पड़ोसी ने तोड़ी मेरी दीदी की सील-10 (Padosi Ne Todi Meri Didi Ki Seal-10)

पिछला भाग पढ़े:- पड़ोसी ने तोड़ी मेरी दीदी की सील-9

हिंदी सेक्स कहानी अब आगे-

अगले दिन सुबह जब मैं उठा, तो देखा मम्मी नहा-धोकर अच्छे से तैयार हो चुकी थी। वो घर की सफ़ाई और किचन में काम कर रही थी, और उनके चेहरे पर अलग ही चमक थी।

मेरे नए पाठकों को पता ना हो तो मैं उन्हें भी मम्मी के बारे में एक बार बता देता हूं। मेरी मम्मी का नाम रोशनी है। उन्हें देख कर कोई नहीं कह सकता कि वो 35 से ऊपर की हैं। उसकी 36″ साइज की चूचियां और उसकी उभरी हुई बड़ी गांड देख कर कोई भी मर्द इन पर लट्टू हो जाए, जिसका साइज 38″ हैं।

मम्मी बहुत अच्छे से रहती हैं। उनका चेहरा हमेशा साफ और प्यारा लगता है। गोरी रंगत, बड़ी-बड़ी आंखें और उनकी मुस्कान बहुत प्यारी लगती है। मम्मी का फिगर भी बहुत फिट है। वो रोज़ सुबह उठ कर थोड़ा योग करती हैं, और खाने का भी ध्यान रखती हैं। इसलिए वो हमेशा चुस्ती से रहती हैं। उनकी चाल और कपड़े पहनने का तरीका बहुत सलीका भरा होता है।

आज सुबह मम्मी ने ठाकुर अंकल द्वारा दी गई लाल साड़ी पहनी थी। साड़ी बहुत ही सुंदर थी हल्की चमक वाली, किनारों पर सुनहरा बॉर्डर और बहुत प्यारा डिज़ाइन। उसके साथ मम्मी ने लाल रंग का ब्लाउज़ पहना था, जो गले से बहुत नीचा था, और उनकी चूचियों की दरार दिख रही थी। ब्लाउज बहुत टाइट था, बिलकुल साड़ी से मेल खा रहा था। उन्होंने हल्का मेकअप किया था। माथे पर बिंदी लगाई थी और बाल खुले छोड़े थे। सच में, मम्मी बहुत सुंदर लग रही थी।

थोड़ी देर बाद दीदी कमरे से बाहर आई और जैसे ही मम्मी को देखा, तो हंसते हुए बोली: मम्मी! आज तो आप एक-दम रानी लग रही हो। पहले कभी आपको ऐसे तैयार होते नहीं देखा!

मम्मी मुस्कराई और बोलीं बेटा: आज ठाकुर जी घर आ रहे हैं। वो मेहमान हैं, और उन्होंने साड़ी गिफ्ट की थी, तो सोचा थोड़ा अच्छे से तैयार हो जाऊं। वैसे भी वो ऑफिस में मेरी बहुत इज्ज़त करते हैं।

दीदी ने मुस्कुरा कर कहा: हां मम्मी, आपने तो उनकी गिफ्ट वाली साड़ी पहन ली। अब तो अंकल जी और भी खुश हो जाएंगे!

मम्मी थोड़ी शर्माते हुए बोलीं: अच्छा? सच में इतनी अच्छी लग रही हूं?

दीदी ने सिर हिलाया: बहुत!

मम्मी दीदी की बात से काफी खुश और शर्माने लगी थी। नाश्ता करने बाद दीदी अपने कमरे में चली गई। मम्मी अपने घर के कामों में लग गई। फिर दिन के 1 बजे अंकल जी आए। मैंने उन्हें नमस्ते किया। मैंने देखा अंकल जी मम्मी को बहुत घूर-घूर के देख रहे थे। कभी उनकी चूचियों की तरफ तो कभी उनकी गांड की तरफ।

मम्मी अंकल जी के सामने थोड़ी शर्मा रही थीं, और शर्माते हुए उन्हें अपने कमरे में ले गई। वहां बिठा कर मम्मी ने उनके लिए चाय-पानी और नाश्ते का इंतज़ाम करना शुरू कर दिया।

जब चाय देने की बारी आई, तो मम्मी ने दीदी को आवाज़ दी। दीदी अपने कमरे से आई, और मम्मी के कमरे में जाकर अंकल को चाय देने लगी। मैं भी वहीं आ गया, और हम सब साथ में बैठ कर चाय पीने लगे। मम्मी, अंकल जी के पास ही बैठी थी।

अंकल जी, चाय पीते हुए बोले: बेटी, तुम बिल्कुल अपनी मम्मी जैसी लगती हो। मम्मी बता रही थी कि तुम पढ़ाई में बहुत मेहनत कर रही हो।

दीदी ने मुस्कुरा कर जवाब दिया: हां अंकल जी, कल मेरा आख़िरी एग्ज़ाम है। अब मुझे और ज़्यादा मेहनत करनी है।

अंकल बोले: बहुत अच्छा बेटा, तुम ऐसे ही मेहनत करती रहो। मुझे पूरा यक़ीन है कि तुम अच्छे नंबर लाओगी।

दीदी: थैंक्यू अंकल जी, आपने हौंसला बढ़ाया। अब मैं चलती हूं, थोड़ी तैयारी बाकी है।

दीदी के जाते ही मम्मी ने कहा: हां बेटी, तुम फोकस करो। अब तुम्हें कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा।

दीदी के कमरे में चले जाने के बाद मैं वहीं बैठा रहा, और चुप-चाप नमकीन खाते हुए अंकल और मम्मी की बातें सुनता रहा। अंकल मम्मी के पास थोड़ा करीब आए और उनकी जांघों पर हाथ फेरते हुए मेरी ओर इशारा किया, जैसे वो चाहते थे कि मैं कमरे से बाहर चला जाऊं। मम्मी ने उनका हाथ थाम लिया, और सिर हिला कर मना कर दिया। अंकल ने मम्मी की ना देख कर थोड़ा गुस्सा दिखाया।

मम्मी ने उनकी नाराज़गी देख कर कहा: ठाकुर जी, थोड़ा समझिए बच्चे घर में हैं।

अंकल बोले: रोशनी, तुम्हें पता है मैं क्यों आया हूं। अगर ये नहीं हो सकता तो मैं चला जाता हूं।

वो उठ कर जाने लगे तो मम्मी ने उन्हें रोकते हुए कहा: अच्छा ठीक है ठाकुर जी, आप बैठिए, मैं कुछ करती हूं।

फिर मम्मी ने मेरी ओर देख कर गुस्से में कहा: अमित, बाहर जाकर घूमो। यहां बड़ों के सामने क्यों बैठे हो?

मैं बोला: मम्मी, आज मेरे कोई दोस्त घर पर नहीं हैं, तो मैं बाहर नहीं जा रहा।

मम्मी ने और गुस्से से कहा: बेटा, ऐसे बड़ों के पास मत बैठा करो। समझ में नहीं आता? जाओ अपनी दीदी के पास और जब तक मैं ना बुलाऊं, तब तक कमरे में मत आना।

मम्मी की डांट सुन कर मैं चुप-चाप कमरे से बाहर चला गया, और दीदी के पास गया। दीदी ने मेरा उदास चेहरा देख कर पूछा: क्या हुआ अमित? इतने परेशान क्यों हो?

मैं बोला: दीदी, मम्मी ने बहुत डांटा, और कहा अब मत आना कमरे में।

दीदी बोली: अच्छा ये कहा उसने? ठीक है, तुम यहीं बैठो। मुझे पता है वो तुम्हें क्यों बाहर भेज रही थी। साली रांड अपनी आग शांत कर रही होगी।

थोड़ी देर बाद फिर वो नीचे जाने लगी। दीदी के पीछे मैं भी थोड़ी देर बाद नीचे गया, ये देखने के लिए कि वो क्या कर रही हैं। नीचे जाकर देखा कि दीदी मम्मी के कमरे की खिड़की से अंदर झांक रही थी। अंदर क्या हो रहा था, वो दीदी ही देख रही थीं, और मैं दीदी को देख रहा था।

फिर दीदी ने अपना फोन निकाला और जैसे वीडियो बनाने लगी। कुछ देर बाद वो वहां से हट कर कमरे की तरफ आने लगी। मैं जल्दी से उनसे पहले कमरे में पहुंच गया। दीदी आई और चुप-चाप अपनी पढ़ाई में लग गई। मैंने बहाना बना कर दीदी से कहा कि मैं बाहर जा रहा हूं, और कमरे से निकल गया। फिर मैं मम्मी के कमरे के पास जाकर खिड़की से अंदर झांकने लगा।

मेरी मम्मी पूरी नंगी होके बेड के कोने पर कुतिया बनी हुई थी, और ठाकुर अंकल भी पूरे नंगे जमीन पर खड़े थे। अंकल मम्मी की बड़ी गांड को पकड़ के धक्के लगा रहे थे धीरे-धीरे। में सोचा शायद यही दीदी अपने फोन में रिकॉर्ड कर रही थी। आज पहली बार में मम्मी को ऐसा पूरी नंगी हालत में देख रहा था, वो भी किसी के लिए कुतिया बनी हुई।

मैं अंकल से धक्के लगते हुए देख कर सलीम के बारे में सोचने लगा, कि अंकल में वो जान नहीं है जो सलीम में मैंने देखी थी। सलीम तो अपने तेज धक्कों से दीदी को सांस भी नहीं लेने नहीं देता था। दीदी सलीम के हर एक धक्के पर आगे खिसक जाती थी। पर यह तो मुझे अंकल की चुदाई में वो नज़र ही नहीं आ रहा था। ना मम्मी के मुंह से वो सिसकारियां ना ही दर्द भारी आवाज़।

अंकल ने जब मम्मी की चूत से लंड निकाला, तो मैंने देखा उनका लंड सलीम के जैसा ना तो ज़्यादा मोटा ना ही लंबा था। सलीम के लंड की बात ही कुछ और थी‌। उसके मुसल के सामने तो मुझे अंकल का लंड लुल्ली लग रहा था।

अंकल के धीरे धक्कों से तंग आकर मम्मी बोली: ठाकुर जी कुछ देर के लिए मुझे तेज धक्कों से कर दो। ऐसे मेरी खुजली और बढ़ रही है।

अंकल: ओहो रोशनी, तुम मेरे ऊपर आ जाओ।

फिर अंकल जाके बेड पर लेट जाते हैं, और मम्मी अपनी टांगे दाए-बाए करके उनके ऊपर बैठ जाती है। फिर अंकल के लंड को चूत में लेने लगती हैं। मम्मी अंकल का वो जब अपनी उसमें निगल कर उनके ऊपर बैठ जाती हैं, तो अंकल के मुंह से एक आह निकल जाती।

धीरे-धीरे मम्मी की सांसें तेज़ होने लगी थी। अंकल का हर स्पर्श उसे और बेचैन कर रहा था। उसने हल्की आवाज़ में कहा: कुछ देर के लिए थोड़ा तेज़ चोदा करो। अंदर से बहुत मेरी चूत में गुदगुदी और बेचैनी हो रही है।

अंकल मुस्कुराए और बोले: तो तुम मेरे ऊपर आ जाओ, आज तुम मेरे लंड पर बैठ कर चुदो।

अंकल बिस्तर पर लेट गए। मम्मी धीरे-धीरे उनके पास आई, और अपने घुटनों से बैठते हुए उनके लंड के ऊपर आ गई। वो खुद लंड को धीरे से उनकी चूत के करीब लायी और लंड पर बैठ गई। जैसे ही उनका लंड मम्मी की चूत में गया, अंकल की सांस रुक सी गई, और उनके मुंह से एक धीमी सी आह निकल गई।

कमरे में बस हल्की रोशनी थी, और दोनों की सांसें एक-दूसरे से मिल रही थी। कुछ पल के लिए सब कुछ थम सा गया था, जैसे वक़्त भी उनके साथ ठहर गया हो। मेरी मम्मी की बड़ी और गोरी-गोरी नंगी गांड मुझे देख रही थी। धीरे-धीरे मम्मी उनके लंड के ऊपर नीचे होने लगी। मम्मी की बड़ी सी गांड में मुझे अंकल का लंड नजर आ रहा था। जब मम्मी को मजा आने लगा, तो वो तेजी से ऊपर-नीचे होने लगी। मम्मी के मुंह से हल्की सिसकारी बाहर आई।

वैसे ही अंकल हांफते हुए बोले: आआ आराम से। मेरा निकल ने वाला है रोशनी उफ्फ।

इतना बोलते-बोलते ही अंकल झड़ जाते हैं। मैंने देखा मम्मी के चेहरे पर उदासी छा जाती हैं, और अंकल के ऊपर से उतर कर, बगल में बैठ कर, एक कपड़े से अपनी चूत को साफ करते हुए मम्मी बोली: ठाकुर जी आपसे अब यह नहीं हो पाता है।

मम्मी जब अपनी चूत को साफ कर रही थी, उस समय मैं पहली बार मम्मी की चूत को देख रहा था। उनकी चूत पर हल्के बाल थे। चूत काफी बड़ी, फूली हुई, और खुली हुई थी। फिर मम्मी चूत को साफ करके बेड से उतर जाती हैं और अंकल के लंड को भी साफ करते हुवे मम्मी बोली-

मम्मी: ठाकुर जी अब हमे कपड़े पहन लेने चाहिए, बच्चे कभी भी आ सकते हैं।

मैंने देखा मम्मी के चेहरे पर चुदाई की वो खुशी नज़र नहीं आ रही थी, जो सलीम से चुदने के बाद दीदी के चेहरे पर आती थी। फिर मैं जल्दी से उठ कर दीदी के कमरे में चला गया था। उसके थोड़े देर बाद मम्मी हमे आवाज देकर बुला लेती है। जब दीदी और मैं नीचे गए तो अंकल अपने घर जा रहे थे।

दोस्तों इसके आगे क्या हुआ मैं आपको अगले भाग में बताऊंगा। उम्मीद करता हूं आपको मेरी कहानी पसंद आ रही होगी। इसके आगे जाने के लिए मेरे साथ बने रहे। मुझे अपना फीडबैक जरूर दे मेरी इमेल पर [email protected] मेरे सभी पाठकों को मेरा धन्यवाद।