नमस्कार दोस्तों, मैं प्रितंका अपनी नई चुदाई कहानी लेके वापस आ गई हूं। मेरी पिछली कहानियों को जो आप प्यार दे रहे है, उसके लिए मैं आपकी दिल से आभारी हूं। उम्मीद है आपको ये कहानी भी पसंद आएगी। तो चलिए शुरू करती हूं।
मेरे बारे में तो आप जानते ही हैं। मैं पंजाब के लुधियाना से हूं, और 23 साल की हूं। मेरा फिगर 34-29-36 है, और रंग गोरा है। लड़के मेरी लेने के लिए मरते है, लेकिन मैं इतनी आसानी से किसी को नहीं देती। ये कहानी कुछ दिन पहले की है, जब मैं अपने पापा के साथ आईपीएल का मैच देख रही थी। अब बताती हूं कि आखिर हुआ क्या था।
उस दिन रात का मैच था, और मैं, मम्मी, पापा, और छोटा भाई सब मैच देखने बैठे थे। हमारे घर में मैं और पापा क्रिकेट के सबसे बड़े फैन है। मम्मी को इतनी पसंद नहीं है, और भाई को भी ज्यादा इंटरेस्ट नहीं है। तो मैच चल रहा था, और छक्के पे छक्के लग रहे थे। मैं और पापा हर शॉट पे सीटियां मार रहे थे।
मैंने उस दिन शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहनी थी, और पापा कुर्ता पजामा पहने हुए थे। हम सब का डिनर हो चुका था, और पापा मैच के दौरान थोड़ी शराब पी रहे थे, जो कि रोज पीते है। फिर थोड़ी देर बाद मम्मी नींद का बोल कर चली गई, और भाई भी मम्मी के बाद चला गया। अब हम दोनों ही बैठे मैच देख रहे थे।
कुछ देर में मुझे भी नींद आने लगी, लेकिन मैं मैच का नतीजा देखे बगैर सोने जाना नहीं चाहती थी। अब नींद आ रही थी, तो मैंने पापा के कंधे पर अपना सर रख लिया। नींद ज्यादा आने लगी, तो मेरा सर झटके मारने लगा। ये देख कर पापा ने मेरा सर अपनी गोद में रख लिया। फिर मेरी आंख लग गई।
तकरीबन 10 मिनट बाद अचानक टीवी के शोर से मेरी आंख खुली। मैंने महसूस किया, कि मेरे मुंह पर कोई सख्त चीज लग रही थी। जब मैंने ध्यान दिया, तो वो सख्त चीज कुछ और नहीं बल्कि पापा का लंड था, जो कि पूरा सख्त हो चुका था। उनके लंड को महसूस करके मेरे जिस्म में कंपकपी सी होने लगी।
पहले तो मैंने सोचा कि उठ जाती हूं। लेकिन फिर मैंने सोचा, क्यों ना थोड़ा मजा करूं पापा के लंड को छू कर। ये सोच कर अब मैं नींद में होने का नाटक करने लगी, और लंड पर अपने होंठ लगाने लगी। मैं अपने गाल लंड पर रगड़ रही थी, जिससे मुझे बहुत उत्तेजना महसूस हो रही थी। पापा की तरफ से कोई रिस्पांस नहीं आ रहा था, तो मैंने सोचा नशे में उनको पता नहीं लग रहा होगा।
फिर कुछ देर ऐसे ही लंड के साथ खेल करने के बाद जब मैं उठने लगी, तो पापा ने मेरे सर पर हाथ रख दिया, और उसको लंड पर दबा दिया। मैं समझ नहीं पाई कि पापा क्या कर रहे थे। तभी पापा बोले-
पापा: साली कुतिया, इतनी देर से मेरे लंड को गरम कर रही है पंगे लेके। अब जब वो खड़ा है, तो उसको भी शांत कर ना।
ये बोल कर पापा ने अपना पजामा नीचे किया, और अंडरवियर भी नीचे करके लंड बाहर निकाल लिया। उनका लंड काफी बड़ा और मोटा था, जिसको देख कर मैं घबरा गई। फिर पापा ने मेरे मुंह को अपने लंड पर किया। वो मुझसे लंड चुसवाना चाहते थे, लेकिन मैं लंड चूसना नहीं चाहती थी। तभी पापा ने अपने दूसरे हाथ से मेरी नाक बंद की, जिसकी वजह से मुझे सांस लेने के लिए मुंह खोलना पड़ा। तभी उन्होंने अपना लंड मेरे मुंह में घुसा दिया।
अब पापा मेरे बाल पकड़ कर मेरे मुंह को लंड पे ऊपर-नीचे कर रहे थे। लंड पूरा मेरे गले तक अंदर जा रहा था, और बहुत सारा थूक मेरे मुंह से निकल कर लंड को चिकना कर रहा था। ये करते हुए पापा ने एक हाथ मेरी गांड पर रखा, और हाथ पीछे से चूत पर ले जाते हुए चूत दबाने लगी। इससे मेरे जिस्म में सनसनी मच गई, और मैं गरम हो गई।
दोस्तों मुंह में लंड हो, और चूत पे बलम का हाथ, तो कौन सी रांड गरम नहीं होगी। फिर पापा ने मेरे मुंह से लंड निकाला, और मुझे सोफा पर सीधा लिटा लिया। वो पूरे नंगे हो गए, और मेरे ऊपर आ गए। उन्होंने मेरी टी-शर्ट ऊपर उठाई, और ब्रा को भी ऊपर गले तक उठा कर मेरे चूचे बाहर निकाल लिए। फिर उन्होंने मेरे दोनों हाथों को मेरे सर के ऊपर करके पकड़ लिया। अब पापा मेरे गोरे रसीले चूचों पर टूट पड़े, और ऐसे चूसने लगे, जैसे आज ही चूस कर खाली कर देंगे। मैं आह आह आह करने लगी।
कुछ देर चूचे चूसने के बाद पापा नीचे गए, और मेरा पेट और नाभि चाटने लगे। मैं पूरी मदहोश हो चुकी थी, और उस पल का मजा ले रही थी। अब पापा ने मेरी शॉर्ट्स पैंटी समेत उतार दी, और मुझे पूरी नंगी कर दिया। मेरी चिकनी चूत पर पापा ने अपना मुंह लगाया, और उसके मजे से चाटने लगे। मेरी सिसकियां तेज होती जा रही थी, लेकिन मैं उनको रोकने की कोशिश कर रही थी, ताकि किसी को सुन ना जाए।
कुछ देर चाटने के बाद पापा मेरे ऊपर आए। उन्होंने एक हाथ मेरे मुंह पर रखा, और दूसरे से अपना लंड मेरी चूत पर लगा लिया। फिर उन्होंने जोर का धक्का मार कर अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया। पापा का आधा लंड मेरी चूत में चला गया। मुझे बहुत दर्द हुआ, और मैं चिल्लाई भी। लेकिन पापा का हाथ मुंह पर होने की वजह से मेरी आवाज बाहर नहीं आई। फिर पापा ने दोबारा 2-3 धक्के दे कर अपना पूरा लौड़ा मेरी चूत में पेल दिया। दर्द से मेरी आंखों में आंसू आ गए, लेकिन पापा पर कोई असर नहीं था।
फिर पापा लंड अंदर-बाहर करके मेरी चुदाई करने लगे। उधर बल्लेबाज शॉट पे शॉट मार रहा था, और इधर मेरा बाप मेरी चूत में शॉट पे शॉट लगाए जा रहा था। मेरी चूत अब खुल चुकी थी, और पापा का लौड़ा रगड़ते हुए अंदर-बाहर हो रहा था, और मुझे परमसुख दे रहा था। अब मैं आह आह कर रही थी, और पापा मेरे होंठ चूसे जा रहे थे।
मैंने अपनी टांगें पापा की कमर पर लपेट ली थी, और उन्हें अपनी तरफ खींच रही थी। पापा भी स्पीड बढ़ाते जा रहे थे। तभी पापा आह आह करने लगे। मैं समझ गई कि वो निकलने वाले थे। मैंने उनको थोड़ी देर और रोकने को कहा ताकि मैं भी झड़ सकूं। उन्होंने वैसा ही किया, और मेरा पानी निकाल दिया। फिर लंड बाहर निकाला, और हाथ से हिला कर माल की पिचकारी मेरे ऊपर गिरा दी। मैच और चुदाई एक साथ खत्म हो गए।
कहानी कैसी लगी दोस्तों [email protected] पर फीडबैक दें।