दीपाली दीदी को चाइनीज़ ग्रुप से चुदवाया (Dipali didi ko chinese group se chudwaya)

नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप लोग? आज मैं अपनी बहन की चुदाई कहानी आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहा हूं। मेरा नाम बबलू है, और आज मैं आपको मेरी बड़ी बहन दीपाली दीदी की चुदाई की कहानी बताने वाला हूं।

मेरे दीपाली दीदी की हाईट 5.6 फुट है। बड़े-बड़े बूब्स और मोटी सी गांड है। दीदी ने फिगर बहुत मेंटेन रखी है। चलते वक्त दीदी की गांड ऐसे मटकती है, कि वो देख कर 2-3 आदमीयों का पानी निकल जाये। मेरी दीपाली दीदी जैसी चुदक्कड़ औरत मैंने आज तक नहीं देखी।

तो मैं कहानी पर आ ही जाता हूं। मेरा एक दोस्त है सुनील, जो पुणे में रहता है। उसका एक ट्रैवल एजेन्सी है। उसकी एजेन्सी की कार वो कंपनी के बड़े-बड़े अफसर के लिये रेंट पर देता है। बड़े दिनों बाद उसका फोन आया, और बातों-बातों में उसने कहा-

सुनील: यार बबलू हमें मिले हुए बहुत दिन हो गये। चलो आज मिलते है‌। मस्त दारू पीते है।

मैं भी फ्री था, तो प्लॉन फिक्स हो गया। शाम को वो मुझे लेने आ गया और हम एक बार में चले गये। दारू पीते-पीते इधर उधर की बाते चल रही थी।

मैं: और बताओ काम कैसे चल रहा है?

सुनील: बस यार, काम तो मस्त चल रहा है।‌ 6 गाड़िया है जो कंपनी के चाइनीज़ साहब है उनको घुमाने के लिये रखी है।

मैं: फिर तो बढ़िया है यार।

सुनील: हां यार, पर ये चाइनीज़ लोग बड़े ठरकी है यार।

मैं: क्यू? ऐसा क्या कह रहे है वो?

सुनील: सालों को रोज नयी लड़की चाहिये चोदने के लिये, और हर बार मेरे ही पीछे लगते है, कि जुगाड़ कर वा दो। अब रोज नयी लड़की कहां से देदूं इनको? और अगर उनको लड़की पसंद आ गयी, तो साले पैसा बहुत खर्चा करते है लड़की पे।

मैं: अच्छा!

सुनील: तेरे पहचान की कोई रहेगी तो बताना हां मुझे।

मैं: हां-हां जरूर भाई।

और तब से मेरे दिमाग में चल रहा था कि इन चाईनीज़ से तो मेरे दीपाली दीदी को चुदवा ना ही पड़ेगा। फिर हमने बाकी बातें की, और फिर निकल गये। रात को खाना खाने के बाद मैंने दीपाली दीदी को सब बता दिया-

दीपाली: अरे यार भाई मैं तो तयार हूं‌। पर वो मैंने वीडियो में देखा था वो चाइनीज़ लोगो का लंड बहुत छोटा होता है, मजा नहीं आयेगा।

मैं: अरे यार दीदी तुम खाली मजे का मत सोचो, थोड़ा पैसे के बारे में भी सोचो ना।

दीदी: हां वो तो है, पैसा बहुत मिलेगा। पैसे के लिए मैं हमेशा तैयार हूं।

मैं: हां तूने तो किसी को नहीं छोड़ा।

फिर मैंने सुनील को फोन किया और बताया कि: एक लड़की है मेरे पहचान की। तू बता कब और कहां लेकर आऊं उसको?

सुनील बोला: कल बताता हूं।

फिर दीदी को बताया: अच्छे से तैयार हो जाना। चूत के बाल, वैक्स वगैरा सब कर देना।

दीदी बोली: हां भाई, सब चकाचक कर देती हूं।

दूसरे दिन सुनील ने एक गेस्ट हाऊस का पता दिया और कहा कि वहां पर लेकर आ जाओ उसको सुबह के 9 बजे। मैंने दीदी की कार निकाली, और हम दोनों निकले। दीदी ने ब्लैक कलर वन-पीस पहना था। योगा की वजह से दीदी का फिगर बहुत ही मेंटेन है। उसके बूब्स और गांड उभर के दिखा रहे थे।

मैंने कहा: यार दीदी ऐसी ड्रेस में आप इतनी हॉट लगती हो ना, कि जी करता है अभी आपको चोद डालूं।

दीदी ने हंसते हुए कहा: तुम तो रोज ही चोदते हो। आज कस्टमर को चोदने दो।

2 घंटे ड्राइव करने के बाद हम गेस्ट हाऊस पहुंचे। मैंने दीपा दीदी की पहचान सुनील से करवा दी, और हम अंदर चले गये। वो एक बहुत बड़ा बंगला था। अंदर बहुत ही महंगी-महंगी चीजें सजायी हुई थी। बहुत पैसा खर्च किया था। दीदी और मुझे हॉल में बिठा कर सुनील अंदर चला गया। 10 मिनट बाद‌ वो आया और हमें अंदर बुलाया।

अंदर का बेडरूम बहुत बड़ा और मस्त था। वहां पर 3 चाइनीज़ बैठे थे 5-6 फीट के गोरे-चिट्टे। हम वहां सोफे पर बैठ गये। फिर सुनील ने उनसे हमारी जान-पहचान करा दी। एक का नाम चँग, दूसरे का नाम झिचेन और तीसरे का नाम युवान था। फिर उन्होने सुनील से कहा कि आप लोग बाहर बैठ जाओ।

फिर सुनील और मैं हॉल में आकर बैठ गये। सुनील ने दारू मंगाई थी, तो हम बैठ गये दारू पीने। उन तीनो ने दीदी को कहा कि तुम पहले नहा लो। दीदी ने शॉवर लिया, और सिर्फ टॉवेल लगा कर ऊन तीनों के बीच में आकर बैठ गयी।

युवान ने दीदी को पास खींचा, और वो दीदी को किस्स करने लगा। चँग और झिचेन ने दीदी का टॉवल निकाल फेंका, और वो दोनों दीदी के बूब्स दबाने लगे। दीदी के मुंह से सिसकियां निकलने लगी। अब चँग दीदी कि चूत मसलने लगा। उसने अपनी 2 उंगलियां दीदी की चूत में घुसा दी, और हिलाने लगा।

दीदी अपनी गांड उठा-उठा कर मजा ले रही थी। अब दीदी ने झिचेन का 5.5 का लंड अपनी मुंह में ले लिया, और चूसने लगी। झिचेन तो जैसे स्वर्ग में गया हो ऐसा फील कर रहा था। युवान दीदी की गांड के होल को थूक लगा कर मसल रहा था। शायद वो दीदी की गांड में इंटरेस्टेड था।

अब चँग ने दीदी कि चूत में अपना लंड घुसा दिया, और हिलाने लगा। उसने कंडोम भी नहीं पहना था। 5 मिन चोदने के बाद युवान ने दीदी के गांड के छेद पर अपना लंड रखा, और धीरे-धीरे अंदर डालने लगा। दीदी को एक्सपीरियंस था, फिर भी उसको दर्द हुआ और वो कराहणे लगी।

अब युवान धीरे-धीरे दीदी की गांड मार रहा था, और चँग नीचे से दीदी की चूत चोद रहा था। 10-15 मिनट की चुदाई के बाद तीनों ने अपना पानी दीदी के मुंह पे छोड़ दिया, और फिर शॉर्ट पहन कर बाहर आ गये। फिर वो हमारे साथ दारू पीने बैठ गये।

सुनील ने पूछा: कैसी है आयटम?

चँग: आयटम तो मजेदार है। पर एक बार चुदाई करके थोड़ी ना मन भरता है। अब तो थोड़ी देर बाद बाद वापस से चोदेंगे हम उसको।

युवान: हां यार एक बार वापस चोदेंगे तभी मन भरेगा।

मैं: हां-हां क्यू नहीं, आज पूरी रात वो तुम्हारी है।

फिर झिचेन सुनील को बोला: भाई तुझे भी चोदना है क्या इसको?

सुनील तो पहले से ही तैयार था। तो उसने बोला: हां-हां अगर आप को कोई प्रॉब्लेम नहीं है, तो मैं भी चोदूंगा।

झिचेन ने कहा: पर एक शर्त है, तुम्हें उसे हमारे सामने यहीं चोदना पड़ेगा।

सुनील और दीदी दोनों मान गये और सुनील ने अपना मोर्चा दीदी कि और बढ़ा दिया। सुनील ने सबसे पहले दीदी को किस्स करना चालू किया। सुनील के बारे में बता दूं,‌ सुनील कि हाईट 6 फीट की है‌। जिम करता था, इसलिये उसकी तबियत भी मस्त है, और उसका लंड काला मोटा और 7 इंच लंबा और मोटा था। उसने जैसे ही अपने कपड़े उतारे, दीदी के साथ हम सब भी उसके लंड को देखते रेह गये।

दीदी ने सुनील के लंड के साथ खेलना शुरु कर दिया। 2 मिनट खेलने के बाद दीदी ने उसका लंड मुंह में ले लिया, और लॉलीपॉप के तरह चूसने लगी। लंड चूसते-चूसते वो उसके गोटे भी सहलाने लगी। सुनील अब पूरी तरह से गरम हो चुका था। उसने दीदी को गोद में उठा लिया, और नीचे से उसकी चूत में लंड घुसा दिया। दीदी कि चूत पहले से गीली थी, फिर भी दीदी चिल्ला उठी। पर सुनील पर कोई असर नहीं हुआ। वो जोर-जोर से चोदने लगा।

4-5 मिनट चोदने के बाद सुनील ने दीदी को नीचे उतारा, और घोड़ी बना दिया, और अब वो पीछे से चोदने लगा। दीदी के बाल पकड़ कर वो जोर-जोर से चोद रहा था। इधर मेरा भी लंड खड़ा हो चुका था। पूरे रूम में दीदी के चिल्लाने कि आवाज और पचक पचक की आवाज आ रही थी। 5 मिनट चोदने के बाद सुनील ने दीदी को दीवार से सटा कर खड़ा किया, और पीछे से उसकी चूत में लंड घुसा दिया, और जोर-जोर से चोदने लगा। दीदी के मुंह से सिसकियां निकल रही थी-

दीदी: अअअअह्ह्ह आह्हह्ह अह्ह्हह्ह जोर से चोदो मुझे, और जोर से।

4-5 मिनट के बाद सुनील ने दीदी को कहा: चल अब लंड चूस, मेरा पानी निकलने वाला है।

दीदी झट से घुटनों पर बैठ गयी, और सुनील का लंड चूसने लगी। सुनील ने सारा पानी दीदी के मुंह में छोड़ दिया।‌ मेरा तो उनकी चुदाई देख कर ही पानी निकल गया। दीदी नहाने चली गयी, और हम बातें करने लगे।

सुनील: यार बबलू, तुझे कहा मिली ये लड़की? बड़ा मस्त आयटम है यार। बहुत दिनों बाद इतना मजा आया है चोदने में। सब चाइनीज़ भी वहीं बोलें कि मजा आ गया, और अगली बार भी इसी को बुला लो।

मैंने सुनील से कहा: वो सब तो ठीक है, पर पेमेंट का क्या?

सुनील: अरे तुम उसकी फिकर मत करो (और उसने 50 हज़ार कि एक गड्डी मेरे सामने रख दी)।

मैं: अरे इतना पैसा?

सुनील: अरे रख ले यार। उसको 40k देदो, और तुम 10k रख लो। तुम्हे भी तो तुम्हारे काम के पैसे मिलने चाहिये ना।

मैंने मन में कहा: हां भाई, इतना बड़ा बहनचोद हूं। पैसे तो ले ही लूंगा।

20-25 मिनट बाद दीदी नहा कर, कपड़े चेंज करके आ गयी। फिर हमने खाना मंगाया, और खाना खाते वक्त चँग बोला-

चँग: यार तुमने इतनी अच्छी सर्विस दी है, कि मुझे लगता है कि आज रात यही रुक जाऊं। रात को फिर से चुदाई का प्लॉन बनायेंगे। क्या कहते हो?

दीदी: मुझे कोई दिक्कत नहीं है (और दीदी ने मेरी तरफ देखा)।

मैं: मुझे भी कोई दिक्कत नहीं है।

झिचेन: पर ये रात का सेक्स थोड़ा अलग और रफ होगा।‌ चलेगा ना?

दीदी: हां-हां क्यूं नहीं। आप पैसा दे रहे हो तो आप जैसा चाहो वैसा कर लेंगे।

फिर हमने थोड़ी देर टाइम पास किया, और झिचेन ने एक छोटा सा ड्रग्स का पैकेट निकाला। मैंने और दीदी ने कभी ड्रग्स नहीं लिया था, पर उन्होंने फोर्स किया तो थोडा सा ड्रग का नशा कर लिया। ड्रग के नशे से दीदी तो फुल मूड में आ गयी थी। उसने सब को कहा के नंगे हो जाओ, आज रात हम फुल एन्जॉय करेंगे। दीदी ने खुद के कपड़े भी निकाल फेंके।

वो पूरी नंगी हो गयी। हम सब भी नंगे हो गये थे।‌ अब दीदी ने सब को एक साथ खड़ा किया, और बारी-बारी सब के लंड चूसने लगी, और लंड पूरा गले तक ले रही थी।‌ हम सब को मजा आने लगा था‌। चँग ने एक बड़ा डिल्डो निकाला, और दीदी जब सुनील का लंड चूस रही थी, तब पीछे से दीदी कि गांड पे रब करने लगा।

दीदी भी गांड आगे-पीछे करके मजे ले रही थी। चँग ने धीरे-धीरे वो डिल्डो दीदी की गांड में घुसा दिया। दीदी दर्द से कराह रही थी, और मजे भी ले रही थी। वो 8 इंच का डिल्डो पूरा दीदी के गांड के अंदर चला गया था। अब झिचेन ने दीदी को उठाया, और बेड पर लिटाया। वो डिल्डो अंदर वैसा ही था।

झिचेन ने दीदी के हाथ बेड पर बांध दिये और पैर भी फैला कर बांध दिये‌। अब दीदी की चूत खुल कर दिख‌ रही थी। झिचेन ने वो डिल्डो गांड से निकाला, और चूत में जोर से घुसा दिया। दीदी चिल्ला उठी, पर झिचेन नहीं रुका। वो जोर-जोर से अंदर-बाहर कर रहा था। युवान ने दीदी के बूब्स के उपर रबर से उसके निप्पल बांध दिये।‌ दीदी दर्द से चीख रही थी, पर हमको मजा आ रहा था।‌ थोड़ी देर बाद दीदी को भी मजा आने लागा।

अब झिचेन ने चँग से कहा: इसकी चूत में दो लंड घुसायेंगे।

फिर सुनील को बोला: तुम पीछे से गांड में लंड घुसा दो। एक साथ 3-3 लंड के मजे देंगे इसको। सुनील अब दीदी के नीचे घूस गया, और उसने लंड दीदी की गांड में घुसा दिया। झिचेन और चँग ने अपने लंड दीदी के चूत में घुसा दिये। युवान दीदी के मुंह में लंड देकर चोद रहा था, और मैं ये सब देख कर लंड मसल रहा था। वो बारी-बारी दीदी को चोद रहे थे।‌ 10-15 मिनट चोदने के बाद चँग ने अपना पाणी दीदी की चूत पर छोड़ दिया। झिचेन अभी भी चूत को चोद रहा था, और सुनील भी गांड मार रहा था। युवान ने तब तक दीदी के मुंह में पानी छोड़ दिया था।

चँग ने छोड़ा हुआ पाणी झिचेन के लंड पर लगा था। फिर भी वो चोद रहा था। 5 मिनट बाद उसने भी पानी छोड़ दिया, और अब मैं वैसे ही अपना लंड चूत में घुसा दिया, और धक्के मारने लगा। 5 मिनट में मैंने और सुनील ने साथ में ही पानी छोड़ दिया।

दीदी अब पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी। वो बहुत थकी थी, पर मैंने कहा कि तुम नहा लो, फ्रेश हो जाओगी। फिर दीदी नहाने चली गयी, और फिर चँग ने कहा-

चँग: यार बबलू तुमने आज हमारी तबियत खुश कर दी। ऐसी रंडी कभी नहीं मिली हमको। यार क्या स्टैमिना है इसका, बहुत बढ़िया।

मैं मेरी चुदक्कड़ दीदी की तारीफ सुन के खुश हो रहा था। थोड़ी देर टाईम पास करने के बाद दीदी और मैं घर के लिये निकल गये।

रास्ते में दीदी ने कहा: भाई आज तक इतने लंड लिये मैंने। पर आज जैसा एन्जॉय नहीं हुआ। मजा आ गया आज।

फिर हम दोनों हंस पडे और घर की ओर निकल गये। तो दोस्तों कैसी लगी ये कहानी, [email protected] पर ज़रूर बताना। अभी के लिये चलता हूं। जल्द ही मिलेंगे नेक्स्ट स्टोरी में। तब तक के लिये इस बहनचोद बबलू को इजाजत दे दो, बाय।