अगर मुझसे मोहब्बत है-25 (Agar mujhse mohobbat hai-25)

This story is part of the अगर मुझसे मोहब्बत है series

    चलो एक खेल हम खेलेंगे गैरों से चुदाई का।

    मिलन गैरों से, अपनों से समा होगा जुदाई का।

    मैं चोदूँ उसकी बीवी जैसे वह मेरी अमानत है।

    तू चुदवा लंड से उसके अगर मुझ से मोहब्बत है।

    किरण ने रीता का हाथ थामा, और रीता के कान में अपने होंठ ले जा कर एक-दम धीमे स्वर में फुसफुसाते हुए बोली, “मैं जानती हूँ तू मेरे पति से चुदवाना चाहती है। सूरज भी तुम्हें चोदने के लिए अधीर हो रहा है। मैं यह भी जानती हूँ कि तू यह सोच रही है कि सूरज का इतना बड़ा लंड तू अपनी चूत में कैसे ले पाएगी। अरी पगली, औरत की चूत कुछ अलग मिट्टी से ही बनी होती है। छोटी से छोटी चूत भी जब बड़े लंड से चुदवाती है तो पहले उसे जरूर काफी दर्द सहना पड़ता है, पर धीरे-धीरे वह उस लंड को भी अपनी चूत में ले पाती है।

    तुझे पहली बार असहनीय दर्द होगा। तेरी चूत सूझ जायेगी। पर साथ-साथ में पहली बार में ही तुझे उस चुदाई के दर्द में भी गजब का आनंद आएगा। उस दर्द का उस आनंद के सामने कोई मुकाबला नहीं। मेरी बात का विश्वास कर। पहली कुछ चुदाई के बाद तुझे ज्यादा दर्द नहीं होगा। इसी चूत में से ही मर्द के बड़े से बड़े लंड से भी बड़ा बच्चा जन्म लेता है। इस लिए तू बिल्कुल चिंता मत कर।

    अभी तू कुछ देर तक अपने पति से चुदवाती रह। जल्दी ही मेरे पति सूरज का लंड तेरी चूत में होगा। वह तुझे शुरू में धीरे से ही चोदेंगे। तुझे ज्यादा दर्द नहीं होगा। बाद में जब तू उनका लंड ले पाएगी तब वह तुझे “गांड फाड़” चुदाई का मजा भी देंगे। मुझ पर भरोसा रख।”

    यह कह कर किरण ने प्यार भरी नजरों से रीता की ओर देखा। रीता बेचारी शर्म और लज्जा से कुछ बोल नहीं पायी। किरण ने वाकई रीता के मन की बात कह डाली थी।

    रीता ने देखा कि किरण ने यह कह कर अपने पति सूरज को अपने ऊपर चढ़ कर उस को चोदने का इशारा किया। इशारा मिलते ही सूरज फौरन किरण की गोद में से उठ कर किरण को अपनी टांगों के बीच में रख कर किरण के ऊपर सवार हो गया।

    किरण की टांगों को ऊपर उठा कर अपने कन्धों पर रख कर सूरज ने अपना लंड किरण की चूत पर केंद्रित किया। किरण ने सूरज के लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ा, ताकि सूरज के लंड की चिकनाहट और किरण की चूत का पानी मिल कर किरण की चूत को कुछ स्निग्ध बना दिया था। उसके उपरान्त किरण ने अपना थूक लगा कर सूरज के लंड को चिकनाहट से लथ-पथ भर दिया।

    सूरज ने एक हल्का सा धक्का देकर किरण की चूत में अपने लंड का अग्रभाग धीरे-धीरे दाखिल करना शुरू किया, तांकि किरण को परेशानी का सामना ना करना पड़े। फिर भी किरण के मुंह से एक चीख सी निकल ही गयी। किरण ने रीता का हाथ थामा और उसे देख कर आँख मारी और सब कुछ ठीक है इसका इशारा कर सूरज के लंड को अपनी चूत की और गहराइयों में दाखिल होने का इंतजार करने लगी। सूरज धीरे-धीरे अपना लंड किरण की चूत के अंदर बाहर करता हुआ किरण को चोदता जा रहा था। सूरज के हरेक धक्के के साथ-साथ किरण भी चिल्लाती रहती थी। पर रीता का हाथ थाम कर यह दिलासा भी देती की “सब ठीक है।”

    रीता मेरे द्वारा चुदाई के धक्कों से पूरी हिलती हुई अपनी आँखों के कोने से टेढ़ी नजर कर सूरज द्वारा किरण की चुदाई का दृश्य जो कि उसके जीवन का पहला जीवंत चुदाई देखने का दृश्य था, उसे देख रही थी। किरण की इस तरह चुदाई होती हुए देख कर रीता के ज़हन में पता नहीं कैसे-कैसे भाव पैदा हो रहे थे।

    सूरज का लंड वाकई में कितना मोटा और लम्बा था वह रीता इतने करीब से सूरज द्वारा किरण की चुदाई के दरम्यान देख रही थी। किरण की चूत में जाता हुआ और बाहर निकलता हुआ सूरज का लंड देख कर रीता की जान निकल रही थी। किरण की चूत में वह पूरा जा नहीं पा रहा था। अंदर डालने के बाद भी सूरज के लंड का काफी बड़ा हिस्सा किरण की चूत के बाहर रह जाता था। किरण सूरज की ऐसे लंड से चुदाई कैसे झेल पा रही थी यह सोच कर रीता का बदन डर के मारे कांपने लगा।

    सूरज धीरे-धीरे किरण को एक लय के साथ चोदने लगा था। हालांकि सूरज अपना पूरा लंड किरण की चूत में नहीं घुसेड़ पा रहा था, पर सूरज की जांघों की थपेड़ किरण की गांड के गालों से और चूत के बाहरी भाग में लगने से बड़ा ही कामुक “फच्च… फच्च… थप… ठप्प…” की आवाज से पूरा कमरा गूंज रहा था।

    मैं तो सूरज द्वारा किरण की इतनी बढ़िया चुदाई देखता हुआ अपनी बीवी की चुदाई करना तो जैसे भूल ही गया। किरण अपने पति से इतनी बार चुदी हुई होने के बावजूद भी सूरज के इतने लम्बे मोटे लौड़े को अपनी चूत में आसानी से नहीं ले पाती थी। अपने पति का लंड अपनी चूत में महसूस कर किरण ने सूरज की चुदाई के साथ साथ कराहना भी चालू रखा था। सूरज किरण की चूत में जैसे ही एक झटके से अपना लंड पेलता, किरण वैसे ही चिल्लाने लगती। पर उसके साथ रीता को आँख मार कर सब ठीक है उसका इशारा भी करती रहती थी। रीता किरण का हाल देख कर मुस्काये या रोये वह उसकी समझ में नहीं आ रहा था।

    सूरज के एक धक्का मारने से किरण पूरी तरह हिल जाती थी। उसके साथ किरण के भरे हुए स्तन भी हिलने लगते थे। सूरज उन स्तनों को जब भी मौक़ा मिलता था तब अपनी हथेलियों में उठा कर उनसे खेला करता था। जब किरण ने देखा कि रीता उसकी चुदाई और सूरज के लंड के किरण की चूत के अंदर-बाहर जाने की क्रिया को बड़े ध्यान और उत्सुकता के साथ देख रही थी और किरण की कराहटें सुन रही थी, तब किरण ने रीता के कन्धों पर हाथ रख कर कहा, “तुम्हें लगता होगा कि सूरज का इतना बड़ा लंड मैं कैसे ले पा रही हूँ? मैंने तुम्हें बता दिया ना यह चूत बड़ी लचीली है। पहले आसानी से नहीं खुलती, पर धीरे-धीरे खुल जाती है और ऐसे बड़े लंड को भी ले लेती है, जैसे मैं ले रही हूँ।”

    रीता ने यह सुन कर किरण को अपना सर साइड में कर प्यार से चूमा। किरण ने रीता का हाथ थाम कर रीता के कानों में कहा, “सूरज में इतना जोश, उसके लंड में इतना वीर्य, और सूरज में इतना धैर्य है कि वह एक घंटे तक अगर चोदता रहे तब भी वह नहीं झड़ता। और मैं तो हर पांच मिनट में ही झड़ जाती थी। आज भी सूरज मुझे चोदता है तो मेरी जान निकाल देता है। पर भगवान ने स्त्रियों का शरीर और ख़ास कर उसकी चूत ऐसी बनायी है स्त्री को थोड़ा बड़ा लंड से चुदवाने में भी दर्द होता है, पर बड़े से बड़ा लंड भी वह ले सकती है।“

    किरण का इस तरह का लेक्चर सुन कर तो रीता और ज्यादा कांपने लगी। जब किरण ने कहा था कि सूरज ने उसकी चूत फाड़ कर रख दी थी, तब रीता को ऐसा लगा कि अगर सूरज उसके इतने मोटे और लम्बे लंड से उसको चोदेगा, तो किरण की चूत भले ही ना फ़टी हो, पर रीता की सुकोमल चूत तो जरूर फ़ट जायेगी। क्योंकि मैं तो मेरी रीता की कोमल चूत को बड़े इत्मिनान और प्यार से चोदता था।

    मैं भी सूरज और किरण की चुदाई देख कर उन्माद से प्रेरित हो कर रीता को जोर से चोदने लगा। पर मेरी आँखें किरण की चूत पर गड़ी हुई थी। सूरज के अंदर-बाहर होता हुए लंड को देख कर मैं यह चाह रहा था कि काश वह मेरा लंड होता। सूरज ने मुझे इस तरह लालच भरी आंखों से किरण की चूत को घूरते हुए देखा, और वह मुस्काने लगा। सूरज ने मुझे एक आँख मारी और मेरा हाथ थामा। उस समय किरण और रीता दोनों ने अपनी आँखें मूंदी हुई थी। सूरज ने मुझे अपने करीब थोड़ी ताकत के साथ खींचा।

    मैं समझ गया कि सूरज मुझ से जगह बदलना चाहता था। मैं तो इसी के इंतजार में था। मैंने झुक कर रीता की आँखों पर एक कपड़ा फेंक कर बोला, “रीता इस कपडे से अपनी आँखें ढक लो। आँखें सख्ती से बंद रखो और अभी मत खोलना।” मैंने रीता को यह कह कर अपना लंड रीता की चूत में से बाहर निकाल लिया। रीता मेरा इरादा समझती हुई भी कुछ ना बोली। वह चाहती थी और जानती थी कि अब सूरज उसकी चूत में अपना लंड पेलने वाला था। रीता इसके लिए मानसिक रूप से काफी समय से अपने आप को तैयार करने में जुटी हुई थी। एक बार उसने अपनी आँखें खोली और मेरी और देख कर अपना सर हिलाते हुए अपनी सहमति जाहिर कर अपनी टांगें वैसी ही अद्धर हवा में रखी हुई आगे क्या होने वाला है उसके इंतजार में अपनी आँखें सख्ती से मूंद कर लेटी रही।

    मैं एक ही पल में अपनी जगह से हट कर जहां सूरज अपने घुटनों के बल आधा खड़ा आधा बैठा हुआ अपनी बीवी को चोद रहा था, उसकी जगह लेते हुए सूरज के लिए अपनी जगह खाली कर दी। सूरज ने अपना लंड किरण की चूत में से निकाल लिया था। किरण रीता की तरह आँखें नहीं मूंदी हुई थी। वह तो सूरज के हटने और मेरे सूरज की जगह लेने का इंतजार कर रही थी। शायद उसी ने ही उस समय सूरज को मुझे उसे चोदने के लिए भेजने के लिए इशारा किया होगा।

    मुझे अपनी टांगों के बीच में जगह लेते हुए देख कर मुस्कुरा कर किरण ने मुझे आँख मारी और फिर अपनी आँखें बंद कर दी। आखिर में वह भी तो एक स्त्री थी, जो थोड़ी बहुत तो शर्माती थी। मैंने अपना लंड आसानी से किरण की चिकनी हुई चूत में घुसा दिया और मैं किरण की चूत को बड़े ही प्यार और जोश-खरोश के साथ चोदने लगा।

    उस तरफ मेरी बीवी अपनी आँखें बंद किये और अपनी टांगें ऊपर उठा कर अपनी चूत के सूरज को पूरी और अच्छी तरह से दर्शन करवाती क्या होने वाला है उसका इंतजार कर रही थी। सूरज के अपनी टांगों के बीच आने का एहसास होते ही रीता ने अपनी आँखें खोली। सूरज को अपनी टांगों में अपने ऊपर देख कर रीता ने कुछ डरते हुए पर हल्का सा मुस्कुरा कर अपनी बाहें फैलायीं। सूरज रीता की फैलाई हुई बाहों में समा गया और मेरी पत्नी रीता के ऊपर अपना पूरा वजन देकर रीता के बिल्कुल ऊपर लेट गया। सूरज का तगड़ा लंड रीता की चूत में घुसने की नाकाम कोशिश करता हुआ रीता की चूत पर इधर-उधर रगड़ता एक साइड में हो गया।

    मेरी पत्नी रीता ने मेरे सुनते हुए सूरज को अपनी बाहों में कस के लेकर उसके होंठों को चूमते हुए बोली, “अभी मैं तुम्हारी बीवी हूँ। मेरे पति ने मुझे और तुम्हें यह अधिकार दिया है कि तुम मुझे अपनी पत्नी समझ कर मुझे जैसे चोदना है चोदो। मैं एक आज्ञाकारी पत्नी की तरह तुम्हारे सारे हुकम मानूंगी और तुम्हें खुश करने की जी जान से कोशिश करुँगी। और हाँ, जो तुमने किरण के साथ व्यवहार किया है, वह मेरे साथ तुम्हें करना चाहिए। गुनाह मैंने किया था किरण ने नहीं। तो सजा भी मुझे ही भुगतनी चाहिए। जिस बुरी तरह से तुमने उस समय किरण को चोदा था, और किरण की जान पर बन आयी थी मैं चाहती हूँ तुम मुझे इस वक्त उतनी ही बुरी तरह अपने इस तगड़े लंड से बेरहमी से मुझ पर बिना कोई रहम किये चोदो।“

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