नई पड़ोसन-1 (Nayi padosan-1)

तो दोस्तों, अब मैं एक गदराई हुए बदन वाली बेहद कामुक औरत हूं। जिसकी सेक्स की भूख बहुत ज्यादा बढ़ चुकी हूं। मेरा साइज़ 34-30-36 हैं, और मेरे मस्त चूतड़ है। जिसको देख कर हर कोई दीवाना हो जाता है। क्योंकि मेरे चूतड़ बहुत बड़े और गोल है। जब मैं चलती हूं तो सबकी नज़र मेरी मटकती हुई गांड पर ही होती है।

तो दोस्तों अब कहानी पर आती हूं। ये कुछ दिन पहले की बात है, जब एक नई लड़की मेरे पड़ोस में किराये पर आई। उसकी उम्र करीब 25 की होगी। शादी-शुदा मस्त फिगर है उसका भी। उसके पति अभी किसी काम से एक महीने के लिए बाहर गए थे।

उसी दिन शाम को मेरे घर के डोरबेल बाजी, तो मैंने अंदर से ही पूछा कौन हैं? “जी मैं आपके पड़ोस में नई आई हूं, आपकी नई पड़ोसन।” ये जवाब आया।

उस समय मैं अकेली थी और केवल पेटीकोट और ब्लॉउज में थी, और ऐसे ही मैंने दरवाजा खोल दिया।

पड़ोसन: जी मेरा नाम कामिनी हैं, और हम आज ही यहाँ शिफ्ट हुए हैं। पति भी नहीं आ सके, किसी काम से बाहर गए है। अकेले बोर हो रही थी तो सोच पास-पड़ोस में पहचान बना लूँ।

और वो मेरी उभरी हुई बड़ी-बड़ी चूचियों को घूरे जा रही थी, पूरे बदन को ऊपर से नीचे तक, और मुस्कुरा भी रही थी।

मैं: आईये, मैं स्वेता हूं। मेरे घरवाले भी गांव गए है‌ (मैं बगल में पड़ी साड़ी को उठाते हुए)।

कामिनी: अरे रहने दीजिए आंटी, इसकी क्या जरूरत? कोई मर्द थोड़े ही है यहाँ।

फिर मैं बोली: बैठिए, क्या लेंगी आप? ठंडा या गरम?

वो बोली: जो आपकी इच्छा।

फिर मैं उसके लिए चाय बना कर लाई और वो कहने लगी-

कामिनी: आप तो बहुत हॉट हो आंटी। एक-दम मस्त माल हो।

मैं: कैसी बाते कर रही हो (मैं शर्माते हुए)!

कामिनी: जी मैं खुले विचारों की हूं। बिंदास जो होता है साफ बोलती हूं।

फिर हम दोनों की आपस बनाने लगी और मेरी अच्छी दोस्त और पड़ोसन बन गई।

एक दिन वो बोली: आंटी मुझे अकेले डर लग रहा है, क्या आज रात आप मेरे घर सो सकती है?

मैं भी उसे पटाना चाहती थी और वो खुद ऑफर दे रही थी तो मैंने कहा: क्यूं नहीं, ठीक है।‌ ताला बंद कर दूं फिर चलते है।

फिर हम उसके घर पहुंच गए। मैंने काली नाइटी पहनी थी, और उसके अन्दर ब्रा-पैंटी और पेटीकोट था। हम दोनों खाना खाया और सो गए। करीब सोने के एक घंटे बाद मैंने उसकी ओर देखा कि वो सो रही थी।

मैंने आवाज दी: कामिनी, ओ कामिनी।

पर कोई आवाज या हरकत नहीं हुई। तो मैंने उसके चूचियों पर अपने हाथ रख दिये और धीरे दबाने लगी। उसके 34″ के थे। पहले मैं दबाने लगी, फिर धीरे से उसकी नाईटी ऊपर कर दी। अब मैं पैंटी के ऊपर से सहलाने लगी। तभी वो अपने हाथों को मेरे हाथों पर रख दी। मैं थोड़ी डर गई।

पर वो बोली: ये क्या आंटी, बिना मेरी इजाजत के मजे ले रही हो (वो‌ मेरी ओर देख के मुस्कुरा दी तो मैं समझ गई ये भी खेली खाई औरत है)।

फिर वो मेरे बालों को पकड़ के खींच लेती है, और मेरे ऊपर आ जाती है।

कामिनी: आंटी पहले इन होंठों का रस तो पीने दो जानेमन। मस्त औरत है आप।

वो मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दी और जोर-जोर से किस्स करने लगी किसी भूखी कुतिया की तरह। फिर मेरी दोनों चूचियाँ दबाने लगी किसी हैवान की तरह। मुझे दर्द हो रहा था। फिर वो गर्दन को चूमते हुए मेरी चूचियाँ पीने लगी और निप्पलस काटने लगी, और फिर मेरी चूत में उंगली करने लगी। मैं अब बहुत गरम हो चुकी थी।

फिर वो अचानक से बोली: आंटी अब सोने जा रही हूं।

मैं: अरे कामिनी ऐसे मुझे गरम करके? बेटी पहले मुझे ठंडी तो कर दे।

कामिनी: ठीक हैं पर आपको जो मैं बोलूँगी वही करना होगा।

मैं: हाँ, जो तुम कहोगी वही करूंगी।

कामिनी: मेरी कुतिया बनेगी? मेरी स्लेव बनेगी? जो कहूंगी जहां कहूंगी करना होगा।

मैं: मुझे सब मंजूर है बेटी।

कामिनी: बेटी नहीं रंडी, मालकिन बोल।

मैं: जी मालकिन।

मैं तो हैरान हो गई कि ये तो मुझसे भी ज्यादा कमीनी हैं साली। फिर वो मेरे पास आई और मेरे मुंह पर एक जोर का तमाचा मारी। मेरे गाल लाल हो गए और फिर मेरी चूचियों पर एक-एक करके 6-7 बार मारी। मेरी चूचियाँ भी लाल हो गई पर टाइट भी हो गई।

कामिनी: देख साली भोंसड़ी की रांड, कैसे तेरे मम्मे खड़े हो गए। मजा आ रहा हैं बोल रंडी?

मैं: हाँ मालकिन, पर दर्द भी हो रहा है।

कामिनी: रंडी की औलाद, फिर मजा कैसे लेगी? तेरी चूत गांड और चूचि देख कर मैं पक्का बता सकती हूं तू बहुत बड़ी चुदक्कड़ हैं। एक नंबर की रंडी हैं।

मैं: क्या करूं, जैसे-जैसे उम्र बढ़ रही है, मेरी चूत की प्यास बढ़ रही है।

अब उसने मुझे नीचे लिटाया, और वो अपनी नाइटी अलग करते हुए मेरे ऊपर चढ़ गई। अब वो जोर-जोर से अपनी चूत मेरी चूत पे घिस रही थी।

मैं “अह्हह्हह… ओह्हह्ह… धीरेईईए… करते हुए कराहने लगी। कामिनी… ओह सरला… मेरी पैंटी भी निकाल दो प्लीज़.”

उसने झट से मेरी चूत का ढक्कन मेरी पेंटी हटा दी। चूत से चूत रगड़-रगड़ कर हम दोनों भी पूरी गीली हो चुकी थी।

कामिनी: चल रंडी छिनार अब कुतियाँ बन। आज तुझे वो मजा दूँगी कि तू भी क्या याद करेगी।

मैं: मैं उसके आदेश का पालन करते हुए कुतियाँ की तरह हो गई।

अब उसने मेरी गांड में और चूत में एक साथ उंगली करने लगी। फिर जोर-जोर से थप्पड़ मार-मार कर मेरी गांड लाल कर दी और मेरी गांड चाटने लगी। फिर जीभ से मेरी चूत भी।

फिर वो बोली: चल बालकनी की खिड़की पर तेरी चुदाई करती हूं।

मैं बोली: नहीं, कोई देख लेगा तो क्या होगा?

वो बोली: कुछ नहीं होगा।

और मेरे बालों को पकड़ कर ले गई और खिड़की के पास मेरे पैर ऊपर रख कर मेरी चूत पर दो-चार और थप्पड़ मारी, और मेरे मुंह पर थूक दी। फिर वो मेरी चूत चाटने लगी।

मैं: हा.. आहा.. अ…ह अह… आहा.. हा… सी…सी…सी…ऐसे ही मेरे मालकिन ऐसे ही चूसो! और चूसो… अह्ह…

उसने कहा: यह देखो कैसे पानी छोड़ रही है चूत साली की! साली मादरचोद है तू तो।

कामिनी: अभी तो तेरी गांड फाड़ूंगी साली। फट जायगी तेरी जब तुझे चोदूंगी। साली बहन की लोड़ी, साली मादरचोद, तेरी माँ को चोदूँ रांड बना कर साली चुद!

उसकी मुंह से ऐसी गालियां सुन कर मजा दोगुना हो जा रहा था

मैं: हाँ आह्ह सी सी सी… अह्ह हाय… कामिनी जोर से चोदो… फाड़ डालो अपनी रंडी की चूत…

और जोर-जोर से अपनी उंगलियां मेरी चूत में अंदर-बाहर करने लगी।

फिर वो बोली: रुक अभी आती हूं।

थोड़ी देर में वो आई। ये क्या, उसकी चूत पर ये लंड कहा से आया?

वो बोली: ये डिल्डो है मेरी जान। अब तेरी गांड मारूँगी इससे।

फिर उसने मुझे खिड़की पर झुकाया, और उस प्लास्टिक के लंड पर कोई पानी जैसा था लगाया। फिर मेरी गांड में सेट करके एक जोर का झटका मेरी गांड में डाल दी। मुझे थोड़ा दर्द हुआ पर अच्छा लगा। ये तो बिल्कुल असली मर्द के लंड जैसा था। अब वो मेरी गांड पर थप्पड़ मरते हुए चोदने लगी।

मैं: अह… अह… अह… आह… आह… अहह… सी… सी… सी… चोदो मुझे, मेरी गांड फाड़ हाँ आह्ह सी सी सी… अह्ह हाय… कामिनी जोर से चोदो… फाड़ डालो।

कामिनी: ले साली… ले रांड… अभी तो तेरी गांड में घुसा है, तेरी गांड भी फाड़ूँगी साली… साली बहन की लोड़ी की…।

फिर उसने वो लंड मेरी चूत में डाल दिया।

मैं: कामिनी चोदो मुझे। ऐसा लंड तो किसी आदमी का नहीं होता। कहाँ से पाए हो उउउफफ्फ़ मादरचोद कामिनी चोदो मुझे।

मैं: आह्ह, मैं लकी हूं। तेरे जैसा लंड मुझे कभी नहीं मिला। चोद मुझे, बना ले मुझे अपनी रांड।

कामिनी: रंडी साली अब से तू मेरी रांड ही है। जब मन करेगा तब तेरी चुदाई करूंगी कुतिया।

ये कह कर कामिनी चोदने लगी थप थप ठप ठप ठप। मुझको ऐसी चुदाई का आनंद कभी नही मिला था। कामिनी का नकली लंड मेरी चूत के अंदर-बाहर हो रहा था। चूत से निकलता हुआ रस से पूरा फर्श भीग रहा था। मेरा गदराया हुआ बदन पा कर कामिनी मस्त हाथी की तरह हो गई थी। उसको पता था कि मैं उसके नकली लंड की दीवानी हो गयी थी। अब उसको रोज़ बुला के चुदवाऊंगी।

कामिनी: साली, कितने लंड ले चुकी है अब तक इस मस्त चूत में?

मैं: 20-25 तो लिए होंगे। बाकी याद नहीं बहुतों का बिस्तर गरम कर चुकी हूं। मालकिन मैं झड़ने वाली हूं।

तो वो अपना लंड निकाल ली और मेरे पैरों के बीच आ कर मेरी चूत चाटने लगी, और मैं उसकी मुंह में झड़ गई।

कामिनी: वाहह क्या माल है तेरा, टेस्टी, ले तू भी चख साली।

फिर उसने मेरे मुंह मे भी वीर्य डाल दिया, और जबरदस्ती पिला दी। पहली बार अपना माल पी कर मुझे अच्छा लगा।

फिर कामिनी बोली: साली तू तो ठंडी हो गई।‌‌ चल मेरी चूत से पानी निकाल।

फिर मैं उसकी चूत चाट कर पानी निकाल दी अपने मुंह में। इस तरह हमें चुदाई करते हुए 3 बज गए, और हम दोनों नंगी सो गई।

तो दोस्तों कैसी लगी ये मेरी लेस्बियन कहानी? अगर अच्छी लगी हो तो कमेंट्स में या मेल करके बताए तो आगे की कहानी लिखूं। [email protected]