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Pooja Ki Pooja – Episode 8

पूजा राज की बात सुनकर कुछ नाराज सी लग रही थी। राज ने कहा, “कुछ बहुत ही अर्जेंट काम है। प्लीज मैं प्रॉमिस करता हूँ की एक घंटे के अंदर ही वापस आ जाऊंगा।” पर मैंने राज को रोका और एक कुर्सी पर बैठने को कहा।

मैंने कहा, “तुम भले ही जाओ, पर मेरी एक बात सुनते जाओ। मैं एक बड़ा निर्देशक भले ही नहीं हूँ, पर एक जौहरी जरूर हूँ जो एक सच्चे कलाकार को परख सकता है। आज मैं भविष्य वाणी करता हूँ की अगर पूजा ने मेरे साथ गंभीरता से काम किया और मेरा साथ दिया और अगर राज तुमने भी उसे सपोर्ट किया तो पूजा कल की बड़ी टी.वी. स्टार बनेगी।

दूसरी बात जो मेरी पहली बात से भी ज्यादा मायने रखती है वह यह है, मैं तुमसे बताना चाहता हूँ की जो प्रोजेक्ट के लिए मैंने पूजा का ऑडिशन ले रहा हूँ वह कोई साधारण संस्था नहीं, वह अमेरका के मिनीसॉफ्ट कंपनी के मालिक का चैरिटी फाउंडेशन है, जिसका एडवर्टीजमेंट का बजट पाकिस्तान की कुल सालाना आय से बड़ा है।

मुझे यकीन है की पूजा मेहनत करेगी तो हम सब को यह प्रोजेक्ट मिलेगा और मेरे अंदाज से पूजा को एक महीना काम करने के लिए २५ लाख रुपये से कम नहीं मिलेगा। मुझे और मेरे साथीदार को चार महीने के लिए इस प्रोजेक्ट का काम करने लिए एक करोड़ रुपये मिलेंगे जिसमें स्टूडियो का खर्च इत्यादि शामिल है।

इस प्रोजेक्ट का नाम है “ब्रैस्ट एट ध क्रेस्ट” मतलब “स्तन की महिमा”। इस डाक्यूमेंट्री में गर्भ धारण से लेकर स्तनपान ख़तम होने तक एक स्त्री के स्तनोँ का जो योगदान है उसकी महिमा पर यह डाक्यूमेंट्री बनने वाली है। इसमें अगर पूजा हाँ कहती है और उसके बाद सेलेक्ट होती है तो उसे सम्भोग के दृश्य भी देने पड़ेंगे। पर अभी हम पूजा के स्तनों का फोटोज लेकर भेजेंगे। यह प्रोजेक्ट सिर्फ १५ दिन में तय होगा की पूजा यह काम करेगी या कोई और स्त्री जिसके स्तनोँ में दूध है और जो इस रॉल के लिए फिट है।“

फिर मैंने राज की और मुड़कर उसे देखा और कहा, “अब तुम भले ही जाओ, पर मैंने जो कहा है उसके बारे में सोचो। बताओ की क्या तुम पूजा को यह काम करने की इजाजत दोगे या नहीं?”

राज ने जवाब देने में एक पल नहीं लगाया। उसने कहा, “यार मैं सो बार कह चुका हूँ, की पूजा यह काम जरूर करेगी अगर यह काम उसे मिला तो। चाहे उसके लिए पूजा को सेक्स ही क्यों ना करना पड़े। पूजा क्या तुम मेरे साथ हो?”

पूजा ने अपनी नजर नीची कर कहा, “राज तुम मेरे पति हो। मेरे यह बदन पर तुम्हारा पूरा अधिकार है। यह तुम्हारे भोग के लिए है। और अनूप अब तुम मेरे गुरु और पथ निर्देशक हो। जब तुम दोनों मुझे इस काम करने के लिए कहते हो तो मैं यह काम करने लिए तैयार हूँ। अनूप तुम मुझे जो कुछ भी कहोगे मैं करुँगी।”

राज ने पूजा से और मुझ से इजाजत ली और बाहर निकल गया। पूजा ने असहायता दिखाते हुए अपने कंधे हिलाये और राज वहाँ से बाहर निकल लिया। मुझे पता था की पिछले रास्ते से वह स्टूडियो के रिकॉर्डिंग रूम में पहुँच गया होगा और हम को अच्छी तरह देख और सुन रहा होगा।

मैंने पूजा से कहा, “पूजा एक निजी बात कहूं? तुम्हारे यह दूध भरे स्तन इतने ज्यादा खूबसूरत लग रहे हैं की जो कोई भी उसे देखेगा वह उन्हें पकड़ ना चाहेगा।”

पूजा ने मेरी और शरारत भरी नजर से देखते हुए कहा, “पर तुमने तो अब तक इन्हें हाथ तक लगाया नहीं। क्यों तुम्हें इनसे कोई एलर्जी है क्या? कॉलेज में तो तुम इनकी तारीफ़ करते थकते नहीं थे।”

पूजा की बात सुनकर मैं सन्न रह गया। आज मेरी माशूका मेरी बाहों में आने के लिए उतावली हो रही थी। वह मुझे अपने स्तनोँ का स्पर्श करने के लिए कह रही थी। मैंने कहा, “बस पहले मैं तुम्हारा यह पोज़ को शूट करलूं फिर तुम देखना मैं तुम्हारा यह सब दूध पी लेता हूँ या नहीं? अगर मैंने पहले तुम्हारे बब्ले चूस लिए तो उनमें दूध ही नहीं बचेगा।”

पूजा ने नकली डर जताते हुए हँसते हुए कहा, “अरे मेरे बच्चे के लिए भी थोड़ा दूध बचा के रखना।”

मैंने जल्दी में पूजा के बच्चे को खुले स्तन आह्वान करते हुए फोटो शूट किये और फ़ौरन मैं पूजा के पीछे जा खड़ा हुआ। पूजा भी अब काफी रिलैक्स्ड लग रही थी। मैंने उसको मरे एकदम करीब खिंच लिया और उसके दूध भरे मम्मों को मैं पीछे से दबाने लगा। मैंने मेरा लण्ड जो की मेरे शार्ट में खड़ा हो चुका था पूजा के पीछे उसकी गाँड़ की दरार में साडी के ऊपर से ही दबाया।

पूजा चुपचाप खड़ी मेरे हाथों से अपने बबलों को दबवाने का और अपनी निप्पलोँ को पिचकावाने का और मेरे लण्ड से उसकी गाँड़ को साडी को बिच में रखते हुए हलके से कुरेदने का आनंद लेती रही। कुछ देर तक हम ऐसे ही मजे करते रहे तब पूजा ने पीछे मूड कर कहा, “डायरेक्टर साहब! आपने नकली फोटोशूट तो करली। पर क्या जो वीडियो बनाना है उसका मॉक ऑडिशन नहीं करोगे?”

मैंने पूजा की और प्रश्नात्मक दृष्टि से देखा तो पूजा ने कहा, “इतनी जल्दी भूल गए? आपने ही तो कहा था की अगर मैंने महेनत की तो मुझे वीडियो में काम करने का मौक़ा भी मिल सकता है। उसके लिए मुझे किसी मर्द से सेक्स भी करना पड़ सकता है। तो क्या तुम देखना नहीं चाहोगे की मैं कैसे किसी मर्द से चुदाई करवा सकती हूँ या नहीं? क्या उसका भी कोई मॉक ऑडिशन लोगे या नहीं?”

मैंने कहा, “जरूर लूंगा।” यह कह कर मैंने आगे बढ़ कर मेरी प्यारी पूजा के मम्मों को जोर से पिचकते हुए दबाये। पूजा चीख उठी, “अरे अनूप, बस करो यार, मेरे मम्मों को फाड़ दोगे क्या?” कह कर वह मेरी और घूम गयी।

मैंने पूजा के कूल्हों के बिच में मेरी उंगलिया फँसा कर अपने हाथों को जोर देकर पूजा को कर उठाया और अपने चेहरे के सामने पूजा का चेहरा रखते हुए मैंने अपने होँठ पूजा के होँठ पर रख दिए। पूजा के होंठों को कस के चूमते हुए मैंने कहा, “मैं आज सालों से मेरी सारी छुपी हुई कामना और वासनाओं का पिटारा खोल कर तुम्हें खुला प्यार करना चाहता हूँ।”

पूजा ने मेरी शार्ट के केंद्र बिंदु पर हाथ रख कर मेरे मोटे और लम्बे लण्ड को नाप ने की कोशिश की।

मैंने भाग कर स्टूडियो का दरवाजा अंदर से बंद किया। पूजा मेरी और देख कर हँस कर बोली, “क्या हुआ, मेरे पति के आने का डर है क्या?”

वापस आते ही मैंने मेरी शॉर्ट्स की झिप खोल दी और मेरे अंडरवियर को निचे सरका दिया। मेरा खड़ा लण्ड बाहर निकल कर फुंफकारने लगा। मैंने कहा, “मैं नहीं चाहता की हमारे बिच इस समय कोई भी आये।”

पूजा ने उसके ऊपर हाथ फेरते हुए कहा, “बापरे! यह तो कॉलेज के वकत से भी और मोटा और लंबा हो गया है! क्या भाई? नीना तुम्हें ठीक तरह से करने नहीं देती क्या?”

मैंने कहा, “नीना की तो मैं करीब करीब रोज बजाता हूँ। पर पिछले हफ्ते से यह भूखा बैठा है। नीना मायके गयी हुई है।”

पूजा मेरे चीकनाहट से भरे हुए लण्ड को हिलाते हुए बोली, “यार अनुप, मैं तो पहले तुम्हें देख कर डर ही गयी थी। मैं सोच रही थी कहीं तुम मेरा पीछा करते करते यहां तक तो नहीं आ पहुंचे?”

मैंने पूजा के दोनों बॉल पर अपने होँठ चिपका कर उन्हें चूसते हुए कहा, “पूजा, तुम्हारे यह बॉल तो खूब भरे हैं। राज तुम्हारी रोज लेता है क्या?”

पूजा ने कहा, “यार पता नहीं। मेरा पति मेरे पीछे बिलकुल पागल है। मैं कहता हूँ “उठ” तो उठ जाता है। मैं कहती हूँ “बैठ” तो बैठ जाता है। पर मैं उसका ख्याल रखती हूँ। मैं कभी उसको शिकायत का मौका नहीं देती। उसके लिए रोज तैयार रहती हूँ।”

मैंने पूजा की साड़ी के एक छोर से पकड़ा और उसे पूरा निकाल दिया। पूजा ने खड़े हो कर घूमते हुए साड़ी को निकलवा दिया। अब वह ऊपर से नंगी और निचे से घाघरे में खड़ी थी। मैंने उसके घाघरे का नाडा खोल दिया। नाडा खोलते ही पूजा का घाघरा निचे गिर पड़ा। मैंने झट से पूजा की पैंटी भी खोल कर निचे सरका दी। मैंने पूजा की प्यारी सी छोटी सी चूत देखि और मैं देखता ही रह गया। इतनी खूबसूरत चूत मैंने पहले नहीं देखि।

हालांकि कॉलेज के समय में मैंने पूजा की चूत में पहले उंगलियां तो डालीं थीं पर उसे देखने का मौक़ा नहीं मिला था। पूजा के उभरे हुए टीले के निचे उसकी दोनों जाँघों के बिच में एक गहरी खाई में जैसे दो अलग भूतल मिलते हों जिसके बिच में एक दरार हो; उस तरह उसकी छिपी हुई एक भी बाल के बगैर की पूजा की साफ़ साफ़ चूत एकदम सुन्दर और प्यारी लग रही थी। पूजा की खूबसूरत चूत में से उस समय उसका पानी हलके हलके कुछ कुछ देर में बूँद दर बूँद रिस रहा था। जाहिर था जितना मैं उसे चोदने के लिए उतावला था उतनी ही या उससे शायद कहीं ज्यादा वह खुद को मुझसे चुदवाने के लिए उतावली लग रही थी। उसके मन के कोई गहरे कोने में कहीं दबी हुई मुझसे चुदवाने की कामना उस समय एक ज्वाला मुखी बन कर उसके मन में धधक कर तब बाहर आ रही थी।

उस वक्त उसे रोकने वाला, उसे टोकने वाला कोई न था। ना ही उसे अपने पति की अवमानना या विश्वासघात करने का डर था, क्यूंकि इस जगह पर पूजा के पति ने ही पूजा को लाकर खड़ा किया था। वह जो चाहे अपनी मन मानी कर सकती थी। पति के सामने किसी और मर्द से चुदवाने की जो कुछ पूजा के मन में थोड़ी सी हिचकिचाहट हो सकती थी वह भी पति के ना होने से ख़तम हो गयी थी। उस चंद मिनटों में पूजा के लिए तो बस अपने पुराने आशिक अनूप के लण्ड को अपनी चूत में डलवाने की चरचराहट ही उसके जीवन का एक मात्र ध्येय उसे लग रहा था।

पूजा को अपनी जाँघे खोलकर खड़े देख मुझे अचानक राज का कहा हुआ एक वाक्या याद आया। उसने कहा था की वह एक रात जब पूजा कुछ कारण वश चुदवाने के लिए एकदम गरम हो रही थी और राज उस समय पूजा की चूत को जब चाटने और चूसने लगा तो पूजा उत्तेजना से पागल से होकर जोर जोर से कराहने और चीख और चिल्ला कर उसे भद्दी भद्दी गालियां देकर राज को अपनी चूत में उसका लण्ड डालने के लिए कह रही थी। उस समय पूजा कामवासना के मारे अपने पाँव बिस्तर पटक पटक कर अपनी उत्तेजना दिखा रही थी।

पूजा एक स्वर्ग से भूली भटकी इस धरातल पर आयी हुई अप्सरा सी मेरे सामने बिलकुल निर्वस्त्र नंगी खड़ी थी। मेरे सामने उसे इस तरह नंगे खड़े हुए शर्म आ रही थी। वह अपनी चूत के आगे अपने हथेलियां रख कर उसे छुपाने की कोशिश कर रही थी। मैंने पूजा के हाथ हटाते हुए कहा, “मैडम, अब आप मुझे सालों से दिए हुए वचन को पूरा करने के लिए तैयार तो हो ना?”

पूजा ने शर्म से भरी आधीअधूरी टेढ़ी मुस्कराहट अपने चेहरे पर लाते हुए एकदम धीरे से कहा, “तो फिर क्या मैं तुम्हारा कोई मॉडल हूँ जो तुम्हारे सामने ऐसे नंगी फैशन शो में खड़ी हूँ?”

चंद लफ़झों में ही उसने मुझे अपना हाल बयाँ कर दिया। हमारी स्त्रियां अपना हाल अपनी आँखों से, हावभाव से और अपनी चालचलन से ही अक्सर बयाँ करती हैं। ऐसा शायद ही हो की कोई महिला आप को आकर कहे की “मैं तुमसे चुदवाने के लिए बेताब हूँ।” पूजा ने घुमाफिरा कर परोक्ष रूप से ही सही पर आखिरअपनी कामना को बयाँ कर ही दिया।

पढ़ते रहिएगा.. क्योकि यह कहानी आगे जारी रहेगी!

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