आप सब कैसे हो? पिछली दोनों कहानियों को बहुत अच्छा रिस्पॉन्स दिया आप सब ने। बैंक मैनेजर वाली कहानी के बाद बहुत मेल आई और 3 न्यू भाभी आंटी से मिलने का मौका मिला। आज आपके सामने एक नई स्टोरी शेयर करना चाहता हूं। जो भी आंटी भाभी बात करना चाहती है [email protected] पर मेल करे।
दोस्तों बात 2 महीने पहले की है। हम सब ऑफिस मेंबर की ट्रेनिंग दिल्ली होनी थी। हमारे ऑफिस से मुझे ट्रेनिंग के लिए भेजा था। दोस्तों मैं बहुत दिनों से सेक्स के लिए प्यासा था।
चलो जो पहली बार पढ़ रहे है, आपको बताता हूं मेरी हाइट 5’9″ और लंड 9 इंच लंबा और मोटा बहुत है।
दोस्तों 1 हफ्ते की ट्रेनिंग थी। हम 15 लोग थे। सब अलग-अलग जगह से आए थे। अब आपको क्या बताऊं मेरे साथ एक भाभी थी। जिनकी उम्र 32-33 साल लग रही थी। उनकी हाइट 5’2″ के आस-पास होगी। थोड़ी हेल्थी, मोटी और बहुत क्यूट थी। बिलकुल न्यूली मैरिड लग रही थी। पर कसम से ऐसे बूब्स और गांड आज तक नहीं देखे थे। 40″ के बूब्स थे उसके, और क्या लग रही थी। मन कर रहा था वहीं चोद दूं।
पहला दिन था। सब एक-दूसरे के बारे बताने लगे। वो अंबाला से थी। उन्होंने अपना नाम मीनाक्षी बताया। थोड़ी देर बाद लंच ब्रेक हुआ। मैंने उनसे बात शुरू की। वो भी अच्छे से बात कर रही थी।
मैंने उनसे पूछा: आपकी अभी शादी हुई है?
तो वो हसने लगी और बोली: नहीं, 8 साल हो गए।
मुझे लगा मजाक के रही है। फिर उन्होंने अपनी फैमिली और बेटी की फोटो दिखाई। उनके पति ऑस्ट्रेलिया रहते थे, और 2 साल में आते थे।
तब मीनाक्षी ने बताया: थोड़े टाइम बाद हम भी ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट हो जाएंगे। बस दो-चार साल और इस जॉब में हूं। फिर हम वहीं परमानेंट शिफ्ट हो जाएंगे।
तब मैं मजाक में बोला: अच्छा इतने साल अकेले कैसे रहोगे?
तो वह मुझे बोलने लगी: अब आदत सी हो गई है।
वह थोड़ी उदास हो गई तो मैंने बोला: सॉरी अगर बुरा लगा तो।
उसके बाद हमारी ट्रेनिंग फिर से स्टार्ट हो गई। मेरे दिमाग में बस मीनाक्षी की चुदाई के सपने चल रहे थे। हम उसके बाद हम दोनों पास-पास ट्रेनिंग हाल में बैठ गए। हम बातें करते रहे। हम सब के लिए रहने के लिए एक होटल अपार्टमेंट बुक किया हुआ था, जो ट्रेनिंग सेंटर से लगभग 1 घंटे की दूरी पर था। सब लोग अलग-अलग जाने लगे।
मैंने मीनाक्षी को बोला: चलो मेट्रो से चलते है।
दोस्तों, आपको शाम के दिल्ली मेट्रो की हालत तो पता ही होगी। हमारे ट्रेनिंग सेंटर के नजदीक राजीव चौंक मेट्रो था। हम दोनों वेट करने लगे। हम लाइन में लग गए। भीड़ बहुत थी। मैंने मीनाक्षी को अपने पास खड़ा किया और उनके कंधों पर हाथ रखा।
भीड़ बहुत थी। मेरे और मीनाक्षी के बीच बिल्कुल जगह नहीं थी। मेरा लंड खड़ा हो गया, और मीनाक्षी की गांड पर लग रहा था। वो भी फील कर पा रही थी, पर चुप-चाप खड़ी रही। मेट्रो आई तो बहुत भीड़ थी। जब धक्के लगे तो मेरा लंड उसके सूट के ऊपर से गांड की दरार पर सेट हो गया।
मेट्रो के अंदर एक कोने में खड़े होने की जगह मिली। हम एक-दूसरे की तरफ मुंह करके खड़े हो गए। बीच-बीच में उनके मोटे-मोटे बूब्स मेरे साथ लग रहे थे। भीड़ बढ़ती जा रही थी। धीरे-धीरे मैं उनके पास होता गया। एक स्टेशन पर अचानक मेट्रो चली तो मेरा बैलेंस बिगड़ गया। मैं गिरने लगा तो मीनाक्षी ने मुझे दोनों हाथों से पकड़ लिया और मजाक में बोलने लगी-
मीनाक्षी: आपको पकड़ कर रखना पड़ेगा।
तब उन्होंने अपने दोनों हाथों को मेरी कमर के ऊपर करके पकड़ लिया। अब उनके मोटे-मोटे बूब्स मेरे साथ लग रहे थे। मेरा लंड खड़ा हो गया। मेरा लंड बिल्कुल उनकी चूत के पास लग रहा था। मेट्रो की रफ्तार के साथ मैं उनके लगातार धक्के मार रहा था। धीरे-धीरे वह भी मदहोश होने लगी, पर बिल्कुल अनजान बनी रही। दोस्तों यह सब 15 से 20 मिनट चला। लग रहा था मीनाक्षी की चूत गीली हो गई थी, पर वो बिल्कुल अनजान बन रही थी। यह बात मुझे अच्छी नहीं लगी।
इतने में हमारा स्टेशन आ गया। हम दोनों होटल की ओर चलने लगे, लेकिन मैंने मीनाक्षी से ज्यादा बात नहीं की। उसके बाद हम अपने रूम में चले गए। दोस्तों मेट्रो में चलने से पहले हमने दोनों ने नंबर एक्सचेंज किए थे। मैं रेस्ट करा और 1 घंटे बाद मीनाक्षी का मैसेज आया-
मीनाक्षी: भूल गए क्या?
मैंने बोला: मतलब?
वो बोली: चलो चलते हैं बाहर घूमने। दिल्ली तो घुमाओ। चलो रेडी हो जाओ चलते हैं।
तो मैं चेंज किया। मैंने अब शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहन ली। थोड़ी देर बाद मीनाक्षी अपने कमरे से बाहर आई। अब दोस्तों क्या बताऊं मीनाक्षी ने बिल्कुल टाइट शर्ट और लोअर पहन रखी थी। वह बिल्कुल जिम ड्रेस में थी, और मैं उसके मोटे-मोटे बूब्स और मोटी गांड देख कर पागल हो गया।
तब मैंने बोला: चलो चलते हैं।
उसके बाद मैंने बोला: कैब बुक करते हैं।
तो वह मजाक में बोली: मेट्रो के मजे कैब में कहां?
अब मुझे पता लगा था कि वो भी मजे लेना चाहती थी। हम दोनों मेट्रो की ओर चलने लगे। अब मेट्रो में भीड़ कम थी, लेकिन मीनाक्षी फिर भी मेरे बिल्कुल पास चिपक के खड़ी हो गई। शॉर्ट्स में मेरे लंड को वो महसूस कर रही थी। उसने फोन निकालने के बहाने मेरे लंड को पकड़ा और दबाया। अब मैं समझ चुका था वो क्या चाहती थी।
थोड़ी देर में हम मेट्रो से उतर गए। हम दोनों पार्क मैं घूमने निकल गए। अब वो बिल्कुल मेरी पत्नी की तरह बिहेव कर रही थी। मेरा हाथ पकड़ के घूम रही थी। काफी अंधेरा हो गया था। मैंने एक कोने में उसे हग किया।
वो पागल हो गई और बोलने लगी: इतना सुख कभी नहीं मिला। पिछले 1 साल से चुदाई का सुख नहीं मिला। आज मेट्रो में तुमने मेरा पानी निकाल दिया।
मैंने फिर उसकी मोटी गांड को दबाया और लिप किस्स किया। वहां कुछ और लोग थे, तो हम घूमने लगे।
मीनाक्षी घूमते-घूमते मुझे बोल रही थी: जान मुझे चुदाई का बहुत सारा सुख देना। मुझे चुदाई करे हुए बहुत टाइम हो गया है।
जैसे हम मार्केट में आए तो मीनाक्षी ने बोला: मुझे रोल प्ले करके सेक्स करना है।
तो मैंने बोला: ओके।
तब मीनाक्षी ने बोला: हम डॉक्टर और नर्स का रोल प्ले करेंगे।
तो हमने एक डॉक्टर और नर्स की हॉट से ड्रेस मार्केट से ले ली। अब हम वापिस होटल आ गए। हम सब के सोने का वेट करने लगे, क्योंकि सब ट्रेनिंग वाले थे वहां, तो कोई हमें देख ना ले। रात को करीब 1 बजे मैं मीनाक्षी के कमरे में गया, तो उसने रेड कलर की हॉट ब्रा और पेंटी के ऊपर नर्सिंग ड्रेस पहनी थी।
मुझे देख के बोली: डॉक्टर आ जाओ, आपका वेट कर रही थी।
मीनाक्षी सेक्स के लिए बिल्कुल पागल थी। उसने जाते ही मेरा अंडरवियर निकाला और मेरे लंड की तरफ पागलों की तरह टूट पड़ी। जैसे ही उसने मेरे लंड को देखा तो बोली-
मीनाक्षी: इतना मोटा लंड, ओ माय!
बहुत खुश थी वो। वह बोली: मेरा पति मुझे बहुत अच्छे से चोदता है, बट उसका लंड इतना बड़ा नहीं।
वह मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। दोस्तों क्या बताऊं इतने अच्छे से मेरे लंड को आज तक किसी ने नहीं चूसा था। दोस्तों वो मेरे लंड और मेरे टट्टों को कम से कम 15 से 20 मिनट चुसती रही। लग रहा था सच्चा सुख यही है। उसके बाद मैंने उसकी रेड पेंटी को नीचे उतारा और उसको बेड पर धक्का दिया। फिर उसकी चूत को पागलों की तरह चूसने लगा।
मैंने अपनी पूरी जीभ चूत में डाली। वो बोलनी लगी: यह क्या कर रहे हो?
उसने आज तक अपनी चूत चटवाने का सुख नहीं लिया था।
तब मैंने बोला: यह सच्चा सुख मैं ही दूंगा।
मैंने 30 मिनट उसकी चूत चाटी और उसका पानी निकल गया था। मैंने पूरा पानी पिया।
वो पागल हो गई और बोलने लगी: यह सुख कभी नहीं मिला। आज से आप ही मेरे पति हो।
तब मैंने बोला: अभी तो सच्चा सुख क्या होता है बताऊंगा।
वह हंसने लगी तो मैंने अपना मोटा लंड उसकी चूत में डाला और उसके पैरों को कंधों पर रखा। फिर लगातार धक्के मारने लगा। वह बोलने लगी मुझे रुक जाओ रुक जाओ, लेकिन मैंने लगातार 40 मिनट उसकी चुदाई की। वह दो बार पानी छोड़ चुकी थी, बस उसे आज सच्चा सुख मिला। वो यह बार-बार बोल रही थी।
उस दिन मैंने उसकी 3 बार चुदाई की। दोस्तों हमने वहां 7 दिन लगातार चुदाई की।
आगे की कहानी फिर कभी बताऊंगा कैसे 7 दिनों में अलग-अलग रोल प्ले में हमने चुदाई की, और उसकी गांड कैसे पहली बार मैंने मारी। अब अक्सर हमारी चुदाई होती रहती है।
अगर कोई आंटी भाभी मिलना चाहती हैं, तो मेल करे [email protected]
पर। आपका इंतजार करूंगा।