Meri Vidhwa Mami Ki Pyasi Chut

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम राज हैं, मेरी उम्र 24 साल है। मै रायपुर का रहने वाला हूँ, और मै दिल्ली में एक अच्छी कंपनी में नौकरी करता हूँ। मेरा कद 5’9 है, और मेरा बदन सुडौल है और लंड 6 इंच लंबा और मोटा है।

यह उस समय की बात है। जब मैं कॉलेज खत्म कर के घर आया था। मेरे बड़े नाना के घर में एक भैया की शादी थी। उस शादी में मेरा पूरा परिवार गया था, बड़े नाना गांव में रहते थे और हमारे तरफ शादी 4-5 दिन की होती हैं।

उन 4-5 दिन दूल्हे को लडकिया गोदी में उठा के नाचती है, और शादी में आये लोग भी एक दुसरे की कमर पकड़ कर लाइन में नाचते है। मेरे मामा जो मेरी नानी की बहन के बेटे थे, वो भी आये हुए थे।

उनकी 4 बेटियां हैं। बड़ी वाली प्रिया मेरे उम्र की है, और उससे छोटी प्रियंका, और प्रीति उससे छोटी जो सबसे सुन्दर थी। आखिर में मोना और उसका भाई 7 साल का अंशुल। मुझे उनके साथ मस्ती करने में बहुत मजा आता था।

मैं प्यासा था एक मस्त जिस्म का, पर हाँथ से ही काम चलना पड़ता था। मैं सोचा नहीं था, कि मेरी पहली चुदाई अपनी ही दूर की बहन से होगी।

प्रीति उम्र में 18 की होगी, और आकृति उसकी 32-24-32 होगो। दिखने में बहूत सुन्दर और हॉट थी। उन बहनों ने मुझे राखी तो बंधी नही थी, पर सब मुझे भैया भैया बोलते थे, बस प्रीति को छोड़ कर।

प्रीति मुझे सुनिए /आप आदि कह कर बुलाती थी। मैं उसके साथ खूब नाचता था, घर के पास थोड़ी दूर में एक नदी थी। वह सब सुबह नहाने जाते थे. लड़की लड़के सब साथ नहाते थे। हम नहाते रहते थे, तब प्रीति भी आती थी।

पर वो हमारे निकलने का इंतेजार करती थी, और फिर नहाती थी। प्रीती आती तो मुझे पत्थर मर कर परेशां करते रहती थी। दूसरे दिन शाम का समय था, प्रीति नदी में घुसी हुई थी और उसने सफेद समीज पहनी हुई थी।

उसके स्तन साफ साफ़ नजर आ रहे थे। वो अपनी सहेली के साथ आई थी, पर उसकी सहेली फ़ोन में बात कर रही थी। मैं बहार गया हुआ था, तो इसलिए मै शाम को अकेले नहाने आया था।

प्रीती मुझे देख कर पानी में घुस गयी। और मुझे बोलने लगी ” शर्म नही आती लड़की की नहाते हुए देखते” मैंने भी मजाक में बोल दिया “नही आती “। मैं पीछे घूम गया उतने में वो निकल गयी और अपने आप को टॉवल से ढक लिया।

मैं अपने कपडे उतार कर नदी में छलांग लगा दी। प्रीती कोने में पेड़ के निचे चली गयी मैं चुपके से देखने लगा वो कपडे पहन रही थी। एक टाइम ऐसा आया जब उसकी पीठ पूरी नंगी थी। मेरे होश उड़ गये।

मैंने नदी में ही मुठ मार ली, और वो तैयार होकर वही पत्थर पर बैठ गयी। वो मुझे नहाते हुए देखने लग गई। वो मेरा इंतेजार कर रही थी, क्योकि हम दोनों ने साथ में घर जाना था। मैंने उसके बारे में पूछने लगा पढ़ाई,बॉयफ्रेंड आदि।

साथ ही मै उसकी सुंदरता की तारीफ करने लग गया। वो भी मुझे लाइन देने लगी । हम साथ साथ जाने लगे। घर पहुचने से पहले मैंने उसके गाल को चूम कर भाग गया। शादी का माहौल में उसकी नज़र मुझे ढूंढते रहती थी।

उस रात वो मेरा हाँथ पकड़ कर खूब नाची, उसे मेरे से अकेले में बात करनी थी। पर काम के चलते मैं उससे नही मिल पा रहा था। एक बार मामी ने मुझे प्रीति के साथ कुछ लेने शेहेर भेज दिया।

प्रीती गुलाबी सूट पहन कर तैयार थी और हम बाइक पर चले गए। आधे रास्ते शांत थी फिर मैंने ही पूछा की तुम शांत क्यों हो प्रीति मुझे चाहती थी पर डरती थी, शहर से वापस लौटते वक़्त मैंने प्रीति को रात को नदी की तरफ आने को कहा।

मैं पत्थर पर बैठ कर अपने पैरों को नदी में डाले हुए बैठा था। प्रीती भी आ गयी और मेरे बगल में बैठ गयी। प्रीती मुझसे पूछने लगी चूमने की वजह , और थोड़े देर में उसने अपने बाल दूसरी तरफ कर लिया।

मैं प्रीती के और करीब आकर बैठ गया। मैंने प्रीती के गाल को चूम लिया। प्रीती मुझे प्यार की नजर से देखने लगी गयी। और मैंने प्रीती के चेहरे को पकड़ कर उसके होंठो को चूम लिया। प्रीती उठ कर जाने लगी, वो वापस आई और मेरे होंठो को चूम कर चली गयी।

हम दोनों अब प्यार में थे, हम अकेले मिलने का बहाना ढूंढते रहते थे। बरात के एक दिन पहले शादी में रंग और हल्दी लगते हैं। रात भर सब रंग खेले और वो और उसकी सहेली नहाने आई थी, रात में मैं भी उनके साथ था

वो साड़ी पहनी हुई थी काली ब्लाउज पिली साड़ी औरउपर से रंग लगा हुआ था। उसकी सहेली अपने बॉयफ्रेंड से बात करने कोने में चली गयी। मै पत्थर पर बैठ कर फ़ोन चला रहा था। वो आई और मुझे गाल में चूमने लगी।

मैंने उसको अपनी गोदी में बैठा लिया और उसके होंठो को चूमने लगा गया। उसकी सहेली आ गयी, नही तो आज वो मुझसे चुद ही जाती। अब मैं पानी में उतर गया और वो भी पेटीकोट और ब्लाउज में पानी में आ गयी।

पानी में चूमने के अलावा कुछ जादा हो नही पाया। दूसरे दिन बरात थी, वो नीले रंग की लहंगे में बेहद खूबसूरत लग रही थी। पूरा घर खली हो गया था, मैं बाइक पर बरात गया था। बरात वापस घर रात के 1-2 बजे आने वाली थी।

पर मैं वापस 9 बजे ही आ गया और वो भी प्रीती के साथ। मैं घर जाने के जगह नदी किनारे उसे ले गया। वो अपने पैरों को पानी में डाली हुई थी, मैंने उसके पास जाकर उसे चूमना शुरू कर दिया। मैं उसके होंठो को चूसने लगा, आज मैं उसे चोदना चाहता था ।

उसके कान में उसे इजाजत मांगने लगा, वो मुझे शादी के बाद कहने लगी। पर मैं उसे चूमता रहा और धीरे से उसकी लहंगे में हाँथ डाल कर चूत को सहलाने लग गया। वो हाँथ हटाने लगी, पर वो अब तक होश खो चुकी थी।

उसकी मैंने चोली की रस्सी को खोल दी, तो उसकी चोली निचे झूल गयी और उसके ऊपरी स्तन दिखने लग गये। वो शर्म से हाँथ से छुपाने लग गयी। मैंने उसके हाथ निचे किये और मैं स्तन में चुम्बन कर दिया।

वो थोड़ी चहक उठी, मैंने उसकी चोली को उतार दिया। मैंने उसे रेत में लेटा दिया और उसके ऊपर आकर उसे चूमने लग गया। मैंने उसके सर से आँखों को, उसके होंठो को, उसके गले को, उसके भूरे चुचियो को, उसके पेट को उसकी नाभि को हर जगह मैंने उसे अच्छे से चूमा।

एक बार में मैंने उसकी पैंटी के साथ उसके लहंगे को खोल दिया। और अब मैं भी नंगा हो गया। वो मुझे दुनिया की सबसे सुन्दर लड़की लग रही थी, और साथ उसकी चूत मुझे सबसे सुन्दरलग रही थी।

मैं पानी में चला गया और वो पत्थर पर टांग फैला कर बैठ गयी। फिर मैं उसकी चूत को चूसने लग गया। उसकी चूत कुंवारी थी, उस पर थोड़े से बाल थे।

फिर मैं उसकी मूत्र नाली को अपनी जीब से छेड़ने लग गया और मैं चूत में ऊँगली करने लग गया। उसकी तड़प दुगनी हो गयी । फिर मैंने उसकी चूत पर लंड रगड़ना शुरू कर दिया और झटके से उसे मैंने चोद दिया। वो धीरे धीरे मजे लेने लगी।

उसके मुह से आवाज निकलने लगी अआह आआह्ह अआह। थोड़ी देर बाद मैं पत्थर में बैठ गया, और वो मेरे लौड़े पर बैठी गयी थी। मैं उसके चुचियो को चूस कर दांतो से दबाने लग गया। उसे मैं उछल उछल कर चोदने लग गया।

थोड़ी देर बाद मैं उसे लेकर नदी में घुस गया और मैं उसके मस्त बदन को चूमने लग गया। वो एक पत्थर पकड़ कर झुक गयी और मैं पीछे से उसकी चूत को चोदने लग गया, हम बस छाती तक गीले हुए थे।

नदी में चोदने के बाद बाहर आकर वो रेत पर लेट गयी, उसके चूतर और पीठ पर रेत के कण चिपक गए। मैंने उसकी एक टांग उठाई और चूत को जोर जोर से चोदने लग गया, और थोड़ी देर बाद मैं झड़ गया। हम नंगे रेत में एक दूसरे की बांहो में लेट गए और ये चंदिनी रात की चुदाई यादगार हो गयी ।

फिर हम दोनों ने अपने कपडे पहने और वहाँ से हम निकल लिए। शादी खत्म होने के बाद हम वापस अपने शहर लौट गए। प्रीति का परिवार भी एक हमार शहर में रहता था। इसलिए प्रीति से मेरा मिलना होता रहता था।

पर चूमने के इलावा और कुछ नही हो पता था। मैं शहर से बहार था ,तो पता चला की प्रीती के पापा (मामा ) चल बसे है। मैं जब वापस आया तो प्रीति और बाकि सभी लोगो मैंने संभाला।

प्रिया, प्रीति और प्रियंका बहर रह कर पढ़ते थे। मोना और अंशुल यही अपनी माँ के साथ रहते थे। मैं मामी से ज़्यादा बात नहीं करता था, क्योंकि एक बार उन्होंने मुझे अपने ब्लाउज में झांकते हुए देख लिया था, उस वक़्त में 9वी में था।

तब से मैं मामी से नजर नहीं मिला पता था। मामी दिखने में गोरी हलकी झुर्रियां वाली औरत थी। वो कद में मुझसे लंबी थी, तो समझ जाइये कितनी जबरदस्त औरत होंगी। उनका कद 5’10 और आकृति 36-30-38 है।

वो घर में ही रहती थी, मैं भी बीच बीच में उनके घर जाता रहता था। तब से मामी से बात होने लग गयी। मेरा मामी के प्रति वैसे कोई गलत सोच नही थी। मैं दिल्ली में कोचिंग करने लगा, और अब मैं कभी कभी मामी से फ़ोन कर के हाल चाल पूछ लेता था।

कुछ महीने बाद मैं घर आया, सुबह की बात थी मामी कहीं से लौट रही थी। मैं मिल गया तो मैंने उन्हें मोटरसाइकिल पर बैठा कर घर ले गया। तभी मौसम बिगड़ गया, और बारिश होने लग गयी।

हम दोनों भीग गए थे, मामी ने मुझे घर के अंदर बुला लिया। मामी की साडी भीग कर उनके गांड से चिपक गयी थी और मुझे उनके स्तन का दरार दिख रही थी। वो यहाँ एक छोटे से किराये के मकान में रहती थी।

मामी गीली ही साड़ी में थी और मेरे लिए टॉवल ले आई । उनकी किचन की छत चू रही थी, तो मुझे किचन बुला कर ठीक कराई। जब मैं कुर्सी से मैं ठीक कर रहा था, तब मुझे उनके स्तन दिख रहे थे।

मेरी नजर बार बार वहाँ जा रही थी, और इस बार मैं फिर से पकड़ा गया। मैं निचे उतार गया और मामी मेरे काफी करीब थी ऐसा लग रहा था चुम्बन होने वाला है। मैं बहार आ गया, मामी बैडरूम में चुपचाप बैठ कर बारिश देखने लग गयी।

मैंने बारिश रुकने का इंतेजार किया और घर आ गया। मामी से मैं वॉट्सएप्प पर चैट करता था। वो अपने अकेलेपन की बाते करती थी, बारिश का मौसम आ गया था। मामी दोपहर में हमेशा अकेले रहती थी।

मेरी माँ का ऑफिस उनके माकन के पास था, तो एक बार मैं अपनी माँ को उनके ऑफिस छोड़ कर उनके घर चला गया। मामी मेरी अच्छी दोस्त बन गयी थी, मैं उनके घर पंहुचा तो फिर बहुत तेज बारिश होने लग गयी।

मामी बालकनी में खड़ी थी, और बारिश की बूँद उनके बदन को भिगो रही थी। उनकी साड़ी भीगी हुई बाल खुले भीगे हुए थे। उनका यह सादा रूप देख मुझे बिलकुल अच्छा नही लगा। मैं मामी को मैं अंदर ले आया, और उन्हें मैंने टॉवल दे दिया।

मामी मुझे देखने लगी शायद वो मेरे करीब आना चाहती थी। वो बिस्तर पर बैठ गयी और मेरे कंधे में सर रख कर रोने लग गयी। क्योकि वो अकेली पड़ गयी थी, बच्चों को सँभालते सँभालते अब वो थक चुकी थी।

फिर पता नही क्या हुआ मैं हम और करीब आ गए मैंने उनको गले से लगा लिया। और हम एकदम करीब आ गए मामी बिना सोचे मेरे होंठो को अपने होंठो से मिला कर मुझे चूमने लग गयी।

मैं उठ कर जाना चाहा पर उन्होंने मुझे जकड़ लिया। मैंने उनकी तरफ मुड़ा और उन्होंने मुझे पल्लू गिराकर इशारा किया। मामी को मैंने गले से लगा लिया, और उनको दरवाजे से लगाकर पागलो की तरह चूमने लग गया।

मैंने उनकी साड़ी को उनके पेटीकोट के साथ खिंच दिया, और उनकी गोल गोल गोरी गांड मेरे सामने आ गयी। मामी ने ब्रा पन्टी नही पहनी थी।

वो महीनो से प्यासी थी, मैंने उनका ब्लाउज को जोर से खीच दिया और ब्लाउज के सरे बटन टूट गए। और गीले गोरे सुन्दर स्तन मैं चूसने लग गया, और चूसते चूसते मैं उनके पेट को चूमने लगा।

और मैंने उनका पेटीकोट भी उतार दिया। मामी पूरी नंगी एकदम माधुरी दीक्षित लग रही थी। बड़े दूध बड़ी चिकनी गोरी गांड और मोटे मोटे जांघ बहुत मस्त लग रहे थे। मैंने भी खुद को नंगा कर दिया। मामी ज्यदा ही जोश में थी, मामी ने मुझे मेरी छाती को चूमते हुए मेरे लौड़े को पकड़ कर सहलाने लग गयी।

मामी को मैंने उनके चूतर से उठा कर टेबल में बैठा दिया और चूत खोल कर उनकी बालो से भरी चूत को चूसने लगा गया। वो मेरे सर को सहलाने लगी, मैंने उनके एक टांग को उठाया और एक झटके से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया।

फिर मै जोर जोर से उन्हें चोदने लग गया। मामी आह आह अआह करने लग गयी, फिर वो मेरे लंड को पकड़ कर चूसने लग गयी। मैंने उनका सर पकड़ कर उनके मुह में लंड डाल कर चोदने लग गया।

अब हम बिस्तर में आ गए, मैं लेट गया मामी मेरे बदन को चूमने लगी और मेरे लौड़े को चूसने लग गयी। फिर मेरे लौड़े को अपनी चूत में घुसा कर वो उस पर उछलने लग गयी। मामी एकदम आकर्षित थी, मामी फिर लेट गयी और मुझे बाँहो में भर कर वो मुझसे चुदने लग गयी।

मामी की चूत में चोद चोद कर मैंने उनकी प्यास बुझा दी, मैं झड़ गया मामी मुझे चूमते हुए बाहों में सो गयी। हम एक दूसरे को चूमते रहे और उनके बेटे के स्कूल से आने से पहले में चला जाता था।

मामी की लव मैरिज थी, पर मेरे लिए वो कम नही तड़पती थी। जब भी अकेले मिलती पागलो की तरह वो मुझे प्यार करती थी। मैं कभी नहाते वक़्त उनकी चूत को चोदते रहता, तो कभी वो किचन में अपनी गांड उठा कर मुझे से चुदती, जब भी मिलती मामी अब नंगी रहती थी।

दोस्तों अपने अमूल्य विचार निचे दिए गये, कमेंट बॉक्स में लिख कर मुझे ये जरुर बताये की आपको मेरी ये कहानी केसी लगी।

धयन्वाद।

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