उम्र 19 की लंड घोड़े का (Umra 19 ki lund ghode ka)

यह कहानी मेरी‌ और मेरे पड़ोस में रहने आए एक लड़के के बीच हुई चुदाई की है। उसका नाम रशीद है। उम्र 19 की, और लंड तो घोड़े का। मेरी उम्र 34 है। मेरा फिगर साइज 36-34-38 हो गया है अब। मेरा 3 साल का बेटा भी है। अब बोर ना करते हुए कहानी पर आती हूं।

मेरे घर के साथ ही एक घर है जहां एक परिवार रहने आता है। उसमें 4 लोग ही थे- मां-बाप और उनकी एक लड़की और एक लड़का। कुछ दिन ही हुए थे उन सब को आए हुए। रशीद मेरे बेटे के साथ काफी अच्छे से घुल-मिल गया था। मेरा बेटा भी रशीद के साथ बहुत मस्ती करता।

मैं खुश थी। मैं बैंक में अब बेटे की टेंशन के बिना काम करती। मैं जब घर आती तो उन सब के लिए कुछ ना कुछ लेकर जाती।

रविवार का दिन था, तो मैं आराम से उठी। मैं नाइटी में ही थी। फिर नहाने चली गई। फिर से नाईटी पहन ली। जब बाहर आई तो देखा रशीद मेरे कमरे में बैठा हुआ था, और वहां पड़ी मेरी एक पेंटी को सू़ंघ रहा था।

मैं दरवाजे से सब देख रही थी। फिर रशीद ने मेरी पेंटी को अपने लोअर के अंदर डाल लिया। मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था रशीद पर। फिर रशीद मेरे बेटे को उठाने लगा। पर तभी मैं आ गई और सीधा रशीद को मैंने बोल दिया-

मैं: तुम अभी यहां क्या कर रहे हो?

तो रशीद कुछ डर सा गया और मुझे बोला: आपके बेटे को उठा रहा हूं।

तो मैं बोली: उससे पहले क्या कर रहे थे?

रशीद कुछ नहीं बोला। मैंने उसे डांटते हुए बोला: लोअर नीचे करो अपना, मैंने देखा है तुमने कुछ छुपाया है। रशीद मना करने लगा।

तो मैं बोली: रुको तुम्हारी मम्मी पापा को बुला कर लाती हूं।

अब रशीद डर गया उसने अपना लोअर नीचे कर दिया। मैं देख कर हैरान रह गई रशीद का लंड तो घोड़े के लंड के जैसा लटका हुआ था और मोटा भी काफी था। उसके लंड पर मेरी पेंटी लटकी हुई थी।

उसने बोला: अंटी मैं आपको बहुत पसंद करता हूं, और रोज आपकी ब्रा या पेंटी घर लेजा कर उसके उपर लंड हिलाता हूं। फिर ब्रा पेंटी धो कर फिर रख देता हूं।

सच बोलूं तो मेरा भी मन उसका लंड लेने को हो गया था, पर डर रही थी कहीं बेटा ना उठ जाए मेरा। शायद रशीद समझ गया था तो उसने अपना लोअर पहन लिया और मेरे बेटे को उठा दिया। फिर उसको लेकर रशीद बाहर चला गया।‌ कुछ देर बाद रशीद वापस आया और मुझे बोला-

रशीद: अपने बेटे के कपड़े देदो, मेरी बहन उसको नहला देगी।

मैंने कपड़े उसको दे दिये और रशीद लेकर चला गया। मेरी‌ आंखों के आगे तो रशीद का लंड ही दिखाई दे रहा था। मैं इस ही सोच में पड़ी हुई थी एक 19 साल के लड़के का इतना बड़ा कैसे हो सकता है? पर तभी मेरे कंधे पर एक हाथ आ गया। मैं पीछे मुड़ी तो देखा रशीद बिना लोअर मेरे पीछे खड़ा हुआ था। उसके लंड पर मेरी पेंटी लटक रही थी।

रशीद मुझे बोलने लगा: आंटी अब कोई नहीं आएगा यहां पर।‌ आपका बेटा मेरी बहन के साथ खेल रहा है, और मुझे पता है आपका दिल भी कर रहा है मेरे लंड लेने के लिए।

मैं कुछ नहीं बोली तो रशीद मेरे सामने आ गया और उसने मेरी पेंटी लगे लंड को मेरे मुंह में फेरने लगा और बोला: आंटी मुंह खोलो अपना। अब शरमाओ मत।

मैंने जैसे ही मुंह खोला, उसने लंड मेरे मुंह में भर दिया। रशीद मेरे मुंह में लंड अंदर-बाहर करने लगा। फिर मुझे भी मजा आने लगा, तो मैंने लंड से पेंटी हटा दी, और लंड चूसने लगी।

रशीद का लंड अब पूरा तन चुका था। तो मैंने अपने आप ही अपनी नाइटी उतार दी। रशीद ने मेरी ब्रा खोल दी। अब मेरे दोनों स्तन आजाद हो गए, और लंड चूसते समय हिलने लगे। रशीद ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया। पहले उसने मेरी पेंटी को उतार दिया। फिर मेरी चूत को चाटने लगा।

उसने चूत चाटते समय मेरी गांड में भी उंगली डाल दी। मुझे दर्द नहीं हुआ, क्यूंकि मेरे बैंक के चपरासी ने मेरी गांड भी मारी हुई थी तो। रशीद अब मेरी चूत के साथ मेरी गांड के छेद को भी चाटने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था।

रशीद मुझे आंटी-आंटी बोल रहा था, तो मैं रशीद को बोली: अब आंटी मत बोलो मुझे, काजल बोलो।

तब रशीद काजल बोलने लगा। अब रशीद मेरे उपर आ गया, और मेरे स्तन का रसपान करने लगा। मेरी चूत लंड के लिए तरस रही थी, तो मैं रशीद को बोली-

मैं: अब और मत तड़पाओ मुझे। अब रहा नहीं जा रहा मेरे से।

तो रशीद ने अपना लंड मेरी चूत के मुंह के उपर फंसा दिया, और एक हाथ से मेरा मुंह बन्द कर दिया। फिर एक झटका मारा। मेरी तो जान ही हलक में आ गई। मेरी सांस रुक सी गई। मुझे लगा जैसे मैं मरने ही वाली थी। अभी कुछ संभल पाती मैं, रशीद ने एक और झटका मारा। मेरी आंखें बाहर को आने को हो गई। मेरे मुंह से चीख भी नहीं निकल रही थी।

रशीद बोला: अभी तो आधा गया है काजल तेरी चूत में। अभी ही तेरी हालत खराब हो गई है?

मैं कुछ नहीं बोल पा रही थी। रशीद अब कुछ देर रुक गया। वो मेरे स्तनों को दबाने और मसलने लगा। मेरे स्तनों से कुछ दूध निकला जो रशीद चूस कर पी गया। अब मैं कुछ ठीक हुई तो रशीद को बोली-

मैं: आराम से करो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है।

फिर रशीद वैसे ही धीरे-धीरे लंड को अंदर-बाहर करने लगा। अब मैं भी गांड उठा कर लंड अंदर लेने लगी। फिर रशीद ने एक जोरदार झटका मारा, और उसका पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर चला गया। मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी बच्चेदानी को फाड़ कर अंदर चला गया था।

मेरी चीख निकल गई तो रशीद ने अपने हाथ से मेरा मुंह दबा दिया। पर मुझे साथ-साथ चोदता रहा। मेरी हालत खराब हो गई थी। मेरी चूत तो पानी छोड़ चुकी थी। पर रशीद पूरे मजे से मुझे चोदता रहा। रशीद झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था मेरी चूत 4-5 बार पानी छोड़ चुकी थी।

वो काफी देर तक मुझे चोदता रहा। फिर मुझे बोलने लगा: काजल चूत में निकाल दूं?

मैंने मना किया तो उसने लंड बाहर निकाला,‌ और मेरी चूत के ऊपर हिलाने लगा। जब उसके लंड ने पानी छोड़ा, तो पहले मेरे स्तन और पेट पर गिरा। फिर एक जोरदार पिचकारी निकली, जिससे मेरा मुंह भी भीग गया। फिर उसने मेरे पूरे बदन को लंड के पानी से गीला कर दिया। अब रशीद भी मेरे पास आकर बैठ गया, और मुझे बोला-

रशीद: काजल तेरे साथ मजा आ गया। आज तो तुम पहली हो जिसने मेरा पूरा लंड अपनी चूत में लिया हो।

मैंने नाईटी से अपने आप को साफ किया, और बाथरूम को लंगड़ाते हुए चलने लगी। तो रशीद भी मेरे साथ बाथरूम के अंदर आ गया, जहां हम दोनों एक साथ नहाए। मेरी चूत फुल गई थी। चूत भी पूरी लाल हुई पड़ी थी। फिर हम दोनों नंगे बाहर आए। मैंने कपड़े पहने लिए पर रशीद नंगा खड़ा रहा मेरे सामने।

मैंने बोला: रशीद कपड़े पहन लो अब तो।

रशीद बोला: लगता है आपको मजा नहीं आया।

तो मैं बोली: बहुत मजा आया तुम्हारे साथ।

तो रशीद बोलने लगा: मजा आया होता तो मेरे लंड को धन्यवाद बोलती। पर आपने तो किया ही नहीं।

फिर मैं नीचे बैठ गई और रशीद का लंड हाथ में लेकर किस्स किया। फिर थोड़ी देर चूसा। तब जा कर रशीद ने कपड़े पहने।

मैंने रशीद को बोला: यह सब किसी को पता नहीं चलना चाहिए।

रशीद बोला: किसी को पता नहीं चलेगा।

रशीद अब चला गया। कैसी लगी आपको हम दोनों की कहानी जरूर बताना। आगे जो होगा आप सब को बता दूंगी। [email protected]