दोस्तों ये मेरी एक-दम सच्ची सेक्स कहानी है। इसमें आप पढ़ेंगे कैसे मैंने और भाभी ने सारी रात ताबड़तोड़ चुदाई की। आपके लंड और चूत का पानी ना निकल जाए तो कहना।
तो हुआ यूं कि मेरी बीवी को लड़का हुआ था, तो मैं गांव गया था और वापस आने की टिकट नहीं मिल रही थी। फिर एक एजेंट से टिकट कराई। उसने ऐसी ट्रेन करी जो सुबह तीन बजे दिल्ली उतार रही थी। फिर मैंने कहा, कोई नहीं बस कन्फर्म टिकट हो गई, तो मैंने तैयारी करी और वहीं से मम्मी को कॉल किया कि कल मैं सुबह चार बजे तक आ जाऊंगा।
तो मम्मी बोली: बेटा मैं तो दवाई खाकर सोती हूं, इतनी जल्दी कैसे उठूंगी?
तो मैंने सोचा फिर मैं क्या करूंगा। तो मैंने मेरी बड़ी भाभी को फोन मिलाया और कहा: भाभी मेरी ट्रेन सुबह तीन बजे उतरेगी। तो अगर तुम उठ पाओगी तो मैं तुम्हारे घर आ जाऊं?
वो बोली: हां मैं उठ जाऊंगी।
तो मैंने कहा ठीक है। फिर मैंने मम्मी को बोल दिया कि मैं भाभी के घर चला जाऊंगा और वही सो जाऊंगा। तो मम्मी बोली ठीक है सो जइयो। मैंने कहा ठीक है।
फिर मैं शाम को ट्रेन मैं बैठा तो मेरी वाइफ रो रही थी।
मैंने कहा: कुछ दिन रह लो। बच्चे भी तुम्हारे साथ रहेंगे। फिर मैं थोड़े दिन बाद तुम्हें लेने आ जाऊंगा।
फिर वो कहने लगी: तो ठीक है, मैं तुम्हें स्टेशन तक छोड़ने चलूंगी।
मैंने कहा ठीक है, और वो मुझे स्टेशन छोड़ने चली। फिर मैं ट्रेन मैं बैठा और ट्रेन चल पड़ी। मैंने देखा मेरी वाइफ रो रही थी, तो मैंने फोन करा और कहा-
मैं: ऐसे में रो रही है, बीमार हो जाएगी।
फिर रात मैं सो गया और अलार्म लगा के सोया था। ट्रेन ने बिल्कुल सही समय दिल्ली स्टेशन मुझे छोड़ दिया, और मैंने वहीं से भाभी को कॉल किया-
मैं: भाभी मैं स्टेशन पर उतर गया हूं, बस आधे घंटे में पहुंच जाऊंगा।
तो भाभी बोली: ठीक है, डोर बेल बजा देना। मैं गेट खोल दूंगी।
मैंने कहा: ठीक है।
फिर मैं थोड़ी देर में पहुंच गया। बहुत अंधेरा था। 4 भी नहीं बजे थे सवेरे के। फिर भाभी ने दरवाजा खोला। वो सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी, पर मेरे मन में अब भी कुछ गलत नहीं था।
अब भाभी बोली: गेट बंद कर दो, और ऊपर आ जाओ।
जब वो ऊपर जा रही थी, तो मैंने देखा उसका पेटीकोट उसकी गांड में फंसा हुआ था। अब थोड़ा मेरा माथा ठनका। फिर मैं ऊपर आया और इतने में उन्होंने चाय रख दी थी गैस पे बनने को।
मैंने कहा: भाभी रहने दो, क्यों परेशान हो रही हो?
तो वो कहने लगी: अरे पागल हो क्या?
इतने में आए हो, चाय तो पी लो। वो अभी भी ब्लाउज और पेटीकोट में थी। अब मैं थोड़ी नज़रे घुमा रहा था। फिर हमने एक साथ चाय पी और फिर मैं अंदर बैठ गया और वो बर्तन वगैरह धो कर अंदर आ गई।
वो पूछने लगी: सब ठीक है गांव में?
मैंने कहा: हां भाभी, सब ठीक है।
फिर मैंने कहा: बच्चे कहां है?
तो वो बोली: सब नानी के घर गए है।
मैंने कहा: ठीक है।
फिर मैंने उनसे कहा: थोड़ा बिस्तर देदो, मैं नीचे बिछा कर सो जाऊंगा।
तो वो बोली: पागल हो क्या? इतनी ठंड में नीचे लेटोगे?
फिर मैं मान गया और अब मेरा माथा थोड़ा ठनक रहा था। फिर हम बेड पे एक ही रजाई डाल के सोने लगे। पर मुझे नींद नहीं आ रही थी। फिर मैंने इधर मुंह करा और उसने उधर मुंह करा, और हम रजाई ओढ़ के सोने लगे। मेरी तो नींद गायब हो चुकी थी। ऊपर से भाभी की हरकतें।
अब मेरा लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा था। फिर भाभी मेरी तरफ मुंह करके करवट ली, और ऊपर से हल्की सी रजाई भी हटा ली। इससे उनके बड़े-बड़े बूब्स मेरे सामने थे जो कि ऊपर-नीचे हो रहे थे। अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। फिर मैंने हल्का सा खांसा, जिससे भाभी उठ गई और बोली-
भाभी: क्या हुआ, नींद नहीं आ रही है क्या?
तो मैंने कहा: कुछ अजीब सा लग रहा है।
फिर उसने मेरा खड़ा लंड रजाई के ऊपर से देख लिया, और कहा: ये क्या है? करेंट आ रहा है क्या?
तो मैं बोला: हां।
फिर वो हल्की सी मुस्कुराई और बोली: सोने की कोशिश करो, नींद आ जाएगी।
फिर वो दूसरी तरफ मुंह करके लेट गई। अब मुझे गर्मी लगने लगी थी। मैंने थोड़ी सी रजाई हटाई तो देखा भाभी का पेटीकोट उनकी जांघों तक आ गया था, जिससे मुझे भाभी की गोरी-गोरी जांघ अलग ही दिख रही थी। अब मेरा लौड़ा और ज्यादा कड़क होने लगा था। फिर मैंने थोड़ी सी हिम्मत करी।
अरे मैं तो आपको बताना ही भूल गया, मेरे भाई साब 6 साल पहले खत्म हो गए थे। यानी मेरी भाभी विधवा है। तो आगे मैंने हिम्मत करके अपना एक पैर भाभी की नंगी जांघ पर रख दिया। मुझे कुछ गरम-गरम और नरम सा एहसास हुआ। फिर मेरा मॉल निकलने हो रहा था, तो मैंने सोचा मूत कर आ जाऊं।
फिर मैंने पूरी रजाई हटाई, और अपने खड़े लंड को सही किया, और मूतने के लिए बाथरूम जाने लगा। तो भाभी एक-दम से खड़ी हो गई और कहने लगी-
भाभी: कहां जा रहे हो?
तो मैंने कहा: अभी आ रहा हूं भाभी मूत के।
तो वो बोली: ठीक है।
फिर मैं पेशाब करके आया और मैंने भाभी को बोला: भाभी नीचे बिस्तर बिछा लूं क्या?
तो वो बोली: क्यों?
मैंने कहा: मैं पेंट पहन कर सो नहीं पा रहा हूं।
तो वो बोली: नीचे बिस्तर क्या बिछायेंगे, पेंट उतार कर यही सो जाओ।
फिर मैंने अपना पेंट और ऊपर से सारे कपड़े उतार दिए। अब मैं सिर्फ कच्छे में था। अब मैंने सोच लिया था आगे कुछ भी हो, आज भाभी को चोद के ही रहूंगा। फिर मैं रजाई में आ गया। थोड़ी देर में भाभी ने हलचल बंद कर दी, जैसे वो सो गई हो। मैंने फिर अपनी एक टांग भाभी की नंगी जांघ पर रख दी। वो कुछ नहीं बोली।
फिर मैं धीरे-धीरे अपना एक हाथ उसके पेट पे रखा और धीरे-धीरे सहलाने लगा। इतने पर भी भाभी ने कुछ रिएक्शन नहीं दिया। इससे मेरी हिम्मत और बड़ी और मैंने एक ही बार मैं पूरी रजाई हटा दी। भाभी उठ खड़ी हुई। फिर वो कहने लगी-
भाभी: क्या हुआ?
तो मैंने कहा: भाभी ऐसे क्यों कर रही हो?
तो वो अनजान बन कर पूछती है: क्या कर रही हूं?
और उसकी नज़र मेरे खड़े लंड पर थी।
मैंने कहा: क्या हो रहा है आपको?
तो वो मेरे पास आकर रोने लगी और बोली: 6 साल हो गए तुम्हारे भैया को गए हुए। मैं भी तो जवान हूं। मेरी भी इच्छा होती है।
इतना कहते ही वो अपना ब्लाउज खोलने लगती है, और अब वो ऊपर से पूरी नंगी थी। उसके मोटे-मोटे और गोरे-गोरे चूचे देख कर अब मैंने भी कंट्रोल खो दिया और उसे वहीं बेड पे लिटा दिया और उसके चूचे चूसने लगा। इससे वो सिसकारियां लेने लगी। फिर मैंने उसके पेटीकोट में हाथ डाला। उसने कच्छी नहीं पहनी थी, तो मैंने सीधे एक उंगली उसकी चूत में डाल दी।
अब वो और तेज-तेज सिसकारियां लेने लगी। अब मैंने उसके चूचे छोड़े और पेटीकोट भी उतार दिया। मेरी विधवा गोरी हुस्न की भाभी अब मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी। फिर मैं उसकी चूत चाटने लगा, जिससे वो और भी ज्यादा गरम होकर सिसकारियां लेने लगी। फिर उसने मुझे लिटाया और एक बार में ही मेरा कच्छा निकाल दिया। इससे मैं भी अब एक-दम नंगा था।
फिर उसने मुझे बेड पे लिटाया और ऐसे ही मेरा खड़ा लंड चूसने लगी। अब मैं सातवें आसमान पर था। अब वो और भी तेज-तेज मेरे लंड को चूस रही थी। बार-बार मेरा लंड उसके मुंह में अंदर-बाहर हो रहा था। मुझे बड़ा मजा आ रहा था। फिर पांच मिनट ऐसे ही चूसने के बाद मैंने कहा-
मैं: मेरा निकलने वाला है।
तो उसने कहा: मेरे मुंह में ही निकाल दो।
फिर मैंने पिचकारी उसके मुंह में ही छोड़ दी, और मेरा बहुत सारा मॉल निकला, जिसे वो सारा पी गई और कहने लगी-
भाभी: मुझे पता है 4-5 महीने से तुमने सेक्स नहीं किया था, इसलिए जल्दी तुम्हारे लंड ने पिचकारी छोड़ दी।
इसके आगे की कहानी अगले पार्ट में।