तेरे बिना मेरा कौन है (Tere bina mera kon hai)

दोस्तों मेरा नाम अजित है। मैं नागपूर से बिलॉंग करता हूं। अब मैं अपनी स्टोरी पे आता हूं। 2012 में मेरा औरंगाबाद में म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन मे प्रोजेक्ट चल रहा था, तो मुझे वहां मेरे प्रोजेक्ट पे काम करने के लिए डाटा एन्ट्री ऑपरेटर की जरुरत थी। तो मैंने वहां लोकल न्यूज पेपर मे इश्तहार दिया। फिर दूसरे दिन से ही मुझे कॉलस आने लगी।

मुझे टोटल 15 लोगों की जरुरत थी, जिसमें 5 लेडीज और 10 जेन्ट्स की जरुरत थी।

जेन्ट्स का तो अपॉइंटमेंट हो गया, पर लेडीज के लिए मैंने पेपर मे ऍड दिया था। तो दूसरे दिन मैंने 5 लेडीज को अपॉइंट किया, और मेरा काम शुरु हुआ। 3 दिन बाद मुझे एक लड़की का फोन आया कि मुझे जॉब की जरुरत है, तो मैंने उसे मना किया कि अब कोई वेकेंसी नहीं है पर वो बहुत पीछे पड़ गयी।

मैंने फिर भी उसे मना किया, और फोन रख दिया। अगले दिन वो लड़की एक बूढ़ी औरत के साथ मेरे ऑफिस मे आ टपकी।‌ वो लड़की इतनी खूबसूरत थी कि क्या बताऊं। उसका नाम मीनल था।

वो बुढ़ी औरत मेरे केबिन मे आके मुझे विनती करने लगी कि, “इसे इस जॉब की बहुत जरुरत है, और हमे पैसों की बहुत तंगी है। इसका पती अभी 6 महिने पहले ही दुनिया छोड़ के चला गया”।

मैं शॉक हुआ ये जान कर कि वो विधवा थी। उसकी एज 26 या 27 की होगी, गोरा रंग, 5’4” की हाईट, और परफेक्ट फिगर। उसने व्हाईट सलवार टाईट वाली और चुनरी ली थी। उसने मुझे बताया कि, “मैं इसकी सास हूं, और मुझे यही संभालती है”।

मैं बोहोत इंप्रेस हुआ कि इतनी जवानी में वो विधवा होके भी दूसरी शादी किए बिना अपनी‌सास की देखभाल कर रही थी। ‌मैंने बोला, “मां‌ जी, अभी‌ तो कोई जगह नहीं मेरे पास। पर आपको जरुरत है तो मैं इन्हें जॉब पे रख लेता हूं। वेतन 14000 रुपये दूंगा”।

वो मुझे धन्यवाद बोल दी। फिर मैंने मीनल का बेसिक इंटरव्यू लिया और उसे अगले दिन जॉब जॉईन करने के लिए बोला।उसकी सास ने बोला कि, “बेटा आपका बहुत एहसान है हमारे उपर”। तो मैंने बोला, “मां जी ऐसी कोई बात नहीं”।

हालांकि मीनल का घर ऑफिस से बो्हुत दूर था, तो मीनल ने बोला कि, “क्या आप मुझे 1 घंटा पहले छुट्टी दे सकते हो, तांकी मैं घर जल्दी पहुंच कर माँ के लिए खाना टाइम पे बना सकूं? लगे तो आप मेरी सैलरी 1000 कम कर दो।

मैंने कहा, “कोई बात नहीं, तुम रोज 5 बजे घर के लिए निकल सकती हो”। फिर दूसरे दिन से उसने जॉब पे आना शुरु किया, और बड़ी ही इमानदारी से अपना काम कर रही थी। वैसे मेरे सभी एम्प्लॉयी अपना काम इमानदारी से करते थे। ऐसे ही 2 महिने बीत गये, और मीनल का मेरी तरफ देखने का नजरिया बदल गया था।

वो मुझे प्यार की (हवस और प्यार में फरक होता है) नजर से देखती थी, क्यूंकी मैं उसकी बहुत हेल्प करता था। उसकी सास की तबियत खराब हो गयी थी, तब मैंने ही उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करवा के बिल भरा था। इसकी वजह से मीनल मुझे मन ही मन प्यार करने लगी थी। मुझे पता था, पर मैं उसकी बहुत इज्जत करता था। इसलिये कुछ बोलता नहीं था।

एक दिन की बात है, अगले 3 दिन हॉलिडे था, तो काम थोड़ा सा ज्यादा था। तो मैंने लेडीज से रिक्वेस्ट की आज 1 से 1.5 घंटा ज्यादा रुकना पड़ेगा, और मैं इसके एक्सट्रा पैसे दूंगा। तो सब लोग मान गये। मैंने मीनल को पूछा कि, “आपको कोई प्रॉब्लेम तो नहीं?” तो वो बोली कि, “कोई प्रॉब्लेम नहीं”। मैं बोला, “आप दूर रहती हो, तो मैं आपको ड्रॉप कर दूंगा घर पे”। तो वो मेरी तरफ देख के अजीब तरीके से मुस्कुराने लगी।

फिर काम खतम करके सब लोग निकल गये। मैं और मीनल हम दोनों ऑफिस बंद करके मेरी बाईक से मीनल के घर की तरफ निकल गये।‌ मैंने मीनल से पूछा कि, “तुम्हें आज खाना बनाने के लिए लेट हुआ है, तो हम तुम्हारा और तुम्हारी माँ का खाना बाहर से पैक करा लेते है”।

तो वो बोली कि, “टेन्शन मत लो, मेरी सासू माँ 5 दिन के लिए उसकी बहन के यहां गयी है, इसलिये आज मैं ओवरटाइम करने के लिए रुक गयी”।

ये सुनते ही मेरा लंड खड़ा हुआ।

फिर मैंने उसको बोला कि, “अभी श्याम के 7:30 बजे है, तो हम लोग थोड़ी देर कहीं बैठ के बाते करते है, और फिर खाना खाके मैं तुम्हें घर छोड दूंगा, अगर तुम्हे कोई प्रॉब्लेम ना हो तो”। वो मान गयी।

फिर हम लोग ऐसे ही लॉन्ग ड्राइव पे गये, और हमारी बात शुरु हुई। उसने अपनी पूरी स्टोरी मुझे बताई‌ (जो मैं आपको बता के बोर नहीं करुंगा)।

फिर रात के 9 बजे हम लोग एक होटल में गये खाना खाने। मैंने बोला कि, “मीनल मैं अकेले रहता हूं, तो मुझे रोज रात को खाने से पहले 1 क्वार्टर पीने की आदत है। अगर तुम्हें प्रॉब्लेम ना हो तो क्या मैं ड्रिंक कर सकता हूं?”

उसने सिर्फ मुस्कुराके अपना सर हिला दि। फिर मैंने एक अँटिक्वीटी ब्लू का ऑर्डर दिया और पीने लगा। मैंने उसे बोला कि, “तुम पियोगी?” तो उसने इशारे से स्मॉल पेग बोला।

मैंने उसका पेग बनाया और उसे दिया। वो धीरे से पी गयी। फिर वो बोली कि, “एक और पीना है हार्ड वाला”। तो मैंने उसे बना कर दिया। वो मेरी तरफ कातिल नजरों से देख कर पीने लगी।

वो पेग पीने के बाद उसने एक और पेग लिया।

फिर मैंने खाने का ऑर्डर दिया तो उसने फिर कहा कि, “मुझे एक पेग और पीना है”। वो अब मुझे हक से बोल रही थी, जो मुझे अच्छा लग रहा था। मैंने उसे बोला कि, “ज्यादा मत पीना तुम्हें रात को अकेले सोना है, और अगले तीन दिन छुट्टी है तो कहीं तबियत खराब ना हो जाए तुम्हारी”।

तो वो एक-दम से उठी और मेरे पास आकार मुझे जोर से किस कर दिया। मैं डर गया और बोला, “ये क्या कर रहे हो आप?”

वो बोली, “आप नहीं मीनल कहो, और अगले तीन दिन मुझे तुम्हारे साथ रहना है। तुम्हारे सीवा मेरा कोई नहीं है इस दुनिया में”।

मैं ये सुन कर पागल ही हो गया। फिर भी कंट्रोल किया, और बोला कि, “मीनल मैं तेरे घर कैसे आ सकता हूं? पर तेरे पड़ोसी क्या सोचेंगे?” वो बोली, “पागल हो क्या?

मेरे घर नहीं जाना है, तुम मुझे कहीं भी लेकर जाओ, मैं तैयार हूं। हम लोग होली साथ मे मनाएंगे और ये मेरा ऑर्डर है।”

मैंने सोचा पगली को नशा हुआ है और इसके साथ बहस करके कोई फायदा नहीं। फिर उसने बोला, “मुझे और पेग बना दे”। मैंने उसका हुकुम मान कर उसको एक पेग और दिया। फिर हम लोग खाना खाकर बाहर निकले।

मैंने उसे बोला कि, “कहां चले?” तो वो बोली, “तेरे घर पे”।

मेरे खड़े लंड ने मुझे इशारा किया कि चल इसको लेके।

मैंने उसे बोला कि, “मीनल 3 दिन रहना है मेरे घर, तो तेरे घर से कपड़े लेते है”। तो वो कुछ नहीं बोली, और मेरी बाईक पे मुझसे चिपक कर बैठ गयी और अपने हाथ से मेरी छाती को कस कर पकड़ कर बैठ गयी। मैं समझ गया इसको चढ़ी थी, तो उसको मैं मेरे घर ले आया। जैसे ही मैंने घर का लॉक खोला वो मुझे बोली कि‌ बाथरूम किधर है उसे पेशाब लगी है। मैंने उसे इशारे से बताया।

वो जैसे ही बाथरूम की तरफ जाने के लिए  मुड़ी तो गिर गयी। उसे इतना नशा हुआ था कि उसने वहीं पर पेशाब कर ली कपड़ो में। मैं डर गया। मुझे लगा कि इसकी तबियत बिगड़ ना जाए।

तो मैंने हिम्मत करके उसको उठाया और बाथरूम ले गया। उसके पेशाब से गीले कपड़े उतारे तो मेरा दिमाग ही खराब हो गया उसको नंगा देख कर।

मेरा लंड तो उसकी छाती और चूत देख कर इतना टाईट हुआ कि मानो फट जाए। पर उस टाइम मैंने कुछ नहीं किया, क्यूंकी वो बेहोश थी, और मैं एकतरफा सेक्स नहीं करना चाहता था। तो मैंने उसे नहलाया और ऐसे ही नंगे बदन उसको बेड पर सुला दिया। फिर उसके बदन को पोंछते वक्त मुझसे कंट्रोल नहीं हुवा तो मैंने उसके 34” के बूब्स को थोड़ा सा चूसा, और उसकी गुलाबी फ्रेश चूत को 5 मिनट तक किस करके उसके उपर चादर डाल दी।

फिर बाथरूम जाकर मुठ मार के सोने गया।

मेरे पास दो बेड वाला दीवान था, जिसके उपर वो पूरी निढाल नंगी लेटी हुई थी टांगे पसार के, तो वहां मेरे लिए जगह नहीं थी सोने के लिए। इसलिये मैं सोफे पे सो गया। मुझे रात मे अंडरवियर और बनियान पहने नींद नहीं आती, इसलिये मैं सिर्फ शॉटर्स पहन के सो गया।

करीब रात के 2 बजे मुझे मेरे शरीर मे गरमाहट महसूस हुई।‌ जब मैंने आंख खोल के देखा तो मीनल मेरे उपर पूरी की पूरी नंगी ही सोई थी। उसका नंगा सीना उफ्फ मेरे सीने से चिपका हुआ था। उस वक्त को मैं जब भी याद करता हूं मेरा लंड भाले जैसा तन के खड़ा होता है।

मैंने उससे पूछा, “मीनल तू यहा कैसे?”

वो बोली, “मेरा नशा थोड़ा सा कम हुआ है, और मुझे अकेले सोने मे डर लग रहा था, इसलिये यहाँ आ गयी।‌ यहां सोफे पे जगह नहीं थी, इसलिये तुम्हारे उपर सो गयी”।

ये सुनकर मुझे बिल्कुल भी हैरानी नहीं हुई क्यूंकी हम दोनों जानते थे कि हमारे बीच ये सब होने वाला था। फिर मैं उसको बोला, “मीनल चल हम दोनों बेड पे जाते है।” तो वो बोली, “नहीं पहले तुम अपने शॉर्ट्स उतारो”। तो मैंने अपने शॉर्ट्स उतार दिये और बोला “चल”।

तो वो फिर बोली, “नहीं, मुझे उठा के बाथरूम ले चलो, मुझे पेशाब करनी है”। मैंने वैसे ही किया, उसको उठा के बाथरूम ले गया और वो नीचे बैठ कर पेशाब करने लगी। मैं भी कमोड में पेशाब कर रहा था। तभी मेरे शरीर पर ठंडा पानी बरसने लगा। मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो पता चला कि मीनल ने शॉवर ऑन किया था। मैं उसकी तरफ देख मुस्कुराने लगा, पर मेरी पेशाब हुई नहीं थी।

इतने में उसने मुझे शॉवर के नीचे लिया और मेरे पेशाब निकलते लंड को हाथ में पकड़ लिया, और मेरी तरफ सिर्फ देख रही थी। मैं मेरे होंठ उसके होंठो की तरफ ले जाने लगा, तो उसने अपना मुंह घुमा लिया और कहा, “मेरे होंठ पहले तुम्हारे लंड को चूमेंगे”।

अब नंगा क्या चाहे। मेरे लंड को उसने अपने मुंह के पास लिया और धीरे से ब्लोजॉब देने लगी। यकीन मानो मीनल इतनी हॉट थी, कि उसका बदन और उसकी अदा देख कर कोई भी दो मिनिट में लंड से पानी छोड़ देगा, तो मैं कौन था। उसका लंड चूसने का स्टाईल और उसके गोरे नक्षीदार बदन के आगे मेरे लंड ने हार मान ली, और मेरा वीर्य उसके मुंह में निकल गया।

पर वो उसने पिया नहीं, सिर्फ मुंह में भर लिया और उपर उठ कर मेरे होंठो को चूसने लगी। मैं तो पूरा पागल हो गया। ये जबरदस्त किस के बाद वो मुझसे दूर हुई  और बोली कि, “मेरी जानेमन कैसा लगा तुम्हें?” मैंने उसे कोई जवाब ना देते हुए उसको अपने पास खींच कर फिर से उसको किस किया।

अब मैं उसकी अदा और नंगे जिस्म का गुलाम बन गया था, क्यूंकी साली वो थी ही इतनी मस्त गोरी-गोरी। पूरी नेहा शर्मा जैसी और सेम फिगर। फिर वो बोली कि, “अब मुझे खुश नहीं करोगे?”

मैंने बोला, “जो हुकुम मेरी रानी”, और नीचे बैठ गया। उसकी चिकनी, गुलाबी चूत को चाटने के लिए जैसे ही मैंने अपना मुंह बढाया, तो एक-दम पीछे हुई, और बाथरूम के बाहर गयी, और जाते वक्त बोली कि यहीं रुको। मैंने उसका हुकुम माना और वही बैठा राहा शॉवर के नीचे।

वो ठीक 3 मिनिट बाद आई दो पेग लेके। मैंने मन मे सोचा साली कितनी बडी बेवड़ी है ये पर लगती तो बहुत शरीफ है। फिर वो बोली कि, “आनेवाले 3 दिन मुझे बस चुदाई और शराब के नशे में रहना है”। मैंने और उसने बाथरूम में ही अपने पेग खतम किए।

अब आगे की स्टोरी आपको बहुत जल्द बताऊंगा। लेडीज प्लीज आपको ये सब करना है तो मुझे मेल किजीए, मैं तत्पर हूं आपके लिए।

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