गांव में चुदाई का खेल-1 (Gaon mein chudai ka khel-1)

हैलो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है, और मैं आगरा उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं। मैं यहां का नियमित पाठक हूं, तो मैंने भी सोचा कि मेरी कहानी भी आपको बताऊं।

मैं एक सिंपल सा लड़का हूं। मेरी उम्र 24 साल है, और मेरे लंड का साइज 7 इंच का है, जो किसी को भी चोद कर संतुष्ट कर सकता है।

दोस्तों ये कहानी थोड़ी लंबी होगी, तो कुछ पार्ट्स में आएगी तो पढ़ते रहिए।‌ ये कहानी आज से 2 साल पहले की है। इस कहानी की नायिकाएं मेरी गांव की भाभियां और उनकी सेक्सी बेटी है।

तो ये कहानी तब कि है जब मैं अपने कॉलेज की छुट्टियों में घर आया था। घर आके मैं नहाया-धोया, फ्रेश हुआ, और बाहर आया तो देखा घर पर एक पड़ोस की भाभी आई हुई थी। उनका नाम ममता था। वो दिखने में थोड़ी सावली सी थी, लेकिन उनके फिगर (34-32-36) को कोई देखे तो लोड़ा खड़ा हो जाए। ममता भाभी की 3 बेटियां और 1 बेटा था। मेरी नज़र उनकी बड़ी बेटी सोनम पर थी।

उसे देखते ही मेरी काम वासना जाग उठती थी। उसकी उम्र 19 साल थी, और चूत की सील खोलने की इच्छा से ही मेरा लंड कड़क होने लगता था। सोनम का फिगर 30″ के बूब्स, 26″ की कमर, और 32″ की गांड, और मखमली त्वचा किसी मुरझाए हुए लंड में भी जान डाल दे। सोनम ने इसी साल BA में एडमिशन लिया था।

ममता भाभी की एक बहन थी। उसकी शादी भी उनके ही देवर से हुई थी। उसका नाम प्रिया था, वो दिखने में बिल्कुल स्लिम और गोरा बदन था। उसका फिगर 32-28-32 का था। उनकी भी 3 बेटी थी। खैर मैंने ममता भाभी से थोड़ी बात की और बाहर निकला गांव के लोंडो से मिलने।

अब लौंडे साले इतने कमीने बेटीचोद थे, कि क्या बताऊं साले मुठ मारने का तो कंपटीशन करते थे, और साले आती-जाती भाभियों पर पीछे से कॉमेंट करते थे। फिर वो कोई सेक्सी-सेक्सी करके एक भाभी के बारे में और उसके फिगर के बारे में बात कर रहे थे, तो मैंने उनसे पूछा कि ये सेक्सी थी कौन। तो उन्होंने मुझे बताया कि मेरी पड़ोस की एक भाभी जिसका नाम राधा था, उसकी शादी को ज्यादा टाइम नहीं हुआ था।

राधा भाभी के हसबैंड आर्मी में थे, तो वो बाहर ही रहते थे। लोंडों ने उसका फिगर देख के उसे सेक्सी बुलाया था। और बुलाए भी क्यों ना? यार वो थी ही ऐसी माल। दूध सा गोरा बदन, मखमल सी स्किन, 36″ के बूब्स, 34″ की कमर, और 36″ की गांड। साला किसी का भी उसे देख के चोदने का मन करने लगे। राधा भाभी का घर मेरे घर से बिल्कुल चिपका हुआ है। मैंने अपनी छत से कई बार उन्हे देख कर अपने लंड को मुठ मार कर शांत किया था।

अब कुछ दिन गांव में ऐसे ही रहा‌। सबसे घुला-मिला, बातें की। फिर एक दिन सोनम मेरे पास अपना फोन ठीक कराने लाई। वो भी एक-दम फूल सी मस्त नाजुक कली थी। सोनम ने उस समय डीप गले वाला सूट पहना हुआ था, जिसमें से उसके बूब्स की दरार साफ नजर आ रही थी। उसे देखते ही मेरा लोड़ा फनफना उठा। फिर मैंने खुद को थोड़ा काबू किया, और उससे ध्यान हटाया, और उसका फोन देखा।

उसमे टॉकबैक का ऑप्शन ऑन हो गया था। वो मैंने ठीक किया और लगे हाथ उसका इंस्टाग्राम चेक किया तो उसमे देखा उसकी मेन आईडी के अलावा एक और आईडी ओपन थी‌। तो मैंने उसका यूजरनेम ले लिया।

फिर मैंने अपनी एक एडल्ट वाली आईडी बनाई जिससे मैंने अनजान बन कर उस आईडी पर मैसेज किया। रात को रिप्लाई आया। फिर थोड़ी देर सेक्स की बातें की तो पता चला कि भैया अब पहले की तरह ममता भाभी को चोद नहीं पाते थे, तो वो इंस्टाग्राम पर अपनी प्यास बुझाती थी, लेकिन असली लंड की तलब रह ही जाती थी।

फिर मैंने उन्हें अपना लंड दिखाया तो उन्हें बहुत पसंद आया। मैंने उनसे उनकी फोटो मांगी तो उन्होंने अपने येलो ब्लाउज से अपने एक निप्पल को निकाल के दिखाया। उनके सफेद चूचे पर उनके ब्राउन कलर के निप्पल ने तो जैसे मेरे लंड में आग ही लगा दी। फिर मैंने भाभी को चैट पर थोड़ा और गर्म किया।

मैंने भाभी से वीडियो कॉल करने को बोला। पहले तो वो मना करने लगी, लेकिन चेहरा ना‌ दिखाने की बात करने पर वो मान गई। फिर हमने बिना चेहरा दिखाए नंगे होके वीडियो कॉल किया। उफ्फ यार क्या फिगर था। वो कॉल आज भी मेरे दिमाग में ताजा है। भाभी को उनकी चूत को खुद शांत करते हुए देख कर मेरा लंड फुल कड़क हो गया था।

उस रात उन्हे शांत करके मैंने अपने लंड का पानी निकाला। और फिर सुबह पहुंच गया उनके पास। उन्होंने एक लाल साड़ी पहनी हुई थी, जिसमें वो इतनी मादक लग रही थी कि शराब का भी नशा फीका लगने लगे। वो उस समय झाड़ू लगा रही थी, और बच्चे स्कूल गए हुए थे, और भैया दुकान पर गए थे। फिर कुछ इधर-उधर की बात करने के बाद मैंने उनसे फ्लर्ट करना शुरू कर दिया।

मैं: वैसे भाभी कुछ भी कहो, भैया की तो मौज है।

भाभी: वो कैसे?

मैं: उनके पास आप जैसी सेक्सी बीवी जो है, उनका खयाल रखने के लिए।

इस समय पीछे से मेरी नजर उनकी गांड को निहार रही थी। मन तो ऐसा कर रहा था कि अभी पकड़ू और चोद दूं। लेकिन मेरी नजर उन्होंने पकड़ ली।

भाभी (सेक्सी अंदाज में): अच्छा! आज तुझे ये खयाल कैसे आया?

मुझे तो पता चल गया था कि वो लंड की कितनी प्यासी थी। इसलिए मैं भी बिंदास बोला-

मैं: खयाल का क्या है भाभी, वो तो आते श-जाते रहते है। लेकिन मैंने तो ठान लिया है कि मेरी जो बीवी होगी, उसका फिगर बिल्कुल आप जैसा होना चाइये।

भाभी (मुस्कुराते हुए ): क्यों ऐसा क्या है मुझमें, जो तुझे दिख गया?

मैंने उस समय अपना जिम वाला लोअर पहना हुआ था, जिसमे मेरा खड़ा लंड उभर के दिख रहा था।

मैं: वही देखा जो देखना होता है।

भाभी: क्या मतलब?

लेकिन मैं कुछ नहीं बोला और उनके पीछे जा कर अपना उभरा हुआ लंड उनकी गांड से चिपका दिया। वो एक-दम से चिहुक उठी, लेकिन जरा भी हिली नहीं। और मैं अपना लंड उनकी गांड पर सहलाने लगा धीरे-धीरे।

भाभी: ये क्या कर रहे हो?

मैं: वहीं कर रहा हूं जो आप चाहती है।

फिर मैं अपने हाथों से उनकी कमर सहलाने लगा। वो चुदासी तो पहले से ही थी, तो जल्दी ही बेकाबू हो गई, और पलट कर अपने होठों को मेरे होठों से लगा के किस करने लगी, और एक हाथ मेरे लोअर में डाल के मेरा लंड सहलाने लगी।

वो कितनी चुदासी थी, ये उनके किस करने में साफ नजर आ रहा था। यार अब तो मुझे भी और जोश आ गया था, तो मैंने उनका साड़ी और ब्लाउज निकाल कर ऊपर से पूरा नंगा कर दिया, और मैं उनके बूब्स पर टूट पड़ा। मैं उन्हे जोर-जोर से चूस कर दबाने लगा। कुछ देर तक ऐसा करने के बाद मैंने उन्हें पूरा नंगा कर दिया।

उफ्फ यार, क्या सेक्सी और गर्म बदन था यार। वीडियो कॉल से ज्यादा रियल में मेरे लंड का बुरा हाल होने लगा, और मुझे ऐसे देख कर वो बोली-

भाभी: तुम क्या कपड़े पहन कर ही करोगे मेरे प्यारे देवर जी?

तो मैंने कहा: आप खुद उतार दो।

तो वो मेरे कपड़े उतारने लगी। लेकिन जैसे उन्होंने मेरा लंड बाहर निकाला, तो एक दम से शोक हो गई और बोली-

भाभी: तो कल रात तुम ही थे।

मैंने उन्हें एक स्माइल दी और उनके होंठ चूसने और बूब्स दबाने लगा। और वो मेरे लंड से खेल रही थी। फिर ममता भाभी मुझे बेड पर धक्का दिया, और मेरे लंड के पास आकर बोली-

भाभी: वाओ देवर जी, कल रात से ही इसे देख कर इसे अपने अंदर लेने की आग लगी हुई है।

मैं: इसीलिए तो मैं आज आपके पास आया हूं मेरी सेक्सी भाभी। कल रात से आपके जिस्म का स्वाद लेने के लिए ही सो नहीं पाया।

भाभी: अच्छा जी, लेकिन पहले मुझे इसका स्वाद चखना है।

और वो मेरे लंड पर टूट पड़ी, और जोर से भूखी शेरनी की तरह मेरे लोड़े को चूसने लगी। मैं उनकी गांड सहला रहा था, और धीरे-धीरे उनकी गांड और चूत के छेद में उंगली डाल कर उनकी गांड और चूत चोदने लगा। उनकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी। थोड़ी देर ऐसे ही चला। फिर मैंने ममता भाभी को पकड़ा और उन्हें बेड पर लिटा दिया और बोला-

मैं: आपने तो मेरे लोड़े का स्वाद चख लिया, अब मेरी बारी है।

और मैं उन्हें ऊपर से उनके होठों को चूसते हुए, उनकी गर्दन को चाटते हुए, उनकी छाती‌ और बूब्स को चूसते और दबाते हुए धीरे-धीरे उनकी नाभि को चाट कर उनके जिस्म के हर एक अंग का स्वाद लेने लगा। भाभी पूरी तरह मदहोश हो गई और आहें भरने लगी।

फिर मैंने उनकी चूत पर आके उनकी चूत के रस का स्वाद चखा तो मेरे लंड में अलग ही जान आ गई। भाभी पूरी मदहोशी में आहें भरते हुए मेरा सर अपनी चूत के ऊपर दबाने लगी कि मानो मेरा सर ही अपनी चूत में घुसा लेना चाहती हो। फिर कुछ देर बाद में रुका और ममता भाभी बोली-

भाभी: देवर जी अब आ जाओ और घुसा दो अपना लंड मेरी चूत में। अब नहीं रहा जाता बहुत दिनों से तड़प रही हूं।

फिर मैं भाभी के ऊपर आया, और उनके बूब्स को अपने मुंह में लेके चूसा, और अपना लंड भाभी की चूत पर रगड़ते हुए उन्हें थोड़ा और तड़पाने लगा, और उनकी ये तड़प उनकी सांसों और आहों में साफ पता चल रही थी।

लेकिन जब उनसे ना रहा गया, तो उन्होंने मेरा लंड पकड़ा और खुद अपनी चूत पर सेट करके अपनी चूत को मेरे लंड की तरफ जोर से धक्का दिया। इससे मेरा लंड एक ही बार में पूरा उनकी चूत में घुस गया और उनकी आह निकल गई।

फिर मैंने भाभी की चुदाई शुरू की। भाभी की चूत मेरे लंड को ऐसे कस रही थी, जैसे जन्मों की प्यास बुझाना चाहती हो। भाभी भी मेरी कमर पकड़ कर अपनी चूत मेरे लंड के साथ मिला कर एक लय में चुदाई करवाने लगी।

भाभी ( आहें भरते हुए ): करते रहिए देवर जी, आह उमम बहुत समय से प्यासी हूं ऐसी चुदाई के लिए। आज मेरी सारी प्यास बुझ दो।

मैं: हां भाभी, आज से आपकी चुदाई की पूरी जिम्मेदारी मेरी है।

भाभी: आह आह उमम! और तेज चोदो, हां और तेज़ देवर जी।

मैंने फिर चुदाई की स्पीड और बड़ा दी और भाभी को जोर-जोर से चोदने लगा। फिर थोड़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद मैंने भाभी को डॉगी पोजिशन में लिया, और भाभी की चूत पर थोड़ा सा थूक लगा के अपना लंड भाभी चूत में पीछे से डाल दिया। मैं पूरी ताकत से भाभी की गांड पकड़ के उनकी चुदाई करने लगा।

फिर करीब 10 मिनट ऐसे ही चुदाई का सिलसिला चला, और भाभी झड़ गई, और उनके साथ ही मैंने लंड का स्पर्म भी भाभी की चूत में ही डाल दिया। फिर ऐसे ही अपना लंड उनकी चूत डाले हुए ही मैं उनके ऊपर ही लेट गया।

जब हम उठे तो देखा कि दोपहर का 1 बज चुका था। हम दोनों ऐसे ही नंगे बेड पर एक-दूसरे की बाहों में लेटे थे। फिर थोड़ी देर ऐसे एक-दूसरे के अंगों से खेले और छुट्टी का टाइम हो गया था, तो मैंने कपड़े पहने और भाभी को जोर से किस करने के बाद अपने घर आ गया ।

तो दोस्तों ये थी मेरी और ममता भाभी की चुदाई की शुरुआत की कहानी। अब इससे आगे की कहानी अगले भाग में।

आपको कहानी कैसी लगी ये जरूर बताएं मेरी मेल आईडी [email protected] पर मेल करके जरूर बताएं। मिलते है अगले भाग में।

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