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मामी और उनकी बेटी की चूत मारी-5 (Mami aur unki beti ki chut maari-5)

पिछला भाग पढ़े:- मामी और उनकी बेटी की चूत मारी-4

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने मामी की गांड चुदाई की। अब आगे-

अगली सुबह जब मैं उठा तो देखा मामी की बहन वापस जा रही थी। शायद मामी ने अपना गेम खेल दिया था। फिर उनके जाने के बाद मामी में माला को आवाज दी, अभी घर पर सिर्फ मैं, माला और मामी थी।

मामी ने माला को बुलाया और मुझे मेन गेट बंद करके बेडरूम में आने को कहा। माला भी वहां आ गई। मामी ने बेडरूम का गेट बंद करने को कहा। माला ने गेट बंद किया और मामी ने हम दोनों को बिस्तर पर बिठाया और खुद हमारे सामने खड़ी हो गई।

मामी: माला कल रात तुम दोनों क्या कर रहे थे?

माला ये सुन कर हल्का सा घबरा गई।

माला: नहीं मम्मी, कुछ भी नहीं। क्या हुआ?

मामी मेरे से: तू बता क्या कर रहा था कल रात माला से साथ?

मैं: मामी कुछ भी नहीं, मैं क्या करूंगा?

मामी: तुम लोग मुझे पागल समझते हो। मैंने सब कुछ देखा जो कल रात तुमने आपस में किया।

माला: नहीं मम्मी ऐसा कुछ नहीं है।

मामी: तू चुप कर, बहुत आग है तुझमें।

माला: हां है आग, आग तो आप में भी कम नहीं। मैंने भी देखा कि आप कैसे कल भाई के साथ चुदाई कर रही थी।

माला ने जैसे ही चुदाई शब्द बोला, तो मामी शॉक हो गई।

मामी: मेरी बात अलग है, मेरी शादी हो चुकी है।

माला: शादी के बाद आपको चुदना है, तो अपने पति से चुदो ना।

मामी: चुप कर।

माला: क्यूं सही कह रही हूं ना? आपका आदमी करे तो ठीक, और मेरा करे तो गलत। पहले भी आपने मेरे दोस्त के पापा को मुझसे बहुत दूर कर दिया (वो कहानी मैं बाद में बताऊंगा)। मेरा भी तो मन करता है मम्मी सेक्स करने का, और जब घर में ही ऑप्शन है, तो भी आपको दिक्कत है।

मामी: पर माला तू समझ क्यों नहीं रही है? ये कब तक रहेगा हमारे साथ?

माला: हमेशा के लिए। आप मेरी और भाई की शादी करा दो, फिर आप और मैं भी दोनों खुश रहेंगे।

मामी: पक्का तू करेगी शादी?

माला: हाँ।

मामी मेरे से: तू!

मैं: हां बराबर।

मामी थोड़ा सा सोच कर बोली: एक आइडिया है।

माला: क्या आइडिया है।

मैं: बताओ ना आइडिया।

मामी: माला तेरी लास्ट डेट कब हुई थी।

माला-18वीं को।

मामी: ओके, तो तू अभी फर्टाइल है।

माला: उससे क्या होगा?

मामी: अब तुम बिना कंडोम के सेक्स करो और बेबी कंसीव करो।

मैं: ये क्या कह रही हो आप? पागल हो क्या?

माला: मम्मी कुछ भी बोल रही हो।

मामी: चुप करो दोनों, और जैसे मैं कहती हो वो करो।

मैं: पर पहले पूरा प्लान बताओ।

मामी: प्लान ये है कि तुझे माला को प्रेग्नेंट करना होगा, और फिर अगले महीने मैं घर पर सबको बता दूंगी कि माला प्रेग्नेंट है, और इसका बॉयफ्रेंड इसको धोखा देकर भाग गया है। थोड़ा ड्रामा होगा। मैं तेरी मम्मी और पापा को भी यही बुला लूंगी, और फिर एक अबला मां की तरह बोलूंगी कि मुझे ये तब पता चला जब माला आत्महत्या करने की कोशिश कर रही थी। अब अपनी बच्ची को मरने तो दे नहीं सकती ना, क्यूं ना दीदी हम आपके बेटे से इसकी शादी करा दे। तुम थोड़ा मना करना, पर फिर मान जाना।

माला: और बेबी का क्या? मुझे अभी बेबी नहीं चाहिए।

मामी: ठीक है, बेबी अबोर्ट कर देंगे या फिर तो आई पिल खा लेना।

मैं: और अगर हम ऐसे ही बोल दे कि ये प्रेग्नेंट है, तो किसी को क्या ही पता लगेगा?

मामी: नहीं अगर किसी ने रिपोर्ट मांगी तो सबूत तो चाहिए। पर तू बोलिये कि शादी कर लूंगा, पर ये बच्चा नहीं चाहिए मुझे। अगर मेरी ये शर्त मंजूर है तो ठीक है, नहीं तो मैं शादी नहीं करूंगा।

मैं: पर मम्मी, पापा मान जायेंगे क्या?

मामी: उन्हें मैं मना लूंगी। ज्यादा होगी तो मैं बोल दूंगी अगर आप लोग शादी नहीं कर पाते तो मैं ही खुद को और माला को खत्म कर दूंगी। हम दोनो माँ-बेटी आत्महत्या कर लेंगे

मैं: क्या बात है मामी, बहुत स्मार्ट हो आप तो।

माला: बहुत चालाक हो मम्मी।

मामी: मेरी दो शर्त है।

मैं: क्या?

मामी: पहली तुम लोग अभी मेरे सामने सेक्स करोगे, ताकि माला सच में कंसीव करे, और दूसरी, शादी के बाद मेरा भी तुम पर माला जितना हक रहेगा।

मैं: मतलब बीवी वाला हक?

माला: ओह तो ये बात है, इसमें आपका फ़ायदा है, इसलिए आप मेरी शादी करवा रही हो।

मामी: बोलो माला मंजूर है? मेरी भी तो कुछ जरूरत है।

माला: ठीक है, आज से आप मेरी मम्मी के साथ-साथ सौतन भी (और इतना कह कर हम तीनों हसनें लगे)।

मामी: चलो अब शुरू हो जाओ।

मामी के कहने की देर थी और मैं और माला एक दूर से चिपक गए। हम लोगों को अब कोई शर्म नहीं थी कि मामी सामने थी। मैंने और माला ने होठों को चूमा और मेरे हाथ उसकी चूची पर थे। मामी हमें देख रही थी और वो दीवार के सहारे खड़ी हो गई। मामी ने अभी भी नाइटी पहनी थी और माला लोअर और टॉप में थी।

मैंने माला को बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर आ कर उसको किस्स करने लगा और उसकी टॉप उत्तर कर मामी की तरफ फैंक दी। मैंने माला के गले को चूमना शुरू किया और माला के ब्रा पे हाथ रख कर चूची दबाने लगा। फिर मैंने माला की ब्रा खोली और उसकी चूची दबाने लगा और उसको लिप किस्स करने लगा। फिर उसकी नाभि पे अपनी उंगली घुसाने लगा, माला और मामी दोनों गरम हो चुकी थी।

माला: आह भाई, मेरे बहनचोद भाई, चोद दे अपनी बहन को। आह भाई क्या मस्त लंड है तेरा।

और इतना कहते ही उसने मेरे लोअर के ऊपर से मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी। मेरी नज़र मामी पर पड़ी तो अम्मी भी अपनी चूची दबा रही थी। उनकी आंखें बंद थी।

मैंने माला के लोअर के ऊपर से उसकी चूत को गर्म करना शुरू किया और फिर लोअर के अंदर हाथ डाल कर उसकी पैंटी के ऊपर उसकी चूत की गर्मी और गीलापन महसूस किया। मैंने फिर से मामी को देखा तो मामी ने अपनी नाइटी ऊपर कर रखी थी और अपनी चूत मसल रही थी। मन कर रहा था कि मम्मी को बुला लू, पर अभी फोकस सिर्फ माला को प्रेग्नेंट करने पर था। मैंने माला का लोअर नीचे किया और सूकी पैंटी पे किस्स करके उसको भी उतार दिया। माला आह आह चोदो मुझे बहनचोद, चोद दे मुझे बोलने लगी। उधर मामी भी अपनी चूत में उंगली करने लगी और आह आह करने लगी।

मैं: मामी अपनी आंखें खोल लो और देखो अपनी बेटी और जमाई की चुदाई।

और इतना कह कर मैंने अपना मुंह माला की चूत पर रख दिया और उसे चूसने लगा। अब मामी से रुका नहीं गया तो वे बिस्तर के पास आ गई और माला की चूची दबाने लगी और माला का हाथ अपनी चूची पर रख दिया।

माला: मम्मी ये क्या?

मामी: मेरा भी तो मन करता है ना, प्लीज माला।

और इतना कह कर मामी ने माला को लिप किस्स दे दी। मैंने माला की चूत को पूरा गीला कर दिया और माला आह आह कह कर बोली: भाई मैं आने वाली हूं।

मैं: रुक जा, मुझे लंड डालने दे, एक साथ आएंगे, ले चूस मेरा लंड।

मामी: मैं चूस लू प्लीज?

माला: ठीक है मम्मी, आपका भी उतना ही हक है जितना मेरा।

मामी तुरंत भूखी शेरनी की तरह मेरे लंड पर झपटी और मेरा लंड चूसने लगी। मैंने भी माला को थोड़ा टाइम देना ठीक समझा, ताकि वो डिस्चार्ज हो सके ना हो और मैंने मामी की चूची दबानी शुरू कर दी। फिर मैंने मामी की चूची के बीच में अपना लंड रखा और धक्के मारे, जिससे मेरा लंड बार-बार उनके मुँह से अंदर-बाहर होने लगा।

कुछ देर के बाद मैंने माला को बोला: अपनी जांघें चौड़ी करो बहना और लो अपने भाई का लंड और उसका बीज अपने लंड में।

माला ने अपनी जांघें चौड़ी कर ली और मेरे लंड को पकड़ के चूत में सेट किया और इधर मामी ने अपनी चूत में उंगली करनी शुरू कर दी।

माला: आह, कितना अच्छा लगता है आपका लंड अन्दर जाता है।

मामी: आह चोद मेरी बेटी को और मुझे नानी और बड़ी माँ बना दो।

माला: आह भाई, आराम से, दर्द होता है मादरचोद।

मैं: चुप कर बहन की लोड़ी। अपने पति को ऐसे बोल रही है! मैं मादरचोद नहीं मामी चोद, या सासू चोद हूं।

मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और माला ने अपनी आवाज और मामी ने अपनी चूत में उंगली तेज करनी शुरू कर दी। क्या मस्त नज़र थी, दोनों मां-बेटी एक ही लंड की दीवानी हो गई थी। मामी ने मेरे बॉल्स पकड़ लिए और प्रेस करने लगी, ताकि मैं एक्साइट होकर जल्दी से डिस्चार्ज हो जाऊं।

मैं: आह माला आह मामी आह आह।

माला: आह भाई, आह मम्मी मर गई मेरा होने वाला है।

मामी: चोद भोसड़ी के इसे और बना अपने बच्चे की मां।

अब मेरा भी होने वाला था और मैं आह आह आह माला कह कर डिस्चार्ज हो गया। जैसे ही डिस्चार्ज हुआ तो मामी बोली अभी थोड़ी देर अंदर ही रखना। हमने वैसे ही किया और फिर मामी ने कहा-

मामी: अब बाहर निकालो और माला को कहो कि अपनी टांग हवा में उठा कर रखो।

माला थोड़ी देर में बोली: मम्मी दर्द हो रहा है।

मामी: रुको, ऐसे ही रहो।

और इतना कह कर मामी ने उसकी दोनों टांगें पकड़ ली, ताकि माल बाहर ना निकले। करीब 5 मिनट मामी ने उसकी टांगों से हाथ हटाया और बोली: अब ठीक है, उम्मीद है ये चुदाई रंग लाएगी।

आगे क्या हुआ वो अगले भाग में बताता हूं। कृपया अपनी प्रतिक्रिया यहां साझा करें-writereroticaind@gmail।com

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