भईया ने अपना बनाया (Bhaiya ne apna banaya)

हेलो दोस्तों। मेरा नाम गरिमा है, और मेरी उम्र 27 साल है। मैं एक MNC में काम करती हूं और IT से हूं। वैसे तो मैं गुजरात के एक छोटी सी जगह से हूं, पर अपनी इंटर्न करने के लिए मैं मुम्बई में थी, ये कहानी तब की है।

दिखने में मैं एक दम गौरी हूं। मेरी हाइट 5 फिट 6 इंच है। मेरे सीने के उभार 34″ है और मैं d कप की ब्रा पहनती हूं। मेरी कमर 32″ की है और कमर के नीचे का हिस्सा 36″ का है, जो थोड़ा फैला हुआ और बाहर निकला हुआ थोड़ा गोल है।

तो अब सीधे मैं कहानी पर आती हूं। मेरे भईया जो ऑलरेडी एक कंपनी में है, मुम्बई में ही रहते है। वैसे तो जब मैं इंटर्न थी मुझे सब सुविधा कंपनी ने ही दी थी। जिसमें एक 2 BHK फ्लैट था। मेरी कंपनी में जितनी भी लड़कियां थी ऑलमोस्ट मुझे छोड़ कर सब के बॉयफ्रेंड थे, और मुझे इस बात की थोड़ी जलन भी थी। पर क्या कर सकती थी? वैसे मैंने सब से झूठ बोल के रखा था कि मेरा भी बॉयफ्रेंड है, और जल्दी ही मैं उसको सबसे मिलवाऊंगी क्योंकि वो आने वाला है।

मेरे मुम्बई शिफ्ट होने के 1 महीने बाद भईया ने शनिवार-रविवार को मुझसे मिलने आने का प्लान बताया और एक दिन वो आ भी गए। भईया का नाम मनीष है जो कि 30 साल के हैं, हैंडसम है।

भईया आके बैठे ही थे, और शाम के 7 बज रहे थे, कि मेरी कंपनी की कुछ फ्रेंड्स मेरे फ्लैट में आ गयी। मैं किचन में थी, और जितनी देर में मैं बाहर आती, उतनी देर में सब रायता ढुल चुका था।

एक फ्रेंड: अच्छा तो आप ही है मनीष।

भईया: हां, मैं ही हूं, और आप मेरा नाम जानती हैं?

फ्रेंड: वैसे बहुत तारीफ़ करती है गरिमा आपकी ।

इतने में मैं बाहर आ गई ओर मैं शर्म से भरी थी। मेरी वो फ्रेंड को मैंने बैठने को कहा तो उसने कहा, “नहीं बाजार जाना है, और सुन 8 बजे आ जाइयो पार्टी है छोटी सी, अपने बॉयफ्रेंड के साथ”।

उफ्फ, मेरी हालत बहुत खराब थी, मेरे पसीने निकल रहे थे। उन फ्रेंडस के जाने के बाद मैंने पूरी कहानी भईया को समझाई।

खैर भईया समझदार है मुम्बई जैसी बड़ी सिटी में रहते है तो मेरी बातों को उन्होंने ज्यादा माइंड नही किया। शाम को हम ऊपर पार्टी में गए। मैंने एक काले रंग का वन-पीस पहना था जिसमें मेरी बॉडी के उभार और निखर रहे थे।

होठों पर डार्क लिपस्टिक लगी हुई थी। मैं ना, खुद अपने आप को सेक्सी लग रही थी। पूरी पार्टी में भईया ने बहुत अच्छे से मेरे बॉयफ्रेंड जैसा रोल किया, और सब को यही फील होने दिया कि वो मेरे बॉयफ्रेंड थे। पार्टी से आने के बाद जब हम अंदर वाले कमरे में गए तो मैंने भईया को एक प्यारा सा हग किया और बहुत प्यार से थैंक्स कहा।

मैंने महसूस किया कि भईया का लंड हल्का सा खड़ा था। कुछ सेकंडस में ही जाने क्या-क्या सोच कर मैं कामवासना से भर गई। भईया ने भी बहुत प्यार से मेरे सर पर हाथ फेरा और उन्होंने कमरे की लाइट बंद कर दी, तो कमरे में एक-दम गहरा अंधेरा हो गया। उन्होंने मुझे अपने सीने से लगाया और धीरे से बोले, “आई लव यू गरिमा”।

ये बोल कर उन्होंने मेरे सर पर किस किया। उफ्फ, मैं खड़ी-खड़ी कांप रही थी और मेरे शरीर में एक अजीब से सिरहन होने लगी थी। जैसे हज़ारों चीटियां एक साथ मेरे बदन पर चल रही हो। भईया ने मेरे मुंह को ऊपर किया और मेरे होंठों को चूमते हुए मेरी गांड सहलाने लगे। धीरे से उन्होंने मेरी ड्रेस ऊपर की, और मेरी पैंटी साइड कर दी।

मेरी चूत पहले ही गीली हो चुकी थी। भईया ने अपनी पैंट की चैन खोल कर अपना लंड बाहर निकाला और मुझे बेड पर लिटा कर मेरी चूत पर अपना लंड रखा और हल्के से धक्के के साथ मेरी चूत में अपना लंड घुसा दिया। भईया मेरे होंठो को चूमते हुए मुझे बहुत धीरे-धीरे चोद रहे थे। उनका मोटा लंड मेरी चूत में था और मैं बिना किसी विरोध के भईया के नीचे लेटी थी।

कपड़ों की वजह से भईया मुझे ठीक से कवर नहीं कर पा रहे थे तो वो उठे, और उन्होंने अपनी पैंट खोल दी। मैं बेड पर ही लेटी थी, और अपने को पूरी समर्पित कर चुकी थी। अब भईया ने मेरी कमर पर हाथ लगाया और मेरी पैंटी खोल दी। मैंने अपने दोनों पैर मोड कर फैलाये तो भईया सीधे मेरी चूत पर अपना मुंह रख कर मेरी चूत चाटने लगे।

उफ्फ मुझे बहुत अजीब से मज़ा आ रहा था। ये सोच-सोच कर कि भईया मुझे चोद रहे थे, मैं बहुत काम से भर रही थी। अब कुछ देर बाद भईया फिर मेरे ऊपर आये, और मेरी चूत पर लंड रख कर हल्के से अंदर घुसाने लगे। उफ्फ उनके धक्के इतने हल्के और प्यार से भरे थे, कि मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

हल्के-हल्के धक्के देने के बाद भईया ने धीरे से मेरे कान में कहा: गरिमा तेरे भी पूरे कपड़े खोल दूं ना?

उफ्फ, मैं कुछ बोलने की हालत ही में नहीं थी। मैंने हम्म हामी भरी तो भईया सामने से मेरे वन-पीस को खोलने की जगह देखने लगे। मैंने बहुत हिम्मत से कांपते हाथों से भईया का हाथ पकड़ कर अपनी पीठ से टच करवाया और बोली-

मैं: यहां से खुलेगी।

अब भईया जैसे-जैसे मेरी ड्रेस की चैन नीचे कर रहे थे, मैं उतनी बदहवास होती जा रही थी। कुछ ही देर में मेरी ड्रेस खुल चुकी थी। मेरी ब्रा भी भईया खोल चुके थे। वो मेरे साइड में थे। उन्होंने अपना शर्ट खोला और मुझसे चिपक कर लेट गए। उफ्फ उनका वो गर्म बदन आह मैं बता नहीं सकती वो कितना प्यारा एहसास था मेरे जीवन का।

भईया का लौड़ा मेरे शरीर से रगड़ खा रहा था। उनके होंठ बार-बार मेरे होंठो से मिल रहे थे। अब भईया फिर मेरे कान के पास आये और बोलें-

भईया: गरिमा मेरा मुँह में ले पाएगी या नहीं?

उफ्फ मेरे भईया मुझे अपना लंड चूसने का बोल रहे थे। मेरी हालत बहुत बेकार थी, पर मैं क्या बोलती। मैंने अपना हाथ बढ़ाया और भईया के लौड़े को पकड़ के बोली-

मैं: ठीक है भईया। अब भईया बेड पर बैठे और मैं मुँह झुका कर उनके लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी। उफ्फ मैंने उनके लौड़े की चमड़ी नीचे की, और अच्छे से उनके टोपे पर चारों तरफ जीभ से चाट-चाट कर साफ करने लगी। मैं भईया का लौड़ा मुह में लेकर चूस रही थी, उनके बॉल्स बीच-बीच में चूस रही थी।

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था भईया का वो नमकीन पानी चूसने में। भईया भी मेरे सर पर हाथ फेर कर बोल रहे थे-

भईया: उफ्फ हां आह, चूस ले गरिमा। बहुत अच्छे से चुस्ती है तू मेरी बहन। उफ्फ चाट-चाट के साफ कर रही है अपने भाई का लंड।

मैं धीरे-धीरे भईया का लौड़ा चूसने में लगी थी कि भईया बोले: हहह चूसती रह गरिमा बस अहह उफ्फ तेरे मुँह की गर्मी से तो मेरा निकलने वाला है। उफ्फ।

और अगले ही पल एक झटके के साथ भईया का वीर्य निकलने लगा। जो एक दम गर्म था और आधा मेरे मुंह के अंदर आधा बाहर था। उफफ, जैसे ही भईया का निकला भईया ने मेरी चूत पर थप्पी देनी शुरू की और अपने मोटे-मोटे हाथ से मेरी चूत मसलने लगे। भईया ने पहले एक फिर दो उंगलिया मेरी चूत में डाली। और कुछ ही देर में कामवासना वश मेरी चूत ने भी पानी छोड़ दिया। अब भईया ऐसे ही नंगे मेरे बदन से चिपके और हम बात करने लगे।

तो दोस्तों ये मेरी कहानी का पहला भाग था। आशा है ये आपको पसंद आया होगा। इस कहानी के रेस्पॉन्स के लिए मैं आपके कमैंट्स और मेल का वेट कर रही हूं।

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