संस्कारी विधवा मां का रंडीपना-24 (Sanskari vidhwa maa ka randipana-24)

मां की चुदाई कहानी अब आगे-

माँ के चेहरे का होश उड़ गया था, और उनके होंठ खुले के खुले रह गए थे। माँ कुछ देर बिना कुछ बोले, जुनैद की आँखों में बड़ी नरमी से देखती रहीं।

फिर अपने चेहरे पर हल्की मुस्कान लाकर बोली: “जुनैद जी, मैं आपकी कदर करती हूँ। आपने मुझे हर खुशी दी है! आप मेरी इतनी खुशी चाहते हैं, ये सुन कर मुझे बहुत अच्छा लगा, पर इतना बड़ा फैसला मैं अकेले नहीं ले सकती।”

अब मेरा खून पूरी तरह खौल चुका था। मैं मन ही मन बोला: “माँ, इससे पहले कि तुम कुछ और बोलो, मुझे कुछ करना होगा!”

मैं अपनी जगह से खड़ा हुआ और माँ को दूर से ही आवाज़ लगा कर उनके पास चला गया। जब मैं उनसे चार कदम दूर था, तभी मम्मी बड़े धीरे स्वर में बोली: “मैं इस बारे में बाद में बात करूँगी।”

फिर माँ मेरी तरफ ऐसे मुस्कराते हुए देखती हैं, जैसे कुछ हुआ ही नहीं था। मेरे पास आने से माँ उससे तो दूर हो गई थी, पर मैं तो चाहता था कि मम्मी उससे और भी ज़्यादा दूर रहें। थोड़ी देर बाद हम वहाँ से कैंप की तरफ लौट आए, फिर सभी साथ बैठ कर नाश्ता करने लगे। मौसी मम्मी के चेहरे की तरफ देखती हैं, जो उदास बैठी हुई थी।

मौसी मम्मी के हाथ पर अपना हाथ रख कर धीरे से बोली: “क्या हुआ, मेरी बहन? ऐसे उदास क्यों बैठी हो?”

मम्मी उनकी तरफ देख धीरे से बोली: “नहीं दीदी, ऐसी कोई बात नहीं है। बस मेरा मन नहीं लग रहा। अब यहाँ से हम होटल जाने वाले हैं ना?”

आरिफ़ बोला: “सविता जी, अब जब यहाँ आए हैं, तो पूरा घूम कर ही होटल जाएंगे! मैं अभी आपको यहाँ की एक और खूबसूरत जगह दिखाना चाहता हूँ। यहाँ की पुरानी झील, जहाँ हर कोई जाना चाहता है।”

माँ जुनैद की तरफ देखते हुए बोली: “बस इसके बाद मैं अब और कहीं नहीं जाऊँगी।”

फिर जुनैद जल्दी से अपना कैंप खोल कर चलने की तैयारी कर देता है। कार में बैठे मम्मी और जुनैद दोनों ही खामोश सफर कर रहे थे।

ये खामोशी मुझे आज बहुत अच्छी लग रही थी। मम्मी अगर उसे शादी करने से मना कर दें फिर जुनैद की जगह मैं उनकी जिंदगी में हर खुशियां देने को तैयार था।

फिर हम सभी झील किनारे पहुंच कर थोड़ी देर आराम करते हैं। कुछ खाने के बाद आरिफ हमें पूरी झील के चारों तरफ घुमाता है। पहाड़ों से झरने की तरह पानी नीचे पत्थरों पर गिर रहा था, कुछ कपल अपनी माशूकाओं के साथ मौज-मस्ती में और कुछ पानी में नहाने का मजा ले रहे थे।

आरिफ उन्हें देख कर मम्मी की तरफ मुस्कराते हुए बोला: तुम्हें इस झरने का मजा एक बार लेना चाहिए।‌ देखो और लोग कैसे अपनी हसीनाओं के साथ मजा कर रहे हैं।

आरिफ मम्मी से काफी ज़िद करने के बाद उन्हें पानी में जाने के लिए मना लेता है, मम्मी आरिफ का हाथ पकड़े जांघों तक आने वाले पानी में चली जाती हैं। इधर मैं मौसी और जुनैद के साथ बैठा हुआ उन्हें देख रहा था। मम्मी को आरिफ के साथ हाथ पकड़े हुए देख जुनैद जलन महसूस कर रहा था।

जुनैद थोड़ा जलते भाव से मौसी से बोला: देखो, सविता जी कैसे मस्त एन्जॉय कर रही हैं, शायद आरिफ के साथ आपको उधर होना चाहिए?

मौसी मुस्कराते हुए: जुनैद जी, मैं गहरे पानी में जाने से बहुत डरती हूं, फिलहाल तो मैं वॉशरूम जाना चाहती हूं। जुनैद, मेरे साथ चलो ना, जहाँ हो?

जुनैद मौसी की तरफ हंसते हुए कहा: यहाँ दूर-दूर तक कोई वॉशरूम नहीं मिलेगा, पर मैं आपके लिए एक अच्छी जगह ढूंढ देता हूं।

मौसी बात को समझ जाती हैं कि उन्हें जगह देख कर खुले में ही जाना पड़ेगा। मौसी थोड़ा शर्माते हुए जाने के लिए तैयार हो गई थी। फिर जुनैद मौसी को हल्के घने जंगल की ओर लेकर जा रहा था। मुझे जुनैद का मौसी के साथ जाना अच्छा नहीं लग रहा था।

मैं जुनैद पर नज़र रखने के लिए उसके पीछे दूरी बनाए हुए जाने लगा था। कुछ दूर जाकर जुनैद मौसी को एक बड़े से पत्थर के पीछे जाने का रास्ता दिखा रहा था। पत्थर के आस-पास काफी घनी झाड़ियाँ उगी हुई थी, मौसी को हल्की झाड़ियों से होकर पत्थर के पीछे जाना था।

मौसी बोली: ओह जुनैद, मैं इन झाड़ियों से नहीं जा पाऊंगी, मुझे तो डर लग रहा है! तुम्हें भी मेरे साथ पत्थर तक चलना होगा।

जुनैद हंसते हुए: ओह, आप औरतें भी ना, हर चीज़ से पता नहीं क्यों इतना डरती हैं!

मौसी: सविता होती तो तुम मना नहीं करते, अब प्लीज़ मेरे साथ चलो ना!

फिर जुनैद मौसी को झाड़ियों से होते हुए पत्थर तक ले गया, फिर जुनैद कुछ चार कदम जाकर रुका और मौसी पत्थर के पीछे चली जाती हैं।

मौसी एक बार पीछे मुड़ कर देखती हैं कि उन्हें जुनैद या कोई और देख तो नहीं रहा है। चारों तरफ देखने के बाद मौसी अपना मैक्सी-टाइप टायर्ड स्कर्ट उठा कर अपनी कमर तक कर लेती हैं।

मैंने देखा, मौसी ने अंदर बहुत स्टाइलिश पैंटी पहनी हुई थी। पैंटी के पीछे की पतली पट्टी वाला कपड़ा उनकी बड़ी गांड की दरार में घुसा हुआ था। मौसी अपनी पैंटी को पकड़ कर हल्के हाथों से नीचे करती हुई उसे घुटनों तक कर लेती हैं। फिर बिना देरी के मौसी ज़मीन पर अपनी टांगे थोड़ी करके बैठ जाती हैं।

उफ्फ, क्या गांड थी मौसी की नीचे बैठते ही दोनों फाँके अलग हो जाती हैं, उनकी गोरी चिकनी और उभरी हुई बड़ी गांड देख कर तो मेरा लंड खड़ा हो गया था।‌ मौसी एक गहरी साँस लेकर बाहर छोड़ती हैं, तब उनकी आह की कामुक आवाज़ मेरे कानों से ज़्यादा जुनैद के कानों में गूंज उठी थी।

जिसे सुनते ही जुनैद के चेहरे पर हल्की मुस्कान ठहर जाती है, वो एक बार अपने दाएँ-बाएँ देख कर अपनी गर्दन पीछे घुमा कर पत्थर के उस पार देखता है।

मौसी एक बार फिर हल्की आह भरते हुए मूतना शुरू कर देती हैं। उनकी सुनहरी धार बड़ी तेज आवाज़ के साथ, सार-सार.. करते हुए चूत से निकल रही थी। मौसी की गांड देखते ही जुनैद की आँखें थोड़ी हो गई थी, वो उन्हें देखते हुए एक हाथ से पजामे के ऊपर से मूसल को मुठिया रहा था। मुझे मन ही मन गुस्सा आया कि साला, मेरी माँ को तो चोद चुका, अब मौसी पर भी अपनी हवस भरी गंदी नज़र रख रहा था।

मौसी के मूत की धार जैसे-जैसे कम हो रही थी, वैसे-वैसे हल्की धार चूत की फाँकों से होते हुए पीछे गांड के हॉल के पास गिर रही थी। कुछ देर में ही मौसी का पूरा पेशाब ज़मीन को गीला करने में खत्म हो जाता है। पानी से धो लेने के बाद मौसी अपनी पैंटी पहनने के लिए उठती हैं। फिर हल्की सी गर्दन घुमा कर जैसे ही पीछे देखती हैं, जुनैद उन्हें पीछे हटता हुआ नज़र आ जाता है।

मौसी जुनैद के अचानक मुड़ जाने से समझ जाती हैं कि वो उन्हें देख रहा था। फिर चेहरे पर एक मुस्कान लिए वो जल्दी से अपने कपड़े ठीक कर लेती हैं। फिर मौसी धीरे-धीरे कदमों से चल कर जुनैद के पास आकर उसकी आँखों में आँखें डाल कर बोली: “तो जनाब, चोरी-छुपे एक औरत को पेशाब करते निहार रहे थे?”

जुनैद अपनी आँखों को घुमाते हुए बोला: “मैं तो बस साँप और बिच्छू की निगरानी कर रहा था, कहीं वो आपके पास ना आ जाए!”

मौसी उसके पजामे में बने तंबू को देख कर मुस्कराते हुए बोली: “साँप मेरे करीब आता भी कैसे, आपने तो उसे अपने पजामे में कैद जो कर रखा था?”

मौसी अपना हाथ आगे बढ़ा कर उसका लंड मुट्ठी में पकड़ते हुए बोली: “जुनैद जी, आपका तना हुआ मूसल बता रहा है कि आपने मुझे अच्छे से देखा है?”

जुनैद एक हाथ मौसी की कमर में डाल कर उन्हें अपने सीने से चिपकाते हुए बोला: “आप जैसी गदराई माल को कोई नामर्द ही होगा जो नहीं देखना चाहेगा!”

मौसी “उफ्फ” की आवाज करते हुए अपने होंठ उसके होंठों के नज़दीक लाकर बोली: “आप जैसे मर्द को मौके देखने के नहीं, कुछ करने के दिए जाते हैं!”

जुनैद इतना सुनते ही अपने होंठ उनके होंठों पर रख देता है, मौसी एक हाथ से उसका मूसल मसलते हुए उसके होंठों को बेदर्दी से चूस रही थी। जुनैद धीरे-धीरे पीछे खिसक कर पत्थर से अपनी कमर टिका देता है। फिर मौसी की सफेद स्लीवलेस क्रॉप टॉप को बूब्स के ऊपर कर उनके बूब्स को अपने मजबूत हाथों से मसलने लगा था।

दोनों कुछ सेकंड में ही पूरे उफान पर आ गए थे, उनका जोश सातवें आसमान को छूने को तैयार हो रहा था। मुझे मौसी का इतना जल्दी जुनैद के साथ ये सब कर लेना किसी रंडीपना से कम नहीं लग रहा था।

जुनैद मौसी के होंठों को छोड़ कर रसीले बूब्स की ओर बढ़ता है, एक बूब्स को अपने होंठों में दबाते हुए कहा: आज तुम उस मूसल का स्वाद चखोगी जिसे तुमने अपनी बहन के लिए चुना था!

मौसी हल्की दबी हुई आवाज में हाँफते हुए: हां जरूर… उफ्फ्फ्फ आईईईई जुनैद, यहां कोई आ ना जाए। आराम से चूसो… उफ्फ्फ्फ आह आह हहहहहह… सविता को मैंने पहले कभी इतना मॉडर्न राजवीर उसके पति के लिए बनते नहीं देखा था, उफ्फ्फ्फ… तुम्हारे मूसल ने विधवा से उसे जवान बना दिया है।

जुनैद बूब्स को चूसते हुए: राहुल, मान जाए तो? मैं सविता को अपनी बेगम बना कर उसे नई ज़िंदगी देना चाहता हूँ!

मौसी चौंकते हुए: क्या बात कर रहे हो, जुनैद? तुम सविता से शादी करना चाहते हो? शायद राहुल को सविता के साथ तुम्हारा ये रिश्ता पसंद ना आए! तुम्हें थोड़ा और समय लेना चाहिए।

जुनैद अपने पजामे का नाड़ा खोल देता है, जिससे उसका पजामा पैरों में गिर जाता है। मौसी उसके काले फन फैलाए मूसल को देख कर अपने होंठों पर जीभ फेरते हुए नीचे बैठती हैं और बिना देरी किए लंड मुंह में भर लेती हैं। मौसी उसकी आँखों में देख, लंड का सुपाड़ा मुंह में लिए चूस रही थी और एक हाथ से उसके काले अंडों को सहला रही थी।

जुनैद मौसी के होंठों के बीच फंसे अपने लंड को और अंदर ढकेल देता है। गले तक लंड जाते ही मौसी छटपटाते हुए अपना सिर पीछे कर हाँफते हुए—

मौसी बोली: उफ्फ्फ्फ… जुनैद जी, आराम से मुंह में डाल रहे हों, चूत में नहीं जो पूरा मूसल निगल जाऊंगी।

मौसी एक बार फिर अपने होंठों को उसके लंड पर टाइट करती हैं और धीरे-धीरे आधा मूसल मुंह में डाल लेती हैं। जुनैद अपने लंड पर मौसी के होंठों की कसावट पाकर मां को याद करते हुए-

जुनैद ने कहा: उफ्फफफ.. तुम बिल्कुल सविता की तरह चूस रही हो, आह आह ह ह। राहुल का बाप बनाने में तुम मेरी मदद करोगी?

ये बोल कर जुनैद अपना मूसल मौसी के मुंह में पूरा ठूस देता है। मौसी कुछ सेकंड में ही छटपटाते हुए “हु-हु” की आवाज़ करने लगती हैं और अपना सिर हाँ में हिला देती हैं। तो जुनैद जब भी रहम नहीं करता तो मौसी अपना सिर हाँ में हिला देती हैं।

जुनैद हाँ का जवाब पाने के बाद मुस्कराते हुए अपना मूसल मुंह से बाहर निकाल लेता है। मौसी फ़ौरन खड़ी होकर जुनैद को एक ज़ोरदार किस्स करती हैं।

फिर मौसी अपने दोनों हाथों को पत्थर पर टिका कर, टाँगें फैला कर झुकते हुए बोली: “जुनैद, तुम्हारे लिए कोशिश करूंगी!”

जुनैद मौसी के पीछे आया और ड्रेस को कमर तक उठा कर उनके कूल्हों पर एक ज़ोरदार चपेट मारते हुए, अपना मूसल चूत के मुहाने पर रखते हुए बोला: “साली, बस कोशिश करने से मेरा काम नहीं चलेगा।”

जुनैद एक झटके में पूरा मूसल चूत में उतारते हुए बोला: “तुझे मेरा ये काम करना होगा!”

मौसी अपनी चीख को दबाते हुए: आई ई ईईईईईईई आह ह.. हां हां, जुनैद जी तुम्हे शादी की क्या ज़रूरत पड़ी हैं, सविता तो वैसे ही तुम्हारी रखैल है? उफ्फफफ आईईईई सीईईईई… हाएं मर डाला…

जुनैद मौसी के कूल्हों को पकड़ कर एक तेज़ धक्का मारता है, जिससे उसका पूरा मूसल मौसी की बच्चेदानी से टकरा कर उनकी चीख निकल जाती है। मौसी अपनी चीखों की आवाज़ दबाने के लिए अपनी गर्दन घुमा कर जुनैद को लिप्स लॉक किए हुए थी। जुनैद मौसी के कूल्हों को मज़बूती से पकड़े अपने तेज़ धक्कों पर धक्के मार रहा था।

जुनैद शायद अपने मूसल लंड से मौसी की गर्मी निकाल कर उन्हें मनाना नहीं चाह रहा था। मौसी भी उसके लंड की दासी बनती नज़र आ रही थी, जो उसके इतने तेज़ धक्कों की चोट अपनी चूत पर लगवा रही थी। कुछ देर की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद जुनैद झड़ने पर आता है, तो वह अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ाते हुए मौसी को गरज कर पूछता है।

मौसी हाँफती हुई उसे अपनी चूत में ही झड़ जाने को कहती हैं। मौसी अपनी चूत में लंड ढीला होने तक उसे जकड़े रहती हैं। दोनों गले मिल कर एक ज़ोरदार किस्स कर रहे थे। तभी मैं उधर से जल्दी से झील की तरफ आ जाता हूँ।

झील के पास आकर मैंने देखा, आरिफ बिना कुर्ता पहने मम्मी के साथ बैठा हुआ था। मम्मी मुस्कराते हुए अपना एक हाथ…

इसके आगे क्या हुआ दोस्तों, वो मैं आपको अगले भाग में बताऊंगा। उम्मीद करता हूँ आप लोगों को मेरी कहानी पसंद आ रही होगी। मेरी कहानी का फ़ीडबैक मुझे ईमेल पर ज़रूर दें।
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