अगर मुझसे मोहब्बत है-29 (Agar mujhse mohobbat hai-29)

This story is part of the अगर मुझसे मोहब्बत है series

    चलो एक खेल हम खेलेंगे गैरों से चुदाई का।

    मिलन गैरों से, अपनों से समा होगा जुदाई का।

    मैं चोदूँ उसकी बीवी जैसे वह मेरी अमानत है।

    तू चुदवा लंड से उसके अगर मुझ से मोहब्बत है।

    एक औरत के लिए अपने पसंदीदा गैर मर्द से चूत चटवाना बड़ा ही उत्तेजक और मादक होता है। वैसे भी किसी गैर मर्द का स्पर्श मात्र स्त्री को उकसा देता है। चूत का स्पर्श तो रोमांचक होगा ही। और उसके ऊपर किसी गैर मर्द की जीभ का स्पर्श होने से तो वह स्त्री उन्माद की पराकाष्टा महसूस करने लगती है। किरण भी मेरी जीभ के उसकी चूत को कुरेदने से किरण पलंग पर ही अपने कूल्हे मचलती हुई अपनी उत्तेजना दर्शा रही थी। किरण के मुंह से सिकारियां निकलने लगी थी। कमरे में रीता की चीखें और किरण की सिसकारियों ने रूम के वातावरण को उन्मादक बना दिया था।

    उधर मेरी पत्नी रीता और सूरज रफ चुदाई में लगे हुए थे। सूरज मेरी बीवी के गले को अपनी एक हथेली में कस कर दबाते हुए रीता की सांस रुक जाए ऐसी हालत पैदा कर रहा था, और दूसरे हाथ से रीता के स्तनों को बुरी तरह मसल रहा था। पर रीता थी कि सूरज को बिल्कुल रोक नहीं रही थी। मैंने मेरी नग्न कमसिन पत्नी को सूरज से चुदवाने के लिए बड़ी ही आतुर दशा में देखा।

    सूरज की चुदाई की अपेक्षा में रीता की चूत भी ज्यादा ही गीली हो चुकी थी, बल्कि रीता की चूत से भी उसका पानी निकल रहा था। रीता सूरज से चुदवाने के लिए बावरी हो चुकी थी। रीता के स्तनों को सूरज अपने हाथों में लेकर मसल रहा था और रीता की फूली हुई निप्पलों को दबा दबा कर जैसे उसमें से दूध निकालना हो वैसे निचोड़ता हुआ उन्हें पिचका रहा था।

    किरण के स्तन भी बड़े ही मस्त गोलाई से भरे हुए फुले हुए थे, जिसके ऊपर हलकी चॉकलेट रंग की एरोला के बीच स्तनों की लम्बी फूली हुई निप्पलें उद्दंड सी सख्ती से खड़ी थी।

    एरोला के ऊपर कई फुंसियां किरण की उन्मादक स्थिति की चुगली खा रही थी। किरण मेरी चुदाई की उम्मीद में एक-दम उत्तेजित अवस्था में दिख रही थी। किरण ने मेरा लंड अपने हाथ में लिया, और उसे प्यार से सहलाने लगी। मेरे लंड की अग्रत्वचा को अपनी मुट्ठी में लेकर उसे ऊपर नीचा कर वह मेरे लंड को और लम्बा और सख्त बनाना चाहती थी। वैसे ही मेरा तना हुआ सख्त लंड पूरी तैयारी में था। किरण ने मुझे कहा, “बाबा, तुम मेरे मुंह में अपना लंड उस तरह मत ठूंसना जैसे सूरज रीता के मुंह को चोद रहे थे। मैं तो सांस रुकने से मर ही जाउंगी। मुझे इतनी जल्दी मरना नहीं है।”

    मैंने किरण को दिलासा दिलाया। मैंने कहा, “मैं तुम्हें नहीं मरने दूंगा। मैं तुम्हें मुंह में नहीं मैं तुम्हारी चूत चोदना चाहता हूँ।”

    मैंने अपना लंड किरण की चूत में घुसाया। किरण की स्निग्ध अनुभवी चूत में मेरा तगड़ा सख्त लंड ऐसे घुस गया जैसे मक्खन के ढेर में तेज चाक़ू घुस जाता है। किरण की चूत मुझ से चुदाई की अपेक्षा में उत्तेजना के मारे पूरी तरह गीली हो चुकी थी। मेरा लंड भी चिकनाहट से भरा हुआ था तो मेरे लंड को किरण की चूत में जाने में कोई दिक्क्त महसूस नहीं हुई।

    मैं कामातुर किरण के ऊपर सवार हो कर मेरा दोस्त सूरज जैसे मेरी बीवी रीता को चोद रहा था मैं उसकी बीवी किरण को चोदने लगा। फर्क यह था कि रीता की सूरज से उसके तगड़े लंड से चुदाई के कारण चीखें निकल रही थी, और किरण मेरे लंड की चुदाई से बड़ी ही उन्माद से भरी हुई मेरे नीचे बिस्तर पर अपनी गांड इधर-उधर खिसका कर सिसकारियां निकाल कर मेरी चुदाई का आनंद ले रही थी।

    मेरी बीवी की हो रही “गांड फाड़” चुदाई को देख कर मैं और किरण भी उत्तेजित हो कर और तेजी से चुदाई में लगे हुए थे। अपना लंड किरण की चूत में अंदर-बाहर करते हुए मेरी नजर सूरज के मोटे लंड के ऊपर से हटा नहीं पा रहा था। रीता की चूत में सूरज ने धीरे-धीरे करीब-करीब अपना पूरा लंड घुसा दिया था।

    हालांकि यह कहना भी ठीक नहीं होगा, क्यूंकि जिस पोजीशन में सूरज रीता को चोद रहा था, उस पोजीशन में सूरज का लंड टेढ़ा होते हुए रीता की चूत में दाखिल हो रहा था, जिसके कारण रीता को पुरे जोश से चोदते हुए भी सूरज के लंड का कुछ हिस्सा रीता की चूत में जा नहीं रहा था। सूरज यह जान बुझ कर कर रहा था, या यह एक इत्तेफ़ाक़ था, यह कहना मुश्किल था।

    उस रात किरण और रीता की खूब चुदाई हुई। सूरज ने रीता और किरण को खूब सख्ती से दो बार चोदा। मैंने भी किरण को खूब चोदा। सुबह करीब चार बजे हम सब जब थक कर लुढ़क कर पलंग पर गिर पड़े तब सूरज ने हम सब को देखते हुए कहा, “हम सब को एक-दूसरे से इतनी मोहब्बत है कि हम सब एक-दूसरे के ग़म, दुःख और आंसू शेयर करना चाहते हैं। यही मोहब्बत है। किरण ने मेरा ग़म अपना बना लिया, राज ने रीता को वह सुख दिया जो कम पति अपनी पत्नी को देते हैं, रीता ने मुझे अपना पूरा आत्मसमर्पण कर मुझे जिंदगी का इतना बड़ा तोहफा दिया।”

    तब रीता ने सूरज को अपनी बाहों में भर कर कहा, “तुमने तो सब से ज्यादा मोहब्बत की हम सबसे। तुमने मुझे गुमनामी के अंधेरे में से ढूंढ निकाला, और मेरा ऐसा सम्मान किया, जो मेरे जीवन का अमूल्य तोहफा है। उसके बाद आज अभी तुमने मेरी “गांड फाड़” चुदाई की जो हर एक औरत चाहती है। तुमने किरण को सारे सुख दिए और राज का मुझे चुदवाने का सपना भी पूरा किया। जिंदगी में मोहब्बत करो तो ऐसे करो कि महबूब या महबूबा के सारे ग़म आप ले लो और उसका दामन खुशियों से भर दो। यही मोहब्बत का सही फलसफा है।”

    तू चोदे मेरी बीवी को उठा कर बाँहों में। तेरी

    कराहे चीख निकले जोर से रोये बीवी मेरी।

    मेरी चुदाई से नाखुश है बीवी को शिकायत है।

    ओ बीवी उससे चुदवा खुश हो गर मुझ से मोहब्बत है।

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