पिछला भाग पढ़े:- पड़ोसी ने तोड़ी मेरी दीदी की सील-28
Group Sex Story अब आगे-
शराब के नशे और कामुक बातों से माहौल पूरी तरह गर्म हो चुका था। राजू का हाथ अब मम्मी की जाँघ से ऊपर उनके लाल नाइटी के अंदर जा चुका था, और वो खुलेआम मम्मी की जाँघों को सहला रहा था। मम्मी ने एक कामुक आह भरी और उसकी तरफ़ देख कर मुस्कुरा दीं।
अजय का हाथ भी दीदी की कमर से नीचे सरक कर उनके गांड पर पहुँच चुका था, और वो उसे धीरे-धीरे मसल रहा था। दीदी ने भी कोई विरोध नहीं किया, बस अपनी कमर को हल्का सा हिलाया।
सलीम ने एक गहरी साँस ली और मुस्कुराते हुए कहा: तो फिर देर किस बात की? आज रात का खेल शुरू किया जाए।
ये सुनते ही राजू ने बिना देर किए मम्मी को अपनी गोद में खींच लिया। मम्मी की लाल नाइटी उनके बदन से और चिपक गई, उनके अंदर के उभार साफ़ दिख रहे थे। राजू ने मम्मी के होंठों पर अपने होंठ रखे और उन्हें गहराई से चूसने लगा। मम्मी ने भी उसका पूरा साथ दिया, उनकी जीभें एक-दूसरे से लिपट गई।
अजय भी कम नहीं था। उसने दीदी का हाथ पकड़ा और उसे अपने पास खींच लिया। दीदी ने एक कामुक मुस्कान दी और अजय के सीने से चिपक गई। अजय ने दीदी की काली नाइटी के डीप नेक में हाथ डाला और उसके गोल निप्पलों को सहलाने लगा। दीदी के मुँह से हल्की सिसकी निकली, और वो अपनी कमर को अजय के शरीर से रगड़ने लगीं।
सलीम, जो अब तक इन दोनों को देख रहा था, उसने एक गहरी साँस ली और अपनी पैंट की जिप खोली। उसका लंड बाहर निकला, पूरी तरह से खड़ा और लाल हो चुका था। उसने मम्मी और दीदी दोनों की तरफ़ देखा, जैसे पूछ रहा हो कि अगला कौन?
राजू और मम्मी एक-दूसरे में पूरी तरह खो चुके थे। राजू ने मम्मी के होंठों को चूसते हुए अपने एक हाथ से उनकी लाल नाइटी को ऊपर उठा दिया। मम्मी की नंगी गांड सामने आ गए। राजू ने मम्मी को सोफे पर ही लिटा दिया और उनके ऊपर आ गया।
उसने बिना देर किए अपनी पैंट खोली और उसका मोटा लंड बाहर निकला। राजू ने अपने लंड को मम्मी की चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया। मम्मी ने एक गहरी आह भरी, उनके पैर अब हवा में उठ चुके थे।
दूसरी तरफ़, अजय ने दीदी को अपनी गोद में बिठा लिया था। दीदी की काली नाइटी उनके शरीर पर से लगभग उतर चुकी थी, और उनकी गोरी चूचियां अजय के सामने थी। अजय ने दीदी की चूची को ज़ोर-ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया और उनके निप्पल को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा।
दीदी के मुँह से तेज़ सिसकियाँ निकल रही थी। अजय का एक हाथ दीदी की चूत पर पहुँच चुका था और वो उसे अपनी उंगलियों से तेज़ी से सहला रहा था। दीदी की कमर अब बेकाबू होकर हिल रही थी।
सलीम, जो अब तक इन दोनों जोड़ों को देख रहा था, उसने एक नया खेल शुरू किया। वह अपने कड़े लंड को लेकर मम्मी और दीदी के पास आया। उसने पहले मम्मी के पास जाकर उनके मुँह के पास अपना लंड रखा।
मम्मी ने बिना किसी हिचकिचाहट के सलीम का लंड अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी, जबकि राजू मम्मी की चूत को चोद रहा था।
फिर सलीम दीदी के पास आया। दीदी अजय से चिपकी हुई थी, और अजय उनकी चूत को सहला रहा था। सलीम ने अपना लंड दीदी के चेहरे के पास किया। दीदी ने भी खुशी-खुशी उसे अपने मुँह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया।
राजू मम्मी की चूत को मार रहा था, अजय दीदी की चूचियां और चूत को सहला रहा था, और सलीम कभी मम्मी तो कभी दीदी का लंड चूस रहा था। कमरा आहों और जिस्मों के टकराने की आवाज़ों से गूँज रहा था।
अचानक, सलीम ने मम्मी के मुँह से अपना लंड निकाला और एक शरारती मुस्कान के साथ कहा: ये खेल तो बहुत मज़ेदार है, पर क्यों ना इसे थोड़ा और रोमांचक बनाया जाए?
राजू और अजय ने एक साथ देखा, उनकी आँखों में उत्सुकता थी। मम्मी और दीदी भी मुस्कुराई, जैसे उन्हें पता था कि सलीम के दिमाग़ में क्या चल रहा था। सलीम ने पहले राजू को इशारा किया। राजू मम्मी की चूत से अपना लंड निकाला और मम्मी को खींच कर बीच में ले आया। मम्मी अब बिस्तर के बीच में पीठ के बल लेटी थी, उनकी लाल नाइटी उनके नीचे उतर चुकी थी।
फिर, सलीम ने दीदी की तरफ़ देखा। दीदी अजय से चिपकी थी, अजय अभी भी उनकी चूत को सहला रहा था। सलीम ने दीदी को बुलाया और दीदी मम्मी के पैरों की तरफ़ आकर खड़ी हो गई।
सलीम ने अब मम्मी के पैरों को फैलाया और उनके दोनों पैर राजू और अजय के कंधों पर रख दिए। राजू और अजय दोनों मम्मी के पैरों को पकड़े हुए थे, उनकी नज़रें अब मम्मी की खुली चूत पर थी।
सलीम ने अपना कड़ा लंड पकड़ा और मम्मी की चूत पर टिकाया। एक ही झटके में उसने अपना लंड मम्मी की चूत में पूरा डाल दिया। मम्मी के मुँह से एक मोटी आह निकली, और उनके पैर राजू और अजय के कंधों पर और कस गए।
फिर, दीदी ने अपना हाथ बढ़ाया और सलीम के नितंबों को पकड़ा, और अपनी चूत को सलीम की गांड पर टिका दिया। अजय ने दीदी की चूत को सहलाना जारी रखा, और राजू मम्मी के शरीर को।
अब नज़ारा कुछ ऐसा था: सलीम मम्मी की चूत मार रहा था, और दीदी अपनी चूत को सलीम की गांड पर रगड़ रही थी, जबकि राजू और अजय मम्मी के पैरों को पकड़े हुए थे और अजय दीदी की चूत को सहला रहा था।
इस बेकाबू माहौल में भी, उनकी बातें नहीं रुकीं। सलीम ने धक्के मारते हुए हाँफते हुए कहा: कैसा लग रहा है, मेरी जान? मेरी चूत की रानी?
मम्मी ने सिर हिलाया, उनकी आँखें बंद थी, वो बोली: आह्ह्ह… सलीम जी… और तेज़… मुझे और चाहिए…!
राजू, जो मम्मी के पैर पकड़े हुए था, बोला: अरे भाभी, क्या कमाल की चीज हो तुम। इतनी देर से मैं बस तुम्हें देख रहा था अब तो मन कर रहा है।
मम्मी ने राजू की तरफ़ देखा और एक शर्मिली मुस्कान दी, बोली: देखा क्यों? आओ, ले लो।
दीदी, जो पीछे से सलीम से चिपकी थी, अजय की तरफ़ देख कर फुसफुसाई: क्या हुआ अजय? तुम्हारी बारी का इंतज़ार है? मेरी चूत तो बेताब हो रही है।
अजय ने दीदी की चूत पर अपना हाथ कस दिया, बोला: बस थोड़ी देर और मेरी रानी, फिर तुम्हारी बारी।
सलीम ने ज़ोरदार धक्का लगाया और आह भरते हुए बोला: तुम दोनों ने तो आज मुझे सच में पागल कर दिया है। ऐसी रंडिया कहाँ मिलती हैं।
मम्मी ने हंसते हुए कहा: हमने तो कहा था, हमारी रंडियां आपको खुश करेंगी।
दीदी ने भी हँसते हुए दोहराया: हम आपकी हर ख्वाहिश पूरी करेंगे, सलीम जी।
अचानक, सलीम ने मम्मी की चूत से अपना लंड निकाला और एक हंसी के साथ कहा: मुझे लगता है अब जोड़ियाँ बदलने का वक़्त आ गया है।
ये सुनते ही राजू और अजय की आँखें चमक उठीं। मम्मी और दीदी भी एक-दूसरे की तरफ़ देख कर मुस्कुराई, जैसे उन्हें इस बदलाव का इंतज़ार ही था।
सबसे पहले, सलीम ने राजू को इशारा किया। राजू ने मम्मी के पैरों को छोड़ कर, तुरंत मम्मी के ऊपर से हटा। सलीम ने मम्मी को छोड़ दिया और दीदी की तरफ़ मुड़ा। दीदी ने बिना देर किए अपनी काली नाइटी को पूरी तरह से उतार दिया और अब पूरी तरह से नंगी हो गई। सलीम ने दीदी को बिस्तर पर धक्का दिया और उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया।दीदी ने एक तेज़ आह भरी, उनकी कमर अब तेज़ी से ऊपर-नीचे हो रही थी।
अब अजय की बारी थी। उसने दीदी को छोड़ा और मम्मी की तरफ़ बढ़ा। अजय ने अपना मोटा लंड निकाला, जो पूरी तरह से खड़ा था, और मम्मी की गांड पर टिका दिया। मम्मी ने एक गहरी साँस ली, पर उन्होंने कोई विरोध नहीं किया। अजय ने धीरे-धीरे अपना लंड मम्मी की गांड में धकेलना शुरू किया। मम्मी के मुँह से हल्की सिसकियाँ निकलने लगी।
राजू, जो अब तक अकेला था, उसने दीदी के पैरों को पकड़ा। दीदी अभी भी सलीम से चूत मरवा रही थी। राजू ने दीदी के पैरों को उठाया और उन्हें अपने कंधों पर रख लिया। फिर उसने दीदी की चूत पर अपना मुँह रखा, जो अब तक सलीम के वीर्य और दीदी के रस से गीली थी, और उसे तेज़ी से चाटना शुरू कर दिया। दीदी के मुँह से जोरदार चीख़ें निकलने लगी, उनका शरीर झटके खा रहा था।
सलीम, दीदी की चूत में धक्के मारते हुए, हाँफते हुए बोला: क्या चूत है तेरी रंडी। इतनी कसकर पकड़ी है, जैसे छोड़ना ही नहीं चाहती।
दीदी ने एक कामुक चीख़ भरी, उसकी आँखें बंद थी, बोली: आह… सलीम जी… और तेज़… ये दर्द… ये मज़ा… बस देते रहो।
अजय, जो मम्मी की गांड मार रहा था, बोला: भाभी जी, तुम्हारी गांड तो कमाल की है। क्या माल है। ऐसा मज़ा तो कभी नहीं आया।
मम्मी ने एक शर्मिली आह भरी, पर उनके चेहरे पर वासना थी: उम्मम्म… अजय जी… मारो… और मारो… अपनी मर्ज़ी से… मैं आपकी हूँ।
राजू, दीदी की चूत चाटते हुए बोला: और मेरी जान तुम्हारी चूत का स्वाद तो अमृत है। मैं तो बस पीता रहूँ।
दीदी ने एक ज़ोरदार सिसकी ली: आह्ह्ह्ह… राजू… और चाटो… मेरी चूत को… खाली कर दो।
सलीम ने एक ज़ोरदार धक्का मारा और कहा: लगता है तुम दोनों आज रात मेरे दोस्तों को भी अपना दीवाना बना दोगी।
मम्मी ने हंसते हुए कहा: हम तो हैं ही आपके लिए, सलीम जी। हमारे जिस्म, हमारी रूह सब कुछ आपके और आपके दोस्तों का है।
दीदी ने भी अपनी कमर मटकाते हुए कहा: ये रात तो अभी बस शुरू हुई है। अभी तो और भी बहुत कुछ बाकी है, मेरे दोस्तों।
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