पड़ोसी लड़कों की हवस का शिकार हुई छोटी बहन-4 (Padosi ladkon ki hawas ka shikar hui chhoti behan-4)

पिछला भाग पढ़े:- पड़ोसी लड़कों की हवस का शिकार हुई छोटी बहन-3

जैसा कि आपने पिछली सेक्स कहानी पढ़ लिया होगा कि कैसे अमर के हर झटक में सपना की हालत खराब हो जा रही थी। अब आगे की कहानी पढ़िए-

अमर सपना के बाल पकड़ कर कुतिया बना दिया और पीछे से अपने मोटे तगड़े लंड को सपना की चूत में हचाक से पेल दिया। अमर के झटके से सपना थर थर थर थर कांपने लगी। पर ऐसा लगता था कि अमर ने सपना की गांड की गोलाई को पहले ही नाप लिया था। वो हर झटके में सपना की चूत के हलक तक लंड पेलता, पर ऐसा लगता कि सपना की गांड में लंड पेल रहा था।

सपना के बालों को पकड़ कर लगातार चूत में झटके मारने के बाद अमर सपना की चूचियों को अपने दोनों हाथों में भरने लगा। लेकिन सपना की चूचियां अमर के हाथों में नहीं आ रही थी।

तो अमर ने बोला: साली रंडी, कितने बड़े-बड़े दूध हैं तेरे, मेरे हाथों में ही नहीं आ रहे। साली रंडी कितनों को दूध पिलाई है, रंडी साली?

इतना कहते हुए अमर ने सपना की दोनों चूचियों को पीछे से पकड़ लिया और फिर सपना को घोड़ी बना कर फट फट फट फट चूत चोदने लगा। ये सीन देख हम तीनों के लंड तम्बू बना चुके थे। पर इधर सपना के बड़े-बड़े पपीते जैसे दूध अमर के हाथों से उछल-उछल कर बाहर आ जा रहे थे। पर फिर अमर उसके दूधों को कस कर पकड़ता। लेकिन दो-तीन झटके मारने के बाद ही उसकी चूचियां हिलोरे मारते हुए बाहर आ जा रही थी।

अमर और सपना की ऐसी जबरदस्त चुदाई देख कर हम तीनों पागल हो रहे थे। हम तीनों भी चुदाई करने के लिए पागल हो रहे थे। मन तो कर रहा था कि हम तीनों भी जाकर पकड़ कर चोद दें।

हम तीनों के अन्दर का हैवान भी जाग चुका था और ये एक-दूसरे के लंड को देख कर पता चल रहा था। हम तीनों अपने अपने लंड को पकड़-पकड़ कर मसल रहे थे। हम सब का लंड मूसल लंड बन चुका था। मसलने की वजह से लंड की नसे टाईट हो चुकी थी, जो लंड के अन्दर दिख रही थी।

हम तीनों भी रूम के अन्दर जाना चाहते थे, पर अमर ने रूम अन्दर से लाॅक किया था। फिर हम तीनों ने अमर से दरवाजा खोलने को कहा, तो वो रूम खोलने से मना कर दिया। क्यूंकि वो जानता था कि अगर हम तीनों भी अन्दर रूम में चले गए, तो जो मजा वो अभी अकेले पा रहा था चुदाई करके, वो चारो में बंट जाएगा। तो वो अमर पूरे मजे नहीं ले पाएगा सपना की जवानी का।

क्यूंकि हम चारों पागल हो चुके थे सपना की जवानी देख कर, तो हो सकता था कि चारो आपस में झगड़ कर लेते चूत और गांड मारने के लिए। जब हम तीनों ने देखा कि अमर दरवाजा खोलने से रहा, तो हम तीनों ने अमर से बोला कि वो सपना को खिड़की के पास लाकर चोदे, ताकि हम तीनों अच्छे से देख सकें, और हम सब सपना की चूचियों के साथ खेल सकें।

अमर ने सपना के चूत में लंड डाले हुए ही फट फट फट फट फट फट झटके मारते हुए सपना को खिड़की पर झुका दिया, और हचक हचक कर पेलना शुरू किया। सपना की उहआह उहआह निकलने लगी। पर हम तीनों ये सब अनसुना करके सपना के चूचियों के साथ खेलने लगे। समर और विनय ने झट से अपने हाथ खिड़की के अन्दर करके सपना की चूचियों को पकड़ लिये और मसलने लगे।

मैंने कुछ नहीं पाया तो सपना के आंखो में देखा। उसके आंसू बयां कर रहे थे कि वो कितने दर्द में थी, और कितना गन्दा फील कर रही थी, कि पड़ोसी लड़के मेरे सामने उसकी चूत चोद रहे थे, और मैं असहाय सा था। पर सपना को क्या पता था कि ये सब मेरी गलती का नतीजा था।

करीब पांच-मिनट तक ताबड़तोड़ चुदाई के बाद अमर की हालत खराब होने लगी। क्यूंकि सपना की टाईट चूत अमर के लंड का रस पीने के लिए बेताब थी। अमर जब हल्का सुस्त होने लगा, तो वो समझ गया कि अब बीच में चुदाई रोका तो सपना कभी नहीं मिलेगी। और फिर ये सोच कर कि आज सपना की चूत आज फाड़ देनी है, अमर ने समर को इशारे में ही जूस बना कर लाने को बोला, जिसमें जोश वाली टैबलेट डालने को बोला, ताकि अमर बिना झड़े घंटो भर ताबड़तोड़ सपना की चुदाई कर सके।

समर समझ गया और झट से 5 गिलास जूस बना कर लाया, पर उसने तीन गिलास में ही जोश की दवा डाली। एक अमर के लिए, एक खुद के, और एक सपना की गिलास में जोश की गोली डाली, ताकि ये दोनों भाई बंपर चुदाई कर सकें सपना की, और उसकी छलकती गदराई जवानी के मजे लूट पाए, और सपना की लहलहाते फसलों को चोद-चोद कर बर्बाद कर सके।

समर ने एक गिलास मुझे (राजू) और दूसरा गिलास विनय को दिया। जब मैं और विनय जूस पीने में व्यस्त हो गए, तभी अमर ने कमरे का दरवाजा खोल दिया। समर झट से तीनों गिलास जूस लेकर कमरे में घुस गया और अन्दर से दरवाजा लाॅक कर दिया। अब दोनों भाई ने जूस पीना शुरू किया और अमर ने सपना के बालों को पकड़ कर बोला-

अमर: ले पी ले रंडी साली। आज तुम्हारी गांड फाड़ दूंगा। पी ले मादरचोद साली, थोड़ी एनर्जी मिलेगी तुझे भी।

सपना: रुक जाओ यार, मत चोदो प्लीज।

अमर जोर-जोर के झटके मारते हुए बोलता है: साली कुतिया चुप-चाप रह रंडी साली। तुझे समझ नहीं आता कि तुझे कितनी एनर्जी की जरूरत है। मुंह से जूस पी रंडी, चूत में तो मैं पिला ही रहा हूं। एक साथ पी साली चूत में भी और मुंह में भी, तुझे आज बहुत चुदना है कुतिया साली।

और ऐसा कहते हुए फिर जोर का झटका मारता है, तो सपना दर्द के मारे रोने लगती है। पर अमर थप थप थप थप झटके मारता ही रहता है।

समर: हां भैया आज साली को मैं भी खा जाऊंगा। रंडी साली बहुत गांड मटका-मटका कर दिखाती थी। बारिश के दिनो में साली जान-बूझ कर छत पर आकर भीगती थी। रंडी साली अपने चूचों को दिखा-दिखा कर मुस्कुराती थी साली। आज साली की चूचियां खा जाऊंगा।

अमर: तो आ जा भड़वे साले, चोद कर फाड़ डाल आज इस साली कुतिया की करारी चूत। और डाल दे अपने तगड़े मोटे लंड का गरम-गरम मूत।

समर इतना सुनते ही चुदाई के खेल में कूद गया और सपना के बदन को हैवानों की तरह नोचने लगा और चूचियां दबाने लगा।
समर ने बिना देर किए सपना के मुंह में अपना लंड पेल दिया और चूसने को बोला। सपना मुंह फेरने लगी, तो अमर ने जोर से सपना की चूचियों पर थप्पड़ मारा और बोला: अगर ये दर्द नहीं चाहिए तो चूस साली रंडी।

तो सपना ने समर का लंड चूसना शुरू किया। समर ने मौका पाकर अपना पूरा लंड सपना के मुंह में पेल दिया तो सपना के मुंह से गे गे गे की आवाज आने लगी।फिर समर अपने लंड की लार को हाथ में लेकर सपना की चूचियों पर लगा कर चूचियां मसलने लगा और जोर-जोर से दबाने लगा, और बोला: वाह क्या चूचियां हैं, किसी ने बड़ी फुरसत से इसकी चूची बनाई है।

तभी अमर बोला: चल तैयार हो जा बहन की लौड़ी चुदने के लिए। आज पहली बार तुझे पता चलेगा कि मर्द के लंड से चुदने में कैसा दर्द होता है, और कितना मजा आता है रंडी साली। हर बार दो मिनट में झड़ जाने वाले साले भड़वे नामर्दों का लंड ले लेकर सोचती थी कि तू रंडी बन गई है साली। आज तू असली वाली रंडी बनेगी साली। आज से तू अमर समर की रखैल कहलाएगी। आज तेरी चूत का कचूमर बनेगा। तू साली रंडी पहले ही मिल गई होती तो तुझ कच्ची कली को बजाने में जाने कितना मजा आता रंडी। तेरी चूत जब मैं चोदता तो आस-पास का हर कोई बोलता कि आज कोई मर्द किसी कच्ची कली को औरत बना रहा है, और तेरी चीखें तेरे रंडी बनने की दास्तान सुनाती।

इतना कहते हुए अमर ने समर को बोला: भड़वे ऐसे लंड ही हिलाता रहेगा या जल्दी से पेलेगा इसकी चूत में अपना लंड?

इसके आगे की कहानी अगले पार्ट में।

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