कॉलेज की सीनियर मैम को चोदा-1 (College ki senior mam ko choda-1)

हैलो दोस्तों, आप लोग कैसे है? जितने भी लड़के है वो अपने लंड की ज़रूरतों को पूरी करे और जितनी भी चूत की मालकिन है वो लंड की सेवा ज़रूर ले।

मैं यहाँ पर अपनी एक कहानी लेकर आया हूं। उम्मीद है कि आप लोगों को पसंद जरूर आयेगी। ये कहानी मेरी यानी कि गोलू यादव और आन्शी सिंह (नाम बदला हुआ) की है। हम दोनों के बीच ये सेक्स अभी कुछ महीने पहले हुआ था।

तो कहानी की शुरुआत होती है 2021 में, मेरे कॉलेज के दिनों से, जब मैंने इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया था। तो शुरू के दिनों मे कॉलेज में 21 दिन का इंडक्शन प्रोग्राम हुआ था। उसी समय मुझे एक सीनियर मैम दिखी, जो कमाल की फिगर वाली थी। उनके बारे में जो बोला जाए सब कम था।

मैं फर्स्ट ईयर में था और वो 3rd ईयर में थी। मैं जूनियर था तो उनसे बात नहीं कर पाता था। हम दोनो ही एक ही ब्रांच के थे। वो अपने बॉयफ्रेंड और बाकी दोस्तों के साथ रहती थी। शुरूआत में मैम को मैं छुप-छुप कर देखता था, पर पहले सेमेस्टर के बाद देखना बंद कर दिया। वो कभी दिख जाती थी।

अब मैं मैम के फिगर के बारे मे बता दूं, कि वो लगभग 5 फीट की थी। रंग गोरा और बूब्स का साइज ज्यादा तो नहीं था, पर गांड बड़ी थी, और पूरे कॉलेज में उनकी गांड के साइज़ जैसा किसी का नहीं था। गांड का कोई मुकाबला नहीं था पूरे कॉलेज में। जब टाइट जीन्स पहनती थी, तो पूरी गांड एक नागिन के जैसी लहराती हुई लगती थी।

मैम कॉलेज से पासआउट होने के बाद नोएडा में जॉब करने लगी। कॉलेज पास आउट के बाद उनका मुझे कोई अता-पता नहीं था।

मेरा भी कॉलेज खतम हुआ और 2025 के मई में मेरा भी जॉब लग गया। मेरी किस्मत बहुत अच्छी थी जो एक ऐसी जगह जॉब लगी जहा पर आन्शी मैम पहले से जॉब करती थी। मैंने उन को देख कर ये तय कर लिया कि अब तो चोदे बिना नहीं छोडूंगा। आन्शी मैम के फिगर में कोई कमी नहीं आयी थी। अब तो बूब्स के साइज भी बढ़ गए थे।

जब मैं कंपनी में मैम के पास पहली बार गया, तो वो मुझे नहीं पहचान पायी। मैंने उनको अपने बारे मे बताया और कॉलेज के कुछ फोटो भी दिखाया, जो इंडक्शन प्रोग्राम के समय का था। ये सब बताने के मैम मान गयी कि मैं उनका जूनियर हूं, पर वो फिर भी पहचान नहीं पायी।

रोज मैं जॉब पर जाने लगा। आन्शी मैम से जान-पहचान बढ़ने लगी। उनका नम्बर भी मिल गया। लगभग एक महीने बाद उनको घर जाना हुआ तो मैं भी साथ मे चल दिया, क्योंकि जिस ट्रेन से वो जाती थी वहीं ट्रेन मेरे घर भी जाती। ट्रेन घर जाती का मतलब है जिस स्टेशन के पास मेरा घर है वहा जाती है। मैम ने 1st ऐ.सी. बुक किया। उस केबिन में मैं और मैम थे केवल।

8 घंटे का रास्ता था तो मैम ने कंफर्ट के लिए शॉर्ट्स और स्लीवलेस टी-शर्ट पहन लिया। उसमें मैम का पूरा गोरा टांग और मोटी जांघ दिख रहा था। टी-शर्ट की वजह से पूरा नाभि, गोरा पेट, पतली सुराही नुमा कमर दिख रहा था। ये सब देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया। मेरे लंड को देख कर मैम हँसने लगी और बोली, “अगर तुम अनकंफर्टेबल हो तो अपने दूसरे कपड़े पहन लूं?”

मैं बोला: ऐसा क्यो बोल रही है मैम?

तो आन्शी मैम बोली: तुम्हारा खड़ा हो गया है और ये साफ-साफ दिख रहा है।

मैंने उसे छुपाना चाहा तो मैम ने बोला: रहने दो उसे ऐसे ही, सही हो जायेगा।

फिर हम दोनों बातें करने लगे।

मैम: तुमने आज तक इतने कपड़ों में किसी को देखा नहीं है क्या?

मैं: देखा है, पर आप के पूरे फिगर को देख कर मन मचल गया। आप हो ही ऐसी।

मैम: कैसी हूं?

मैं: अगर मैंने बता दिया तो आप बुरा मान जाओगी।

मैम: तुम बोलो, मैं बुरा नहीं मानूँगी।

मैं: आपकी ये गोरी टांगे जैसे किसी हिरनी की मचलती कमर हो, जांघ रुई के गद्दे के जैसे वटवृक्ष की डाली हो, पेट के बीचो-बीच नाभी मानो ताज महल पर काले टीके की तरह बुरी नजरों से बचा रहा हो, गला एक दम सुराही के जैसा, और आप का चेहरा एक यौवन से लबालब हंसनी का चेहरा हो। मतलब आप पूरी तरह एक ऐसी रस से भरी फूल है जिसका रस और खुशबु निचोड़ने का मन कर रहा हैं।

ये सब सुन कर आन्शी मैम अनकंफर्टेबल हो गयी और शर्माने लगी।

मैं: मैम क्या हुआ?

मैम: कुछ नहीं।

मैं: मैंने पहले ही बोला था अगर आपके बारे मे बोलूँगा तो आप को बुरा लगेगा।

मैम: ऐसी बात नहीं है, पर क्या सच मे मैं इतनी खूबसूरत लग रही हूं?

मैं: मैंने जो भी बोला सब सच बोला है। अभी तक आप के गांड के बारे मे बोला भी नही हूं।

मैम: इतना बोल दिये हो तो उस के बारे मे भी बोल दो।

मैं: आपकी गांड का जितना भी तारीफ किया जाए सब कम है। आपकी गांड इतनी बड़ी है कि मानो दो लड़कियों का गांड मिला कर बना हो। गांड का शेप एक-दम कातिलाना है। मन तो कर रहा है आपकी गांड का तकिया बना कर सो जाउं। गांड के छेद में मुह डाल लू और पूरा चाट-चाट कर लाल कर दूं।

मैम: तुम मेरे बारे मे इतना गंदा सोचते हो?

मैं: इसलिए मैं सच बोलने के लिए मना कर रहा था, पर आप मानी नहीं।

मैम: चलो ठीक है।‌ अब बताओ कि तुमको सच में मेरी गांड इतनी अच्छी लगी?

मैं: अगर आप एक बार अपनी गांड खोल कर दिखा दो तो आप को पता चल जायेगा कि मैं सच बोल रहा हूं कि गांड चाट-चाट कर लाल कर दूंगा।

मैम ने गांड को खोल कर दिखाने से मना कर दिया और तुरंत टॉयलेट के तरफ चली गयी। वापस लौटी तो पसीना से पूरी तरह भीग गयी थी। मैं देख कर समझ गया कि अंदर उंगली करके आ रही थी।

मैं: मैम आप अंदर उंगली करके आ रही है ना?

मैम: तुम क्या बक रहे हो?

मैं: मुझे पता है आप क्या कर रही थी। आपका तो हो गया है, अब मुझे एक बार आप अपनी गांड दिखा दो ना।

आन्शी मैम मना करने लगी पर मैं नही माना, और उन से बोलता रहा कि एक बार दिखा दो। मैम मना करते-करते आखिर अंत मे मान गयी और बोली: एक बार दिखाऊंगी बस, और गांड को छूना मत।

मैंने भी हां बोल दिया। फिर मैम अपनी गांड को नंगी कर के खड़ी हो गयी। और बोली: जल्दी से अपना हिला कर काम खत्म करो।

मुझसे रहा नहीं गया और मैंने मैम की गांड को पकड़ लिया और गांड पर हाथ फेरने लगा। मैम ने मुझे मना किया पर मैं नही माना और गांड को हाथ से सहलाता रहा। फिर गांड पर किस्स किया जिससे मैम कांप उठी और अपनी दोनों एड़ियां उपर कर ली। मैंने गांड को अच्छी तरह से चाट-चाट को आन्शी मैम को गरम कर दिया।

गरम होने के बाद मैम बोली: अच्छा कर, और चूत को भी कुछ करो ताकि वो शांत हो जाए। कब से रो रही है।

मैंने मौके का फायदा उठाया और मैम को खिड़की के सहारे झुका दिया और पीछे से चूत मे लंड को सेट करने लगा। चूत पर लंड को सेट करने के बाद एक हल्का सा धक्का किया, जिससे लंड का टोपा चूत के अंदर चला गया। टोपे के अंदर जाते ही आन्शी मैम के मुह से आह की आवाज आयी और बोली जरा धीरे करो।

लंड को मैंने पूरा अंदर डाल दिया और धीरे-धीरे लगभग 15 झटके दिये और उस के बाद अपनी रफ्तार बढ़ा दिया जिसका जवाब मैम गांड को साथ मे हिला कर दे रही थी। मैंने इसी बीच मैम को पूरा नंगा कर दिया। अब मैम खिड़की के उस पार से पूरा नंगी दिख रही थी। 15 मिनट की चुदाई के बाद दोनों झड़ गये। मैंने अपना पूरा माल मैम की गांड पर गिरा दिया।

चुदने मे बाद मैम नंगी ही सीट पर लेट गयी और मैं उनके पास खड़ा हो गया। मैम बहुत तेज हाफ रही थी। मैंने उन को धीरे-धीरे किस्स करना शुरू कर दिया जिससे मैम को आराम मिला और 10 मिनट के बाद वो नार्मल हो गयी।

मैं: अब आप तैयार हो जाओ, आपकी गांड मारनी है मुझे।

मैम (हाथ जोड़ कर): अब कुछ नहीं करने दूंगी मैं, जो भी मारना है जब नोएडा वापस आऊंगी तब मार लेना।

मैं: अच्छा ठीक है, मेरा लंड तो साफ कर सकती है आप?

मैम ने अपनी कच्छी से लंड को साफ किया और उसी को पहन लिया। मैम ने उपर कुछ भी नहीं पहना और नंगी ही खिड़की के पास बैठे गयी। फिर हम दोनों बात करने लगे तो मैम ने बताया कि घर पर उनकी शादी की बात चल रही थी। तो इसलिए घर जा रही थी, क्योंकि दो-तीन लड़के है जिनको देखना थी।

मैम के स्टेशन आने मे अभी एक घंटा था, तो मैंने एक और राउंड के लिए बोला। मैम ने मना कर दिया। मैंने बोला कि मेरा खड़ा हो गया था।

तो आन्शी मैम ने बोला: ठीक है मैं अपने हाथ से हिला दे रही हूं।

मैं खिड़की के पास बैठ गया। मेरे घुटनों के पास बैठ कर, मेरा लंड हाथ में लेकर वो हिलाने लगी। मैंने मुंह में लेने के लिए बोला। ना-नुकूर करने के बाद मुह से लंड को चूसने लगी। मैंने मैम के बालों को उपर करके पकड़ लिया। ये सब सामने से जाने वाली ट्रेन में बैठे लोग देख रहे थे क्योंकि खिड़की खुली थी। 10 मिनट के बाद मेरा निकलने वाला हुआ तो मैंने सारा माल मैम के बूब्स पर गिरा दिया।

फिर हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए और बाते करने लगे। कुछ देर बाद मैम का स्टेशन आया। मैं उनको कोच के दरवाजे तक छोड़ने गया। दरवाजे पर ही सब के सामने ही एक गुड बाय किस्स किया और बूब्स को दबा दिया। फिर जब वो मुड़ी तो गांड भी दबा दिया, जिसका जबाव मैम ने मुस्कुरा के दिया।

आप लोगों को कहानी कैसी लगी? इसका फीडबैक पर जरूर मेल करना, क्योंकि इन फीडबैक से आगे के लिए मोटीवेशन मिलेगा। मेरा खास तौर पर 27 साल से 40 साल के बीच वाली औरतों से अनुरोध है कि फीडबैक जरूर दे। क्योंकि मुझे लड़कियों से ज्यादा भाभी और आंटी पसंद है। भाभी और आंटी मेच्योर होती है और चुदने के जगह और समय का जुगाड़ खुद ही कर लेती है, और खर्च के लिए पैसे भी देती है।