अर्णव तुझे!!! यार एक बार मुझे भी चुदवा दे न उससे। तुम दोनों की चुदाई की आवाज सुनकर मैं 2 बार झड़ भी गयी।

मैं: (अपने गुस्से की सहते हुए)अच्छा अगली बार आएगा तो उससे पूछ कर बताती हूँ।

असल मे वो मेरी दोस्त है इसलिए उसे कुछ नही बोली और मेरा bf उसकी तरफ देखेगा भी नही जब सामने ऐसी माल हो तो।मैं उसे कुछ नही बोली नही तो अगली बार किसके बहाने आती।

समाप्त।

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