गज़ब का संजोग-2 (Gazab ka sanjog-2)

पिछला भाग पढ़े:- गज़ब का संजोग-1

रश्मी, कॉलेज ट्रिप से वापस आई तो काफी शाम हो गयी थी। वो झट से बाथरूम में जाके फ्रेश हुई और बहुत ही खूबसूरत साड़ी पहनी। आज रश्मी कमाल की लग रही थी। वैसे तो रश्मी सूट सलवार ही पहनती थी, जिसमे काफी जायदा हॉट लगती थी, लेकिन साड़ी कभी-कभार ही पहनती थी, और माहौल गर्म हो जाता था।

रश्मी का पति वरुण जब काम से वापस आया, तो रश्मी को देखते ही बाहों में भर लिया। तभी वहां रिया आ गयी और उन दोनों को अलग होना पड़ा। वरुण अपने कमरे में चला गया। रश्मी और रिया दोनों माँ-बेटी वरुण के व्यवहार पर हसने लगे। रिया अब बड़ी हो रही थी और इन सब बदलाव को भली-भांति समझने लगी थी।

रात में रश्मी जब सोने के लिए बेड पर गयी, तब वरुण ने फिर से उसे बाहों मे पकड़ लिया। रश्मी समझ गयी कि वरुण को क्या चाहिए। वैसे तो वरुण सेक्स बहुत कम ही करता था, उसका मानना था कि सेक्स कम करने से आदमी जवान रहता है। इसलिए खुद पर कंट्रोल करने के लिए वो 3 या 4 महीने मे कभी-कभार कर लेता था। रश्मी भी कभी मना नहीं करती थी। वैसे भी रश्मी जब अपनी पिछली ज़िंदगी से निकल कर वरुण के जीवन में आई, तब से खुद को बहुत बंधनों मे जकड़ ली। अपने बच्चों के साथ खुश रहना ही अच्छा लगने लगा।

खैर रश्मी वरुण के मन की बात समझते हुए उठी और दरवाजा बंद करके आयी, और वरुण के बाहों में लेट गयी। रश्मी अपना हाथ वरुण के लंड पर ले गयी, वरुण केवल लूंगी में था। रश्मी ने जैसे ही उसके 4 इंच के लंड को हाथ में पकड़ा, उसके दिमाग़ में नीलेश का मोटा और बड़ा लंड घूम गया। रश्मी फिर से ख्यालों में चली गयी।

नीलेश और रश्मी रात के अंधेरे मे एक-दूसरे को चूम रहे थे, और इधर नीलेश का लंड किसी सांप की तरह अपना फन फैलाने लगा। जब नीलेश रश्मी के बदन से पूरी तरह चिपका तो अचानक लंड के चूत पर लगने से रश्मी को झटका लगा और वो हांफती हुई अलग हुई। रश्मी समझ गयी थी कि नीलेश ने जो कपड़े के ऊपर से उसके चूत के पास टच कराया, वो क्या था। लेकिन इतना बड़ा और मोटा उसने पहली बार फील किया था।

“नीलेश अब हमे यहां से चलना चाहिए। वहां होटल से कोई हमें खोजता हुआ यहां आ गया तो गड़बड़ हो जाएगी।”

“हाँ मैम आप सही कह रही हो। वैसे भी बहुत देर हो गयी है। हमें अब जो भी करना है हम घर पहुंच के करेंगे।”

नीलेश की बात सुन कर रश्मी बुरी तरह शर्मा गयी और झट से वहां से होटल के कमरे मे भाग आयी।

तभी रश्मी को होश आया, और खुद को नीचे बेड पर पाया और उसके पति वरुण को खुद के ऊपर अपना छोटा सा लंड उसके चूत मे डाल रहा था। रश्मी की कोमल और मुलायम चूत ने गुप से उसके लंड को अंदर ले लिया। वरुण रश्मी के ऊपर लेट गया और धक्के लगाने लगा। रश्मी उसके बदन को सहलाने लगी। जब भी मजे मे रश्मी की आँखे बंद होती, तब उसे लगता कि उसके ऊपर नीलेश चढ़ के चोद रहा था।

रश्मी झट से अपनी आँखे खोल लेती और अपने पति चोदते हुए पाकर फिर आँखे बंद करती। कुछ ही पल मे रश्मी के भीतर गर्म-गर्म महसूस हुआ और वरुण हांफता हुआ साइड में लेट गया। उसका लंड मुरझा कर छोटा सा हो गया था। तभी रश्मी की मोबाइल बजी और रश्मी अपने पति को सोता देख फोन लेकर बाथरूम में चली गयी।

फोन पर नीलेश था, रश्मी खुद को ठीक करती हुई, नीलेश से बातें करने लगी।
रश्मी अभी शांत नहीं हुई थी। और उधर नीलेश भी केवल होंठ चूसने के बाद से चूत को चोदने के लिए उतावला हो रहा था। नीलेश ने रश्मी से गर्म करने वाली बातें शुरु कर दी।

रश्मि:: “हाइ…”

नीलेश: बोलो मेरी जानेमन!

रश्मी ये शब्द सुन शर्मा गयी।

रश्मी: कैसे हो नीलेश?

नीलेश: जान समझो कि मैं आपके किस्स ने मेरी नीन्द उड़ा रखी है।

रश्मी: ओहो… मैं भी कुछ वैसा ही महसूस कर रही हूं नीलेश!

नीलेश रश्मी को गर्म करने के लिए उसे और सेक्सी बाते खुल के करने लगता है।

नीलेश: मैम, आप ऐसा सोचो मैं आपके पास हूं और आपको बाहों मे पकड़ के आपको किस्स कर रहा हूँ। मेरे होंठ अपने होंठों पे महसूस करो।

रश्मी की आंखे खुद ही बंद हो गयी और सोचने लगी, “उफ्फफ्फ्फ़ नीलेश ये तो बहुत आनंद भरा पल है। आआहह मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।”

नीलेश: आपने अभी क्या पहना है?

रश्मी: मैं शॉर्ट नाइटी में हूँ!

मैं: सिर्फ़ नाइटी, वो भी शॉर्ट, उफ्फ्फ्फ़ यारर ?

रश्मी: हट शैतान!

नीलेश: अरे बोलो ना मैम?

रश्मी: मुझे शर्म आ रही है।

नीलेश: अब हमसे कैसे शरमाना?

रश्मी: हाँ मुझे रात मे ब्रा पैंटी की आदत नहीं है।

नीलेश: ये तो अच्छी बात है। मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी, आपकी मदमस्त चू… उफ्फ्फ यार मेरा तो बुरा हाल हो रहा हो केवल सोच करके।

रश्मी: हम्म्म्म, मुझे भी नीलेश।

नीलेश: मेरा लंड भी आपका वेट कर रहा है।

नीलेश के इस तरह खुल के बोलने से पूरी तरह शर्मा जाती है और आज पहली बार उसकी चूत ने पानी रिसना शुरु किया था। आज रश्मी ना चाहते हुए भी अपनी ऊँगली चूत मे डाल दी थी।

रश्मी: उफ्फ्फ्फ़, नीलेश आज मेरी भी चू… हाये!

नीलेश समझ गया कि रश्मी चूत बोलने में शर्मा रही थी। फिर रश्मी और नीलेश इसी तरह बातें करके ठंडे हो गये। रश्मी आज पहली बार बहुत हलका महसूस कर रही थी। वह अपने कमरे में आयी, वरुण बेफिक्र सो रहा था। बगल में रश्मी भी लेट कर सो गयी।

सुबह रश्मी, अपने पति के जाने के बाद खुद रेडी हो कर अपने बेटी रिया के साथ कॉलेज चली गयी। जब वो नीलेश की क्लास में पढ़ाने गयी, तब उसे नीलेश को देख कर बहुत शर्म आई। उसने झट से पढ़ा कर क्लास ख़त्म करना चाहा, लेकिन आज समय तो जैसे रुक गया था। बाकी बच्चे भी समझ रहे थे कि अब रश्मी मैम पहले जैसे नहीं थी, नीलेश ने कुछ तो जादू किया था।

बाकी के टीचर भी रश्मी से बोले कि ये सब बच्चों के साथ ठीक नहीं है, लेकिन रश्मी तो खुद नहीं चाहती थी कि वो अपनी से छोटी उम्र के लड़के से प्यार करे। अब उसके बस में कुछ भी नहीं था। प्रिंसिपल ने भी रश्मी को चेताया, लेकिन रश्मी कॉलेज में अपने को संस्कारों में रखती और जब भी दोनों अकेले मिलते, उनके होंठ आपस में जुड़ जाते थे। रश्मी को खड़े होते नीलेश के कड़े लंड के दबाव को अपने चूत पर महसूस करके बहुत अच्छा लगता था।

नीलेश और रश्मी के चर्चे कॉलेज में इस तरह फैले कि उन दोनों को अलग होना ही पड़ा। लेकिन किसी को ये नहीं पता था कि दोनों का आकर्षण किस हद तक था। जब दोनों कॉलेज में सीधे बन के रहने लगे, तब सबको लगा कि ये दोनों के बीच कुछ नहीं था। एक दिन सभी क्लास सुचारु रूप से चल रहे थे। तभी रश्मी बाथरूम की ओर से आ रही थी, कि नीलेश उसका हाथ पकड़ के लेडीज बाथरूम में घुस गया। दरवाजा बंद करके रश्मी को अपने आगोश में ले लिया।

“क्या कर रहे हो नीलेश? किसी ने देख लिया तो हम कही के नहीं रहेंगे!”

“आप घबराओ नहीं मैम, मैं सब संभाल लूंगा।”

रश्मी के चेहरे पर डर के भाव थे। तभी नीलेश उसके होंठों को चूसने लगता है। नीलेश उसके होंठों को चूसते हुए आज अपनी हाथ को रश्मी के बदन पर फिराने लगता है। रश्मी आधी मजे में थी और आधी डर में। इसका भी अलग मजा था। तभी नीलेश ने अपने हाथ को रश्मी के कोमल बूब्स पर रखा और जोर से मसल दिया।

“उफ्फ्फफ्फ्फ़,आअह्ह्ह धीरे करररो …”
ये काफी असहनीय था, रश्मी के बूब्स कभी किसी ने मसले नहीं थे। उसका पति केवल चूत मार के सो जाता है। रश्मी को अपने पहले पति की याद आ गयी, जब उसे पहली रात को बुरी तरह मसल कर चोदा गया था। नीलेश रश्मी को एक बार फिर से मसलने लगता है। रश्मी को अद्भुत अनुभूति हो रही थी। उसकी चूत किसी गरम पुआ की तरह फुल और पुचक रही थी। रश्मी को ऐसा लगा जैसे उसकी पेंट के नीचे कोई नल खुल गया हो।

“आआह्ह्ह्ह नीलेश उउउउफ्फ्फ्फ़…”
नीलेश कभी उसके गाल चूमता तो कभी उसके गर्दन। दोनों एक-दूसरे मे गुम थे। अब नीलेश का एक हाथ नीचे की ओर बढ़ने लगा और सलवार के ऊपर से ही रश्मी के मालपुआ जैसी चूत पर चली गयी। जैसे ही नीलेश का हाथ उसके मालपुआ पर गया, वैसे ही रश्मी का आँखें बंद हो गयी और उसके बूब्स ऊपर-नीचे होने लगे। धड़कन फुल रफ़्तार में बढ़ चुकी थी।

नीलेश रश्मी की चूत की गर्मी सलवार में से ही महसूस कर रहा था। रश्मी की चूत गीली होने लगी थी। नीलेश का स्पर्श आज अलग अनुभव दे रहा था। तभी नीलेश का ध्यान बाहर गया, उधर से दो लड़कियां आती दिखी। नीलेश रश्मी को सावधान करके निकल गया। रश्मी बेचारी अपनी सांसों को कैसे रोके उधर उसकी चूत अलग फुल-पुचक रही थी। झट से अपने कपड़े को ठीक की और वहां से निकल गयी। दोनों लड़कियां रश्मी को अजीब नजरों से देखी।

“लगता है मैम को बड़ी जोर की लगी थी, इसलिए इस तरह हांफ रही थी।”

“नहीं रे लगता है मैम अपने चूत मे ऊँगली कर रही थी”

दोनों हसने लगी और फिर से एक ने कहा, “शायद तू ठीक कह रही है, नीलेश के याद में क्या?”

“अरे नहीं, कैसी बाते कर नहीं है। नीलेश के साथ मैम का ऐसा वैसा कुछ नहीं था। देखती नहीं अब दोनों एक-दूसरे को देखते तक नहीं।”

“हां यार मैं भी क्या बोल गयी, मैम का कोई बेटा नहीं है ना, शायद इसलिए उन्हें नीलेश पर प्यार आया होगा।”

कहानी जारी रहेगी…