भरी बरसात में सर से चुदी कार में (Bhari barsat mein sir se chudi car mein)

हैलो दोस्तों, मैं सरिता, 19 साल की फिगर 34-28-34 वाली कमसिन लड़की हूं। मैं अपनी क्लास में सुंदर और सुशील लड़की हूं। मेरे क्लास के कई लड़के मुझे पटाने की कोशिश करते है, लेकिन मैं किसी को भाव नहीं देती थी। मेरी क्लास की लड़कियां मुझे कहा करती थी कि पता नहीं किसके लिए जवानी को बचा रही है।

हालाकि मैं अपनी शादी के बाद पति के साथ ही सेक्स करना चाहती थी, लेकिन किस्मत में कुछ और ही लिखा था। मैं अपने मम्मी-पापा और एक बड़े भाई के साथ दिल्ली में रहती हूं। और अपने अपार्टमेंट से थोड़ी दूर कोचिंग के लिए जाती हूं।

मैं जहा कोचिंग जाती हूं, वहां कुल 50 बच्चे पढ़ते है। मैं कोचिंग में आगे ही बैठती थी। यह कहानी कोचिंग से ही शुरु होती है, और ये मेरे और निर्मल सर के बीच हुई चुदाई की कहानी है।

निर्मल सर की उम्र 35 के आस-पास होगी। वे शादीशुदा है, और उनकी वाइफ भी बहुत सुंदर है। खैर एक दिन रात में मैं पढ़ाई कर रही थी, तभी किसी का कॉल आया। उस वक्त मम्मी-पापा सो रहे थे। मैं अपने कमरे में अकेली पढ़ाई कर रही थी। कॉल पर निर्मल सर थे।

निर्मल सर: हैलो सरिता।

मैं: हां, कोन बोल रहा है?

निर्मल सर: मैं निर्मल सर बोल रहा हूं। वो तुमने आज मुझसे डाउट पूछे थे, तो उसका जवाब मैंने तुम्हे वाट्सअप कर रहा हूं।

आज मैंने सर से डाउट तो पूछे थे, लेकिन सर उस समय मुझे पहले तो घूरे और बाद में बताता हूं कह के भेज दिया। मुझे यकीन नहीं हुआ कि सर खुद फोन कर डाउट सॉल्व करेंगे। उसके बाद मैं पहले वाट्सअप चेक की। सच में सर ने डाउट क्लियर करके भेजे थे। मैंने थैंक्स कहा और फोन कट कर दी। तभी व्हाट्सअप पर मैसेज आया-

निर्मल सर: कैसा लगा सरिता?

मैं : अच्छा है सर, थैंक्स अगेन।

निर्मल सर: और भी कुछ हो तो तुम मुझे यहां भेज सकती हो।

मैं: अभी तो नहीं है सर, फिर कभी।

मैं बात को ख़त्म करना चाहती थी लेकिन सर मुझसे जान-बूझ कर बातें कर रहे थे। शायद वो मुझमें इंटरेस्ट ले रहे थे। इसी तरह सर हर रोज मुझे मैसेज करने लगे और डाउट के बहाने कई घंटे बाते करने लगे। अब मुझे अच्छा लगने लगा था।

एक दिन मैं मार्केट से घर आ रही थी, तब बहुत तेज बारिश हो रही थी। मैं एक स्टैंड पर खड़ी थी, तभी कही से निर्मल सर कार से आये और मुझे इस तरह खड़ी देख, मेरे पास आ कर मुझे अपने कार में आने को कहा। मैं पहले तो सोची की ऑटो से चाली जाउंगी। फिर उन्होंने बार-बार कहा तो मुझे जाना पड़ा। सर मुझसे बाते करते हुए कार चलाने लगे। तभी बारिश और तेज हो गयी। फिर सर ने कहा की “सरिता हमें कार को साइड में रोकना पड़ेगा, बारिश बहुत तेज है कुछ दिखेगा नहीं।”

मैं ठीक है कह दी और उन्होंने गाड़ी साइड में लगा दी। फिर वे मेरे पास आने की रिक्वेस्ट किये, मैं भी मान गयी। अब हम दोनो साथ में बैठे कुछ-कुछ बाते करने लगे, लेकिन सर का इरादा कुछ और था। वे अपने हाथ को मेरे बदन पर रखे और पूछे कि “तुम्हें कोई दिक्कत तो नहीं।”

मैं शर्म से मना भी नहीं कर पाई। और वे मेरी चुप्पी को हां समझते गये। देखते-देखते इतना कुछ हो गया कि मैं बहक गयी और उन्हें उनकी मन की करने दी। अब वे मुझे अपने बाहों में खींच लिए और मेरी गर्दन के पास किस्स करने लगे।

उउउउफ्फ्फ्फ़, उनकी गर्म सांसे मेरी बदन में उत्तेजना पैदा करने लगी। सर मेरे गर्दन को चूमते हुए आगे बढ़े और मेरी चूचियों को टी-शर्ट के ऊपर से ही दबा दिये।

“आआह्ह्ह…सर…”

“सरिता तुम बहुत जायदा सुंदर हो, इस बरसात में तुम जैसी लड़की के साथ मजा करने का मजा ही अलग है।” ये सब कहते हुए मेरी चूचियों को दबाने लगे और मेरे गुलाबी होंठों को पीने लगे। बाहर बारिश भी बड़े जोरों की हो रही थी। और इधर मेरी चूत में आग लगी थी। सर ने मेरी टी-शर्ट को निकाल दिया और मेरी चूचियों को ब्रा के ऊपर से चूसने लगे।

“आआह्ह्ह सर… उउउउफ्फ्फ़।”

वे मेरे चिकने पेट को चूमते हुए मेरी जीन्स का बटन खोल दिये और मुझे पैंटी ब्रा में कर दिये। उउउउफ्फ्फ्फ़… सर लगातार मेरी गोरी जांघो को चूसने लगे, तभी मेरी कॉल बजी। मैंने कॉल रिसीव की तो मम्मी थी।

मम्मी: कहां हो बेटा?

मैं: मम्मी मैं ठीक हूं, वो तेज बारिश के कारण ऑटो नहीं मिल रही थी तो यही रुकी हुई हूं। बारिश कम होगी तो ऑटो से आ जाउंगी।

मम्मी: ठीक है बेटा, ध्यान रखना अपना।

मैं: ओके मम्मी बाये।

मैंने जल्दी कॉल कट की। सर लगातार मेरी जिस्म को चूम रहे थे। बड़ी मुश्किल से अपनी आहें रोक रखी थी। सर ने झट से अपने कपड़े निकाल दिये और उनका बड़ा लंड मेरे सामने झूलने लगा। मैं शर्म से अपनी चेहरा ढक ली। तभी सर ने मेरी पैंटी उतार दिये और मेरी चिकनी चूत को जीभ से चाटने लगे।

हाये..‌. उउउउफ्फफ्फ्फ़… आआअह्ह्ह सर।

सर लगातार मेरी चूत को चूसने लगे। मेरी चूत पानी छोड़ने लगी और सर बड़े मजे से मेरे रस को चूस रहे थे। उउउउफ्फ्फ ये बारिश भी अपने चरम पर थी और सर का लंड भी उफान में था। उन्होंने मुझे चूसने को कहा तो मैंने हलका सा मुह में लिया, उन्होंने मेरे मुंह को पकड़ कर पूरा पेल दिये। “हाय मर गयी”, मुझे बहुत तेज खांसी आ गयी।

वे समझ गये कि मैंने कभी लंड नहीं चूसा। वे अपने लंड पर थूक लगाये और मेरे चूत पर रख कर धक्का देने लगे। मेरी चूत बहुत टाइट थी तो काफी मुश्किल हो रही थी उनका लंड अंदर लेने में। तभी एक जोर की बिजली कड़की और मैं डर के सर की बाहों में समा गयी। तभी सर अच्छा मौका देख कर पूरा लंड मेरी चूत में पेल दिये।

“अअअअअअअह्ह्ह्ह… मर गयी सर…. आआह्ह्ह उउउफ्फ्फ़…”

सर मेरी चूचियों को सहलाने लगे और मेरी गर्दन को चूमने लगे। मुझे जब थोड़ा आराम हुआ तब सर ने धीरे-धीरे चोदना शुरु किये। उउउफ्फ्फ्फ़ उनका हर धक्का मेरे जिस्म में तूफान मचा रहा था। सर अपने पूरे जोर लगा कर मेरी चूत चोद रहे थे। कार के बाहर घनघोर बादल बरस रहे थे।

“उउउउफ्फ्फ्फ़…. आआह्ह्ह्ह… और जोर से सर चोदो मुझे, हाये आअह्ह्ह।” मेरे मुंह से मादक सिसकारियां निकल रही थी। आज पहली बार चुदी रही थी, वो भी इतनी हसीन मौसम में। मेरे रोम-रोम झूम रहे थे। मैं आज पहली बार चुदाई में इतना सुकून महसूस कर रही थी।

सर इस बार मेरे दोनों पैर अपने कंधे पर रख कर मेरी चूत चोदने लगे। हाये मेरी किस्मत, पहली चुदाई में ही जम के मजा करा दिया। अब भला शादी तक कौन वेट करे? शादी से पहले ही चुदाई में इतना मजा आ रहा था। अभी भी सर जोर-जोर से मेरी चूत चोद रहे थे। मैं इस दौरान कई बार झड़ चुकी थी।

सर अपने रफ़्तार में मेरी चूत चोदते हुए मेरी चूचियों को मसलने लगे और मुंह से आह्ह उफ्फ्फ करने लगे। तभी उन्होंने अपने लंड को बाहर निकाला और मेरे पेट पर अपनी सफ़ेद पानी गिरा दिया। सर के पानी मेरे पेट पर गिरते ही मैं सिहार उठी। फिर सर मुझे किस्स करने लगे। हम दोनों एक-दूसरे को चूमते रहे, तभी बारिश कम होने लगी। फिर हम लोग घर चले आये। उस दिन के बाद सर मुझे हमेशा कहीं ना कहीं बुला कर मेरी चूत चोदने लगे थे।