पिछला भाग पढ़े:- पड़ोसी ने तोड़ी मेरी दीदी की सील-5
सेक्स कहानी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मेरी दीदी सलीम से चुदने के लिए बेताब थी, और उसके साथ कमरे में चली गई। अब आगे-
सलीम ने अब दीदी को बेड पर धकेल दिया, और उसके पैरों में बैठ कर दीदी की पेंटी को निकाल कर फेंक दिया। दीदी ने ख़ुद से अपनी टांगे फेला दी, और सलीम को अपनी खुली हुई चूत दिखा कर शर्माने लगी। सलीम ने दीदी की तरफ़ देख कर आंख मारी, और उसकी चूत को जीभ निकाल कर चाटने लगा।
वो अपने हाथ दीदी के बूब्स पर लेजा कर मसल रहा था। साथ में वो दीदी के पेट को भी सहला रहा था। दीदी अब अंगड़ाइयां लेते हुए मचल रही थी। थोड़े टाइम बाद दीदी का शरीर झटके मारने लगा, और वो सलीम का मुंह अपनी चूत के ऊपर से हटाने लगी। दीदी अब झड़ चुकी थी। सलीम ने जब दीदी की चूत के ऊपर से अपना मुंह हटाया, तब दीदी का रस उसकी दाढ़ी में चिपक गया था और उसकी बूंदे मोती की तरह चमक रही थी। दीदी ने सलीम की दाढ़ी को प्यार से पोंछा, और उसके होठों पर अपने होठ लगा कर चूमने लगी।
दीदी: सलीम जी आप अगर मुझे ऐसे ही प्यार देते रहेंगे, तो मैं आपकी होने को तैयार हूं। आप मुझे कहो तो मैं ज़िन्दगी भर आपके साथ रहना चाहती हूं।
सलीम: मेरी जान अब तेरी मोहब्बत में मैं भी पागल हो रहा हूं। वो सब बाद में देखते हैं। अभी तो तेरी प्यास बुझाने को देख रहा हूं।
सलीम दीदी की चूत पर अपना मूसल लंड रगड़ रहा था। दीदी मदहोश होकर तड़प रही थी। दीदी से रहा नहीं गया तो वो बोली: मेरे शहजादे, आपकी रानी कब से तड़प रही हे, अब सबर नहीं हो रहा। प्लीज़ चोदो मुझे।
मैंने देखा सलीम ने एक बार में पूरा लंड दीदी की चूत में उतार दिया। दीदी को इतना दर्द हुआ कि वो चीख पड़ी। उसकी आंखों से आंसू निकल आये। सलीम को वो समझाने लगी और बोली: सलीम जी आप तो बेरहम हो गए हो। आप ऐसा ना करे मुझे बहुत दर्द हो रहा ही। आअआअ सीईईई उफ्फफफ थोड़ा आराम से करिए ना, मैं कहां भागी जा रही हूं?
सलीम ने दीदी की एक नहीं सुनी और वो जानवर की तरह दीदी को चोदने लगा। थोड़े झटको के बाद दीदी अपनी गांड ऊपर की और उछाल कर सलीम का साथ दे रही थी। दीदी के मुंह से सेक्सी आवाज़ निकल रही थी।
दीदी: आआ आआ उफ्फ आअआअ सीईईई उफ्फफफ ऐसे ही चोदो मुझे रंडी बना के आअआअ और चोदो फाड़ दो मेरी चूत।
अब सलीम ने दीदी को घोड़ी बनाया, और डॉगी स्टाइल में चोदने लगा। मैं समझ गया था कि सलीम एक पका हुआ खिलाड़ी था। उसने अपनी चुदाई की काबिलियत से दीदी को उसकी रंडी बनने पर मजबूर कर दिया था।
दीदी: सलीम जी आज क्या खा कर आए हो? आज आपका निकल नहीं रहा हैं? आपकी ऐसी चुदाई पाकर तो अब मैं अपने पति के पास नहीं टिक पाऊंगी।
सलीम: मेरी जान तेरी ये जवानी देख कर मुझसे रहा नहीं जाता। तेरी इतनी चुदाई करने के बावजूद घर जाकर मुठ मारना पड़ता है। आज मेरी सारी गर्मी निकल दूंगा। (दीदी की गांड पर चाटा मार कर) आज तेरी ये उभरी हुई गांड भी मारनी हैं।
सलीम ने दीदी को बेड पर झुकाया, और उसकी गांड को चाटने लगा। दीदी एंजॉय कर रही थी, पर उसके चेहरे पर डर भी दिख रहा था। उसको पता था सलीम उसकी गांड का क्या बुरा हाल करने वाला था। उसके बाद सलीम ने तेल की बॉटल ली, और बहुत सारा तेल दीदी की गांड के छेद में डाला। उसके बाद उसने अपना अंगूठा दीदी की गांड में डाल दिया। दीदी के मुंह से आह निकल गई।
दीदी बोली: सलीम जी आराम से, बहुत दर्द होता हैं।
सलीम हस्ते हुवे बोला: मेरी जान ये तो सिर्फ मेरा अंगूठा गया हैं। मेरा लोड़ा लोगी तब क्या करेगी?
दीदी घबराते हुवे बोली: सलीम जी मुझे बहुत डर लगता हैं। आप का लंड देख कर मैं नहीं मानती कि मैं पीछे आप को सह पाऊंगी।
सलीम: मेरी जान कुछ नहीं होगा। तेरी जैसी बहुत कली को फूल बनाया हैं। पहले दर्द होगा फिर इतना ही मजा आएगा।
सलीम ने अब दीदी को उसका लंड चूसने दिया, और उसके बाद बहुत सारा तेल लेकर अपने लंड को मसलने लगा। अब सलीम का लंड काले सांप की तरह चमक रहा था। उसका बड़ा काला लोड़ा देख कर मेरी भी आँखें बड़ी हो गई। मैं सोचने लगा दीदी ने ग़लत आदमी से पंगा लिया था। अब वो दीदी के गांड के छेद पर लंड को रगड़ रहा था। दीदी के चेहरे पर डर साफ़ दिख रहा था। सलीम के चेहरे पर एक अलग मुस्कान दिखाई दे रही थी।
अब सलीम ने धक्का मारा, पर दीदी अपने शरीर को जकड़ लेती थी, जिससे सलीम का लंड गांड के छेद में घुस नहीं रहा था। सलीम जब जब लंड घुसाने की कोशिश करता, तब दीदी ऐसा करती। सलीम को अब दीदी पर गुस्सा आया, और उसने दीदी की गांड पर 2-3 थप्पड़ लगा दिए।
फिर सलीम गुस्से में बोला: साली रंडी, नखरे कर रही है। थोड़े समय तक सही से रह नहीं सकती? अब अगर अपनी गांड को टाइट की तो तेरी ऐसी हालत करूंगा कि तुम सोच भी नहीं पाओगी।
दीदी समझ गई थी की सलीम को अपनी गांड देने का वादा उसको भारी पड़ने वाला था। दीदी ने एक लंबी सांस लेकर अपनी मुट्ठी भर ली। अब वो अपने शरीर को ढीला रख कर झुक गई। सलीम ने अब उसका बड़ा लंड हाथ में पकड़ कर एक धक्का मारा, और उसके मूसल लंड का टोपा दीदी की गांड चीरते हुए चला गया। दीदी की चीख सुन कर मेरी गांड फट गई। दीदी की आंखों से आंसू निकल आये। उसने अपनी मुट्ठी में चादर को पकड़ ली। अब सलीम ने कुछ वक्त रुक कर फिर से धक्का मारा। अबकी बार उसका आधा लंड अंदर चला गया।
दीदी रोते हुए बोली: सलीम जी प्लीज़ उसको बाहर निकालो। मुझे बहुत दर्द हो रहा है। बहुत जलन हो रही ही।
सलीम: मेरी जान ये जलन नहीं तेरी गांड की खुजली है, जो अब मेरे लंड से चुद कर ख़तम होने वाली है।
सलीम ने दीदी की परवाह किए बिना उसकी गांड में उसका बड़ा और मोटा सा मूसल लंड डाल दिया। दीदी चीखती चिल्लाती रही पर सलीम उसकी बेरहमी से गांड मारता रहा। मैंने देखा की दीदी की गांड से खून बहता हुआ उसके पैरों में पहुंच गया था। दीदी की आंखों के सामने अंधेरा छा गया था। दीदी अब दर्द के मारे अब चीख भी नहीं सकती थी।
दीदी की आंखें अब बंद हो गई और वो बेहोश होकर गिर पड़ी। सलीम ने दीदी के दोनों हाथ पीछे से पकड़ लिए, जिससे अब दीदी जरा सी भी हिल नहीं सकती थी। सलीम दीदी की फिर भी गांड मारता रहा। आख़िर में वो दीदी की गांड में अपना वीर्य निकाल दिया। जब सलीम का लंड बाहर निकाला तब दीदी की गांड से सलीम का वीर्य और खून बह रहा था। सलीम ने वो देखा और उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई।
सलीम: आज मेरे दिल को सुकून मिला है जानेमन। जब से तेरी ये सेक्सी गांड को देखा था, तब से उसको चोदने का मन था।
दीदी निढाल होकर सो गई। वो उस हालत में नहीं थी कि कुछ बोल सके। सलीम भी दीदी की बगल में सो गया। थोड़ी देर बाद जब दीदी को होश आया, दीदी अपने बगल में सलीम को सोता हुआ देख कर उसपे अपना प्यार जताने लगी थी। दीदी पहले सलीम के होठों पर एक किस्स करती फिर उसके मजबूत सीने पर किस्स कर देती हैं।
दीदी सलीम के मुरझाए हु लंड को देखती है, जिस पर दीदी का मल-मूत लगा हुआ था। फिर दीदी अपने रुमाल से उसके लंड पर लगे खून और मल-मूत को साफ कर रही थी, और अपनी चूत और गांड को भी अच्छे से साफ कर ली थी। फिर दीदी सलीम के मुसल लंड पर एक किस्स करके उसे जगाने की कोशिश कर रही थी।
सलीम अपनी आंखे बंद करके लेटा हुआ था, और दीदी उसके मुसल को मुंह में लेकर चूसने लगी थी। धीरे-धीरे दीदी उसके लंड को चूस के फिर से खड़ा कर देती हैं। सलीम नींद में ही अपना हाथ दीदी के सिर पर रख कर लंड को आगे-पिछे करते हुए-
सलीम बोला: वाह रंडी, बहुत जल्दी तेरी आग भड़क उठी।
दीदी: नंगी औरत के साथ सोता हुआ मर्द अच्छा नहीं लगता। अब उठो भी यार।
दीदी सलीम का लंड पूरे जोश में चूस के खड़ा कर देती है। फिर सलीम के ऊपर बैठ जाती है और अपनी गांड पर थूक लगा कर लंड को धीरे-धीरे अपने अंदर ले रही थी। सलीम भी अपनी नींद की अंगड़ाई को दूर करते हुए नीचे से धक्के देने लगा था। दीदी अब सलीम के मोटे मुसल लंड को बड़े ही आराम से अंदर ले रही थी, और अपने खुले बालों को लहराते हुए-
दीदी: साआआआअ उफ्फ आह आह आह सलीम जी गांड मरवाने का अलग ही मजा है। वो भी आपके इस मोटे मुसल लंड से आईईईई ऊंच आअआअ।
सलीम दीदी के दोनों चूचों को अपने मजबूत हाथों से मसलते हुए दीदी की मस्त गांड चुदाई कर रहा था। दीदी की गांड में सलीम का मोटा लंड जाते हुए देख कर मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था। कुछ देर में सलीम दीदी को अपनी गोद ले लेकर उछाल-उछाल कर चोदने लगता है। दीदी का फेस बता रहा था कि उनको इस चुदाई में कितना मजा आ रहा था।
सलीम अपने तेज धक्कों से जल्दी ही दीदी की गांड में ही झड़ जाता है, और अपना सारा माल दीदी के अंदर उगल देता है। फिर दीदी जमीन पर बैठ कर उसका लंड मुंह में लेकर लंड चूसते हुए अपने फोन में कुछ सेल्फी लेती हैं। उसका पूरा लंड एक बार चाट कर साफ कर देती है, और अपने अंदर लिया हुआ सलीम का वीर्य पोंछ कर के बाहर निकाल देती है।
दोनों चुदाई के बाद फिर एक साथ लेट जाते हैं। उन्हें शांत देख मैं भी कुछ देर के लिए बाहर निकल गया था। कुछ 30 मिनट बाद जब मैं आया। मैं सोचा क्यूं ना अब मैं सीधा कमरे में ही घुस जाता हूं। फिर मैंने वैसा ही किया और कमरे मैं घुस गया। अंदर देखा मेरी दीदी सलीम के लंड पर उछल रही थी। वो मुझे देख कर एक-दम से डर गई थी, और अपने आप को अपनी साड़ी से ढकने की नाकाम कोशिश कर रही थी।
हड़बड़ाते हुए दीदी बोली: अमित तुम अंदर क्यों आए? मैंने मना किया था ना?
दीदी अब भी सलीम के मुसल को अपने अंदर लिये हुए बैठी हुई थी।
मैं बोला: दीदी मैं अकेले बोर हो गया था। आप इतने समय से कमरे में ही हों।
दीदी: अमित अभी तुम बाहर जाओ, मेरा काम उफ्फ आआ होते ही मैं थोड़ी देर में आ रही हूं।
फिर मैं हॉल में आके बैठ गया, और सोचने लगा मेरी दीदी पूरी रंडी हो गई थी, जो मेरे सामने भी उसके लंड पर बैठी हुई थी। यह साला सलीम मेरी दीदी को रंडी बना कर छोड़ेगा। मुझे डर लग रहा था कहीं मेरी दीदी सलीम के साथ भाग कर शादी ना कर ले। उसके मुसल लंड के लिए कही हमारे परिवार का नाम ना डूबा दे। थोड़ी देर बाद सलीम दीदी को अपनी गोद में लेकर कमरे से बाहर आता है।
सलीम बस अंडरवीयर में बाहर आ गया था। दीदी उसकी गोदी में ब्रा और पैंटी में ही मेरे सामने आ गई थी। फिर दीदी सलीम को मेरे सामने उसके होठों पर एक जोरदार किस्स करते हुए-
दीदी बोली: सलीम जी आपने तो आज मुझे खुश ही कर दिया। अब तो मेरा मन आपके साथ ही रहने का कर रहा है। पर क्या करूं मुझे घर भी जाना होगा।
सलीम: मेरी जान मन तो मेरा भी नहीं कर रहा तुझे जाने दूं। पर जब तेरा मन मेरा मुसल लेने का करे, मेरे पास आ जाना।
फिर दीदी सलीम की गोद से उतर कर अपने कपड़े लेकर बॉथरूम चली गई थी तैयार होने। मैं दीदी की लंगड़ाती चाल को ही देख रहा था कि कैसे वो अपनी टांगे चौड़ी करके चल रही थी। फिर दीदी जब तैयार होके आई, तो हम सलीम के साथ अपने घर के लिए निकल पड़े। सलीम रास्ते में एक मेडिकल शॉप पर कार रोक कर कुछ दवाई लेकर आता है। जो दीदी को मेरे सामने देकर दीदी से बोलता है, “इसको खाने से जान तेरा दर्द कम हो जाएगा।”
फिर मेरी दीदी दवाई को उधर ही खा लेती हैं। थोड़ी देर बाद सलीम हमें उधर चौंक पर छोड़ देता है जिधर से लेकर गया था। दीदी निकलने से पहले कार में ही सलीम के होठों पर एक मिनट का लिप्स लॉक किस्स करती हैं। फिर सलीम मुझे अपने वॉलिट से कुछ रुपए देकर बोलता है, “जाओ इससे तुम मौज करना।”
फिर हम अपने घर लिए निकल पड़ते हैं। रास्ते में दीदी बोली: अमित तुमने मेरा और सलीम जी का जो देखा वो मम्मी के सामने तो नहीं बोलोगे ना?
मैं बोला: दीदी मैंने अभी तक की कोई बात नहीं बोली मम्मी से, यह भी नहीं बोलूंगा।
दीदी: गुड अमित, तुम मेरे सबसे अच्छे भाई हो।
मैं: दीदी आप सलीम के साथ बिना कपड़े के क्या कर रही थी?
दीदी मुस्कराते हुएं बोली: अमित वो सलीम मुझे प्यार कर रहे थे। जैसे एक औरत अपने पति के साथ करती है। मैं सलीम जी से प्यार करती हूं तो वो तेरा जीजा हुए। अब बाकी बात हम घर में करेंगे, बस तुम मम्मी से मत बोलना।
मैं बोला: ठीक है।
मुझे याद आया मम्मी ने बोला था घर आने से पहले फोन कर लेना, पर दीदी ने तो किया नहीं। अब पक्का मम्मी दीदी पर गुस्सा करेंगी। इतने में हम अपने घर के गेट पर आ गए थे। दीदी काफी देर घर की डोर बेल बजाती है। पर अंदर से कोई आवाज़ नहीं आती तो दीदी मम्मी पर बड़बड़ाई-
दीदी: यह साली रंडी अंदर कर क्या रही है?
दीदी को काफी गुस्सा आ रहा था। 10 मिनट बाद मम्मी ने जब घर का गेट खोला मैं देख कर हैरान रह गया था। मम्मी एक मैक्सी पहने हुई थी, और उनके बाल बिखरे हुए थे। उनके आंखों का फैला हुआ काजल, गालों पर हल्के लिपस्टिक के निशान, और उनकी मैक्सी को देख कर लग रहा था जैसे उन्होंने अंदर कुछ नहीं पहना हुआ था।
तो दोस्तों इसके आगे क्या हुआ वो मैं आप लोगों को अगले भाग में बताऊंगा। दोस्तों अपने लंड का पानी बचा कर रखे। मुझे पाता है आप अगले पार्ट का इंतजार जरूर करेंगे। मेरी कहानी कैसे लेगी मुझे जरूर बताएं मेरे ईमेल पर [email protected] मेरे सभी पाठकों को धन्यवाद।