हैलो फ्रेंड्स, आप सभी को प्यार भरा नमस्कार। मेरा नाम निशा है। मैं पहली बार एक सेक्स कहानी लिख रही हूं, जो मेरी फ्रैंड की लाइफ में हुई है। उम्मीद करती हूं इसे पढ़ कर आप लोगों को बहुत आनंद मिलेगा। तो चलिए आपको बिना बोर किए ये कहानी मैं अपनी जुबानी में सुनाती हूं।
मेरा नाम मधु है। मेरी उम्र 23 और हाइट 5’6″ है। मेरा फिगर 32-28-34 है। मेरा रंग दूध सा गोरा है, मगर मेरे अंदर के भाग हल्के भूरे रंग के है। दिखने में मैं मम्मी की कॉपी लगती हूं, वहीं हाइट, रंग और शरीर। 23 की उम्र में एक औरत जैसी थी। मैं और मम्मी साथ खड़े हो जाए, तो मां-बेटी कम, बहनें ज्यादा लगते थे। कभी-कभी जब मैं मम्मी की साड़ी पहन लेती, तो पापा भी मुझे नहीं जल्दी नहीं पहचान पाते थे।
मेरे पापा की उम्र 45 और मेरी मम्मी की उम्र 43 की थी। मेरा छोटा भाई अभी 8 साल का था, जो काफी मन्नत के बाद पैदा हुआ था। मई के 2 महीने पहले मेरा ग्रेजुएशन कंप्लीट हुआ था, और मैं पढ़ने के लिए शहर जाने वाली थी। लेकिन बाथरूम में फिसल जाने के कारण, चोट लगने पर ज्यादा खून बह गया मम्मी का। पापा उनको हॉस्पिटल ले गये, लेकिन वो बच नहीं पाई।
पापा ने उनका अंतिम संस्कार किया। हम लोग मम्मी के जाने के बाद काफी उदास हो गए। छोटे भाई को तेरहवीं के बाद बुआ अपने साथ ले गई। अब घर में मैं और बस पाप बचे थे। पापा पहले रात में ही शराब पीते थे। लेकिन अब दिन में भी पीने लगे थे। वो काफी उदास रहते थे, और हमेशा मम्मी का नाम नशे में लेते रहते थे। वो सुबह नहा कर स्कूल जाते और छुट्टी होने पे पीकर आते।
जून में मेरे फ्रैंड की बड़ी दीदी की शादी में मैं मम्मी की साड़ी पहन कर गई रात में पापा के साथ। आते व्यक्त बारिश होने लगी, और हम दोनों भीग गए। पापा ने हल्की पी रखी थी। घर पहुंच कर मैंने अपने कपड़े चेंज किये। मेरे रात वाले कपड़े छत पर थे, जो बारिश में भीग गए थे, इसलिए मैंने मम्मी की नाइटी पहन ली।
मैं जब चेंज करके बाहर आई तो तब तक पापा 2 बोतल शराब पी कर तीसरी बोतल पीना शुरू कर दिए थे। मैंने उन्हें रोका और कपड़े चेंज करने को बोला। लेकिन वो पीते गए, और सोफे पे गिर गए। मैंने सोचा कि वो बीमार ना हो जाए, इसलिए मैं उनके कपड़े निकालने लगी। वो नशे में मेरी तरफ देख शालिनी-शालिनी बार-बार बोले जा रहे थे।
मैं शर्ट और पेंट निकाल कर उन्हें रूम में ले आई। तभी बहुत तेज बिजली चमकी, और उसकी आवाज से मैं डर गयी, और पापा के ऊपर ही गिर पड़ी। पापा ने मेरी कमर पे हाथ रखा, और बोले-
पापा: डरो नहीं शालिनी, मैं हूं ना।
पापा नशे में थे, पर मुझे अच्छा लगा सुन कर कि पापा मम्मी को इतना प्यार करते थे। तभी मुझे याद आया कि पापा का अंडरवियर चेंज करना था। मैंने उनके हाथ को कमर से हटाया, और तौलिया रख कर उनके अंडरवियर को खींचा। तभी मेरा हाथ पापा के उस भाग को छू गया। मेरा पूरा शरीर सिहर गया। मैंने तुरंत पापा के अंडरवेयर को निकाला और उनके रूम से बाहर आ गई।
कुछ देर मैं बाहर बैठी बारिश और सोच में डूबी थी। तभी याद आया कि पापा को नींद की दवा देनी थी। मैं फौरन उठी, और पापा को ग्लास में पानी के साथ नींद की दवा देने लगी। पर गलती से मैंने नशे की दवा दे दी। बिजली बहुत चमक रही थी, और मुझे नीद नहीं आती, इसलिए मैंने भी एक दवा खा ली।
मैं जा रही थी कि तभी पापा ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोले: शालिनी तुम मेरा कितना ख्याल रखती हो। आज तुम थक गई होगी। आओ तुम्हारे पैर दबा देता हूं।
मैंने मना किया लेकिन वो नशे में थे। ऊपर से दवा का और नशा। इसलिए मैं भी मान गई, और बेड पर लेट गई। वो मेरे पैर दबाने लगे। पर पाप नंगे थे, बस उनके ऊपर एक तौलिया थी, जिसे मैंने रखा था। उनके बैठते ही वो भी हट गया। इसलिए मैं एक करवट ले ली। कुछ देर तक वो मेरे पैरों को दबाये, और अब कंधे तक गए। मुझ पर भी दवा का असर होना शुरू हो गया था। कुछ देर बार वो मेरे बगल में लेट गए। मैं भी नशे में थी, और उनकी तरफ करवट ली, और सोने लगी।
तभी उन्होंने बोला: शालिनी, शालिनी!
मैं जग गई, और उन्होंने मेरे कमर पे हाथ रख कर बोला: काफी दिन हो गए कहां थी तुम? तुम्हारे लिए मैं बेचैन हो गया था, और तड़प रहा था।
मैं नशे में थी इसलिए गौर नहीं किया। मुझे लगा वो मुझे मम्मी समझ कर कुछ बोल रहे थे। वो कुछ बोलते, मैं हां बोल देती कि तभी उन्होंने मुझे अपनी तरफ खींचा और शरीर से चिपका लिया। मेरा हाथ उनके हाथ गाल पर छू गया। बाहर बारिश हो रही थी, और कमरा गर्म होने लगा था। पापा ने मेरे गर्दन पे एक किस्स दे दिया। मैं सिहर गई और मुंह से आह! निकल गया।
मैंने कभी सेक्स नहीं किया था, इसलिए मैं तुंरत गर्म होना शुरू हो गई। पापा ने मेरे बूब्स को नाइटी से बाहर निकाल कर चूसना शुरू कर दिया। रात थी, सोचा कौन ही है घर में, इसलिए मैंने चेंज करने के बाद ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी। मैं सिसकारियां लेने लगी। मैंने दूसरी साइड करवट ले ली। पापा नंगे थे, इसलिए उनका लिंग मेरी गहरी लाइन के बीच नाइटी के ऊपर से महसूस हो रहा था। नशा मुझ पर तेज असर कर रहा था। मैं गर्म होने लगी और भूल गई ये क्या हो रहा था। अब पापा ने नाइटी ऊपर की, और धीरे से मेरी चूत में उंगली कर दी।
वो बोले: शालिनी तुमने आज साफ किया क्या? काफी मुलायम लग रहा है।
मैंने शादी में जाने से पहले अपने शरीर के बालों को हटा दिया था। मैं गर्म हो रखी थी, और हां में हां बोल रही थी। तभी एक जोरदार धक्का लगा, और मैं सिहर उठी। उनका लंड धक्के मार रहा था। कुछ देर बाद जब लंड को छेद नहीं मिला, तब पापा ने पकड़ कर उसे सही किया, और धक्का दिया। मेरे मुंह से आह! निकल गया।
दो बार धक्का खाने के बाद उनका लंड मेरी बूर को चीरता हुआ अंदर घुस गया, और मैं तड़पने लगी। ये सब इतनी जल्दी हुआ कि मुझे समझ नहीं आया और मैं बस बेहोशी जैसी हालत में मजे ले रही थी। उन्होंने धक्के और तेज से मारना शुरू किया। मेरे मुंह से आह! आह! मम्मी! मर गई, निकालो, निकालो आवाज निकल रही थी।
तभी पापा ने बोले: शालिनी तुम्हारी चूत तो सुहागरात वाली रात की तरह नई लग रही है।
और स्पीड और बढ़ा दी। मैं बस हां में सर हिला सिसकारियां ले रही थी, कि तभी उन्होंने मुझे अपने ऊपर बैठने को बोला। मैं बिना कुछ समझे ऊपर बैठ गई, और उनका लिंग चूत में डाल लिया, और हिलाना शुरू कर दिया। वो भी नीचे से मेरा भरपूर साथ दे रहे थे। 11 मिनट बाद मैंने महसूस किया कि मेरी चूत में जैसे लावा फूट रहा हो, और उससे कोई गर्म चीज़ निकल रही हो। मुझे वो पल बहुत अच्छा लग रहा था, इसलिए मैं और तेज धक्के लगाने लगी।
पापा ने मेरी चूचियों के पकड़ लिया, और दबाने लगे। 2 मिनट के अंदर मेरी चूत पूरे लावा से भर गई, और बूर के बाहर रिसने लगी। मुझे वो गर्मी बहुत अच्छी लग रही थी। तभी पापा ने मेरी कमर पे हाथ रख मुझे खींचा, और होंठ पर किस्स करने लगे और बोला “आई लव यू शालिनी”। मैं इतने नशे में थी कि भूल गई मधु हूं शालिनी नहीं, पर मैंने “आई लव यू टू” बोल दिया। मैं और पापा रात भर ऐसे ही पड़े रहे। सुबह जैसे ही नीद खुली तो…
अब आगे पार्ट-2 में। आशा करती हूं आपको ये कहानी पसंद आई होगी।
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