टीचर ने प्यार है बोल के चोद डाला-1 (Teacher Ne Pyar Hai Bol Ke Chod Dala-1)

मेरा नाम सौम्या है, और मैं औरंगाबाद की रहने वाली हूं। ये मेरी पहली चुदाई की कहानी है। चलिए शुरू करती हूं।

मेरी उमर 19 साल है, और कॉलेज के दूसरे साल में पढ़ती हूं। मेरी ऊंचाई 5 फुट 4 इंच है, और फिगर 32-28-34 रंग मेरा औसत गोरा है, और मैं दिखने में खूबसूरत हूं। इस कहानी में मैं बताऊंगी कैसे मेरे टीचर ने मुझे प्यार का झांसा दे कर चोदा, और फिर किसी बासी खाने की तरह अपनी जिंदगी से निकाल दिया।

मैं पढ़ने में ठीक-ठाक थी, लेकिन गणित मेरी समझ में नहीं आता था। हमारे गणित के टीचर एक बूढ़े आदमी थे, जो रिटायरमेंट के करीब थे। उनका कार्यकाल 6 महीने का रह गया था। फिर उनके जाने के बाद एक नए टीचर की नियुक्ति हुई, और वो हमें गणित पढ़ाने के लिए आ गए।

नए सर का नाम रोहन था, और वो 25 साल के जवान खूबसूरत लड़के थे। उनको देखते ही हमारी कक्षा की लड़कियां उन पर मोहित हो गई। ऐसा ही कुछ हाल मेरा भी था। वो बहुत अच्छी तरह से समझाते थे, और समझ भी आता था। लेकिन पिछला सिलेबस पूरा नहीं होने की वजह से आगे वाला समझने में दिक्कत हो रही थी।

फिर मैंने घरवालों से ये कहा और उन्होंने रोहन सर से बात करके उनके पास मेरी ट्यूशन लगवा दी। मैं बहुत खुश थी, क्योंकि अब मुझे उनके करीब जाने का मौका मिलने वाला था।

फिर मैंने ट्यूशन जाना शुरू कर दिया। मैं वहां उनको ही देखती रहती थी, और मुस्कुराती रहती थी। वो भी अच्छी-अच्छी बातें करते थे, और मजाक भी करते थे। उनको भी पता चल रहा था कि मेरा ध्यान उनकी तरफ ज्यादा और पढ़ाई की तरफ कम था। लेकिन उन्होंने मुझे कभी कुछ बोला नहीं। इधर मेरा प्यार उनके लिए बढ़ता जा रहा था।

फिर आया वेलेंटाइंस डे। मैंने उनके लिए एक कार्ड खरीदा, और अपने दिल का हाल उस पर लिख कर उनकी किताब में रख कर आ गई। जब अगले दिन मैं ट्यूशन गई, तो मेरा दिल धक-धक कर रहा था। जब ट्यूशन के दौरान उन्होंने कुछ नहीं कहा तो मुझे लगा कि उन्होंने कार्ड पढ़ा नहीं होगा। फिर जब ट्यूशन खत्म हुई, तो उन्होंने मुझे रुकने को कहा।

मैं डर गई। मैं समझ गई थी कि उन्होंने मेरा कार्ड पढ़ लिया था। में हाथ-पैर कांप रहे थे।

फिर सर बोले: सौम्या ये तुमने लिखा है?

मैं उनकी तरफ मुड़ी, और सिर नीचे करके कहा: जी सर।

मुझे लगा वो मुझे कोई लेक्चर देंगे जैसा एक्सर बड़े देते है। लेकिन वो बोले-

सर: मैं भी तुम्हें बहुत पसंद करता हूं सौम्या। लेकिन कभी तुमसे कह नहीं पाया। टीचर होने की वजह से मैंने खुद को समझा लिया था कि मुझे अपने प्रोफेशन का सम्मान करना होगा। मुझे बहुत अच्छा लगा कि तुमने मुझे कह दिया। आई लव यू सौम्या!

ये कह कर सर ने मुझे गले लगा लिया। ये सब इतना आसान होगा ये मैंने कभी सोचा नहीं था। मैंने भी उनको अपनी बाहों में जकड़ लिया। कुछ सेकंड्स तक हम ऐसे ही एक-दूसरे को बाहों में जकड़े रहे। मुझे पता नहीं था कि मैं आगे क्या करूं। फिर सर ने मुझे अपने से अलग किया, और मेरी आंखों में देखने लगे। आंखों में देखते हुए वो अपने होंठों को मेरे होंठों के करीब लाए, और होंठ से होंठ मिला दिए।

है राम, ये तो मैंने सोचा भी नहीं था कि हो जाएगा। सर मेरे होंठ चूसने लगे, और मैं भी गरम होने लगी। पहली बार कोई मेरे होंठ चूस रहा था, और पहली बार का एहसास अनोखा ही होता है। उस दिन मैंने लेगिंग्स-कुर्ती पहनी थी, और साथ में दुपट्टा था। सर मुझे किस्स करते हुए मेरी गांड दबाने लगे। इससे मुझे अलग सा सुरूर चढ़ने लगा, और मैं भी सर का साथ देने लगी। वो जैसे कर रहे थे, मैं भी वैसा ही करने लगी।

कुछ देर किस्स करने के बाद सर ने दुपट्टा खींच कर निकाल दिया, और मेरी गर्दन चूमने लगे। मेरे मुंह से सिसकियां निकलने लगी। फिर उन्होंने मुझे कुर्ती उतारने को कहा। मैंने भी उनकी बात मानते हुए कुर्ती निकाल दी। अब मैं ब्रा लेगिंग्स में उनके सामने खड़ी शर्मा रही थी। फिर सर मेरे पीछे गए, और मेरी ब्रा भी निकाल दी।

उसके बाद उन्होंने मुझे घुमाया, और मेरी चूचियों पर टूट पड़े। वो दोनों चूचियों को जोर से दबा रहे थे, जिससे मुझे दर्द हो रहा था। लेकिन मैं उनके प्यार में इतना डूबी थी, कि उनको किसी चीज के लिए मन नहीं कर रही थी। दबा-दबा कर और चूस-चूस कर उन्होंने मेरी चूचियां लाल कर दी। लेकिन मैंने उफ्फ तक नहीं की।

फिर उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटाया, और मेरा पेट चूमने लगे। जब उन्होंने मेरी नाभि में जीभ डाली, तो मैं सिसक गई। फिर उन्होंने मेरी लेगिंग्स का इलास्टिक पकड़ा, और उसको खोलते हुए लेगिंग्स नीचे करने लगे। मैं शर्मा रही थी, और अपना मुंह छुपा रही थी। उन्होंने मेरी लेगिंग्स उतार दी, और अब मैं उनके सामने सिर्फ पैंटी में थी। उनके चूमने-चाटने की वजह से मेरी चूत से पानी निकल आया था, जिसने मेरी-पैंटी गीली कर रखी थी।

फिर उन्होंने मेरी पैंटी नीचे की, और चिकनी चूत पर हाथ फेरने लगे। इससे मेरी बॉडी में झनझनाहट होने लगी। उसके बाद उन्होंने मेरी चूत पर मुंह लगा दिया, और उसको चाटने लगे। मैंने उन्हें ऐसा करने से रोका ये कह कर कि ये गंदा है। लेकिन वो बोले कि उनके लिए ये अमृत था। ये सुन कर मुझे और खुशी हुई।

फिर वो मेरी चूत को चाटने लगे, और उसका मुंह खोल कर चूत के दाने को जीभ से सहलाने लगे। मैं तो जैसे पागल हो रही थी। कुछ देर वो ऐसा ही करते रहे। फिर मेरा शरीर कांपने लगा, और मेरी चूत से पानी की पिचकारी निकल आई। उन्होंने वो पिचकारी अपने मुंह में लेली, और उसको पी गए।

उनके ऐसा करने पर मुझे बहुत शर्म आई। फिर वो बिस्तर से उठे, और मेरे सामने खड़े हो गए। उन्होंने अपने कपड़े खोलने शुरू किए, और देखते ही देखते वो पूरे नंगे हो गए।

इसके आगे इस हिंदी सेक्स कहानी में क्या हुआ, ये आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। यहां तक की कहानी के बारे में आप अपनी फीडबैक [email protected] पर मेल कर सकते है।