दोस्त की बड़ी बहन काजल को पटा कर उनकी चूत फाड़ी-3

पिछला भाग पढ़े:- दोस्त की बड़ी बहन काजल को पटा कर उनकी चूत फाड़ी-2

तो मैंने बोला: दीदी आपका फिगर देख कर लगता है कि आपका कोई बॉयफ्रेंड है।

तो दीदी बोली: फिगर देख कर कैसे?

तो मैंने बोला: आपकी ये टाईट चूचियां, और बड़ी उठी हुई गांड देख कर लगता है कि आपको किसी ने बजाया है पहले कभी।

इतना सब सुनते ही वो अपने मुंह पर अपना हाथ रख कर बोली: हाय दैया! क्या बोल रहे तुम?

और एक जोरदार थप्पड़ मार दी मुझे। मैं एक-दम चुप हो गया, और फिर दीदी बोली-

दीदी: ऐसा कुछ भी नहीं है सूरज, मैंने अभी तक किसी को भाव तक नहीं दिया, और तुम बजवाने की बात करते हो। और मेरा ये फिगर मैंने मेनटेन किया है, तभी ऐसा है।

और काजल दीदी गुस्से में दिख रही थी।

तभी मैंने बोला: दीदी मैं आपको गलत नहीं बोल रहा हूं, कि आप किसी से ठुकवाई हो। बस हम सब यही सब देख कर पता लगाते हैं कि कौन चुदी है कौन नहीं।

और इतना कहते ही मैं काजल दीदी को साॅरी बोल कर रोने लगा।

मुझे रोता देख काजल दीदी को बुरा लगा और वो मुझे चुप कराने लगी।

वो बोली: यार तेज़ से लग गया, साॅरी सूरज, प्लीज माफ कर दो।

पर मैं चुप नहीं हो रहा था। मैं कुछ और चाह रहा था। तभी काजल दीदी ने वो कर ही दिया जो मैं चाहता था, और वो मुझे अपने गले से लगा कर चुप कराने लगी। पर आंखों से निकले आंसू की बूंदे उनके गर्दन से होते हुए उनकी दोनों चूचियों के बीच में जब टपकी, तो उन्हें कुछ अजीब सा महसूस हुआ।‌ तभी वो अचानक बदल सी गई, और अब वो मेरा सिर अपनी चूचियों के पास ले जान लगी, और मुझे अपने सीने से चिपका ली। तो कुछ देर में मैं शान्त हो गया।

फिर उन्होने मुझे मुंह धुलने को बोला। पर मैं हाल में से उठा, और अपने कमरे में जाने लगा। तो काजल दीदी मेरे पीछे-पीछे आ गई और फिर मुझसे बोली-

दीदी: एक बात पूंछू, बताओगे?

तो मैंने बोला: हां पूछो आप मुझे आता रहेगा तो बताऊंगा।

तो दीदी बोली: क्या तुम्हे कभी कोई लड़की पसन्द नहीं आई?

तो मैं बोला: एक पसन्द आई है, पर उसे बताने से डर लगता है कि अगर वो मना कर दे तो?

तो वो बोली: कौन है वो? क्या नाम है?

तो मैंने बोला: नाम नहीं बता सकते दीदी।

तो वो मुझसे मुंह फेर कर बैठ गयी।

फिर मैंने भी यही सवाल किया: आपको कभी कोई लड़का पसन्द नहीं आया क्या?

तो वो भी बोली: हैं एक लड़का जिसे मैं पसन्द करती हूं।

मैंने नाम पूंछा तो काजल दीदी नहीं बताई। फिर मैं मुंह फुला कर बैठ गया।

तो दीदी बोली: क्या हुआ?

तो मैंने झटके में बोल दिया: मेरा पत्ता साफ हो गया।

दीदी बोली: क्या मतलब?

मैंने बोला: कुछ नहीं।

दीदी शायद समझ गई थी, फिर भी वो अंजान बनते हुए बोली: सूरज तुम्हे कैसी लड़की चाहिए?

तो मैंने बोला: दीदी आप चाहिए मुझे।

फिर मैंने अपने पैरों पर झुक कर, दीदी को अपने हाथों से दिल बना कर दिखा दिया, और मैंने बोला-

मैं: क्या आप मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी?

तो दीदी जान-बूझ कर हक्की-बक्की होकर बोली: क्या बोल रहे हो तुम? मैं तुम्हारे दोस्त की दीदी हूं, और तो और तुम मुझसे उम्र में छोटे भी तो हो।

तो मैंने बोला: दीदी प्यार में उम्र नहीं देखी जाती। बाकी आपको मैं हमेशा ऐसे खुश रखूंगा कि आपको पता नहीं चलेगा कि मैं आपसे उम्र में छोटा हूं।

और ये सब बातें बोल कर मैंने अपनी चाल चल दी थी, और बस अब सामने से हां होने की देरी थी। उसके बाद तो मेरी घमासान चुदाई का दर्द तो बस काजल दीदी को सहना था। पर वो कुछ नहीं बोली। वो मुझे और तरसाना चाह रही थी। उन्हें पता चल गया था कि मैं उन्हें ही पसन्द करता था।

फिर वो बोली: मुझे अब नींद आ रही है। मैं सोने जा रही‌ हूं।

तो मैं अपने रूम में लेट कर अपने दूसरे प्लान के बारे में सोचने लगा कि कैसे दीदी को पटाऊं। तब तक रात के 11:30 बज चुके थे। तो दीदी फिर से शिवम के रूम से उठ कर आई और बोली-

दीदी: मुझे वहां पर नींद नहीं आ रही है, और डर भी लग रहा है। मैं तुम्हारे बिस्तर पर सो जाऊं?

तो मैंने बोला: ठीक है।

मैं मन ही मन खुश हो रहा था।

तभी दीदी बोली: फिर तुम कहां पर सोओगे?

तो मैंने भी बोला: मैं नीचे सा जाऊंगा।

फिर मैं बिस्तर लेकर नीचे सो गया और काजल दीदी ऊपर बेड पर सोने लगी।

फिर कुछ देर बाद मैंने सोने का नाटक किया।‌ वो फिर उठी, इधर-उधर हुई, फिर मुझे देखी। मैं सो रहा था। तो वो बेड से उतर कर मुझे कम्बल औढ़ाई और फिर खुद भी मेरे बगल सो गई। मैं समझ गया था कि चिड़िया जाल में फंसने आई थी, बस दाना डालने की देरी थी। तो मैंने भी सोच लिया अभी दाने नहीं डालूंगा और मैं चुप-चाप सोने का नाटक करने लगा। जब मेरे तरफ से काजल दीदी ने कोई रिएक्शन नहीं देखा, तो वो मुझे जगाने लगी।

मैं जागा और बोला: क्या हुआ?

तो वो बोली: मुझे नींद नहीं आ रही है।

मैंने बोला: अब क्या हो गया?

तो काजल दीदी बोली: चलो बेड पर सोते हैं ना।

तो मैं बेड पर गया, और फिर काजल दीदी भी बेड पर गयी। फिर मैं सोने का नाटक करने लगा तो दीदी बोली-

दीदी: मुझे नीद नहीं आ रही है।

मैंने बोला: तो आप ही बताइए क्या करूं मैं?

दीदी बोली: जो तुम्हारा मन करे, वो करो, पर मुझे सुला दो।

तो मैं जान-बूझ कर दीदी का सिर दबाने लगा।

दीदी बोली: यार तुम समझते क्यूं नहीं?

और वो थक हार कर मुझे बोल ही दी: जिस लड़के को मैं पसन्द करती हूं, वो कोई और नहीं तुम ही हो सूरज।

तो मैंने भी बोला: दीदी मैं भी आपको पसन्द करता हूं। पर दीदी आप ये बात शिवम को मत बताना।

वो बोली: ठीक है बाबा, केवल हम दोनों तक ही ये बात रहेगी।

मैंने फिर दीदी को बोला: क्या आप मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी?

वो हां बोली पर साथ में बोली: धोखा तो नहीं दोगे ना?

तो मैंने बोला: कहिए तो अभी आपके लिए जान दे दूं।

फिर काजल दीदी बोली: नहीं जान दे दोगे, तो मेरे साथ कौन रहेगा?

फिर मैंने दीदी को इशारे में बोला: किस चाहिए।

तो वो बोली: मैंने मना थोड़ी ना किया है। पर एक ही किस।

तो मैंने बोला: ठीक है‌।

और फिर मैंने तुरन्त काजल दीदी की कमर को पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया, और होठों को चूमने लगा वो भी मेरा साथ दे रही थी। करीब 5 मिनट किस करने के बाद मैंने काजल दीदी के कानों में बोला-

मैं: आगे का प्रोग्राम भी करना है मुझे तो।

दीदी मुझसे बोली: यार मेरी दिली इच्छा थी कि मैं पहली बार हनीमून जब भी मनाने जाऊं, तो पहली चुदाई मेरी मसूरी में हो।

मैंने बोला: चलें क्या?

तो वो बोली: कल चलना ही है, तो वहीं पर हो जायेगी शुरूआत।

पर मेरा मन तो आज ही करने को चाह रहा था, और मैं ये भी जान रहा था कि अगर मैं काजल दीदी को मदहोश कर ले गया, तो ये आज ही चुद जाएंगी। क्यूंकि मुझे कल पर कभी विश्वास नहीं था। फिर जब काजल दीदी मेरे साथ कम्बल ओढ़ कर मेरे साथ सोई, तो मैं उनसे एक-दम लिपट कर सोया था, और वो भी मुझसे चिपकी हुई थी। उनकी चूचियों की उभार मेरे सीने से सट रहे थे, जो मुझे और उत्तेजित कर रहे थे।

मैंने दीदी को पकड़ रखा था। पर कुछ देर बाद दीदी जब करवट ली, तो उनकी गांड मेरी तरफ थी। मैं उनसे एक-दम चिपक कर सोया था, तो मेरा लंड उनकी गांड की दरारों के बीच कपड़े के ऊपर से ही घुसने का प्रयास कर रहा था। फिर मैंने चालाकी से अपने लोअर को सरका कर नीचे कर दिया, और अन्डरवियर भी निकाल दिया।

इसके आगे क्या हुआ वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा।

अगला भाग पढ़े:- दोस्त की बड़ी बहन काजल को पटा कर उनकी चूत फाड़ी-4

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