पड़ोसी ने तोड़ी मेरी दीदी की सील-20 (Padosi Ne Todi Meri Didi Ki Seal-20)

पिछला भाग पढ़े:- पड़ोसी ने तोड़ी मेरी दीदी की सील-19

हिंदी सेक्स कहानी अब आगे-

सलीम (अपने लंड को हल्के से मम्मी की चूत के बीच रखते हुए, मुस्करा कर बोला): तुम दोनों माँ-बेटी की चूत में बड़ी आग लगी हुई है।

मम्मी (धीरे से सलीम की तरफ देख कर, हल्की सांसों में बोली): अगर हमारी चूत में ये आग ना होती सलीम जी, तो मैं आज आपके नीचे यूँ ना पड़ी होती। अभी अपने लंड को मेरी चूत में डालो। अंदर बहुत जलन हो रही है। मुझे भी मंजू की तरह फिर से जवानी का एहसास कराओ।

सलीम, मम्मी की गांड पर दो थप्पड़ मारते हुए बोला: साली जवानी को जिंदा रखना है तो मेरी सवारी की आदत डालनी होगी।

मम्मी: सलीम जी, आप जैसे मर्द के लिए मेरी चूत कुछ भी करेगी। आप जहाँ कहेंगे, मैं उधर चुदाई करने आऊँगी। जैसे आज ऑफिस का बहाना करके आई हूँ।

सलीम (अपना लंड उसकी चूत में उतारते हुए): फिर तो आज तुझे पूरे दिन अपनी रंडी बना कर चोदूंगा।

फिर सलीम ने मम्मी की गांड को दोनों हाथों से कस कर पकड़ा और एक धक्के में अपना बाक़ी लंड भी पीछे से चूत में पूरी तरह उतार दिया।

जैसे ही पूरा लंड अंदर गया, मम्मी के मुँह से एक कच्ची, दर्द और हैरानी से भरी चीख निकल गई: आअअ… आईईई… सलीम… उफ्फ्फ… फाड़ दी क्या पीछे से मेरी चूत … बहुत ज़ालिम हो तुम… आह… आह…

सलीम ने उसकी पीठ की ओर झुकते हुए, लंड को धीरे-धीरे अंदर-बाहर करना शुरू किया और हँसते हुए बोला: रंडी तूने अभी मेरा ज़ालिमपन देखा ही कहाँ है। ये ले मेरा पूरा लंड, अब खुद संभाल इसे।

सलीम ने अब अपने लंड को तेज़ धक्कों में चलाना शुरू कर दिया। आगे-पीछे, गहराई तक और साथ ही उसके गांड पर एक के बाद एक थप्पड़ भी जड़ने लगा। मम्मी की हालत बदलने लगी थी। उसके चेहरे से दर्द की शिकन धीरे-धीरे हट कर एक अजीब सी तलब और राहत में बदलने लगी थी।

उसकी साँसें तेज़ थी, मगर अब वो विरोध नहीं कर रही थी। बस सिसक रही थी, हौले-हौले बोलते हुए: सलीम आज तेरा मन करे ऐसे चोद। आज तू जो भी कर सब मंज़ूर है।

उसकी चूत अब उनके काम-रस से भीगी हुई थी, और सलीम के धक्कों की थप-थप, और वहाँ से आती फच्च-फच्च जैसी आवाज़ें गोडाउन की खामोशी में साफ़ गूंज रही थी।

सलीम अब मम्मी की पोज़िशन बदल कर उसके ऊपर आ गया था। मम्मी ने भी बिना झिझक अपनी टाँगें ऊपर फैला दी, जैसे खुद को पूरी तरह उसके हवाले कर चुकी हो। उसकी आँखों में अब कोई संकोच नहीं था, बस चाहत थी-पूरी, गहरी और बेकाबू। मैंने देखा, मम्मी ने अभी तक अपनी हील वाली सैंडल नहीं उतारी थी। वो सैंडल पहने ही सलीम से अपनी चुदाई करवा रही थी, जैसे अब उसे होश ही नहीं था कि वो किसके साथ है। उसकी हल्की सिसकियाँ, टूटती साँसें, और दबे लहजे की मद्धम आवाज़ें सलीम को और भी दीवाना बना रही थी।

मम्मी (भीगी हुई आवाज़ में, धीरे-धीरे टूटती साँसों के साथ): आअआअ… अआआ… सलीम जी… और चोदो मुझे … मुझे और चोदो … मुझे बेहाल कर दो चोद चोद के… में रंडी हूं आपकी… उफ्फफफ… आपका लंड जब भी मेरी चूत से टकराता है… उफ्फ… एक मीठा सा दर्द देता… उफ्फफफ… आसाअअ… मेरी बेटी किस्मत वाली थी… आअअ… आअआअ… जो उसने आप से अपनी सील तुड़वाई … आअअ… आअआअ… बड़ी किस्मत से ऐसा लंड अपनी चूत में लेने को मिलता है… आअआअ… आज मुझे कोई शर्म नहीं आ रही… आपके सामने अपनी टांगे फैलाने मैं…

सलीम ने मम्मी की चूत में लोड़ा जमाए रखा था, और अपने हर मूवमेंट के साथ उसे एक नई चुदाई का एहसास दे रहा था। थोड़ी-थोड़ी देर में वो अपनी पोज़िशन बदल कर मम्मी को और भी मजा देता, जैसे उसे हर चुदाई की गहराई महसूस करवानी हो।

मम्मी अब पूरी तरह से बह चुकी थी, जैसे सलीम की मौजूदगी ने उसकी हर थकान को छू लिया हो। वो भी अपने अंदाज़ से जवाब दे रही थी। अपनी कमर को उसके हर धक्के के साथ थाम कर, जैसे दोनों के बीच कोई अनकहा तालमेल हो।

सलीम, मम्मी के होंठों को चूमते हुए बोला: जान, अब तुम मेरे ऊपर आकर लंड की सवारी करो।

मम्मी शर्माते हुए सलीम के ऊपर आई, फिर उसका लंड अपनी चूत में सेट करके धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होने लगी।

धीरे-धीरे मम्मी सलीम के ऊपर लेट कर उसे किस्स करते हुए अपनी चूत को सलीम के लंड पर तेजी से चलाने लगती है। सलीम भी हैरान हो जाता है कि मम्मी इस उम्र में भी इतनी अच्छी तरह लंड की सवारी करना जानती थी। मम्मी अपने भारी-भरकम शरीर को सलीम के लंड पर ज़ोर-ज़ोर से पटक रही थी। बीच-बीच में मम्मी अपनी कमर को गोल-गोल घुमाने लगती। सलीम भी अपने हाथ लंबे करके उसके चुचियों को दबा रहा था। कुछ देर बाद मम्मी सलीम के लंड से और बिस्तर से उतर कर ज़मीन पर खड़ी हो जाती है, फिर बगल में रखी टेबल के पास जाकर तेल की एक बोतल उठा कर फिर बिस्तर पर लौट आती है।

सलीम सब कुछ देखते हुए मुस्करा कर बोला: तो अब मेरी रंडी का क्या इरादा है?

मम्मी शरमाते हुए अपना चेहरा झुका कर लंड के पास ले आई और बोली: सलीम जी, बस आपको खुश रखना चाहती हूँ। ताकि आप मुझसे और मेरी बेटी से कभी दूर ना हों।

इतना कहने के बाद, मम्मी ने सलीम के लंड को अपने होठों से लगा कर धीरे-धीरे चूसना शुरू किया। कुछ देर बाद जब उसने लंड को पूरी तरह साफ कर लिया, तो उसकी नोक पर हल्का-सा तेल लगा कर उसे और भी मुलायम और चिकना बना दिया। फिर अपनी गांड पर भी थोड़ा सा तेल मलकर वो धीरे से सलीम के करीब आ गई।

सलीम उसकी हरकतों को समझ गया और मुस्कराते हुए बोला: तो मेरी रंडी का मन आज अपनी गांड में लंड लेने का कर रहा है।

मम्मी कुछ शर्माते हुए बोली: जी सलीम जी, आपके लंड का सुपारा इतना चिकना और मस्त है कि मुझसे रहा नहीं गया।

फिर मम्मी सलीम की आंखों में देखते हुए उसके लंड को अपनी गांड में धीरे-धीरे सेट करने लगी। जैसे ही लंड का सिरा उसकी गांड के भीतर गया, उसके मुंह से हल्की सी सिसकी निकल गई। उसी हल्के दर्द के साथ वह धीरे-धीरे सलीम के लंड को अपनी गांड में समाने देने लगी — जब तक कि पूरा लंड उसकी गांड में नहीं चला गया।

मम्मी ने एक गहरी साँस लेते हुए अपना एक हाथ अपनी नाभि के पास रखा और धीमे स्वर में बोली: सलीम जी, आज पहली बार मैं आपके लंड को इतनी गहराई तक महसूस कर रही हूँ।

सलीम मुस्कराया और हल्के मज़ाकिया अंदाज़ में बोला: अभी तो सिर्फ़ लंड ही महसूस कर रही है जान, असली एहसास तो बाकी है। वैसे तेरी गांड में भी वैसी ही गर्मी है जैसी तेरी बेटी में थी… उफ़्फ। तुझे तो मैं अपनी पर्सनल रंडी बना कर ही रखूँगा।

मम्मी ने अपनी गांड को सलीम के लंड पर धीरे-धीरे फिराते हुए, जैसे खुद से बुदबुदाया: जो आपका मन करे… बना लो…(हल्की सांस के साथ) बस सलीम जी… मुझे अपने से अलग मत करना…

फिर उसकी आवाज़ काँपने लगी, होंठ खुद-ब-खुद खुल गए: आह… आअआअ… उफ़्फ़्फ़…आईईईई…(सांसें तेज़, थरथराती हुई) ऐसा चिकना लंड वाले शेर के बिना अब मैं… नहीं जी पाऊंगी…

सलीम, मम्मी को अपने ऊपर लिटा कर, उसके होंठों को अपने होठों से बंद कर देता है और नीचे से ज़ोरदार धक्के देता है। मेरी मम्मी की सारी चीखें सलीम के मुँह में ही दब जाती हैं। सलीम नीचे से धक्के देता है, और मम्मी ऊपर से अपनी गांड उसके लंड पर टिका कर उछलती है।

कुछ देर बाद सलीम, मम्मी को अपने पेट के बल लिटा कर, खुद उसके ऊपर लेट कर चुदाई करने लगता है। जब सलीम चरम पर पहुंचने लगता है, तो वह अपने लंड को मम्मी की चूत में डाल देता है और तेज़ धक्कों के साथ उसकी चूत में अपना सारा वीर्य बहा देता है। मम्मी अपनी चूत को कस कर पकड़ लेती है ताकि वीर्य बाहर ना निकले। दोनों ही ज़ोरदार चुदाई के बाद हांफने लगते हैं। जब सलीम उसके ऊपर से उतरने लगता है, तो

मम्मी बोली: सलीम जी, ऐसे ही लेटे रहिए ना, बहुत आनंद आ रहा है। आपका गर्म वीर्य मुझे चरम सुख दे रहा है। ऐसा सुख मुझे पहले कभी नहीं मिला था।

सलीम: अब तुझे ऐसा सुकून हमेशा मिलेगा। जब भी तेरा मन हो, मेरे गोदाम पर आ जाना- ये जगह हमेशा तेरे लिए ही है।

मैंने देखा, मम्मी के चेहरे पर एक ख़ास तरह की मुस्कान उभर आई थी। जैसे सलीम ने उसे अपनी पर्सनल रंडी की जगह अपनी बीवी की जगह दे दी हो। काफी देर तक सलीम मम्मी के ऊपर इसी तरह लेटा रहा। जब मम्मी को लगा कि उसकी चूत से वीर्य निकलना बंद हो गया है, तब उसने सलीम को अपने ऊपर से उतरने की इजाजत दी। फिर सलीम मम्मी के बगल में लेट गया, और मम्मी उसके सीने को चूम कर अपना प्यार जताने लगी। धीरे-धीरे मम्मी उसके लंड तक पहुंच गई और उसके लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी।

जब सलीम का लंड एक बार फिर खड़ा हो गया, तो मम्मी उसकी गोद में बैठ कर लंड लेने लगी। सलीम कुछ देर तक वैसे ही लोटस पोजीशन में मम्मी की चुदाई करता रहा। फिर सलीम, मम्मी को अपनी गोद में लिए हुए ही ज़मीन पर खड़ा हो गया। मम्मी उसके मजबूत कंधों पर अपने हाथ रखे बैठी मुस्कुरा रही थी।

सलीम, मम्मी को गोद में उठाए हुए, एक हाथ से अपने लंड को मम्मी की चूत में टिकाता हैं।

मम्मी उसकी ताकत पर हैरान होकर मुस्कराते हुए कहती है: अरे सलीम जी, आप तो मेरी जैसी भारी औरत को इतनी आसानी से लंड पर संभाल रहे हैं। तो मेरी बेटी का तो क्या ही हाल करते होंगे?

सलीम: तुम ही तो पूछ रही थी ना क्या जादू किया है? अब खुद ही देख लो।

मम्मी सलीम के होठों पर होंठ रख कर बोली: सच में, अब मुझे भी आपसे प्यार हो गया है। आई लव यू , सलीम।

मम्मी सलीम के लिप्स लॉक कर लेती हैं, और सलीम मम्मी को अपनी गोद में उठाकर उसकी गांड चोदने लगता है। मम्मी उछल-उछल कर उसकी गांड चुदाई का आनंद ले रही थी। काफी देर तक गोद में चुदाई करने के बाद, सलीम मम्मी को बेड के पास झुका देता है, फिर पीछे से उसकी गांड मारने लगता है।

आज मैं देख रहा था कि सलीम लगातार मम्मी की बस गांड ही मार रहा था। लगातार गांड में लंड जाने से उसकी गांड का छेद भी काफी खुल गया था और वह काफी लाल हो गया था। मम्मी सलीम की चुदाई से कई बार थक चुकी थी, पर वह सलीम का साथ बिल्कुल नहीं छोड़ रही थी। सलीम दूसरी बार भी अपना वीर्य मम्मी की चूत में उगल देता है। फिर दोनों कुछ देर तक यूँ ही लेटे रहते हैं, और मम्मी उसके सीने पर सिर रखकर सो जाती है।

मुझे समझ नहीं आ रहा था मम्मी हर बार सलीम का वीर्य अपने अंदर क्यूं ले रही थी। वो उसे मना क्यों नहीं कर रही थी। यह बात मुझे बाद में पता चली कि मम्मी की बंजर जमीन पर कुछ होने वाला नहीं था, इसलिए वो सलीम का गढ़ा वीर्य अपने अंदर लेकर अपने आपको संतुष्ट कर रही थी।

कुछ आधे घंटे बाद जब मम्मी की आंख खुलती है, तो वो अपने आपको सलीम के साथ नंगी देख कर शर्माने लगती हैं। उसके सीने में अपना मुंह छुपा लेती हैं, सलीम मम्मी का चेहरा ऊपर कर के उनके होंठ चूसने लगता है।

जब सलीम मम्मी की चूचियों को चूस कर उन्हें गर्म करने लगता है, तब मम्मी बोली: सलीम जी अब मुझे घर जाना चाहिए?

सलीम मम्मी की एक चूची को चूसते हुए बोला: मेरी रंडी आज तुम ऑफिस का बहाना बना के आई हो, तो अभी तुम्हारी ऑफिस की छुट्टी का टाइम नहीं हुआ है। इतना जल्दी घर जाकर क्या करोगी? मेरी पर्सनल रंडी बनी है तो शाम तक रुकना होगा।

मम्मी: सलीम जी अगर मैं आपसे दिन रात चुदवाती रही तो, आपका लंड और बेहतर हो जाएगा। फिर वो मेरी बेटी को ही दर्द देगा।

सलीम ने मम्मी को अपने नीचे पटका और अपना लंड चूत में डालते हुए बोला: जितना भी बेहतर हो जाए तेरी बेटी आराम से मेरा लंड अपने दोनों होल में ले लेगी। वैसे भी इतने दिन से मेरा लंड उसकी चूत चोद कर ही इतना बेहतर हो गया है।

सलीम अपना लंड एक धक्के में मम्मी की चूत में उतर कर फिर बोला: अब बता तुझे दर्द हुआ?

मम्मी एक लंबी चीख मरते हुए बोली: आअआअ आईईईई हा हा बेटी का चस्का लेकर मां को ही दर्द दे रहा है, उफ्फफफ आअअ आह आह अह सलीम जी अब मुझे तबियत से चोद दो। मैं घर जाकर अपनी फटी हुई चूत उसे दिखाना चाहती हूं। आअआअ सीईईई उफ्फफफ

सलीम फिर एक बार मम्मी की जालिम होकर चुदाई करता है। और चुदाई के समय मम्मी का थोड़ा मूत भी बहार आ जाता है। मम्मी अपने मूत से उसका लंड और उसका बेड गीला कर देती हैं। सलीम मम्मी को ज़रा सी भी सास नहीं लेने दे रहा था।

काफी देर की चुदाई के बाद मम्मी बेहाल हो जाती हैं, इस तीसरी बार की चुदाई में मम्मी पूरी चूर हो गई थी। उसके चेहरे पर थकान नज़र आने लगी थी। सलीम भी थोड़ी देर में ढेर हो जाता है। सलीम के झड़ जाने के बाद दोनों कुछ समय ऐसे ही पड़े रहते हैं, कुछ देर बाद मम्मी जब उठती है तो उनसे उठा भी नहीं जाता।

फिर सलीम मम्मी को अपनी गोद में उठा कर बाथरूम लेकर जाता है। उधर मम्मी अपने आप को फ्रेस कर के बहार उसकी गोद में ही आती है। फिर कुछ देर आराम करने के बाद मम्मी अपने कपड़ों को पहनने लगी। पूरी चुदाई के दौरान मम्मी की बस सैंडल नहीं उतरी थी, बाकी सब उतर गया था। फिर मम्मी अपने आपको एक मिरर के सामने ठीक कर के सलीम को एक और किस्स दिया। अब उनके निकल ने से पहले में गोदाम से निकल गया।
आप को अभी तक की कहानी कैसी लगी मुझे [email protected] पर मेल करे।

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