नई पड़ोसन-3 (Nayi padosan-3)

पिछला भाग पढ़े:- नई पड़ोसन-2

हिंदी सेक्स कहानी अब आगे-

जैसे कि आपने पढ़ा कि हम फार्म हाउस पर पहुँच चुके थे। खाने-पीने के बाद हम चारों कमरे में गए।

समर: माल तो बहुत बढ़िया है सर। दोनों बुरचोदी बड़ी कटीली है साली।‌ इन्हें चोदने में बड़ा मज़ा आएगा?

कमलेश: हां दोनों लड़कियां बहनचोद बड़ी सेक्सी है। बड़ी वाली की चूंचियाँ तो देख, साली आज़ाद होने के लिए कैसे तड़प रही है? तुम दोनों मादरचोदियों, जल्दी नंगी हो जाओ पहले।

कामिनी ने आकर मेरी कपड़े उतार दिए, फिर अपने भी। हम दोनों पूरी तरह नंगी हो गई थी। मेरी बड़ी-बड़ी चूचियाँ, बड़े-बड़े चूतड़ और मस्त भोसड़ा देख कर वे दोनों अपना होश खो बैठे।

कमलेश: मुझे तो बड़ी वाली की चूची पहले चोदनी है। कामिनी को तो बहुत बार चोद चुका हूँ।

समर: मैं तो कामिनी के मुंह में पहले लौड़ा पकड़ाना है।

कमलेश ने कामिनी से पूछा: ये साली स्वेता शराब पीती है क्या?

कामिनी: नहीं सर ये तो बस लौड़ा पीती है रंडी।

कमलेश: अच्छा, तो चल आ स्वेता रंडी, तो ले पी पहले मेरा लंड।

वो मेरे बाल पकड़ा और बोला: चल गले तक खींच लौड़े को भोसड़ी की मादरचोद की औलाद!

उधर समर कामिनी की चूची मसलने लगा। उसके चूतडों पर हाथ फिराने लगा, और फिर कहा: ले बहनचोद चूस मेरा लंड।

कामिनी भी उसका लंड मुंह में लेकर चूसने लगी। इधर कमलेश ने अपनी निक्कर खोल कर फेंक दी और लंड मेरे मुंह में ठूसने लगा। मैं उसका लंड चूसने लगी।

कमलेश: यार समर इस बड़ी वाली का माल कुछ ज्यादा ही मस्त लग रहा है। इसकी चूची साली की दुगनी है, और लंड क्या मस्त चूस रही है। मैं तो मजे में हूँ ओह्ह अहह चूस साली आवारा मदारचोद रंडी अहह।

मैं भी खूब मजे से चूस रही थी। हम दोनों लंड इतने तेज चूस रही थी, कि कमरे में गप-गप की आवाज आ रही थी। कमलेश का लंड काला और मोटा साथ में 9 इंच का होगा। फिर कमलेश मेरे मुंह से लंड निकाल कर मेरी चूचियों के बीच डाल कर मेरी चूचियाँ चोदने लगा।

कमलेश: यार ये साली लंड बड़े मजे से अपनी चूचियों मे दबा रही है। लगता है कि साली लंड पकड़ने में बड़ी तेज है।

मैं मन ही मन: सालों तुम्हें क्या पता कितने लंड खा चुकी हूँ। जितनी तुमने चूत मारी नहीं उनसे कहीं ज्यादा लंड मेरी चूत में जा चुके हैं।

कामिनी ने इशारों में पूछा कैसा लगा लंड मुझे। मैंने आँख मार कर कहा कि दोनों लंड जबरदस्त है कामिनी, चुदवाने में मज़ा आ जायेगा? बस तू वो करती जा जो ये लोग कहें।

कमलेश मेरी और समर कामिनी का मुंह गचागच चोदने लगे। कमलेश झड़ने को आ गया लेकिन लंड मुंह से नहीं निकाला। वो पूरा का पूरा मेरे मुंह में ही झड़ गया। समर भी कामिनी के मुंह में झड़ा, और हम दोनों ने एक-एक करके सारा वीर्य चाट गयी। फिर थोड़ी देर में ही उनका लंड फिर तैयार हो गया।

तब कमलेश ने लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। लौड़ा भक्क से घुस गया। वह चोदने लगा।

वह बोला: यार मुझे लगता है कि मैं किसी मखमल भोंसड़ा चोद रहा हूँ।

उधर समर कामिनी के ऊपर चढ़ा बैठा था।‌ उसने उसकी चूची खूब मसली, और फिर लंड उसकी बुर में घुसा दिया। वह भी मस्ती से चुदवाने लगी।

कमलेश: स्वेता साली आज आधे घंटे में ही तेरा भोंसड़ा पों बोल देगा और फट जाएगी तेरी गांड।

मैं: आप क्या मेरे भोंसड़े को इतना कमजोर समझते है? अरे इसमें तो अजगर जैसे बड़े-बड़े लंड घुस चुके है, तब भी कोई इसकी झांट भी टेढ़ी नहीं कर पाया।

हम दोनों इसी तरह बक-बक कर चुदवाने लगी। इससे मर्दों के लंड में जोश भर जाता है।‌ कामिनी बिस्तर पर करवट लेकर लेट गयी और समर का लंड टांग उठा कर अपनी बुर में घुसेड़ लिया। हम दोनों की पीठ लगा कर जुड़ गयी, कामिनी के भोंसड़े में समर का लंड घुसा था। अब समर जब अपनी गांड से जोर लगा कर धक्का मारता, तो उसका फायदा मुझे होता और मेरी चूत में कमेलश का लंड अपने आप घुस जाता।

इसी तरह जब इधर से कमलेश एक जोर का धक्का लगाता, तो उधर कामिनी के भोंसड़े में समर का लंड घुस जाता। एक ही धक्के से हम दोनों की बुर में लंड घुस जाता? इस तरह बड़ी देर तक हम दोनों चुदवाती रही।

थोड़ी देर में कामिनी ने समर और कमलेश को आमने-सामने लिटा दिया। दोनों के लंड आमने सामने हो गये।

कामिनी ने मुझसे से कहा: बुरचोदी, तुम अपना भोंसड़ा इस पर रख कर बैठ जाओ।

मैं बैठ गयी तो दोनों लंड एक साथ मेरी बुर में घुस गए। बस मैं कूद-कूद कर चुदवाने लगी।

फिर कामिनी मुझसे बोली: स्वेता, अब तुम भी इसी तरह बैठ कर चुदवाओ, बड़ा मज़ा आता है।

मैं भी दोनों लंड से एक साथ चुदवाने का मज़ा ले रही थी। जब लंड झड़ने को आये, तो मैंने समर का और कामिनी ने कमलेश का सुड़का मारा और दोनों लंड मिल कर चाटे।

मैं: कुछ भी हो कामिनी, आज मैंने तुझसे भी सीखा की भोंसड़ा कैसे चुदवाया जाता है?

कमलेश: चलो रंडियों कुछ खा-पी लो। अभी तो तुम्हारी गांड मारनी है।

फिर मैं और कामिनी बाथरूम गई, आमने-सामने बैठकर पेशाब की, फिर थोड़ा जूस पिया और आराम की। करीब एक घंटे बाद मुझे चुदने की चाहत पैदा होने लगी। तो मैं खुद कमलेश का लंड मुंह मे लेकर चूसने लगी।

ये देख कर समर बोला: देखो तो सर इस रंडी की अभी भी गर्मी उतरी नहीं।

और सब हसने लगे। कामिनी भी कमलेश का लंड चूसने लगी। फिर कुछ ही देर दोनों हथियार लोड हो गए हमारी गांड फाड़ने के लिए। फिर कामिनी ने मुझे लिटाया और खुद मेरे मुंह के ऊपर अपना चहरा कर दी और मेरे होंठ पर अपने होंठ रख दी।

उधर कमलेश मेरी टांग उठा कर मेरी गांड पर लंड सेट कर दिया और एक झटके में लंड गांड में डाल दिया। गांड में लंड तुरंत घुस गया, लेकिन हम दोनों चिल्ला पड़ी। मैंने गांड तो मरवाई थी। लंड इतना मोटा था कि अंदर जा कर बहुत दर्द दे रहा था। यही हाल कामिनी का भी था।

कमलेश: रंडियों, इतनी बार गांड मरा चुकी हो, फिर भी नाटक करती हो। चुप हो जाओ वरना एक-एक करके दोनों लंड तुम दोनों की गांड में पेल देंगे।

मैं: आहह मादरचोद चोद दी मेरी गांड, इसे छोड़ दे। इसमें लंड नहीं जाएगा। यह चूत नहीं मेरी गांड है। लेकिन फिर भी उसने किसी तरह मेरी गांड में अपना लंड घुसा ही दिया और मेरी गांड से खून निकलने लगा। तब वो दोनों हंसने लगे।

फिर कुछ देर में आराम मिला और चुदाई शुरू हो गई। इधर मैं भी कामिनी की चूचियाँ से खेल रही थी, चूस रही थी। फिर वो हम दोनों को सोफ़े पर ले गए, और खुद बैठ गए। उनके लंड पर हम दोनों गांड पर सेट करके बैठ गई।‌ अब नीचे से टप्पा टप टप्पा टप चुदाई हो रही थी।

वाह क्या मंजर था गांड मारने का।

कामिनी: पेलो आह्ह और जोर से। रंडी को रखैल बना लो। साली को बहुत लंड की प्यास हैं कुतिया को।

फिर घोड़ी बना कर पीछे से पेलने लगे
घपाघप। दोनों गांड में अपने लंड से प्रहार कर रहे थे। वो कभी हमारे का बाल पकड़ कर खींच रहे थे, तो कभी-कभी चूतड़ों पर थप्पड़ लगा देते। अब मैं भी गांड उछाल-उछाल कर अपनी गांड मरवा रही थी।

वो दोनों कई सारी गंदी गालियां देकर चोद रहे थे और मैं बोलती, “हां मेरे राजा, आज अपनी इस रांड की गांड फाड़ दो।”

फिर उन्होंने अदला-बदली कर ली। अब समर मेरी गांड और कमलेश कामिनी की मारने लगा।

समर: मेरी रानी, कब से तुझे जैसी को चोदने का सोच रहा था मैं। आज जाके हाथ आई है। जम के चोदूंगा आज तो। कितनी टाईट है तेरी गांड।

वो मेरी गांड पर थप्पड़ भी लगा रहे थे, और बोल रहे थे, “साली क्या मस्त है तेरी गांड। जी करता है जिंदगी भर इसे चोदता रहूं। कितनी मखमली है।

मैं: तो अच्छे से चोद ना बहनचोद। दम नहीं है क्या लौड़े में?

यह सुन कर वो गुस्सा हो गए। मैं तो यही चाहती थी। उन्होंने मेरे बालों को पकड़ कर खींच लिया, और चूतड़ों पर भी बहुत जोर से थप्पड़ लगाने लगे। उन्होंने अपने धक्कों की स्पीड भी तेज कर दी और कहा, “छिनाल, बहुत आग है तेरे अंदर। आज शांत करता हूं तेरी आग को। तेरी बहन की तो चूं तक नहीं निकालती मेरे सामने और तू गाली दे रही है।”

कुछ देर तक उन्होंने जम कर धक्के लगाए, और अपनी पिचकारी मेरी गांड के अंदर ही छोड़ दी। मैं भी झड़ गई थी। उन्होंने अपना लंड मेरी गांड से निकाला तो मुझे वहां बहुत ही खाली सा महसूस हुआ। फिर कामिनी के गांड में कमलेश ने अपना रस छोड़ दिया। और हम दोनों ने उनके लंड पर लगे वीर्य को अपनी मुंह में लेकर साफ की।

कामिनी ने मेरी गांड पर थप्पड़ मार कर बोली: ले रंडी, अब जितना चाहे गांड मार पूरी तरह तेरी गांड को खोल के गुडगाँव कर दिया हैं।

करीब 4 बजे सुबह कार से हमें घर छोड़ गए। हम दोनों से चला नहीं जा रहा था। घर में आते ही फर्श पर हम दोनों सो गई और 2 बजे नींद खुली।

उसके बाद तो हमारी हर एक रात रंगीन होने लगी वो भी पूरे एक महीने तक। कामिनी के घर में लंड का मजा लेने लगी। हर आदमी हम दोनों को एक साथ चोदने के लिए अपना अपना लंड खड़ा करके आने लगा और हम लेने लगी चुदाई का असली मज़ा।

एक बार सेक्स के खेल में खुल जाओ तो फिर मज़ा ही मज़ा पाओ। आगे भी और पढ़ना चाहते हैं तो मैं जरूर लिखूँगी। मेल करके बताए
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