जीजू ने मेरे घर पर घोड़ी बना कर मेरी चूत ओर गांड मारी-1 (Jiju ne mere ghar par ghodi bana kar meri chut aur gaand maari-1)

मैंने अपनी जवानी चढ़ते चढ़ते ही चुदाई के बारे में सोचना शुरू कर दिया था। मेरे कॉलेज में लड़कियां गन्दी-गन्दी, चोदा-चोदी और लंड, चूत, भोसड़ा करती थी। जिनको सुन-सुन कर मेरी चूत में आग लग जाती थी। फिर चुदाई की बातें होने लगती थी। मैं बोलती कम थी और सुनती ज्यादा थी। जिससे मेरे मन में लंड पकड़ने की और चुदवाने की इच्छा पैदा हो जाती थी।

मैंने एक दिन अपनी सहेली से बात की। उसे लंड पकड़ने की इच्छा बताई। तो वह बोली मैं तुमको अपने बॉयफ्रेंड का लंड दिलवा सकती हूं। मैं यह सुन कर बहुत खुश हो गई।

एक दिन उसने अपने बॉयफ्रेंड को अपने घर बुला रखा था। तो मुझे फोन किया कि, “तू भी आजा मेरा बॉयफ्रेंड मेरे घर पर ही है। मैं तुझे उसका लंड दिखा दूंगी। तू पकड़ कर मजे कर लेना।”

मैं जल्दी से तैयार हो कर, घर पर बोल कर, उसके घर पहुंच गई। मैंने देखा की उसका वो बॉयफ्रेंड दोस्त बहुत काला कलूटा सा था। जो उसके घर पर सोफे पर लंड को बाहर निकाल कर बैठा हुआ था। लेकिन मुझे अचानक मेरे घर से फोन आ जाने के कारण मैं आगे नहीं बढ़ पाई। मतलब लंड नहीं ले पाई। मेरी ज़िन्दगी में मैंने उस समय वो पहला लंड देखा था।

हैलो दोस्तों, मैं अस्मिना फिर से हाजिर हूं आपके लिए एक और अपनी धमाकेदार चुदाई की कहानी लेकर। आपको तो पता ही है कि मेरा फिगर 34-30-36 है। रंग गोरा है, और मैं दिखने में काफी सुंदर हूं। मैं मदमस्त, खूबसूरत, सेक्सी और हॉट शादीशुदा जवान चुदने लायक गदराया हुआ माल हूं।

मेरा गोरा पेट और मखमली गोरे बदन को अगर कोई एक बार देख ले तो वही मुझे चोदने की सोच ले। मुझे देखते ही लड़को के लंड खड़े हो जाते है, और सब मुझे चोदने के जुगाड़ में रहते है। कुछ लड़को ने तो मुझसे ये कहा भी कि हम तो बस यही सोचते है कि एक बार बस अस्मिना भाभी को चोदने का मौका मिल जाये। लेकिन आज तक मोहल्ले के किसी भी लड़के को मेरी चुदाई करने का मौका नही मिला।

दोस्तों आपको पता ही है कि मैं ज्यादातर चूड़ीदार सलवार कमीज पहनती हूं, जो मेरे बदन पर बहुत अच्छी लगती हैं। मेरी चूचियां बड़ी-बड़ी और रसीली है, और गांड एक-दम चौड़ी, फैली हुई है। मेरी चूत बहुत गहरी है। जिसमें मेरे पति के अलावा मेरी कमीने जीजू का बड़ा मोटा लम्बा लंड कई बार समा चुका है। मेरी गांड के उभार से मेरे दोनों चूतड़ साफ-साफ दिखाई देते है।

मेरे मोहल्ले के ना जाने कितने लड़कों मुझ जैसे गजब के चोदने लायक माल को देख कर अपने लंडों का पानी निकालते होंगे। मैं अपनी जवानी के चरम पर हूं। मुझे अपनी गांड मटका कर चलने का बहुत शौक है।

चूड़ीदार सलवार कमीज पहनने के बाद मेरी गांड का उभार साफ नज़र आता है। जब मैं चूड़ीदार सलवार और टाईट कमीज पहन कर चलती हूं, तो देखने वाला कामुक होकर अपना लंड मसलने को मजबूर हो जाता है।

मेरे पति रोजाना जम कर मेरी रसीली चूत में लंड डालते है, और मेरी चिकनी रसीली चूत की आग को शांत करते है। जब तक रात को मेरी ताबड़-तोड़ चुदाई ना हो जाए, मुझे नींद नहीं आती। मेरी चूत में हर वक़्त आग लगी रहती है। मुझे रोज़ अपनी चूत में लंड चाहिए। मेरे तन में कामुकता कूट-कूट कर भरी है।

मेरी वासना ने मुझे जीजू की रंडी बना दिया है। मैं हर वक्त जीजू का लंड लेने को तैयार रहती हूं। अब मैं सीधे अपनी सच्ची घटना पर आती हूं और मै उम्मीद करती हूं कि आप लोगों का इस कहानी को भी प्यार ज़रूर मिलेगा। आप सभी इस कहानी के हर भाग में अपने लंड और चूत का पानी निकालोगे। मर्द अपने लंड को हिलाते हिलाते और चूतें और भोसड़े उंगलिया करते करते थक जाएंगी।

आज जो चुदाई की कहानी मैं बताने जा रही हूं वो मेरी और मेरे जीजू के बीच चुदाई की है। कि कैसे मेरे जीजू ने मुझे मेरे ही घर पर, मेरे कमरे में, बाथरूम में और रसोई में घोड़ी बना कर चोदा और मैंने अपने जीजू के लंड से चुदाई का मजा लिया। तो दोस्तों मेरी इस चुदाई का आप सब मजा लीजिए। अब मैं कहानी पर आती हूं।

जैसा की आपको पता है कि मेरे जीजू मेरे साथ बहुत हंसी-मजाक करते है। जीजू को में बहुत अच्छी लगती हूं और मुझे भी जीजू मस्त लगते है। आप जानते ही है कि में भी जीजू को पसन्द करती हूं। मेरी मदमस्त जवानी को देख कर जीजू का लंड बेकाबू हो जाता है। जीजू और में हम दोनों को जब भी मौका मिलता है हम फोन पर सेक्स चैट और फोन सेक्स भी करते है। कई बार में जीजू को अपनी नहाते हुए फोटो भी भेजती हूं तो जीजू भी मुझे अपने लंड की फोटो भेज देते है।

मैंने कई बार जीजू का नाम लेते हुए अपनी चूत में उंगली करके चूत का पानी बहाया है तो जीजू ने भी कई बार मेरा नाम लेकर अपने लंड का पानी निकाला है। जब भी हम दोनों को मौका मिलता है तब हम दोनों के लिए ही रुकना मुश्किल हो जाता है। और जीजू अपनी साली यानि की मेरी जमकर चूत की चुदाई करते हुए मुझे नंगी करके चोदते है।

मैं अपने पति के बाहर जाने का पूरा फायदा उठाती हूं और आये दिन जीजू से चुदवाती रहती हूं। कभी अपने घर में जीजू को बुला कर तो कभी किसी होटल में जाकर जीजू का लंड लेती हूं।

अब तो मेरी जीजू का लंड लेने की आदत हो गयी है। खाली समय में मेरे दिमाग में लंड ही घूमा करता है। मैं जीजू के लंड को पकड़ने के नए नए तरीके ढूंढा करती हूं।

यह बात उस समय की है जब दीदी और जीजू मेरे घर पर आये हुए थै। और जैसा कि आपने मेरी पिछली कहानी में पढ़ा होगा कि कैसे जीजू ने रसोई में मेरी खड़े-खड़े चुदाई की थी।

जीजू और दीदी ब्यूटी पार्लर गये हुए थे। थोड़ी ही देर में जीजू दीदी को ब्यूटी पार्लर में छोड़ कर वापिस मेरे घर आ गये। उस समय में घर पर अकेली थी और अपने कमरे में बेड पर बैठ कर टीवी देख रही थी।

उस दिन मैंने क्रीम रंग की कढ़ाई वाली कमीज और क्रीम रंग की सिल्क की सलवार पहन रखी थी। जिसमें में काफ़ी सुंदर लग रही थी। मैंने दुपट्टा नही डाला हुआ था, जिससे मेरी बड़ी-बड़ी चूचियों के उभार कमीज से साफ दिखाई दे रहे थे। और पेट के बिल्कुल नीचे वाले हिस्से से जहां चूत के झांटों की रूंवाली लगने लगती है वहां पर सलवार का नाड़ा बांध रखा था। सलवार में मेरी गांड पीछे की तरफ उभार लिए दिख रही थी। इतने में जीजू मेरे कमरे के बाहर आये और मेरी तरफ देख-कर बोले…..

जीजू: क्या देख रही हो अस्मिना?

मैं: अरे जीजू आप आ गये और दीदी को वहीं छोड़ आये क्या? मैं फिल्म देख रही हूं जीजू. आ जाओं आप भी देख लो। जीजू की नजरें मेरे बदन पर थी।

जीजू: हां आपकी दीदी को ब्यूटी पार्लर में समय लगेगा, तो मैं वहां बोर हो जाता। इसलिए में घर आ गया। जब वो फ्री हो जायेगी तो फोन कर लेगी। तब मैं जाकर ले आउंगा उनको।

मैं: अच्छा जीजू तो ये बात है। कोई बात नहीं, जब दीदी का फोन आये तब ले आना दीदी को।

जीजू अन्दर मेरे कमरे में आये और बेड पर मेरे पास बैठ गये। अब हम दोनों बेड के पीछे के कोने पर लग कर, सीधी टांगें करके बैठ गए और फिल्म देखने लगे। मेरे घर पर सिर्फ मैं और जीजू ही थे। जीजू ने अपना एक हाथ मेरे हाथ पर रख दिया। मैं कुछ नही बोली। जीजू का हाथ मेरे हाथ पर ही था। तो जीजू धीरे धीरे मेरे हाथ को मसलने लगे। तो मैं मुस्कराते हुए बोली-

में: जीजू क्या बात है, आप मुझे टीवी नहीं देखने दोगे क्या?

जीजू हवस भरे लहजे में बोले: जब आप जैसी कामदेवी सामने हो तो टीवी देखने में किसका मन लगता है?

ये कहते हुए जीजू ने मेरे कोमल हाथ को जोर से भींच दिया और मुस्कुराने लगे। मैंने भी जीजू की तरफ सेक्सी स्माईल कर दी। और टीवी देखने लगी।

जीजू मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर बोले: अस्मिना मैं आपके साथ हमेशा ऐसे ही रहना चाहता हूं। बस आप भी हमेशा ऐसे ही मेरे साथ रहना। जीजू की इस तरह की बातों से मुझे काफी अच्छा महसूस हो रहा था। एक तरफ मेरी कामवासना भड़क रही थी और दूसरी तरफ जीजू का प्यार भी मुझे अन्दर से ख़ुशी दे रहा था।

फिर धीरे से जीजू मेरे कंधे पर किस्स करने लगे। मैं थोड़ा सा कुम्लाहते हुए बोली: जीजू छोड़िये ना, रूक जाओ ना यार जीजू।

जीजू बोले: मुझे आपके इस मखमली जिस्म से निकलती हुई पसीने की गंध को मेरी सांसों में बसा लेने दो जानेमन।

जीजू ने ये बोलते हुए मुझे बेड की तरफ पीछे धक्का दे दिया और मेरी गर्दन पर किस्स करने लगे। मेरे हाथों को उन्होंने अपने हाथों से कसके दबा लिया था। मैं उन्हें रोकना नहीं चाह रही थी पर दिखावटी तौर पर रोक रही थी। जीजू मुझे किस्स करते जा रहे थे।

फिर जीजू ने मेरे होंठों को अपने होंठों में ले लिया और चूसने लगे। मैं उत्तेजित हुए जा रही थी। मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मेरी मादक सिसकारी निकल रही थी। मुझे बहुत मजा आने लगा था। मैं वासना से छटपटा रही थी और तड़प रही थी। मेरी कमीज के गहरे गले से मेरी चूचियां जीजू को ललचा रही थी।

अब मेरी झांटें सुलगने लगी और मेरी चूत गर्म होती जा रही थी। चूत और गांड दोनों आग उगलने लगी थी। मेरा सलवार कमीज के अन्दर गोरा जिस्म जीजू के सामने नंगा होकर जीजू को समर्पित भाव से आमंत्रण दे रहा था। कि जीजू मेरे जिस्म के साथ जो चाहे कर सकते है।

जीजू मेरे एक-दम मस्त खरबूजे जैसे मम्मों को मेरी कमीज के उपर से ही दबाने लगे। मेरे बूब्स को कस-कस कर भींचने लगे।

जीजू ने थोड़ा नीचे सरक कर मेरे एक दूध को कपड़े के ऊपर से ही मुँह में ले लिया और दूसरे को जोर-जोर से दबाने लगे। मैंने भी अपने हाथों को ऊपर उठा कर जीजू के सिर को मेरे सीने से सटा दिया और मादक सीत्कार के साथ अपने बूब्स और निप्पलों को दबवाने का मजा लेने लगी।

मैंने आंखें बंद करके अपने आपको जीजू को सौंप दिया। जीजू मेरी जवानी का रस चूसने में व्यस्त हो गये। मेरी चूचियों को मसलने के बाद जीजू का हाथ मेरी कमीज को ऊपर उठा कर मेरे पेट पर आ गये। जीजू ने मेरे गोरे-गोरे नंगे चिकने और सपाट पेट पर हौले से किस्स किया, तो मैं एक-दम से सिहर गई। मैं जीजू के सिर पर अपना हाथ रख कर जीजू के सिर को अपने पेट पर दबाने लगी। तभी टीवी में जोर की आवाज के साथ लड़ाई चालू हो गई और मैंने जीजू को रोक दिया, तो जीजू बोले-

जीजू: अस्मिना आपने जो ये कपड़े पहने हुए हैं, बड़े चिकने लग रहे हैं यार। हाथ लगा कर देख लूँ क्या, कि कैसा फील आता है?

मैं टीवी देखते-देखते बोली: हम्म देख लो ना जीजू!

जीजू सलवार के उपर से मेरी जांघ पर हाथ रख कर बोले की काफी चिकना है।

मैं: हम्म जीजू, सिल्क का सलवार सूट है।

फिर हम फिल्म देखने लग गए। जीजू सलवार के उपर से ही मेरी जांघ पर हाथ फेरते-फेरते अपना हाथ मेरी चूत तक ले गये। मैं कुछ नहीं बोली, बस फिल्म का मजा ले रही थी। तभी जीजू ने मेरी सलवार के ऊपर से मेरी चूत टटोली और अंदाज से चूत के उपर अपनी एक उंगली घिसने लगे।

उस समय मेरी और जीजू की नजरें टीवी पर ही थी। मेरे पूरे बदन में गुदगुदी सी होने लगी। मैं समझ गयी थी कि जीजू मुझे चोदने के मूड में आ रहे थे। मैं शरारती अंदाज में अपने पैरों को फैलाते हुए जीजू से बोली-

मैं: जीजू, ये क्या कर रहे हो आप?

जीजू: आप इतनी खूबसूरत हो कि जब भी आपको देखता हूं मुझे कुछ-कुछ होने लग जाता है! अस्मिना आप दिखने में बहुत अच्छी लगती हो, एक-दम मस्त।

मैं समझ गई की जीजू की मेरी चुदाई करने की इच्छा होने लगी होगी, मेरी चुदाई का सोच कर ही जीजू का लंड खड़ा होने लगा था।

दोस्तो, अगर किसी लंड को चूत चोदने की इच्छा होती है तो वह सिर्फ चूत का छेद तलाशता है। लंड को यह नहीं दिखता कि वह किसकी चूत है, उस समय चूत किसी की भी हो, उससे लंड को कोई फर्क नहीं पड़ता।

मैं: जीजू साफ-साफ बोलो, आप क्या करना चाह रहे हो?

जीजू: आप बहुत गोल मटोल मस्त माल हो यार। आपका रंग बिलकुल दूध सा गोरा और आपका जिस्म भरा गदराया हुआ है। आपको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है जान। आप दिखने में एक नम्बर की सेक्स बॉम्ब लगती हो। आप बहुत ही हॉट हो अस्मिना। आपके बूब्स बहुत बड़े-बड़े हैं और आपके कपड़ों में ऐसे दिखते हैं, जैसे बाहर आने को तड़प रहे हो।

जीजू: पीछे से आपकी उठी हुई गांड देख कर ऐसा लगता है कि अभी आपको घोड़ी बना कर आपकी गांड मार लूं। जब आप अपने कूल्हे मटका कर चलती हो तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाता होगा। पता नही कितने मर्द आपको बिस्तर पर लिटा कर आपकी आगे पीछे दोनों तरफ की लेना चाहते होंगे। आपको नंगी करके चोदना चाहते होंगे।

जीजू: जब आप अपनी गांड को मटका-मटका कर चलती हो, तो आपकी मक्खन सी गांड को देख कर अपने एक हाथ से लंड को सहलाने लगता हूं। आपकी रसीली चूत मारने का मन करने लग जाता था। आज घर पर कोई नहीं है। मैं आज आपको मेरे मोटे लंड से चोद कर आपकी रसीली चूत को फाड़ दूंगा अस्मिना। आज तो मैंने सोच लिया था की आपको कस के चोदूंगा। आपके हुस्न की जवानी को पिउंगा क्योंकी आप भी प्यासी हो और मैं भी प्यासा हूं।

जीजू: हाय क्या माल हो यार अस्मिना आप। कपड़ो में इतने सुंदर लग रहे है तो सोचो बिना कपड़ो के एक-दम नंगे, कितने अच्छे लगोगे आप। कपड़ो के ऊपर से आपकी चूंचियां इतनी सुंदर है नीचे तो देखो कितनी मोटी-मोटी बड़ी-बड़ी है। मन करता है कि अभी चूस डालूँ। जान मुझे आपकी मस्त रसीली चूत चोदनी है। मैं जमकर आपकी चूत चोदना चाहता हूं। आपकी चूत को चोद-चोद कर फाड़ दूँगा।

ये बोल कर जीजू अपने मुंह को मेरे मुंह के पास ले आये और धीरे-धीरे मेरे कान को चबाने लगे। मुझे गुदगुदी होने लगी। मुझे बड़ा अच्छा भी लग रहा था। फिर जीजू मेरे गले की पतली खाल को हल्का-हल्का दांत से कुतरने लगे। मुझे तो पूरे शरीर में झुनझुनाहट होने लगी।

इसके आगे की कहानी अगले पार्ट में। फीडबैक [email protected] पर दें।