मेरा नाम दीप्ति है, और मैं कॉलेज में बायोलॉजी की प्रोफेसर हूं। मेरी उमर 32 साल है, और मेरी शादी को 5 साल हो गए है। मेरी ऊंचाई 5 फुट 5 इंच है, और रंग गोरा है। फिगर मेरा 36-32-38 है। शादी के बाद मेरी लाइफ बिल्कुल ठीक चल रही थी, लेकिन जब मैं प्रेगनेंट नहीं हुई, तो मेरे रिश्ते में प्रॉब्लम्स आनी शुरू हो गई। पहले तो मेरी सास ही मुझे सुनाती थी, लेकिन फिर मेरे हसबैंड भी मुझसे उखड़े-उखड़े रहने लगे।
फिर हमने अपने टेस्ट कराए लेकिन उनमें कोई दिक्कत नहीं आई, और हम दोनों बच्चा पैदा करने के लिए बिल्कुल फिट थे। लेकिन फिर भी मैं प्रेगनेंट नहीं हो पा रही थी।
फिर एक दिन मैंने अपनी सहेली से इस बारे में बात की। उसने मुझे पहले मेरी सेक्स लाइफ के बारे में बताने के लिए कहा। जब मैंने उसको बताया, तो वो हंसने लग गई। पूछने पर पता चला कि जो मेरे पति मेरे साथ कर रहे थे, उससे सिर्फ उनको संतुष्टि मिल रही थी, मुझे नहीं।
असल में शादी से पहले मैं एक बहुत शरीर लड़की थी। मेरा कभी किसी के साथ रिलेशनशिप भी नहीं रहा था। मैंने तो पोर्न भी नहीं देखा था। इसलिए मुझे सेक्स के बारे में जानकारी नहीं थी। फिर शादी के बाद जैसे मेरे पति ने मेरे साथ किया, वहीं मेरे लिए काफी था, और सही था।
लेकिन सहेली से बात करने के बाद मैंने पोर्न वीडियोस देखनी शुरू की। उनको देख कर मुझे पता चला कि मेरा पति मेरे साथ सही से सेक्स भी नहीं कर रहा था। वो बस अंदर घुसाता, झड़ता, और सो जाता था।
अब मेरे अंदर सेक्स की प्यास जागने लगी थी। फिर एक दिन रात में पति के सोने के बाद मैंने चूत में उंगली की, इसमें मुझे बहुत मजा आया। पति के साथ सेक्स करने से तो काफी ज्यादा था। लेकिन अब दिक्कत ये थी, कि मेरे पति मेरे साथ सही से सेक्स नहीं कर रहे थे। और इसके बिना मैं प्रेगनेंट नहीं हो सकती थी। पर ये बात मैं उनको बता भी नहीं सकती थी। क्योंकि जितना मैं उनको जानती थी, वो इस बात का बुरा मान जाते। तो अब मैं सोच रही थी कि करूं क्या?
जैसा कि मैंने बताया कि मैं कॉलेज में प्रोफेसर हूं, तो मैं कॉलेज के स्टूडेंट्स को ट्यूशन भी पढ़ाती हूं। वहां पर मेरे पास लड़के भी पढ़ने आते है। उनमें से एक लड़का था अरुण, जो हमेशा मुझे घूरता रहता था। मैं उसको बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थी, लेकिन उसकी मां ने मेरी मिन्नते करके उसको मेरे पास ट्यूशन लगवा दिया।
एक दिन मैं ऐसे ही सोचती-सोचती कि प्रेगनेंट कैसे होऊंगी, ट्यूशन क्लास में गई। वहां मेरा ध्यान अरुण पर पड़ा। वो अभी भी मुझे देख रहा था। जिस तरह की वासना भरी नज़र से वो मुझे देख रहा था, आज मुझे अच्छा लग रहा था। फिर मैं जान-बूझ कर उसके पास गई, और उसको प्रॉब्लम पूछने लगी। मैंने लेगिंग्स कुर्ती पहनी थी, और ट्यूशन पढ़ाते हुए मैं दुपट्टा नहीं लेती थी।
फिर मैं जान-बूझ कर उसको प्रॉब्लम पूछते हुए उसके सामने झुक गई, ताकि उसको मेरी क्लीवेज दिख सके। जो मैंने सोचा था वैसा ही हुआ और वो मेरी बात सुनने की बजाय मेरी क्लीवेज देख रहा था। उसके चेहरे से ऐसा लग रहा था, जैसे वो मुझे खा जाएगा। अब मुझे मेरी प्रॉब्लम का सोल्यूशन मिल चुका था।
फिर ट्यूशन खत्म हुई, और सब जाने लगे। मैंने अरुण को रुकने के लिए कहा। फिर जब सब चले गए तो मैंने उसको कहा-
मैं: अरुण तुम मुझे घूरते क्यों रहते हो?
अरुण: नहीं मैडम, ऐसी कोई बात नहीं है। आपको गलतफहमी हुई है।
मैं: अरुण मैं अंधी नहीं हूं, देख सकती हूं कि कोई मुझे कैसे देख रहा है।
अरुण: मैडम देखने का क्या है। जब कोई अच्छी चीज नज़र आए तो देखने में हर्ज ही क्या है?
मैं: सिर्फ देख ही सकते हो या कुछ कर भी सकते हो?
अरुण: मैडम मौका मिलेगा तो ऐसा करूंगा कि याद रखोगे आप।
मैं: अच्छा, इतना भरोसा है अपने आप पर।
अरुण: मैडम आज तक जिसके साथ भी किया है, मुझे भूलती नहीं है वो। आप भी नहीं भूलोगे।
मैं: चलो देखते है। अभी तुम जाओ।
कुछ दिनों बाद मेरे सारे घरवाले बाहर थे। शाम तक किसी के वापस आने का कोई चांस नहीं था। तभी मैंने अरुण का नंबर निकाला, और उसको कॉल करके बुला लिया। उसके आने से पहले मैंने ब्लैक कलर की सेक्सी नाइटी पहन ली। जब वो आया तो मैंने दरवाजा खोला। मुझे देख कर वो हैरान हो गया। फिर जब मैंने उसको क्या खाओगे पूछा तो वो बोला-
अरुण: मैं तो तुम्हें खाने आया हूं।
ये बोल कर उसने मुझे अपनी बाहों में खींच लिया। अब मैं उसके साथ चिपक गया। फिर उसने मुझे किस्स करना शुरू कर दिया। मैं भी उसका साथ देने लगी। उसके किस्स करने का तरीका बड़ा वाइल्ड था। वो किस्स करते हुए मेरी गांड दबा रहा था। मुझे मज़ा आ रहा था, और मैं गरम हो रही थी।
फिर उसने मुझे सोफा पर लिटा दिया, और मेरी नाइटी खोल दी। नीचे मैंने सिर्फ ब्रा और पैंटी पहनी थी। उसने मेरे पेट पर किस्स करना शुरू किया, और ब्रा के ऊपर से मेरे चूचे दबाने लगा। मैं आह आह करने लगी। मेरे चूत में आग लग रही थी।
फिर वो नीचे गया, और मेरी पैंटी उतार कर मेरी चूत चाटने लगा। ये पहली बार था जब कोई मेरी चूत चाट रहा था। मुझे बड़ा मजा आ रहा था। वो चूत में जीभ डाल कर मेरे दाने को छेड़ रहा था। मैं तो सातवें आसमान पर पहुंच गई, और मेरा पानी निकल गया। वो मेरा सारा पानी पी गया।
फिर वो खड़ा हुआ, और नंगा हो गया। उसका लंड मेरे पति के लंड से बड़ा था। वो दोबारा मेरे ऊपर आया, और मेरी ब्रा और नाइटी निकाल कर मेरे चूचे चूसने लगा। नीचे से उसका लंड मेरी चूत पर रगड़ खा रहा था, जिससे मेरे शरीर में कंपन पैदा हो रहा था।
फिर उसने मेरी चूत पर लंड टिकाया, और जोर का धक्का मारा। मुझे बहुत दर्द हुआ, और मेरे मुंह से चीख निकल गई। लेकिन उसको कुछ फरक नहीं पड़ा, और वो धक्का मारता गया। कुछ सेकंड्स में उसका पूरा लंड मेरी चूत में था, और मेरी जान निकल रही थी। ऐसा लग रहा था मैं पहली बार चुद रही थी।
फिर उसने कुछ देर रुक कर मेरे होंठ और चूचे चूसे। जब मैं रिलैक्स हुई, तो उसने चुदाई शुरू की। अब मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं आह आह करते हुए मजा ले रही थी। मेरी सारी इंद्रियां खुल गई थी, और मैं स्वर्ग में पहुंच गई थी। मैं उसको और जोर से चोदने को कह रही थी।
वो अब पूरा जोर लगा कर मुझे चोदने लगा। मैं आह आह कर रही थी। फिर जब वो झड़ने वाला हुआ, तो लंड बाहर निकालने लगा। मैंने उसको धक्के मारते रहने के लिए कहा, क्योंकि यही तो मकसद था, उसका माल अंदर लेना। फिर उसने लंड ने गरम वीर्य की पिचकारी छोड़ी, जिससे मेरी चूत भर गई। इतना सुकून मुझे लाइफ में पहली बार मिला था। उसके बाद कुछ देर हम वैसे ही लेते रहे, और फिर वो चला गया।
15 दिन के बाद मुझे उल्टी जैसा लगा तो मैंने अपना टेस्ट कराया। मैं प्रेगनेंट हो चुकी थी। सब बहुत खुश हुए, और मैं भी बहुत खुशी थी। हसबैंड के कहने पर मैंने नौकरी छोड़ दी, और ट्यूशन भी बंद कर दी, और सिर्फ आराम करने लगी। उसके बाद अरुण से कभी नहीं मिली, लेकिन उसका ये गिफ्ट कभी नहीं भूल पाऊंगी। आज मेरा एक बेटा है, जो कि अरुण की देन है। भगवान उसका भला करे।
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