आधी घरवाली (साली) के साथ एक अनोखी सेक्स कहानी-1 (Aadhi gharwali saali ke sath ek anokhi sex kahani-1)

हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम आनंद है, और आपके सामने मैं अपनी एक सच्ची कहानी कहने जा रहा हूं।

पहले में आपको बता दू़ कि यह मेरे लाइफ के सबसे अदभुत छन्न थे। चलिए अब स्टोरी पर चलते हैं।

मैं बता दूं मेरी शादी हो चुकी है, और मेरी वाइफ (सिमरन) काफी सेक्सी है। पर यह कहानी मेरी साली के साथ की हैं। बात आज से कुछ दिन पहले की है। मेरे छोटे भाई की शादी थी, और उस शादी में मेरे ससुराल से मेरी साली आईं थी, ताकि मेरी वाइफ को हेल्प कर सके।

मुझे बिल्कुल याद है मैं अपनी साली को रिसीव करने गया था, और लीला (मेरी साली) बस से बाहर आते ही मुझे देख लेती है। फिर मेरी नजर उससे मिलते ही मैं उसके पास जाता हूं, और मैं उसके बैग लेता ही हूं, तभी लीला मेरी ऊंगली को पकड़ लेती है और मैं मुस्कुराता हूं। फिर हम पर्किंग में चले जाते हैं, और अपनी कार से वहां बस स्टेशन से घर आ जाते हैं।

मैं आपको बता दूं लीला उस टाइम काफ़ी सेक्सी लग रही थी। उसकी 34″ साइज की चूची जो कि उसकी टाइट टॉप में साफ साफ़ दिख रही थी, और तोह और उसकी गांड भी पहले से बड़ी हो गई थी। जीन्स होने के कारण उसकी गांड की क्लीवेज‌ का पता चल रहा था, और सच्ची बोलूं तो एक-दम सेक्सी लग रही थी।

उसका सावला-पन उसकी बॉडी मैं चार चाँद लगा रहा था। जिसके कारण वो सेक्सी मॉडल से कम नहीं थी। पर मेरे दिमाग में अभी तक उसके लिये कोई गलत खयाल नहीं आया था। घर आते ही लीला सब से घुल-मिल गई, और सब के साथ काम में व्यस्त हो गए।

उसी दिन की बात हैं, और मेहमान घर पर आने लगे। जिसके कारण लीला को कही सोने को नहीं मिला तो मेरी वाइफ बोली कि आज हम तीनों साथ में ही सो जाते हैं।जिसके कारण हम एक बिस्तर पर ही थे।

मुझे याद है रात को 2 बजे मेरी वाइफ जगी, ओर बाथरूम गई। फिर वो मेरी साइड में आकर सो गई जिसके कारण मैं लीला ओर सिमरन (वाइफ) के बीच मे हो गया।

उस समय में जगा हुआ था। पर मैंने कुछ बोला नहीं। फिर मैं लीला की साइड घूमा तो उसके चूचे मेरे सामने ही आ गए। फिर मैं उसकी टॉप के अंदर की चूची की क्लीवेज को देख कुछ सोच ही रहा था, कि तभी लीला मेरे लंड के पास हाथ रख दी।

मैं तुरंत सिमरन को देखने लगा तो वो गहरी नींद में थी।‌ फिर मैं कुछ देर रुका, और मेरे अंदर भी कामुकता जागी। मैंने भी उसकी चूची को पकड़ लिया, और धीरे-धीरे मसलने लगा। मैं उसके चहरे को देखता गया, क्योंकि उसका हाथ मेरे लंड पर था।

थोड़ी देर में उसकी लंड पर पकड़ सख्त होने लगी। फिर मैं डर गया और चूची को मसलना छोड़ दिया, और मैं उसके क़रीब आने लगा। तभी लीला जाग गई और में तुरंत ही रुक गया और सोने का नाटक करने लगा। फिर लीला मेरे लंड से हाथ हटा कर मुझे धीरे-धीरे आवाज़ में जगाने लगी। फिर मैंने अंजान बनते हुए लीला को कहा-

मैं: क्या हुआ?

वो बोली: आप रूम से बाहर आओ।

फिर लीला और मैं बालकनी में गए।

लीला बोलती है: पता है आप मेरी चूची को पकड़े थे।

मैं यह सुनते ही डर गया, पर मैं बोला: मुझे पता नहीं, ऐसा भी हुआ क्या?

फिर बोली: आप मुझे पसंद करते हो क्या?

मैं फिर कहा: नहीं पागल,‌ अगर हुआ भी होगा तो गलती से हुआ होगा।

लीला: आप झूठ बोल रहे हो।

मैं: नहीं गलती से सिमरन को समझ कर मैंने दबा दिया

होगा।

लीला: पर आपको पता है यह गलत हुआ।

मैं: पता है लीला, पर छोड़ो ना‌,‌ ऐसे भी तुम मेरी आधी घरवाली हो ना, इतना तो चलता है।

लीला‌ (गुस्से में बोलती है): फिर मुझे चोद दो ना। आखिर

इसमें भी हक है ना।

मैं: सॉरी लीला, मेरा‌ कहने का मतलब यह नहीं था।

फिर लीला रोने लगी। मैं उसके पास गया और उसको चुप कराने लगा, और लीला बोलती है-

लीला: सॉरी जीजू, आपकी गलती नहीं है। मेरी ही किस्मत खराब है।

मुझे समझ नहीं आया किस्मत खराब का मतलब?

फिर लीला बताती है: मेरी ना एक प्रौब्लम है, कि मैं सांवली हूं ना, तोह कोई बॉयफ्रेंड भी नहीं है। जो बॉयफ्रेंड बना भी ना, तोह सब सेक्स ही करना चाहते है, और कोई ऑनेस्ट नहीं रहता मेरे साथ। जिसके कारण मेरी थोड़ी ऐसी प्रॉब्लम हो गई हैं।

मैं: चल इतनी सी बात है तोह तेरा बॉयफ्रेंड बनवा देता हूं जो

तुझको पसंद करें, ना कि केवल सेक्स करना चाहता हो।

लीला: जीजू कोई रेडी नहीं होगा। मैं सवाली जो हूं ना।

मैं: एक काम कर कि जब तक तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड ना हो

तब तक मैं तेरा बॉयफ्रेंड। बोलो कोई प्रोब्लेम है?

लीला: फिर मेरी कामुकता, अगर मैं बहक गई तो दीदी का

क्या होगा?

और फिर हसने लगी।

मैं: लीला एक काम करत्ते है। अगर ऐसी कोई प्रॉब्लम हैं, तो हम दोनों कोई चुदाई छोड़ कर और कोई भी बातें करेगें। बोलो चलेगा? बोलो करोगी?

लीला: ठीक है (मुस्कुराते हुए)।

फिर हम लोग सोने को जाते है। पर कुछ देर के बाद ही दोनों एक साथ बोलते है, और लीला बोलती है-

लीला: जीजू सुनो ना, मुझे कुछ-कुछ हो रहा है।

फिर वो मेरा हाथ पकड़ लेती है। मुझे भी कुछ हो जाता है, और मैं उसको गले से लगा लेता हूं। लीला भी मेरा साथ देने लगती है। दोनो कोई कामुकता में खोने लगते है, और लीला मेरे लंड को जोर से पकड़ लेती है। मैं उसकी चूची को चूसने लगता हूं। तभी लीला मेरे से अलग हो जाती है, और पलट कर मुझे सोने को कहती है। फिर जैसे ही मैं पलटता हूं देखता हूं, कि सिमरन थोड़ा-थोड़ा जगने लगती है।

मैं सिमरन की चूची से टॉप को हटाने लगता हूं, और चूची को मुंह में लेकर चूसने लगता हूं। ऐसा करने से सिमरन जग जाती है, और बोलती है-

सिमरन: लीला भी है, उसको पता चल जाएगा। थोड़े दिन शांत रहो।

फिर मैं रुक गया, और मैं और सिमरन सो गए। यह सब लीला सुन रही थी। फिर लगभग 4 बजे लीला मेरे पास आती है, और धीरे-धीरे बोलती है-

लीला: जीजू, जीजू!

मैं जग जाता हूं।

लीला: जीजू बालकनी में आओ।

मै: ठीक है।

लीला‌ (बालकनी में आते ही): सॉरी, दीदी जग गई थी।

इसलिए मैं आपको हटा दी और आपसे कुछ कहना भी है।

मै: बोलो।

लीला: जीजू, मैंने जब से आपका लंड देखा है, मैं पागल हो गई हूं। आपका लंड काफी बड़ा भी है। मुझे बस आज इसको चूसने दो।

मैं उसकी चूची को ही देख रहा था, और मैं बोला: एक शर्त है।

लीला: मुझे सब मंजूर है, पर प्लीज आप अपने लंड को आज मुझे देदो।

मैं: यही कि तुम मेरे साथ सेक्स करोगी, वो भी मेरे भाई की

सुहागरात को। और यह कैसे करोगी, तुम्हारी प्रोब्लेम है। जैसे लंड देख तेरी कामुकता जागी है, उसी तरह तेरी चूची का मैं भी दीवाना हो गया।

लीला: अब बोलोगे ही या लंड निकालोगे? ठीक हैं सब

करुंगी। बस आज अपना लंड दो।

मैं अपना लोअर नीचे करके 6 इंच के लंड को बाहर निकलता हूं। लीला देखते ही मेरे लंड को जोर से पकड़ लेती है, और नीचे झुक कर लंड चूसने लगती है। मैं भी कामुकता में खो जाता हूं। लीला बिल्कुल लॉलीपॉप की तरह मेरे लंड को चूसने लगती है, तो कभी मेरे लंड के सुपाड़े को उपर कर जीभ से चाटती है। तो कभी लंड को जोर से काटती है, और मैं चाह कर भी नहीं चिल्ला पा रहा था। दूसरी तरफ मुझे बहुत ही अच्छा भी लग रहा था।

फिर अचानक मेरे लंड को हाथों से जोर-जोर से ऊपर-नीचे ऊपर-नीचे करने लगती है, और ऊपर उठ जाती है। फिर अपनी लोअर नीचे करके अपनी पेंटी को नीचे कर देती है।

मैं बोलता हूं: अभी पॉसिबल नहीं हैं।

पर आज वो कहां मानने वाली थी। उसके चेहरे पर चुदाई की भूख साफ-साफ पता चल रही थी। लीला ने कुछ भी मेरी ना सुनी, और उसकी चूत मेरे सामने आ ग‌ई तब तक। लीला की चूत क्या मस्त थी। थोड़ी काली थी, पर बिल्कुल टाइट थी। फिर मैं भी लंड को चूत में डालने की कोशिश करने लगा, पर जा नहीं पा रहा था।

फिर मैं लीला को बालकनी के दीवार के पास ले जाता हूं, और लंड को चूत में डालने का कोशिश करने लगता हूं। लीला मुझे चूमने लगती हैं, क्योंकि हम दोनों ही कामुक हो गए थे। हमें पता भी नहीं चला कि लंड चूत में कब गया और लीला तो पागल हो गईं थी।

वो बोलने लगी: चोद मेरे जीजू।

और वो धीरे-धीरे सिसकारी दे रही थी। चूत का दर्द ज्यादा था, इसलिए मैं लीला के होंठो को चूमते जा रहा था, ताकि उसकी आवाज किसी को सुनाई ना दे, और उसकी चूची को जोर-जोर से मसलते जा रहा था। फिर भी उसकी सिसकारियां आ रही थी, और लीला मुझे अपने अंदर ले रही थी। लीला मानो सेक्स की भूखी थी, क्योंकि उसको पता भी नहीं था कि उसकी चूत से खून भी निकल रहा था।‌

मैं भी रुका नहीं, और चुदाई जारी रखी। मैं उसकी चूत को पेलता रहा, और फिर उसका निकलने वाला‌ था। लीला अब मुझे अपनी नाखूनों से स्क्रेच करने लगी, और जोर से मुझे पकड़ कर जोर-जोर से होठों को काटने लगी। मेरा भी निकलने वाला ही था। मैंने आंखों से इशारा किया तो वो समझी और बोली-

लीला: जीजू मुझे पीना हैं।

फिर मैंने लंड चूत से निकाला, और लीला मेरे लंड को मुंह मे लेली, और सारा माल गट-गट करके पी गई। फिर हम दोनों बाथरुम गए। लीला को पता चला कि चूत से ब्लड भी निकला था, और मेरा लंड पूरा लाल हो गया था। यहां तक कि मेरे लिप्स से खून निकल रहा था। यह देख लीला मेरे होठों को जीभ से चाटने लगती है, और गले लग कर बोलती है-

लीला: जीजू आज मैं बहुत खुश हूं।

और वो रोना स्टार्ट कर देती हैं।

मैं थोड़ा कन्फ्यूज था कि अभी क्यों रो रही थी, पर मुझे लगा अभी उसको शांत करा लूं। फिर मैं लंड साफ कर बाथरूम से बाहर आ गया और सोचने लगा कि लीला में कितनी हवसपंती थी। जब मैं रूम पहुंचा तो देखा कि सिमरन जगी‌ हुई थी।

वो बोलती है: सेक्स हो गया?

और यह सुनते ही मेरी हालत खराब हो गई।

दोस्तो यह कहानी का पहला पार्ट है। उम्मीद है आपको अच्छा लगा हो । पर दोस्तों अगले पार्ट में थ्रिल होगा और मेरी वाइफ ऐसा क्यों बोली, और लीला क्यों रो रही थी, इन सब का जवाब नेक्स्ट पार्ट में है, जो कि बिल्कुल सच है।

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