बूढ़े बाप ने मेरी चूत चोदी-1 (Boodhe Baap Ne Meri Chut Chodi-1)

हैलो दोस्तों, मेरा नाम सुनैना है, और मैं अभी 29 साल की हूं। मेरी शादी को 10 साल हो चुके हैं। मेरे दो बच्चे भी हैं। मेरे पति की उम्र 34 है। मुझे बहुत ही अच्छे पति मिले हैं। मुझे खूब सारा टाइम देते हैं। मेरे लिए वह हमेशा ही कुछ ना कुछ अच्छा करते रहते हैं। मैं उनसे बहुत खुश रहती हूं।

मेरे दोनों बच्चे 5 साल और 7 साल के हैं और वह दोनों स्कूल भी जाते हैं। मेरी जब 19 साल की उम्र में शादी हुई थी, तब मैं दिखने में बहुत ही दुबली-पतली सी थी।परंतु शादी के बाद मैं मोटी होने लगी। पति का प्यार मिला तो मेरा बदन भर गया, और देखते ही देखते मैं बहुत ही जबरदस्त माल बन गई।

जब भी मैं अपने मायके आई, जो लोग मुझे शादी से पहले देखे भी नहीं थे, वह भी अब पलट-पलट कर देखने लगे। मुझसे किसी ना किसी बहाने से बातें करना शुरू करते थे, और किसी तरह मुझे छूने की कोशिश करते। पर मैं अब उनसे हमेशा बचने की ही कोशिश करती। मैं नहीं चाहती थी कि मेरे जिंदगी में कोई पति के अलावा दूसरा मर्द भी आये।

यह सभी मेरे कॉलेज के दोस्त हुआ करते थे जब मैं पढ़ती थी। पर यह लोग मेरी सभी सहेलियों के ही दोस्त थे, मुझसे कोई बात ही नहीं करता था। वे लोग घूमने जाते और साथ में चुदाई भी करते थे। मुझसे जब सहेलियां चुदाई की बातें करती, तो मेरी तो चूत में एक अजीब सी लहर उठने लगती थी, पर मेरा कोई बॉयफ्रेंड था नहीं, तो मैं चुप-चाप अपनी चूत को सहला कर शांत कर देती थी।

खैर मैं इस बार मायके अपने पति के साथ आई थी, और बच्चों को सास-ससुर के पास छोड़ आई थी, क्योंकि उनका स्कूल था। मेरी मां की थोड़ी तबीयत खराब थी, तो मैं उन्हें देखने के लिए मायके चली आई थी? मां की अब काफी उम्र हो चुकी थी, और वह पूरी बूढी हो चुकी थी। पिता जी की भी उम्र 60-65 साल के हो चुके थे।

जब मैं गांव में आई तो सभी जवान और बूढ़े मुझे देख कर लार टपकाते रहते थे। पर मैं अब घर से ज्यादा निकलती भी नहीं थी। मैं घर में अपनी मां की सेवा करती और पापा का देखभाल भी करती।

मेरे एक बड़े भैया भी है, परंतु उनकी नौकरी शहर में होने की वजह से वह ज्यादातर शहर में ही रहते हैं, और भाभी को भी अपने साथ ही रखते थे। यहां पर जब भी मां को जरूरत होती, तो मैं ससुराल से मायके चली आती थी देखभाल करने के लिए।

एक रात मां और पिता जी अपने कमरे में सो रहे थे। मां की तबियत अब ठीक हो चुकी थी। दोनों बड़े भले-चंगे से सो रहे थे। मैं अपने पति के साथ सो रही थी, कि तभी पति ने अपनी हरकत करना शुरू कर दिया।

मैं अपने पति को बार-बार मना कर रही थी, कि वहीं पर मां और पिता जी सोए थे। उनको आवाज जाएगी तो वह क्या समझेंगे? पर मेरे पति माने नहीं। वह मेरी नाभि को सहलाते और मेरे कान के पास कभी काटते तो कभी चूमते। मैं अब मदहोश हुए जा रही थी?

मैं भी अब उनके बालों को सहलाने लगी। मेरी चूचियां उनकी छाती में दबने लगी। वह मेरी दोनों गांड को दबाने लगे। मेरे मुंह से हल्की-हल्की सिसकरियां निकलने लगी। मैं अपनी आंखें बंद करके कभी उनके गालों को चूम लेती, तो कभी उनके होठों पर किस्स कर देती। वह मेरे गांड को धीरे-धीरे दबा रहे थे, और कभी मेरे चूचियों पर अपना हाथ फिरा रहे थे।

इसी तरह वह मेरे पूरे बदन को चूमते हुए मेरे पूरे बदन से एक-एक करके सारे कपड़े निकाल दिए, और मैं थोड़ी ही देर बाद उनके सामने बिल्कुल नंगी पड़ी थी। मेरी दोनों चूचियां उनके सामने खड़ी हुए थी। वह मेरे टांगों को फैलाएं और एक-एक करके दोनों गोरी जांघों को चूमना शुरू कर दिया।

मेरे मुंह से अब हल्की-हल्की थोड़ी तेज सिसकियां निकलने लगी। मुझे डर लग रहा था कि कहीं आवाज मां और पिता जी को ना सुनाई देने लग जाए? पर मेरे पति को कुछ सूझ नहीं रहा था। वह मेरी जांघों को चूमते हुए मेरे चूत के दोनों भाग अलग किए, और अपने जीभ से उसे चाटने लगे।

मैं अपनी आंखें बंद करके उनके सर को अपनी चूत में घुसाने लगी। मैं तो जैसे अब सातवें आसमान पर थी। मुझसे रहा नहीं गया, और मैं उनके बालों को सहलाने लगी, और मुंह से हल्की-हल्की सिसकियां निकालने लगी।

फिर पति उठे और अपने सारे कपड़े निकाल कर लंड को हिलाते हुए मेरी चूत पर सेट किया। फिर धीरे-धीरे करके मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर धकेल दिया। अब पति मेरे दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख कर हल्के-हल्के धक्के लगाना शुरू कर दिए। मैं अपनी चूचियों को अपने ही हाथों से सहला रही थी, और मेरे पति मेरी चूत में धक्के मार रहे थे।

मैं सिसकियां ले रही थी और अपनी चूचियों को सहला रही थी। मेरे पति का लंड लगातार मेरे चूत को चीर रहा था, और अंदर-बाहर हो रहा था। मैं अपनी आंखों को बंद करके अपने दांतों से होंठों को काट रही थी?

फिर मेरे पति ने लंड को पीछे खींचा, और मुझे कुतिया बनाया और पीछे से ही मेरी चूत में अपना लंड डाल कर धक्के मारना शुरू कर दिया। मेरी दोनों चूचियां लटकी हुई हिल रही थी। तब पति ने उसे अपने हाथों में पकड़ कर निपल्स को दबाते हुए धक्के लगाने शुरू कर दिए। मेरी तो आंखें बंद थी, और मैं साथ में स्वर्ग में गोते लगा रही थी।

मेरे पति ने धक्के मारना जोर-जोर से शुरू कर दिया, और वह हांफने लगे। मेरे भी मुंह से अब थोड़ी सिसकियां जोर-जोर से निकल रही थी। मैंने घुंघरू वाली पायल पहनी हुई थी, तो मेरी पायल भी अब छन-छन की आवाज कर रही थी। ऐसा लग रहा था कि रूम में सुरीली संगीत बज रही हो, और थप-थप तबला बज रहा हो।

लयबद्ध तरीके से बज रहे संगीत की चुदाई में मेरे पति इतने गुम थे, कि धक्कों की रफ्तार पूरी स्पीड कर दी, और धीरे-धीरे मैं स्वर्ग में गोते लगाने लगी। तभी मेरे पति का लावा मेरे चूत में निकला। ऐसा लगा जैसे गर्म भट्टी का लावा मेरी चूत में पड़ गया हो। मैं पूरी तरह से निहाल हो गई।

पति मेरे ऊपर ही गिर कर हाफने लगे, और मैं उन्हें अपनी बाहों में पकड़ कर उनके बालों को सहलाने लगी, और उनके होंठों और गालों को चूमने लगी। फिर मुझे हल्की-हल्की पेशाब लगने लगी, तब मैं अपने पति से बोली कि, “प्लीज हटिये, मुझे वॉशरूम जाना है।”

तब मेरे पति मेरे ऊपर से हट कर बगल में लेट गए, और मेरे कपड़ों पर ही लेट गए थे। मैं बोली कि, “मुझे कपड़े तो पहन लेने दीजिए।” तब उन्होंने बोला कि, “ऐसे ही चली जा ना, कौन इतनी रात को तुम्हें देख रहा है?”

मैं थोड़ा सा अपना मुंह बनाते हुए वहां से निकल कर बाथरूम जाने लगी। बाहर रूम में आते ही देखी कि अंधेरा था, और कोई नहीं था. मां-पिता जी के रूम की लाइट भी ऑफ थी, और वे लोग सो रहे थे। मैं चुप-चाप बाथरूम में चली गई, और अपनी चूत को साफ करने लगी।

चूत साफ करके पेशाब कर ली, और उसके बाद जब वॉशरूम से बाहर निकल रही थी, कि तभी मुझे पिता जी सामने खड़े दिखाई दिए। मेरे तो रोंगटे ही खड़ी हो गए। मैं उनके सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी। मेरी दोनों चूचियां उनके सामने थी, और चूत भी खुली हुई थी अभी-अभी चुदाई की वजह से।

मैं उनको सामने देख कर हक्की-बक्की रह गई। मुझे समझ ही नहीं आ रहा था मैं क्या करूं। मेरे पिता जी भी मेरी चूचियों और मेरे चूत को लगातार घूरे जा रहे थे। मुझे समझ नहीं आया कि अब क्या करें? हम दोनों काफी देर तक एक-दूसरे को ऐसे ही देखते रहे।

फिर मैं शर्मा कर उनसे नज़र नहीं मिल पा रही थी, तो अपनी सर नीचे कर ली, और पिता जी को एहसास हुआ तो वह भी साइड में खड़े हो गए। फिर मैं वहां से चुपके से धीरे-धीरे आगे बढ़ कर अपने रूम की ओर चल दी। जब मैं अपने रूम के पास पहुंची, तो एक बार फिर से पिता जी को पलट कर देखी। वह अभी भी मेरे पीछे से मुझे देख रहे थे।

हाय, मैं पूरी तरह शर्मसार हुई, वहां से भाग कर अपने कमरे को बंद की, और आकर बिस्तर पर लेट गई‌। मेरे पति मुझे चोद कर सो रहे थे। मेरी तो हवा ही निकली हुई थी, कि मैं अपने बूढ़े बाप को अपनी पूरी नंगी जवानी दिखाई। उन पर क्या बीत रही होगी? वह क्या सोच रहे होंगे? यह सोच-सोच कर मेरी चूत गीली हो रही थी, और मैं शर्म से गड़ी जा रही थी।

अगला भाग पढ़े:- बूढ़े बाप ने मेरी चूत चोदी-2