पिछला भाग पढ़े:- शादी-शुदा बड़ी बहन की चुदाई-1
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, मेरी दीदी का देवर उसके पीछे पड़ा था। दीदी ने उसकी शिकायत की, लेकिन कोई फरक नहीं पड़ा। फिर एक दिन दीदी ने उसको उनका नाम लेकर मुठ मारते देख, और वो खुद भी होश खोने लगी। अब आगे-
वो सब समझ गया था, कि उसकी भाभी ने सब सुन लिया था, और उसे सुन कर वो भी मदहोश होने लगी थी। दीदी ने उसे देखा और एक अजीब सा मुंह बना कर भाग गई।
2-3 रोज निकल गए। दीदी अब उसे देख कर मुस्कुराने लगी थी। उसे भी समझ आ गया कि भाभी को चोदना अब ज्यादा दूर नहीं था, और उसे भाभी कि चूत मिल जाएगी।
एक रोज उसका देवर नहा रहा था, और उसका फोन चार्जिंग पर लगा था। दीदी ने सोचा इसका फोन चेक करती हूं, वो क्या रखता था फोन में, और क्या देखता था?
दीदी ने उसकी मोबाइल की गेलरी खोली, उसमे बहुत सी गन्दी विडियो और कुछ हिरोइन के नंगे फोटो थे। दीदी ने देखा और छी कहा। एक फोल्डर अलग बना था जिसमे लिखा था “जादू”।
जब दीदी ने वो फोल्डर खोला, तो हैरान हो गयी। उसमें वो फोटोज़ थे, जो उसने दीदी के सोते हुए खींचे थे। दीदी ने देखा उसकी गांड की फोटो उसमें थी। उसका लंड दीदी के मुंह के पास था। उसके बूब्स के फोटो थे। उसकी ब्रा और पेंटी के फोटो थे। उसकी पेटीकोट के फोटो थे, और उसने बहुत से दीदी के फोटो खींचे थे जो दीदी ने उसमें देखे। दीदी नहा रही थी, उसके फोटो भी उसमें थे।
दीदी ने सोचा: तभी ये बाथरूम में मेरा नाम लेकर चिल्लाता है, और वैसी बातें करता है।
फिर वो उसका फोन रख कर चली गयी। एक दिन दीदी बहुत ही मूड में थी, और जीजू से प्यार करना चाहती थी। लेकिन जीजू हर वक्त सिर्फ काम के मूड में होते थे। वो हमेशा कहते थे ये कोई टाइम नहीं है, मुझे बहुत काम है। दीदी थोड़ी मदहोशी वाली आवाज निकालने लगी, “नहीं बेबी, आज प्लीज करो ना। बहुत दिन हो गए है। हमने कितनो दिनों से नहीं किया है ना।” लेकिन जीजू ने मना कर दिया और चले गए।
दीदी गुस्से में अपने कमरे में ही उसके देवर ने जो फोटो खींचे थे, उसको याद करके अपनी साड़ी में हाथ डालने लगी, और अहह औउह ओह्ह की आवाज़ करने लगी। फिर एक-दम से कहने लगी, “हां करो देवर जी, रुकना मत। खा जाओ मेरी चूत को, बना दो इसका कचूमर, खा जाओ इसे पूरा अह्ह्ह। देवर जी प्लीज डाल दो आपका लंड मेरी चूत में अहह।”
दीदी इतनी जोरों से चीखी, कि उनकी आवाज देवर जिस हाल में बैठा था, वहां तक चली गयी। उनका देवर भाग कर आया, और देखा उसकी भाभी एक-दम पसीने में हो रही थी, और उसका पल्लू उसके ब्लाउज से गिरा हुआ था, और उसका हाथ उसकी साड़ी में फंसा हुआ था। उसकी आँखें बंद थी, और लम्बी-लम्बी सांसे ले रही थी।
जब दीदी ने हाथ निकाला, तो उसका हाथ गीला था, वो समझ गया भाभी ने अपनी चूत में उंगली डाली हुई थी, और वो चूत में उंगली करके अपना पानी निकाल रही थी। वो देख कर अन्दर आया और सामने खड़ा हो गया। दीदी ने आँखे खोली तो सामने उसका देवर खड़ा था, और उसका पल्लू नीचे गिरा हुआ था, और उसका हाथ गीला था और वो हाफ रही थी।
उसके देवर ने देर ना करते हुए दीदी पर चढ़ गया। फिर उसके होंठ चूसने लगा। दीदी उसे हटाने कि कोशिश कर रही थी, पर वो हटने का नाम नहीं ले रहा था और दीदी के होंठ काटने और चूसने लगा। साथ में दीदी के बूब्स भी ब्लाउज के ऊपर से दबाने लगा। इससे दीदी ने थोड़ा उसको ढीला छोड़ा, और उसका हाथ छोड़ कर सांस लेने लगी। वो लगातार दीदी के होंठ चूस रहा था उम्ह उम्ह ऑह सूप सूप।
फिर उसने जीभ दीदी के मुंह में डाल दी, और उसे अपनी जीभ चुसाने लगा। कुछ देर उसने खूब चूसा दीदी को, और उसके बूब्स भी खूब जोरों से दबाए। दीदी अहह उम्ह अहह ऑह अहह कर रही थी। तभी उसके देवर ने होंठ छोड़े, और उसकी आँखों में देखने लगा। उसे उसकी भाभी कि आँखों में बस हवस नज़र आ रही थी। उसने देर करते हुए उसे उल्टा किया, और नीचे गिरा दिया, और उसका ब्लाउज खोलने लगा। पीछे से दीदी कि अहह अहह निकल रही थी।
उसने दीदी का ब्लाउज खोला, और उतार कर फेंक दिया। दीदी ने काले रंग की ब्रा पहनी थी, और उसके बूब्स उछल रहे थे। उसने दीदी के बूब्स मसलने चालू कर दिए। इतने बड़े बूब्स थे, कि उसके हाथ में नहीं आ रहे थे। फिर भी उनको ऐसे दबा रहा था, मानो कोई मोटी रबड़ को मसलता है। जोरों से मसलता जा रहा था। दीदी उसके हाथ पीछे करके बेड पर टिकाये बैठी थी, और वो उसके बूब्स मसल रहा था। वो अहह अहह अहह अहह की आवाजें जोरों से कर रही थी।
फिर उसने दीदी को उठाया और उनकी साड़ी निकालने लगा। दीदी को होश नहीं था। उसने दीदी की साड़ी निकाल कर बेड से नीचे फेंक दी, और बूब्स दबाने लगा। दीदी की आवाजें उसे और ज़ोश दिला रही थी। वो अब दीदी के बूब्स पर काटने लगा था। दीदी कि मुंह से अहह अहह अहह निकल रही थी। वो खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रही थी।
उसने दीदी को बेड से हाथ पकड़ कर नीचे उतारा, और उसका पेटीकोट का नाड़ा खोला और उसे नीचे गिरा दिया। उसने देखा उसकी भाभी ने काले रंग की ही पेंटी पहनी थी, और उसकी गांड पीछे से बाहर निकल रही थी। उसकी आँखें चमक गयी जैसे उसको आज खजाना मिल गया हो। वो उसकी गांड को काटने लगा। दीदी अहम अहह आह मां अह्ह्ह करने लगी और कहने लगी मत करो। लेकिन वो कहा रुकने वाला था अब।
वो लगातार दीदी की गांड काट रहा था। फिर उसने एक-दम से दीदी की पैंटी नीचे खिसका दी, और उसकी गोल-गोल गांड के गोले बाहर आ गए, एक-दम फिट और गोल। उसे देख कर उससे कंट्रोल नहीं हुआ, और वो दीदी की गांड पर काटने लगा जोरो से। दीदी अपने हाथ आगे करके, उसकी गांड बाहर निकाल कर, झुक कर उसके मुंह में अपनी गांड दे रही थी, और वो काटे जा रहा था।
दीदी की अहह अहह बंद होने का नाम नहीं ले रही थी। सांसे फूलने लगी थी उसकी भी। दीदी ने अपनी गांड ऐसे बाहर निकाल रखी थी, और उसे काटने को मजबूर किये जा रही थी। उसने एक-दम से दीदी की गांड खोली, और उसका भूरे रंग का छेद उसे दिखने लगा। उसने देर ना करते ही प्यार से एक बार जीभ फेरी, तो दीदी झटपटा गयी जोरों से और अह्ह्ह्हह्ह करी।
उसने देर ना करते हुए अपनी जीभ उसकी गांड के छेद में फसा दी, और उसे चाटने लगा। उसने चाटते हुए उसे इतना गीला कर दिया कि उसकी थूक दीदी कि गांड से नीचे गिर रही थी। वो चपर चपर करके उसकी गांड का छेद चोद रहा था। दीदी ने उसकी गांड कि दोनों फांक को हाथ से खोले रखा, और झुकी रही, और वो उसे खाता रहा।
दीदी ने एक बार जोरों की सांस ली, और पानी उसके आगे से रिसता हुआ उसकी गांड में नीचे आ गया। उसे भी वो इतनी जोरों से चाटने लगा कि दीदी से कंट्रोल नहीं हुआ, और वो एक-दम से बेड पर गिर गयी, और उसकी गांड वैसे ही उसने खोल के रखी। लगातार वो दीदी की गांड में जीभ डाले उनकी गांड के छेद को चोदे जा रहा था।
दीदी ने दम तोड़ दिया, और हांफते हुए बेड पर गिर गयी। उसने दीदी की गांड को छोड़ कर सीधे पीछे से दीदी की ब्रा का हुक खोल दिया, और उसे निकाल कर फेंक दिया। उसने दीदी के बूब्स आजाद कर दिए थे। दीदी उलटी लेटी थी। उसके बूब्स बेड पर दब रहे थे, कुछ हिस्सा बाहर आ रहा था।
वो फिर उठा और दीदी को घुमा कर कहा: पेंट निकालो भाभी मेरी।
उसने नीचे बैठ कर उसका पेंट उतारा, और उसकी चड्डी में उसका लंड कड़क हुआ पड़ा था। फिर उसने दीदी का सर पकड़ा और उसे उसके लंड पर दबाने लगा, और कहा, “भाभी इसे सूंघो, और इसके बाद चड्डी निकाल कर लंड अपने मुंह में लेलो।”
दीदी ने मना किया, “नहीं प्लीज।” लेकिन उसने दीदी के बाल पकड़े और उसका मुंह खुद चड्डी निकाल कर उसके लंड पर लगा दिया। फिर कहा, “प्लीज भाभी इसे चूस लो। देखो कितना बड़ा हो गया है। प्लीज भाभी।” दीदी ने थोड़ा सा मुंह खोला, और उसका टोपा जरा सा मुंह में ले लिया। लेकिन उसने बाल पकड़ रखे थे, और जैसे ही उसका टोपा थोड़ा सा उसके मुंह में गया, उसके होश उड़ गए। वो कांपने लगा और एक-दम से बाल पकड़ के उसके मुंह के अन्दर लंड धकेल दिया।
दीदी के मुंह में उसका 8 इंच का मोटा काला लंड घुस गया। उसकी आँखों से आंसू आये, क्यूंकि उसने इतनी जोरों से लंड मुंह में डाला था कि लंड सीधा गले में उतर गया था। दीदी तड़पने लगी, और जैसे ही उसका लंड बाहर आया, वो खांसने लगी। फिर से उसने बाल पकड़ के लंड घुसेड़ दिया और अन्दर-बाहर करने लगा।
दीदी के मुंह से घुप घुप घप घाव की आवाज आ रह थी। उसने इतनी मुंह चोदा दीदी का कि उसके मुंह से थूक उसके लंड पर लग गया और बाहर गिरने लगा। उसके मुंह से घप घप घ घप की आवाज़ आ रही थी। दीदी के आंसू गिरने लगे थे कि ये क्या हो रहा था उसके साथ। उसका देवर उसकी गांड चाट रहा था, उसके मुंह में उसका मोटा लंड देकर चुसवा रहा था, गले तक लंड उतार रहा था। उसका मुंह पूरा गीला हो गया था। उसके गाल पर बहुत सा थूक जमा हो गया था।
आगे की कहानी अगले पार्ट में। कहानी अच्छी लगे तो प्लीज आप कमेंट जरुर करे, और आगे के कहानी आपके लिये जल्दी ही लेकर आऊंगा। अभी के लिए चलता हूं दोस्तों।